Advertisement

Inside Story: झुग्गियों से निकल ऐसे करोड़पति बाबा आशु गुरुजी बन गया आसिफ खान

आशु बाबा के पाखंड और गैंगरेप की करतूत से तो पर्दा ख़ैर पहले ही उठ गया था, लेकिन अब पीड़ित महिला की ओर से पुलिस को दी गई शिकायत में जो बातें पता चली हैं, वो तो और भी झकझोरने वाली हैं.

आरोपी आशु भाई गुरुजी अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर है आरोपी आशु भाई गुरुजी अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर है
परवेज़ सागर/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:28 PM IST

भक्तों की आस्था से इस देश में सैकड़ों बार खेला गया है. और अभी इस वक्त भी देश के किस कोने में ना जाने कौन सा बाबा भक्तों से खेल रहा हो. मगर तमाम बंडलबाज़, धोखेबाज़ और गुरूघंटाल बाबाओं के बीच दिल्ली से ये जो नया बाबा सामने आया है इसने तो कमाल ही कर दिया. धर्म और आस्था के नाम पर जो दुकान सजाई वो पूरी की पूरी दुकान ही ढोंग की निकली. लोग खोद आशू महाराज को रहे थे और महाराज में से निकल आया आसिफ खान. जी हां. गैंगरेप के इलज़ाम में फंसे जिस आशू महाराज को दिल्ली पुलिस दर-दर ढूंढ़ रही है. उसका असली नाम दरअसल आसिफ खान है.

Advertisement

जिसे दुनिया विश्वविख्यात ज्योतिषचार्य. हस्तरेखा विशेषज्ञ और काले जादू का महारथी मानकर कोटि कोटि नमन कर रही थी. वो बाबा तो सिर से लेकर पांव तक दगाबाज़ निकला. एक महिला और उसकी बच्ची के साथ छेड़छाड़ ही नहीं. बल्कि अपने हज़ारों लाखों भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है आशु भाई गुरुजी ने.

आसिफ खान निकला आशु भाई

जिसे भक्त आशु भाई गुरुजी मानकर चरणों में शीश नवा रहे थे. वो दरअसल आसिफ खान है. और इसकी गवाही वो वोटर लिस्ट दे रही है. जिस पर आशु भाई गुरुजी की तस्वीर लगी है और उसके आगे लिखा हुआ है आसिफ खान पुत्र श्री इदहा ख़ान. वोटर लिस्ट में गलती की गुंजाइश इसलिए नज़र नहीं आती क्योंकि ठीक उसी के नीचे उसी पते पर रहने वाले आसिफ खान के बेटे समर खान की भी तस्वीर लगी है.

Advertisement

भक्तों की आस्था से खिलवाड़

यानी एक मुसलमान होने के बावजूद आसिफ़ खान आशु भाई गुरुजी बनकर भक्तों की आस्था से खिलवाड़ करता रहा. तो फिर सवाल ये कि आखिर आसिफ खान क्यों बना आशु भाई गुरुजी. तो इसका जवाब आसिफ खान का इतिहास देगा. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक आशु भाई गुरुजी ने आसिफ खान बनकर अपने गोरखधंधे की शुरूआत साल 1990 में की.

आसिफ़ खान कैसे बना आशु भाई गुरुजी?

आशु 1990 तक दिल्ली के वजीरपुर की जेजे कॉलोनी में रहता था. मगर साल 2018 आते आते वो करोड़ों का मालिक बन गया. आशु के पास सिर्फ करोड़ों रुपये ही नहीं बल्कि कई महंगी कारें भी हैं. सराय रोहिल्ला के पदम नगर इलाके में अपने धंधे शुरूआत की. आशु भाई गुरुजी ने दूसरों का भविष्य बताने का धंधा शुरू किया. जल्द ही आशु भाई गुरुजी को अपना धंधा बंद करना पड़ा. क्योंकि आशु के घर का नौकर उसके 50 लाख रुपये लेकर भाग गया था.

