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मोहब्बत का जुनून, इश्क का इंतकाम और ट्रिपल मर्डर

प्यार, मोहब्बत, इश्क. ये वो एहसास हैं, जो हर दिल में बसते हैं. ये वो जज्बा है, जो कायनात के जर्रे-जर्रे में बिखरा हुआ है. और इसी बात पर नफरत को भी मोहब्बत से नफरत है. शायद यही वजह से मोहब्बत और नफरत के बीच की यह जंग सदियों से चली आ रही है. आलम यह है कि अब तो इश्क भी रिस्क है. वो रिस्क जिसमें जान तो मिलती है, पर जान चली भी जाती है. मोहब्बत नफरत में बदलती है, तो जानलेवा हो जाती है.

पुलिस ने एक माह बाद आरोपी हैदर को गिरफ्तार कर ही लिया पुलिस ने एक माह बाद आरोपी हैदर को गिरफ्तार कर ही लिया
परवेज़ सागर/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

प्यार, मोहब्बत, इश्क. ये वो एहसास हैं, जो हर दिल में बसते हैं. ये वो जज्बा है, जो कायनात के जर्रे-जर्रे में बिखरा हुआ है. और इसी बात पर नफरत को भी मोहब्बत से नफरत है. शायद यही वजह से मोहब्बत और नफरत के बीच की यह जंग सदियों से चली आ रही है. आलम यह है कि अब तो इश्क भी रिस्क है. वो रिस्क जिसमें जान तो मिलती है, पर जान चली भी जाती है. मोहब्बत नफरत में बदलती है, तो जानलेवा हो जाती है.

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वो अपनी महबूबा से बहुत प्यार करता था. उससे शादी करना चाहता था. लड़की के घरवालों ने रिश्ते के लिए हां कर दी थी. सब ठीक था मगर एक दिन वो सिरफिरा आशिक एक घर में दाखिल होता है. पहले वो घर में मौजूद एक अधेड़ महिला का कत्ल करता है. फिर एक कमरे में मौजूद 9 साल की मासूम बच्ची की मर्डर. उसके बाद वो उसी घर में 23 साल की एक युवती को चाकू से गोद डालता है. बेरहमी से उसका कत्ल करता है. आखिर कौन था वो सिरफिरा कातिल, जिसने एक साथ ट्रिपल मर्डर को अंजाम दे डाला.

दरअसल, ये वारदात है कि दिल्ली के ब्रह्मपुरी इलाके की है. जहां सायराबानो नामक महिला अपनी दो बेटियों के साथ रहती थी. उसकी बड़ी बेटी महरुनिशा का पडोस में रहने वाले युवक हैदर के साथ दोस्ताना था. इसी दौरान बात आगे बढ़ी और हैदर ने महरु के साथ शादी का वादा कर लिया. इस रिश्ते को लेकर सायराबानो ने भी हामी भर दी थी.

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शादी की तैयारी शुरू होती इससे पहले ही महरु की ज़िंदगी में एक तीसरे शख्स की एंट्री हो गया, जो उसका नया आशिक था. उसकी वजह से महरु ने हैदर से दूरी बना ली. वो उससे बात भी नहीं करती थी. एक दिन हैदर ने दोनों को साथ देख लिया. तब भी उसने महरु को समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी.

इसी बात से खफा होकर हैदर ने खूनी साजिश रच डाली. बेवफाई से तंग आकर उसने एक साथ महरु, उसकी मां सायराबानो और 9 साल की बहन शबनम को कत्ल कर डाला. इसके बाद उसने तीनों लाशों को एक कमरे में डालकर वहां के सभी एसी ऑन कर दिए. उसने घर से सारे सबूत मिटाने की कोशिश भी की और फिर घर को बाहर से ताला मारकर फरार हो गया.

तीन दिन बाद जब घर से बदबू आने लगी तो मोहल्ले वालों ने पुलिस को खबर की. पुलिस ने आकर जब कमरे का ताला तोड़ा तो कमरे का मंजर देखकर पुलिसवालों के होश उड़ गए. पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की. तो एक के बाद एक तार जुड़ते चले गए और सिरफिरा आशिक हैदर पकड़ा गया.

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