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कनाडा से गोल्डी बराड़ और तिहाड़ जेल से लॉरेंस बिश्नोई... ऐसे जुर्म का साम्राज्य चलाती है गैंगस्टर्स की ये जोड़ी

वो भले ही जेल में बंद हो, लेकिन जेल की सलाखें उसके शातिर इरादों को कैद नहीं कर पाती. वो जेल में बैठकर साजिश रचता है. बाहर उसके गुर्गे उस साजिश को अंजाम तक पहुंचाते हैं. वो वारदात की प्लानिंग करता है और देश के किसी भी कोने में उसके शूटर गोलियां बरसाते हैं. ये कहानी है दो कुख्यात अपराधियों की.

लॉरेंस बिश्नोई तिहाड़ जेल से और गोल्डी कनाडा से गैंग को कमांड देते हैं लॉरेंस बिश्नोई तिहाड़ जेल से और गोल्डी कनाडा से गैंग को कमांड देते हैं
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2023,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST

Lawrence Bishnoi Goldie Brar Nexus: जुर्म की दुनिया में लॉरेंस बिश्नोई का नाम ऊंचे मकाम पर है. वो देश का सबसे बड़ा गैंगस्टर बनने की राह पर है. वो भले ही जेल में बंद हो, लेकिन जेल की सलाखें उसके शातिर इरादों को कैद कर पाने में नाकाम हो जाती हैं. वो जेल में बैठकर साजिश रचता है. बाहर उसके गुर्गे उसे साजिश को अंजाम तक पहुंचाते हैं. वो वारदात की प्लानिंग करता है और देश के किसी भी कोने में उसके शूटर गोलियां बरसाते हैं. इस काम में उसका सबसे बड़ा राजदार और साथी है गैंगस्टर गोल्डी बराड़, जो कनाडा में बैठकर लॉरेंस का काम संभालता है. वो उसके इशारे पर किसी भी संगीन से संगीन वारदात को अंजाम दे सकता है. आइए आपको बताते हैं, इस कुख्यात अपराधी जोड़ी की क्राइम कुंडली.

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ऐसे चलता है गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का साम्राज्य
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने अपना जाल बट्टा कुछ ऐसे फैलाया कि अब वो जेल के अंदर रहे या फिर बाहर, उसे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. कहने का मतलब ये कि वो जेल में बैठे-बैठे ही बड़ी आसानी से जो चाहता है, वो करता है. जेल में बैठे-बैठे ही वो अपने दुश्मनों के नाम की सुपारी निकालता है और जेल में बैठे-बैठे ही करोड़ों की वसूली करता है. एनआईए की पूछताछ में उसने अपने काम करने की पूरी मॉडस ऑपरेंडी और उसका एक-एक सच खोल कर रख दिया था.

फोन कॉल पर करोड़ों की उगाही
दिल्ली की तिहाड़ जेल के अलावा राजस्थान के भरतपुर, पंजाब के फरीदकोट जेस में रहते हुए भी उसने उत्तर भारत के कारोबारियों करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की. कभी उसने राजस्थान के कारोबारियों से, कभी उसने चंडीगढ़ के कम से कम 10 क्लब मालिकों से, कभी अंबाला के सभी मॉल मालिकों से, कभी शराब कारोबारियों से और कभी दिल्ली और पंजाब के सटोरियों से करोड़ों की उगाही की. जेल में लॉरेंस के गुर्गे ऐसे कारोबारियों और धंधेबाज़ों के नंबर लेकर आते थे, और लॉरेंस के नाम पर जानेवाले एक एक फोन कॉल पर करोड़ों रुपये उसके बताए ठिकाने पर पहुंच जाते थे.

