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दिल्ली पुलिस ने पूरा किया 5 आत्माओं का 'सर्च ऑपरेशन'

दिल्ली पुलिस की काइम ब्रांच को पांच आत्माओं की तलाश के लिए अलग-अलग अपनी टीमें भेजनी पड़ी. उन्हें ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाना पड़ा और आखिरकार तलाश कामयाब रही.

पुलिस के लिए बुराड़ी कांड एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है पुलिस के लिए बुराड़ी कांड एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है
परवेज़ सागर/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 4:17 PM IST

कभी-कभी पुलिस को भी क्या-क्या काम करना पड़ता है. हालांकि कानून की डिक्शनरी में भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र, आत्मा के लिए कोई जगह नहीं है. मगर फिर भी केस की मांग ही ऐसी थी कि मजबूरन दिल्ली पुलिस की काइम ब्रांच को पांच आत्माओं की तलाश के लिए अलग-अलग अपनी टीमें भेजनी पड़ी. उन्हें ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाना पड़ा और आखिरकार तलाश कामयाब रही. पुलिस ने उन आत्माओं का सच ढूंढ ही निकाला जिनके बारे में कहा जाता है कि बुराड़ी कांड के असली जिम्मेदार वही हैं.

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पुलिस ने ढूंढ निकाली पांच आत्माएं

"5 आत्माएं अभी मेरे साथ भटक रही हैं अगर तुम अपने में सुधार करोगे तो उन्हें भी गति मिलेगी... तुम तो सोचते होगे कि हरिद्वार जा कर सब कुछ कर आएं तो गति मिल जाएगी.. जैसे मैं इस चीज़ के लिए भटक रहा हूं ऐसे ही." भाटिया परिवार के घर से दिल्ली पुलिस को जब ये डायरी मिली और डायरी में लिखी ये लाइनें तो पुलिस उलझन में पड़ गई.

उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो माने या ना माने कि 11 लाशों के साथ 5 आत्माओं का भी कोई कनेक्शन हो सकता है. उलझन ये भी थी कि पुलिस आत्माओं की जांच कैसे करें. मगर फिर पुलिस को लगा कि जब पूरा केस ही आत्मा और अंधविश्वास के इर्द-गिर्द है. तो पुलिस ने ठान लिया कि वो इन 5 आत्माओं को भी ढूंढ निकालेगी और सचमुच दिल्ली पुलिस ने 5 आत्माओं का सच ढूंढ निकाला.

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भाटिया परिवार के करीबी रिश्तेदारों की थी आत्माएं

कमाल की बात देखिए कि डायरी में जिन आत्माओं के नाम लिखे थे. वो कोई और नहीं बल्कि भाटिया परिवार के अपने और बेहद करीबी रिश्तेदार निकले. रजिस्टर में 9 जुलाई 2015 को लिखे एक नोट में लिखा है "अपने सुधार में गति बढ़ा दो. ये भी तुम्हारा धन्यवाद करता हूं कि तुम भटक जाते हो पर फिर एक दूसरे की बात मानकर एक छत के नीचे मेल मिलाप कर लेते हो.

सज्जन सिंह, हीरा, दयानंद और गंगा देवी मेरे सहयोगी बने हुए हैं. ये भी यही चाहते हैं कि तुम सब सही कर्म करके अपना जीवन सफल बनाओ. अगर हमारे नियमित काम पूरे हो जाएंगे तो हम अपने वास को लौट जाएंगे."

आत्माओं से ये था रिश्ता

अब जब पुलिस ने इन 5 आत्माओं की तफ्तीश की तो पता चला कि पहली आत्मा यानी सज्जन सिंह - टीना के पिता और ललित के ससुर थे. हीरा- ललित की बहन प्रतिभा के पति और प्रियंका के पिता निकले. दयानंद और गंगा देवी - ये दोनों सुजाता यानी ललित की बड़ी बहन के सास ससुर थे.