रोहिणी इलाके से शुरू किया धंधा

शुरूआती दिनों में ही 50 लाख के घाटे ने आशु को पदम नगर से धंधा बंद करने पर मजबूर कर दिया. मगर अब आसिफ खान उर्फ आशु भाई को ये पल्ले पड़ गया था कि खुद का भविष्य भले कैसा हो मगर दूसरों का भविष्य बताने में फायदा बड़ा है. लिहाज़ा पदम नगर से निकलकर आशु भाई ने रोहिणी इलाके में अपना धंधा फिर से शुरु किया.

Advertisement

करोड़ों की संपत्ति का मालिक है आशु भाई

आशु भाई का भविष्य बताने का ये धंधा इतना फला फूला कि अब आलम ये है कि दिल्ली के कई इलाकों में बाबा की करोड़ों की प्रापर्टी है. जिसमें प्रीतम पुरा के तरुण एंकलेव में मकान. रोहिणी सेकटर 7 में आश्रम और साउथ दिल्ली के हौज़खास जैसे पॉश इलाके में ऑफिस है. और तो और बाबा ने अब अपना बिज़नेस इतना बढा लिया था कि वो आयुर्वेदिक डॉक्टर भी गया था. जहां इलाज भी खुद करता था और दवाएं भी खुद बनाता था. मतलब एक बार मुर्गा फंस गया तो ये बाबा उसका खून तक चूस लिया करता था.

आशु भाई ने भी की दूसरे बाबाओं जैसी गलती

पैसा कमाने तक तो ठीक था. मगर पैसा कमाने के साथ आशु भाई गुरुजी उर्फ आसिफ खान ने वही गलती कर दी जो उनसे पहले आसाराम बापू, गुरमीत राम रहीम, वीरेंद्र दीक्षित जैसे और दूसरे बाबाओं ने की. यानी महिला भक्तों की अस्मत से खिलवाड़. और यहीं फंस गए आशु भाई गुरुजी.

महिला ने दर्ज कराई रिपोर्ट

गाजियाबाद की रहने वाली पीड़ित महिला की तहरीर पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर पुलिस गुरुजी की तलाश में उनके तमाम संभावित ठिकानों पर दनादन दबिश डाल रही है. कल तक सिंहासन पर बैठकर लोगों को उनका भविष्य बतानेवाले गुरुजी को भागने के लिए ज़मीन कम पड़ती जा रही है. उम्मीद है कि जल्द ही ये बाबा भी वहीं जाएंगे जहां फर्ज़ी बाबाओं की जमात पहले ही पहुंच चुकी है.

Advertisement

भविष्य बताने का धंधा

अब तक ये तो समझ आ चुका था आसिफ खान पैसा कमाने के चक्कर में आशु भाई बना था. मगर उसने ये ज्योतिष विद्या और हस्तरेखा सीखी कहां से. हालांकि ये खुलासा आसिफ की गिरफ्तारी के बाद ही हो सकेगा मगर शुरूआती जांच में ये पता चला है कि जब उसे ये एहसास हुआ कि किस्मत बताने का ये धंधा उसकी किस्मत बदल सकता है तो उसने पहले इसकी बारीकियां सीखीं और फिर पूरी तैयारी के साथ नाम बदलकर इस धंधे में कूदा आसिफ उर्फ आशु भाई गुरुजी.

हौजखास थाने में दर्ज हुई FIR

सब कुछ सही चल रहा था. बाबा पिछले करीब 25 सालों में रंक से राजा बन चुका था. उसने करोड़ों अरबों की प्रापर्टी खड़ी कर ली. तब तक तो ठीक था. मगर जैसे ही उसने भक्तों की भक्ती का बेजा फायदा उठाना शुरू किया. उसका बुरे वक्त का सायरन बजने लगा. मगर उसे ये आहट सुनाई नहीं दे रही थी. और वो गाज़ियाबाद की पीड़ित महिला का लगातार शोषण किए जा रहा था. यहां तक उसने महिला के बेटी से भी छेड़छाड़ की. ताकत का नशा उसके सिर पर चढ़ा हुआ था. मगर इस खुमार को हौज़ खास थाने में दर्ज हुई इस एफआईआर ने उतार दिया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement