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Law and Order: चार गोलियों पर लिखे मरने वालों के नाम, प्यार में नाकाम एक आशिक की खौफनाक दास्तान

पश्चिमी चंपारण के बेतिया शहर के महेंद्र कॉलोनी में बीते सोमवार की सुबह जो वारदात हुई उसने सिर्फ़ बेतिया ही नहीं बल्कि पूरे बिहार को हैरत में डाल दिया. 28 साल के एक नौजवान ने टीचर अरुण कुमार के घर में डिलिवरी ब्वॉय बन कर दस्तक दी और फिर..

आरोपी लड़के ने उस परिवार के तीनों लोगों को बंधक बना लिया था आरोपी लड़के ने उस परिवार के तीनों लोगों को बंधक बना लिया था
aajtak.in
  • बेतिया,
  • 25 मई 2022,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST
  • इश्क में नाकाम हो चुका था आरोपी सतीश
  • नाकाम आशिक ने रची खौफनाक साजिश
  • घंटों तक चला पागल प्रेमी का ड्रामा

इश्क बेशक अंधा होता है, लेकिन गोली अंधी नहीं होती. और यहां तो इश्क में अंधे आशिक ने बाकायदा गोलियों पर गोली खाने वाले का नाम तक लिख दिया था. बिहार से निकली ये वो कहानी है, जिसने घंटों तक लोगों के दिलों की धड़कन को बेहताशा बढ़ा दिया था. एक शख्स चार गोलियों पर चार नाम लिखकर पिस्टल के साथ एक घर में घुस जाता है और वहां रहने वालों को बंधक बना लेता है. और फिर आखिर में अपनी एक मांग उन लोगों के सामने रखता है.  

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पहली गोली -- लड़की के नाम (मोटी बेबी)
दूसरी गोली -- उसके बाप के नाम (उसका बाप)
तीसरी गोली -- उसके भाई के नाम (उसका भाई)
चौथी गोली -- ख़ुद अपने नाम (सतीश)

हाथ में तमंचा, जेब में गोलियां. और जेब में रखी गोलियों में से चार गोलियों पर कुछ ऐसे ही एक परिवार के तीन लोगों के नाम, जबकि आख़िरी गोली पर खुद अपना नाम. साथ में लंबी सी रस्सी, पेट्रोल की दो बोतलें, दो ताले, जंजीर, लाइटर और कुछ दूसरी चीज़ें.

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सोमवार 23 मई, सुबह 7.00 बजे
पश्चिमी चंपारण के बेतिया शहर के महेंद्र कॉलोनी में सोमवार की सुबह जो वारदात हुई उसने सिर्फ़ बेतिया ही नहीं बल्कि पूरे बिहार को हैरत में डाल दिया. 28 साल के एक नौजवान ने टीचर अरुण कुमार के घर में डिलिवरी ब्वॉय बन कर दस्तक दी. सुबह-सुबह घर के दरवाज़े पर लड़के को खड़ा देख कर परिवार ने दरवाज़ा खोल दिया और फिर तो इस परिवार के साथ जो कुछ हुआ, उसे ये लोग शायद ही कभी भूल पाएंगे. हुआ यूं कि डिलिवरी ब्वॉय बन कर पहुंचे लड़के ने दरवाज़ा खुलते ही पिस्टल के दम पर पूरे परिवार को बंधक बना लिया. उसने कहा कि अगर किसी ने ज़रा भी चूं चपड़ करने की कोशिश की, तो वो उनके सिर में गोली मारने से बिल्कुल नहीं हिचकेगा.

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घरवालों ने विरोध तो किया, लेकिन लड़के के पास मौजूद अस्लहे और पेट्रोल की बोतलों के आगे सभी बेबस हो गए और फिर तो देखते ही देखते लड़के ने परिवार के तीन लोगों को बंधक बना लिया. अरुण कुमार को, उनकी बीवी और अरुण कुमार की बुजुर्ग मां को. वैसे तो इस परिवार में कुल पांच लोग हैं, लेकिन बाकी के दो लोग यानी परिवार की बेटी और बेटा दिल्ली में रह कर पढ़ाई करते हैं और वारदात के वक़्त भी वो दिल्ली में ही थे. 