रजिस्टर की तहरीर से खुलासा

बुराड़ी के फांसीघर से मिले रजिस्टर के बाद से ही पुलिस भोपाल सिंह समेत इन 5 आत्माओं का कनेक्शन खोज रही थी. और अब जाकर ये खुलासा हो गया है कि भोपाल सिंह को छोड़कर बाकी बची चारों आत्माओं का भी सीधा रिश्ता भाटिया परिवार से है. रजिस्टर की तहरीर बता रही है कि इन चारों आत्माओं का कनेक्शन इस परिवार से ऐसा था कि बकौल ललित उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता था.

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रजिस्टर में लिखे हैं आदेश

"चेतावनी को नजरअंदाज ना करो. झूठी ज़िंदगी ना जिओ. बिना कर्म भोगे कभी जीवन आगे नही बढ़ता है, इसलिए ऐसी तैयारी करवाता हूं जो कर्म भोग आधा हो जाये, और संतुष्टि लायक जीवन जी सको. इंसान दुनिया को बना सकता है. परिवार को बना सकता है. दूसरो की नज़र में कोई पर्दा नहीं रहता. स्वभाव बदलो, छोटी छोटी बातों पर विश्वास करो. अभी भी बताई गई बातें पूरी नही हो रही है. इसके कारण तुम्हारा मन दो तरफा रहता है. मना करने पर भी ऐसा काम करते हो, जो आगे रुकावट पैदा करता है. आज मकान का काम लेट हो गया है, इसके लिए तुम सब दोषी हो."

परिवार को निर्देश देता रहा रजिस्टर

बुराड़ी के मकान नंबर 137 में हुई 11 मौत जितनी रहस्यमयी है. उतनी ही रहस्यमयी है वो रजिस्टर जो पिछले कई सालों से भाटिया परिवार के लिए पल पल का दिशा निर्देश दे रहा था. सिर्फ दिशा निर्देश ही नहीं बल्कि भविष्यवाणी भी करता था ये रजिस्टर. इतनी ही नहीं पूजा के तरीकों को समझाने वाला ये रजिस्टर घर के सदस्यों को डांटता भी है और सज़ा भी देता है.

B+B+L+P+N का राज!

सामूहिक एकता और तालमेल का प्रभाव तुमने कुछ इस हफ्ते देख लिया है. अगले महीने से पैसा इखट्टा करना शुरू कर दो, उसमें से कुछ दुकान में डालना है और बाद में नया काम करना है. अगर उससे पहले आता है, तो वही काम करना है. जब तक काम शुरू न हो भुप्पी अपना भ्रमण जारी रखे, जो भी नई चीज देखो उसे लिख लो. ये भ्रमण हफ्ते में 3 दिन करना जरूरी है. भले ही एक दिन छोड़कर. जब तक 5 व्यक्ति पूरे नहीं होते. B+B+L+P+N अपनी बैठक जारी रखेंगे. इसके बाद 5 लोग हो जाये तो B+B+L ये करेंगे. P+N छोड़ सकते है. इसे बाद परिवार में या लोगो ने कैसे चर्चा करनी है इसकी प्रेरणा L को हो जाएगी. अपने कर्तव्यों के प्रति और ज्यादा दृढ़ हो जाओ.

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ये है B+B+L+P+N की हकीकत

अब आइये समझ लीजिए कि ये B+B+L+P+N हैं कौन.. दरअसल ये भाटिया परिवार के 5 सदस्यों का शार्ट नेम है. पहले बी से बेब्बे. दूसरे बी से भुप्पी. एल से ललित. पी से प्रतिभा और एन से नीतू. हमारा मक़सद ऐसी बातों से आपको डराना नहीं है. मगर क्या करें. इस मामले में क्राइम ब्रांच ही अपना पूरा फोकस तंत्र मंत्र के एंगल पर किए हुए.

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