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600 सोने की ईंटें, एक एयरपोर्ट और फिंगरप्रिंट से सुराग... ये है दुनिया की सबसे बड़ी चोरी की Inside Story

6 हजार 600 गोल्ड बार यानी सोने की ईंटों का वजन 900 पाउंड यानी लगभग 400 किलो है और खुले बाजार में इसकी कीमत करीब 20 मिलियन कैनेडियन डॉलर यानी करीब 122 करोड़ रुपये के आस-पास आंकी गई है. इसमें अगर कैनेडियन डॉलर वाली करंसी को भी जोड़ दिया जाए तो पूरा कंसाइनमेंट करीब 132 करोड़ रुपये का बनता है.

एक अकेले युवक ने इस चोरी को अंजाम दिया था एक अकेले युवक ने इस चोरी को अंजाम दिया था
aajtak.in
  • टोरंटो,
  • 23 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 3:25 PM IST

उस विमान ने ज्यूरिख शहर से टोरंटो के लिए उड़ान भरी थी. वो विमान बेहद खास था. क्योंकि उस विमान में यात्री नहीं, बल्कि 400 किलो सोना था. विमान के टोरंटो में लैंड करने के बाद सोने से भरा कंटेनर वहीं एयरपोर्ट पर कार्गो के गोदाम में रख दिया गया. और वहीं अंजाम दी गई कनाडा के इतिहास की सबसे बड़ी चोरी. फिर इसके बाद पुलिस ने अपना सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू किया. जिसका नाम था 'प्रोजेक्ट 24 कैरेट.'   

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17 अप्रैल 2023, शाम 5 बजकर 56 मिनट
स्विजरलैंड की राजधानी ज्यूरिख से उड़ान भर कर एयर कनाडा का एक कार्गो प्लेन कनाडा के टोरंटो हवाई अड्डे पर लैंड करता है. इस प्लेन में स्विजरलैंड की ही एक मेटल रिफाइनिंग कंपनी के 6 हजार 600 सोने की ईंटें और 1.9 मिलियन कैनेडियन डॉलर की करंसी भरी है, जिन्हें वैंकुवर बुलियन एंड करेंसी एक्सचेंज तक पहुंचाया जाना है. 6 हजार 600 गोल्ड बार यानी सोने की ईंटों का वजन 900 पाउंड यानी लगभग 400 किलो है और खुले बाजार में इसकी कीमत करीब 20 मिलियन कैनेडियन डॉलर यानी करीब 122 करोड़ रुपये के आस-पास आंकी गई है. इसमें अगर कैनेडियन डॉलर वाली करंसी को भी जोड़ दिया जाए तो पूरा कंसाइनमेंट करीब 132 करोड़ रुपये का बनता है. जाहिर है एयर कनाडा के इस प्लेन में लदी ये चीज़ें बेहद क़ीमती हैं और इनकी देखभाल और सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी थी.

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17 अप्रैल 2023, शाम 6 बजकर 32 मिनट
सफेद रंग का एक बॉक्स ट्रक एयर कनाडा के उसी वेयर हाउस यानी गोदाम में पहुंचता है, जहां एयर कनाडा के उस कार्गो प्लेन से उतारा गया वो कीमती शिपमेंट रखा गया है. ट्रक के ड्राइवर के पास एक एयर-वे बिल मौजूद है, जिसमें ज्यूरिख से आई उस शिपमेंट का ब्यौरा दर्ज है. वेयर हाउस में मौजूद लोगों को वो अपना बिल थमाता है और बताता है कि ज्यूरिख से भेजे गए उस शिपमेंट में दुनिया के बेहतरीन किस्म का सी-फूड यानी फाइनेस्ट अटलांटिक सोलोमन मछलियां भरी हैं, जिन्हें उसे आगे डिलिवर करना है. वेयरहाउस में मौजूद कर्मचारियों को दूर-दूर तक शिपमेंट के अंदर मौजूद साजो-सामान के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वो ड्राइवर के पास मौजूद एयर-वे बिल के साथ बाकी दस्तावेजों का मिलान करते हैं और ज्यूरिख से आए उस शिपमेंट को ड्राइवर के हवाले कर देते हैं. यानी ज्यूरिख से आया सोने की ईंटों और करंसी वाला वो शिपमेंट मछलियों के धोखे में सफेद रंग के उस बॉक्स ट्रक में लोड कर दिया जाता है. और अगले ही पल वेयर हाउस से निकल कर तमाम चेक-नाकों को क्रॉस करता हुआ वो ट्रक बाहर की दुनिया में गुम हो जाता है.

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17 अप्रैल 2023, रात 9 बजकर 30 मिनट
इस कहानी में असली ट्विस्ट तब आता है, जब ज्यूरिख से भेजे गए उस शिपमेंट को रिसीव करने के लिए ब्रिंक सिक्योरिटी नाम की एक कंपनी का बख्तरबंद ट्रक एयर कनाडा के उसी वेयर हाउस में पहुंचता है. बख्तरबंद ट्रक का वेयर हाउस में पहुंचना लाजिमी भी है, क्योंकि ज्यूरिख की वो शिपमेंट है ही काफी कीमती. सोने की ईंटों और करंसी से भरे उस शिपमेंट को पूरी हिफाजत के साथ वैंकुवर के बुलियन एंड करंसी एक्सचेंज तक पहुंचाया जाना है. लेकिन एयर कनाडा के वेयर हाउस में मौजूद तमाम मुलाजिमों को तब ज़ोर का झटका लगता है, जब उन्हें वेयर हाउस में ये शिपमेंट ढूंढे नहीं मिलता. ये कोई मामूली बात नहीं है. मामला 132 करोड़ रुपये की कीमत के सोने और करंसी के गुम हो जाने का है. 

दुनिया की छठी सबसे बड़ी चोरी
लिहाज़ा, देखते ही देखते वेयर हाउस से लेकर एयर कनाडा के दफ्तरों में भूचाल आ जाता है. कुछ देर के लिए वेयर हाउस में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को ये समझ में नहीं आता कि आखिर ऐसा कैसे हो गया. लेकिन फिर जल्द ही उन्हें ये अहसास हो जाता है कि असल में उनके साथ सफेद बॉक्स ट्रक के उस ड्राइवर ने ऐसा खेल कर दिया है, जो बहुत भारी पड़ने वाला है. वो सी-फूड बता कर करीब तीन घंटे पहले ज्यूरिख से आया शिपमेंट उन्हीं के हाथों से लूट कर ले जा चुका है. और इसके लिए उसने फेक डॉक्यूमेंट्स यानी नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है. यानी ये मामला एक ऐसी महाचोरी का है, जिसकी भरपाई करने में दुनिया के बड़े से बड़े रईस के भी पसीने छूट सकते हैं. अमीर से अमीर कारोबारी या कंपनियों के हाथ खड़े हो सकते हैं. हिसाब किताब लगाने पर पता चलता है कि ये मामला कनाडा में हुई अब तक की सबसे बड़ी जबकि दुनिया की छठी सबसे बड़ी चोरी का है.

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18 अप्रैल 2023, रात 2 बजकर 43 मिनट
आनन-फानन में कनाडा की पील पुलिस को इस महाचोरी की खबर दी जाती है. और इसी के साथ कनाडा की पुलिस मामले की जांच शुरू कर देती है. शुरुआती तफ्तीश के बाद पुलिस उस सफेद बॉक्स ट्रक को लोकेट करने और चोरों को पकड़ने के लिए एक ऑपरेशन की शुरुआत करती है, जिसे नाम दिया जाता है प्रोजेक्ट 24 कैरेट. और पुलिस की तफ्तीश की शुरुआत सीसीटीवी कैमरों से ही होती है. पुलिस एयरपोर्ट के वेयर हाउस से निकलने के बाद आगे बढ़ने वाले तमाम रास्तों की सीसीटीवी कैमरों की स्कैनिंग शुरू करती है. लेकिन ये काम कोई आसान काम नहीं है. क्योंकि हाई-वे पर फोकस्ड सीसीटीवी कैमरों की तादाद बहुत ज्यादा नहीं है. और जिन मकानों या दुकानों में हाई-वे की तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे भी हैं, उनमें भी उस सफेद ट्रक की सिर्फ एक झलक ही दिखाई दे सकती है. 

इंटरसेक्शन में कैमरे की नजर से ओझल हो गया ट्रक
तमाम मुश्किलों के बावजूद पुलिस की तफ्तीश जारी रहती है. खास कर जहां-जहां हाई वे से दूसरी सड़कें जुड़ती हैं, यानी इंटर सेक्शन हैं, वहां पुलिस का काम और मुश्किल हो जाता है, क्योंकि ऐसे हर इंटरसेक्शन पर पुलिस को ये देखना पड़ता है कि ट्रक कहीं हाई-वे से उतर कर किसी दूसरे रास्ते पर गायब तो नहीं हो गया. और आखिरकार वही होता है, जिस बात का डर था. करीब 20 मील तक उस सफेद बॉक्स ट्रक का सीसीटीवी के जरिए पीछा करने में कामयाब रहने के बाद एक इंटरसेक्शन से वो ट्रक कैमरे की नजर से ओझल यानी गायब हो जाता है.

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एक भारतीय पर चोरी का इल्जाम
लेकिन ये तो तफ्तीश का सिर्फ एक पहलू है. दूसरे बिंदुओं की जांच करने पर कनाडा पुलिस को ये पता चलता है कि इस मामले में भारतीय मूल के एयर कनाडा का एक पूर्व मैनेजर शामिल है, जो इस चोरी के बाद अपने अफसरों को वेयर हाउस के अंदर लेकर गया था. पुलिस को पता चला कि अप्रैल में हुई इस चोरी के कुछ समय के बाद अपने काम से रिजाइन करने के बाद वो दुबई होते हुए भारत वापस लौट चुका है. उसकी पहचान 31 साल के सिमरनप्रीत पनेसर के तौर पर हुई है. धीरे-धीरे पुलिस को इस चोरी में शामिल दूसरे किरदारों के बारे में भी जानकारी मिलने लगती हैं. 

2 सितंबर 2023, पेनसिलवेनिया 
लेकिन इस केस में असली ब्रेक-थ्रू करीब 5 महीने बाद यानी 2 सितंबर 2023 को तब आता है, जब अमेरिका के पेनसिलवेनिया में पुलिस 25 साल के एक नौजवान को एक मामूली ट्रैफिक नियम के उल्लंघन के मामले में पूछताछ के लिए रोकती है. लेकिन पेनसिलवेनिया के फ्रेंकलीन काउंटी के पास रोके गए इस ट्रक ड्राइवर से पूछताछ करने और उस गाड़ी की तलाशी लेने पर तब पुलिस भौंचक्की रह जाती है, जब उसकी रेंटल कार से पुलिस को 65 अलग-अलग किस्म की गन यानी बंदूकें हाथ लगती हैं. और तो और पुलिस को ऐसे दो फुल्ली ऑटोमेटिक हैंडगन भी मिलते हैं, जिन्हें मॉडिफाई करके मशीनगन का रूप दिया जा चुका था. जाहिर है ये हथियारों की तस्करी का एक सनसनीखेज मामला था, जिसका खुलासा महज एक ट्रैफिक नियम तोड़ने के इत्तेफाक से ही हो गया था. 