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क्रशर मालिकों से वसूली
एनआईए सूत्रों की मानें तो गोल्डी बराड़, काला राणा, गुरलाल बराड़ और काला जठेड़ी जैसे गैंगस्टर अक्सर ऐसे नंबर लॉरेंस को मुहैया करवाते रहे हैं. इनमें गुरलाल बराड़ का तो खैर कत्ल हो चुका है, लेकिन बाकी गैंगस्टरों की ओर से ये सिलसिला अब भी जारी है. लॉरेंस ने अपने सिंडिकेट की बारीकियों का खुलासा करते हुए बताया है कि उसका जाल राजस्थान तक फैला हुआ है. वहां के कई क्रशर मालिकों और स्टोन करोबारियों से भी उसके गैंग ने करोड़ों रुपये वसूल किए हैं. लॉरेंस की ओर से गैंगस्टर आनंदपाल के भाई विक्की सिंह और मंजीत सिंह उसके लिए राजस्थान में वसूली करते हैं.

हथियारों की तस्करी
लेकिन ये तो रही गैंग की कमाई की बात.. लॉरेंस के गैंग से जुड़े गुर्गे और खुद लॉरेंस सालों से अपने गैंग के लिए हथियारों की तस्करी करता रहा है. उसने कबूला है कि साल 2018 से 2022 तक उसने यूपी के खुर्जा से अपने करीबी गैंगस्टर रोहित चौधरी के मार्फत आर्म्स सप्लायर कुर्बान चौधरी उर्फ शहजाद से हथियारों की मोटी खेप खरीदी थी. इनमें करीब 2 करोड़ रुपये के 25 हथियार शामिल थे. इन हथियारों में 99 एमएम की पिस्टल से लेकर एके 47 जैसे खौफनाक हथियार भी थे, आम लोगों के लिए जिनके इस्तेमाल पर रोक है. लेकिन तस्करी के जरिए लॉरेंस का गैंग ऐसे हर हथियार जुटाता रहा है और तफ्तीश में ये बात साफ हो चुकी है कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल में ऐसे हथियारों का इस्तेमाल लॉरेंस गैंग की ओर से किया जा चुका है.

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लॉरेंस ने ही गोगी गैंग को दिलाई थी जिगाना पिस्टल
एनआईए की पूछताछ में लॉरेंस बिश्नोई का एक-एक सच सामने आ गया था. लॉरेंस ने खुद अपनी जुबान से वो सच कबूल किया था. दिल्ली में जितेंद्र गोगी और टिल्लू ताजपुरिया गैंग के बीच पुरानी दुश्मनी रही है. और इन दोनों गैंग्स में गोगी का गैंग लॉरेंस बिश्नोई के खेमे का गैंग माना जाता है. ऐसे में लॉरेंस ने ये माना है कि साल 2021 में उसी ने अपने साथी गोल्डी बराड के जरिए जितेंद्र गोगी को दो जिगाना पिस्टल दिलवाई थी. 

लॉरेंस को फॉलो करते हैं अतीक के कातिल
हैरानी की बात ये है कि लॉरेंस ने गोगी गैंग को जो दो जिगाना पिस्टल दी थी. उसी से यूपी के माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या को अंजाम दिए जाने की बात सामने आई थी. अतीक और अशरफ के कातिल सनी सिंह, अरुण मौर्य और लवलेश तिवारी ने ये कबूल किया था कि उन्होंने जिन जिगाना पिस्टल से अतीक और अशरफ को गोली मारी थी, वो पिस्टल उन्हें दिल्ली के गोगी गैंग से मिली थी. इतना ही नहीं पूछताछ में तीनों ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई का फैन होने की बात भी बताई थी. ये तीनों शूटर सालों से लॉरेंस बिश्नोई को फॉलो और कॉपी कर रहे थे.

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सिद्धू मूसेवाला की हत्या से कनेक्शन
अब बात पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की साजिश की. तफ्तीश में ये बात पहले ही साफ हो चुकी थी कि लॉरेंस बिश्नोई और उसके साथी गोल्डी बराड़ ने ही सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाया था. लेकिन बाद में लॉरेंस ने पूछताछ में ये भी बताया कि इस काम के लिए उसने अपने साथी गोल्डी बराड़ को हवाला के जरिए पूरे 50 लाख रुपये भिजवाए थे और इन रुपयों का इस्तेमाल कत्ल की पूरी साजिश को अंजाम देने में किया गया. गोल्डी बराड़ पहले ही इस कत्ल की जिम्मेदारी खुद ले चुका है और तफ्तीश ये बात भी सामने आ चुकी है कि किस तरह से रेकी के लिए गुर्गों को जुटाने से लेकर शूटआउट के लिए शूटरों तक का इंतजाम उसने विदेश से बैठे-बैठे किया था.

गोल्डी बराड़ की क्राइम कुंडली
जब से कुख्यात गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई जेल में बंद है, तभी से उसके गैंग की कमान कनाडा में बैठकर गोल्डी बराड़ ही संभालता है. आइए आपको गोल्डी की पूरी कुंडली खोलकर बताते हैं. वो पंजाब के श्रीमुक्तसर साहिब के रहने वाला है. उसका असली नाम सतविंदर सिंह है. उसका जन्म 1994 में पंजाब पुलिस में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर शमशेर सिंह के घर में हुआ था. 

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जुर्म की दुनिया में एंट्री
जरायम की दुनिया में गोल्डी की एंट्री थोड़ी फिल्मी नजर आती है. दरअसल,  उसके चचेरे भाई गुरलाल सिंह बराड़ की हत्या कर दी गई थी. उस हत्याकांड के बाद गोल्डी बदले की आग में जल रहा था. जैसे ही इस हत्याकांड में यूथ कांग्रेस के नेता गुरलाल पहलवान का नाम सामने आया तो गोल्डी बराड़ ने उसकी हत्या कर दी थी. यही वो वारदात थी, जिसने गोल्डी को मुजरिम बना दिया था.

लॉरेंस बिश्नोई का करीबी है गोल्डी बराड़
गोल्डी दिल्ली के गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी माना जाता है. वो कनाडा में बैठकर ही लॉरेंस का गैंग चलाता है. पंजाब के फरीदकोट जिले की एक अदालत ने गुरलाल सिंह की हत्या के मामले में गोल्डी बराड़ के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. केवल यही नहीं, पुलिस और भारतीय एजेंसियों को 16 से ज्यादा मामलों में गोल्डी बराड़ की तलाश है. इंटरपोल ने भी गोल्डी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. 

गोल्डी ने रची थी मूसेवाला की हत्या की साजिश
वो गोल्डी बराड़ ही था, जिसने कनाडा में बैठकर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश रची थी. इस मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी पूछताछ की गई थी. गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई दोनों कॉलेज के समय से ही साथ में हैं. गोल्डी पर हत्या, हत्या की कोशिश, आपराधिक साजिश रचने और हथियारों की तस्करी करने का आरोप है.

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गोल्डी बराड़ ने बदला ठिकाना
सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद गोल्डी बराड़ के ठिकाना बदलने की भी खबर सामने आई थी. सूत्रों के मुताबिक, गोल्डी बराड़ पर कनाडा में जानलेवा हमला हो सकता है, इसलिए वह नई जगह भी छोड़कर चला गया. तमाम सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आने और विरोधी गैंग्स के खतरे को भांपते हुए गैंगस्टर गोल्डी ने यह रास्ता निकाला था. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, गोल्डी बराड़ का नया ठिकाना इस वक्त कैलिफोर्निया की फ्रेंसो सिटी (अमेरिका) है. वो एक सेफ हाउस में रह रहा है और अपने इंटरनेशनल सोर्स का इस्तेमाल कर रहा है.

हिरासत में लेने की अफवाह
सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद गोल्डी के अमेरिका के कैलिफोर्निया से हिरासत में लिए जाने की खबर सामने आई थी. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने भारतीय एजेंसियों से बात की है. हालांकि, बाद में ये महज एक अफवाह निकली. 

अब सिंगर हनी सिंह को धमकी
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, हरदेश सिंह उर्फ हनी सिंह के मैनेजर रोहित छाबड़ा के फोन पर धमकी भरा कॉल आया. कॉल करने वाले ने अपने आप को गोल्डी बराड़ बताया और 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी. इसके बाद मैनेजर को इसी नंबर से कॉल और वॉइस नोट आए और धमकी दी गई. 

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हनी सिंह ने दर्ज कराई FIR
पुलिस ने हनी सिंह की शिकायत पर स्पेशल सेल पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 387 (जबरन वसूली के लिए व्यक्ति को मौत या गंभीर चोट के डर में डालना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है.

 

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