
जेल के बाहर बड़ी दुश्वारियां है. मंहगाई मार रही है. रोज़गार मिल नहीं रहे हैं. सड़क पर 20-20 हज़ार के चालान काटे जा रहे हैं. जबकि जेल के अंदर कोई परेशानी नहीं. सब अच्छा ही अच्छा है. अंदर पार्टी करो, मस्ती करो, जाम छलकाओ, फोन मिलाओ, मन करे तो बात करे वर्ना वीडियो बनाओ. और तो और अब तो इस बात की भी फिक्र मत करो कि कहीं जेल यात्रा के दौरान ही जन्मदिन ना आ जाए. क्योंकि अब तो जेल में भी बर्थडे पार्टी की शुरूआत हो चुकी है. ऐसी ही जेल की कुछ तस्वीरें वायरल होने के बाद बिहार में हंगामा हो गया.
भाई का बड्डे है. जश्न झमाझम होगा. कोई कमीं ना रह जाए. जला दो झिमझिमाने वाली मोमबत्ती. बजाओ ताली. कसम से मम्मी पापा की कमीं नहीं खलने दी इन दोस्तों ने. दो-दो वनीला केक सजा दिए. भाई को चेक दार शर्ट पहना दी. माथे पर तिलक लगा दिया. और तो और अगल-बगल खड़े लोग हैप्पी बड्डे टू यू के पंचम सुर में गाने में भी कोई कंजूसी नहीं कर रहे.
मज़ा आया. अभी और मज़ा आएगा जब हम आपको बताएंगे कि ये हैप्पी बड्डे सेलीब्रेशन किसी क्लब में या होटल में नहीं. बल्कि छपरा की ज़िला जेल में चल रहा है. इस झमाझम सेलेब्रेशन की तस्वीरें अभी और भी हैं. वो भी दिखाएंगे. मगर पहले केक कटिंग सेरेमनी तो हो जाने दीजिए.
दोस्तों ने जेल में ऐसा केक काटा कि खुद बड्डे ब्वॉय भी हैरान रह गया. यकीन नहीं आया उसे कि ये जेल ही है ना. खुद को चुटकी काट के यकीन दिलाया होगा. मन ही मन भाई ये ज़रूर कह रहा होगा कि तुम जैसे दोस्तों का सहारा है दोस्तों. जी, सुना है कि भाई लोगों ने पहले केक काटा फिर पार्टी हुई. बस पार्टी की तस्वीरें मिस हो गईं. मगर दोस्तों के स्मार्ट फोन से ली गईं ये तस्वीरें वायरल हो गईं.
छपरा जेल के इस सेलेब्रेशन के 11 सेकेंड के वीडियो को बारीकी से समझेंगे. और ये भी बताएंगे कि कौन हैं ये बड्डे ब्वॉय और उसके दोस्त मगर उससे पहले बिहार जेल की एक और जेल में एक और कैदी का बड्डे सेलेब्रेशन देखिए. वाह, नहीं नहीं वाह. क्या इंतज़ाम है बर्थडे पार्टी का. इसे कहते हैं पिंट्टू भैय्या का बर्थडे. कसम से जेल में ही क्रांति ले आए बिहार के पिंटू भैय्या. ओपन एयर सेलेब्रेशन है. वनीला फ्लेवर का केक और बगल में छेने के रसगुल्लों से भरी प्लेट. और पेड़ों पर लगे गुब्बारे.
इधर, इस कुख्यात कैदी पिंटू तिवारी ने केट काटा और उधर चेले-चपाटों ने गुब्बारे फोड़ने शुरू कर दिए. मतलब पिंटू भैय्या के बड्डे पर बच्चे बन गए. बिहार की सीतामढी जेल में पिंटू तिवारी का बड्डे सेलेब्रेशन यहीं खत्म नहीं हुआ. केक काटने के बाद इस कुख्यात अपराधी ने अपने गुर्गों को केक खिलाया. बदले में गुर्गों ने भी पिंटू को केक खिलाया. मगर जश्न अभी बाकी है. केक कटिंग सेरेमनी के बाद जेल के अंदर ही बुफे खोला गया. जिसमें एक से एक पकवान थे. वेज भी नॉन वेज भी.
मतलब जिसे शाकाहारी पसंद आए वो शाकाहारी खाए और जिसे मांसाहारी पसंद हो वो मांसाहारी खाने के मज़े ले. पिंटू तिवारी की बड्डे पार्टी है. कोई हलकी बात थोड़ी ना है. जेल है तो क्या हुआ. मुर्गा भी है. मछली भी है. मटन भी है. दाल मखनी भी है. सलाद भी है. भात भी है. और आखिर में केक के साथ साथ मिठाई भी है. मतलब खाते जाइये खाते जाइये. पिंटू भैय्या के गुण गाते जाइये. कसम से लग ही नहीं है कि ये सब जेल के अंदर हो रहा. आंखें यकीन करने से इनकार कर रही हैं.
जब पार्टी ओवर हो गई. यानी खत्म हो गई. तब शुरू हुआ फोटो सेशन. एक एक कैदी पिंटू भैय्या के लिए गिफ्ट लेकर आ रहा है और उनके साथ सेल्फी लेता जा रहा है. हर कैदी के पास स्मार्ट फोन. ये भाई तो खाते खाते मोबाइल पर बात कर रहे थे. लग ही नहीं रहा कि जेल में आए है. ऐसा लग रहा है जैसे पिकनिक पर आए है.
पिंटू तिवारी उर्फ पिंटू झा इलाके का कुख्यात अपराधी है. पिछले कई सालों बिहार में इस अपराधी को जुर्म का बेताज बादशाह कहा जाता है. खबर है कि सीतामढ़ी जेल में इसकी तूती बोलती है. पिंटू तिवारी को मारे गए कुख्यात अपराधी संतोष झा का शूटर भी बताया जाता है. और इस कुख्यात अपराधी की जेल में क्या धमक है. वो वीडियो को देखकर साफ हो जाता है.
एक चीज़ यहां ये साफ करना ज़रूरी है कि आजतक इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है. क्योंकि सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अभी इसकी जांच चल रही है. मगर जिस पिंटू तिवारी की ये बर्थडे पार्टी है. वो फिलहाल दरभंगा के इंजीनियर डबल मर्डर केस में सीतामढ़ी जेल में ही बंद है. बाकी आप खुद समझदार हैं.
वीडियो तो पहले भी कई बार वायरल हुए. जांच तो पहले भी हुईं. मगर फिर भी सिस्टम पस्त है. कैदी मस्त है. दिल्ली से लेकर यूपी तक और यूपी से लेकर बिहार तक. जेलों में कैदी अपनी मर्ज़ी के मुताबिक लाइफ को एन्जॉय कर रहे हैं. बिना जेल प्रशासन की मिली भगत और ढिलाई के ये भला मुमकिन है क्या.