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हथियारों की तस्करी के रैकेट से जुड़ा है मुख्य आरोपी
पुलिस को पता चला कि ये आदमी दरअसल, अमेरिका और कनाडा के दरम्यान हथियारों की तस्करी के रैकेट से जुड़ा है. मगर, अमेरिका और कनाडा पुलिस को जब 25 साल के इस नौजवान की असली पहचान पता चली, तो उनकी हैरानी का ठिकाना ही नहीं रहा. क्योंकि ये आदमी और कोई नहीं बल्कि एयर कनाडा के वेयर हाउस से 132 करोड़ रुपये की सोने की ईंटें और कैनेडियन डॉलर उड़ा कर ले जाने वाले उस सफेद रंग के बॉक्स ट्रक का ड्राइवर था, जिसे कनाडा और अमेरिका की पुलिस वारदात के फौरन बाद यानी अप्रैल 2023 से ही ढूंढ रही थी. असल में जब अमेरिकी पुलिस ने अपने क्रिमिनल डेटाबेस में उसका रिकॉर्ड चेक किया, तो उसकी पहचान साफ हो गई. 

ट्रक ड्राइवर के फिंगरप्रिंट बने बड़ा सुराग
उधर, कनाडा में जब ये ड्राइवर बॉक्स ट्रक लेकर कनाडा की सबसे बड़ी चोरी को अंजाम देने पहुंचा था, तो उसने गलती से वेयर हाउस के कर्मचारियों को एयर-वे बिल थमाते वक़्त अपने एक हाथ का दस्ताना उतार दिया था, जिससे वेयर हाउस के दस्तावेज में उसके ऊंगलियों के निशान रह गए थे. और अब अमेरिका में उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके फिंगर प्रिंट से कनाडा पुलिस के पास वेयर हाउस के दस्तावेजों से बरामद फिंगर प्रिंट से उसका आसानी से मिलान हो गया.

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शातिर चोर का नाम- डुरांटे किंग मैक्लेन
पुलिस की मानें तो 25 साल के इस नौजवान की पहचान डुरांटे किंग मैक्लेन के तौर पर हुई है, जो कनाडा के ही ब्रैम्पटन का रहने वाला है. इस वारदात को अंजाम देने के बाद वो लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था. और उसने चोरी के इन्हीं पैसों से तस्करी के लिए हथियारों का भी इंतजाम किया था. ये हथियार उसे तस्करी कर अमेरिका से कनाडा ले जाना था. पुलिस के मुताबिक वेयर हाउस में हुई उस चोरी के साथ-साथ हथियारों की तस्करी के खेल में डुरांटे किंग मैक्लेन के साथ प्रसाद परमालिंगम नाम का भारतीय मूल का एक आदमी भी शामिल है, जिन्हें पुलिस ने चोरी के साथ-साथ आर्म्स स्मगलिंग के केस में भी नामजद किया है.

6 लोगों की गिरफ्तारी
जुर्म के किसी भी मामले में आम तौर पर पुलिस के लिए एक सिरा पकड़ने भर की देर होती है, उसके बाद तो मामले अपने-आप खुलते चले जाते हैं. इस मामले की तफ्तीश का हाल भी फिलहाल कुछ ऐसा ही है. पुलिस ने अब तक इस सिलसिले में कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 5 कनाडा से ही गिरफ्तार किए गए हैं. जबकि अमेरिका से इस मामले की सबसे अहम कड़ी यानी उस सफेद बॉक्स ट्रक के ड्राइवर को अमेरिकी पुलिस ने पकड़ा है. 