इधर, सुबह-सुबह हुई इस अजीब वारदात ने अरुण कुमार के पूरे परिवार को सन्न कर दिया था. घरवालों ने लड़के के ऐसा करने के पीछे की वजह जानने की कोशिश की और लड़के ने जल्द ही ये ख़ुलासा भी कर दिया कि कल तक उससे दोस्ती रखनेवाली उनकी बेटी अब उसे इग्नोर करना शुरू कर दिया है और ऐसे में उसके पास सबको मार कर खुद मरने के सिवाय कोई चारा नहीं है. यानी मामला इश्क में मात खाए एक ऐसे आशिक़ का था, जो मरने-मारने पर उतारू था. 

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सोमवार 23 मई, सुबह 9.15 बजे, महेंद्र कॉलोनी, बेतिया
अब बेतिया पुलिस सादे लिबास में अरुण कुमार के घर के दरवाज़े पर पहुंच चुकी थी. असल में इस वारदात की ख़बर बेतिया पुलिस को दिल्ली से ही मिली. दिल्ली से खुद लड़की ने ही फ़ोन कर अपने पूरे परिवार को बंधक बना लिए जाने की ख़बर पुलिस को दी थी. दरअसल, अरुण कुमार समेत बाक़ी लोगों को बंधक बनाने के बाद लड़के ने सबूत के तौर पर उनकी बेटी को दिल्ली में वीडियो कॉल किया और ना सिर्फ़ उसके माता-पिता और दादी की हालत दिखाई, बल्कि ये भी बताया कि अगर उसने इस रिश्ते और शादी से इनकार किया, तो वो एक-एक कर उसके घरवालों और उसे मारने के बाद ख़ुद भी जान दे देगा और बस इसी वीडियो कॉल के बाद ये ख़बर बेतिया पुलिस को मिली.

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इसके कुछ देर बाद बेतिया पुलिस के दो सब इंस्पेक्टर सादे कपड़ों में घर में घुसने में कामयाब हो गए. उन्होंने ख़ुद को प्रेस रिपोर्टर बताते हुए लड़के को बातचीत से मसले को हल करने का सुझाव दिया और उसका ध्यान बंटाने की कोशिश करने लगे. इसी बीच एक-एक कर तीन और सब इंस्पेक्टर सादे कपड़ों में अंदर घुस आए और उन्होंने भी ख़ुद को प्रेस वाला बताने की कोशिश की. लेकिन लड़के ने इंस्पेक्टर्स के पास मौजूद हथियार देख लिए और शक होने पर इंस्पेक्टर्स ने खुद को फाइनेंस कंपनी का एजेंट बताकर बात संभाली. इधर, बाहर पुलिस का लवाज़मा इंसास रायफल समेत तमाम हथियारों के साथ मौजूद था, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति में लड़के को दूर से शूट कर दिया जाए. 

सोमवार 23 मई, शाम 4.00 बजे, महेंद्र कॉलोनी, बेतिया
सुबह सात बजे से ही लोगों की सांसें अटकी हुई थीं. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. दोपहर साढ़े तीन बजते-बजते पूरे परिवार को बंधक बनाने वाला लड़का सतीश भी बुरी तरह थक चुका था और उसने ग्लूकोज़ की मांग की. अब पत्रकार बन कर पहुंचे पुलिसवालों को मौक़ा मिल गया. उन्होंने चम्मच देने के बहाने नौजवान का ध्यान भटकाया और बिजली की फुर्ति से लड़के को दबोच लिया. इसी के साथ एक हाई-वोल्टेज बंधक ड्रामे का दी एंड हो गया. पुलिस लड़के को पकड़ कर अपने साथ बाहर ले आई. उसे थाने ले जाया गया और उस पर केस भी दर्ज किया गया. 

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आरोपी लड़के से पूछताछ में इस वारदात के पीछे की पूरी कहानी सामने आ गई. सूत्रों की मानें तो सतीश की पहले से ही इस घर की बेटी के साथ दोस्ती थी. लड़के ने बताया कि लड़की ने उससे शादी का वादा भी किया था और उससे शादी के लिए ही लड़की ने बीपीएससी की प्रीलिमिनरी टेस्ट यानी पीटी की परीक्षा भी पास कर ली थी. लेकिन इसके बाद भी जब लड़की ने उसे इग्नोर करना शुरू कर दिया, इसी वजह से वो परेशान था. और उसने ये 'ख़ूनी प्लान' तैयार कर लिया. जिसे पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए नाकाम कर दिया.

(बेतिया से रमेंद्र कुमार गौतम की रिपोर्ट)

 

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