एयर कनाडा के मुलाजिमों की मिलीभगत 
कहानी का एक अफसोसनाक पहलू ये भी है कि गिरफ्तार छह लोगों में दो भारतीय मूल के हैं. जिनमें एक 54 साल का परमान सिद्धू, जबकि 40 साल का अमित जलोटा शामिल है. परमपाल सिद्धू का जहां एयर कनाडा का पूर्व कर्मचारी रह चुका है, वही अमित जलोटा उसका जानकार है. जाहिर है दुनिया की इस छठी सबसे बड़ी चोरी में इनसाइडर यानी घर के भेदियों का बड़ा रोल है. मामले की तफ्तीश करने वाले अफसरों की मानें तो एयर कनाडा के मुलाजिमों की मिलीभगत के बगैर ऐसी और इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देना नामुमकिन सी बात थी. गिरफ्तार बाकी लोगों में एक ज्वेलरी स्टोर का मालिक अली रज़ा, उसका साथी अम्माद चौधरी और भारतीय मूल का 35 साल की उम्र का एक और शख्स प्रसाद परमालिंगम भी शामिल है.

आरोपी ने पिघला दिया था ज्यादातर सोना
अब बात चुराए गए 6 हज़ार 6 सौ सोने के ईंटों की. तो पुलिस की मानें तो करीब साल भर पहले एयर कनाडा के वेयर हाउस से चुराई गई उन सोने की ईंटों में से ज्यादातर ईंटों को चोरों ने पिघला दिया है, ताकि उन्हें बाज़ार में बेचना मुमकिन हो सके. असल में ज्यूरिख से भिजवाई गई सोने की सारी की सारी ईंटों पर सीरियल नंबर छपे हुए थे, जिन्हें खुले बाजार में बेचना नामुमकिन था. ऐसे में चोरों ने अपना दिमाग लगाया और ईंटों को पिघलाना शुरू कर दिया. फिलहाल पुलिस को ज्यादा तो नहीं लेकिन उन पिघलाए गए सोने की ईँटों से बने सिर्फ 6 ब्रेसलेट हाथ लगे हैं, जिनकी कीमत करीब 89 हजार कैनेडियन डॉलर यानी 53 लाख रुपये बताई गई है. इसके अलावा पुलिस को एक ऐसे ज्वेलर और उसकी ज्वेलरी शॉप का पता चला है, जहां इन ईंटों को गलाने का काम किया गया. पुलिस ने इस काम में इस्तेमाल किए गए कुछ साजो-सामान भी बरामद किए हैं.

गहने बनाने में सोने के इस्तेमाल
पुलिस की मानें तो ये ज्वेल थीफ अपनी पहचान के साथ-साथ सोने की पहचान भी छुपाना चाहते थे, क्योंकि उन्हें डर था कि अगर सोने की पहचान साफ हो गई तो फिर उनके पकड़े जाने का रास्ता भी खुल जाएगा. इसलिए उन्होंने सोने को पिघला दिया. बहुत मुमकिन है कि उन पिघलाए हुए सोने का इस्तेमाल वेडिंग रिंग्स, इनवेस्टमेंट क्वाइंस यानी सोने के सिक्के, आर्ट पीस, सोने के दांत, सेल फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स में किया गया हो. या फिर हो सकता है कि पिघलाए हुए सोने को फिर से ईंटों का रूप दिया गया हो, ताकि उनकी पहचान मुमकिन ना हो सके.

पकड़े गए 9 में से 6 आरोपी
फिलहाल पुलिस ने इस केस में कुल नौ लोगों को आरोपी बनाया है और नौ में से 6 पकड़े जा चुके हैं. लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि इतनी कामयाबी के बावजूद चुराए गए सोने और करंसी का ज्यादातर हिस्सा अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है. 

मशहूर वेब सीरीज 'मनी हाइस्ट' देखकर मिला चोरी का आइडिया 
उधर, कुछ आरोपियों से पूछताछ करने के बाद एक और दिलचस्प बात सामने आई है. और वो बात है कि इस महाचोरी को अंजाम देने के आईडिया की. पुलिस की मानें तो आरोपियों ने ये माना है कि आरोपियों ने इस चोरी को नेटफ्लिक्स के मशहूर सीरीज मनी हाइस्ट को देख कर अंजाम दिया. यानी इसी सीरीज को देख कर ही इन चोरों ने इस वारदात को अंजाम देने का आईडिया चुराया.

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