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दिल्ली पुलिस ने दबोचे बब्बर खालसा के दो आतंकी, कांग्रेस नेताओं को मारने का था प्लान

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अगर ये आतंकी दिल्ली में गिरफ्तार नहीं होते तो पंजाब जाते ही नेताओं की हत्या की वारदात को अंजाम देते. आतंकियों ने दूसरे टारगेट का खुलासा किया जिसका नाम है निशांत शर्मा है.

गुरसिमरन सिंह मंड गुरसिमरन सिंह मंड
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:18 AM IST
  • 5 सितंबर को बब्बर खालसा के दो आतंकी हुए गिरफ्तार
  • शिवसेना हिन्द और कांग्रेस नेताओं की हत्या का था प्लान
  • खालिस्तान के खिलाफ बोलने वालों को करते थे टारगेट

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले 5 सितंबर को बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के दोनों आतंकियों भूपेंद्र सिंह और कुलवंत सिंह को गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक, दोनों ने बहुत ही सनसनीखेज खुलासा किया है. पूछताछ में बताया है कि इनको पंजाब में शिवसेना और कांग्रेस के चार नेताओं की हत्या करनी थी. आतंकियों को आतंकी वारदात नहीं बल्कि नेताओं की टारगेट किलिंग करनी थी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बीकेआई आतंकी सिखों, तथाकथित संतों और खालिस्तान के खिलाफ जो भी बोलता है उसे टारगेट करते हैं.

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ये भिंडरवाला, जगतार सिंह हवारा और दिलावर सिंह आदि लोगों को संत कहते हैं. गिरफ्तार आतंकियों ने बताया कि पंजाब में शिवसेना हिंद के नेताओं ने उनके संतों व खालिस्तान के खिलाफ बयानबाजी की है. शिवसेना हिंद और कांग्रेस के एक-एक नेता के नाम का इन्होंने खुलासा किया है. इसमें एक नेता का नाम गुरसिमरन सिंह मंड और दूसरे नेता का नाम निशांत शर्मा है. दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुरसिमरन सिंह मंड ने 2018 में राजीव गांधी की प्रतिमा पर लगी कालिख को अपनी पग से साफ कर दिया था और वो लगातार खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं.

खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं ये नेता

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अगर ये दिल्ली में गिरफ्तार नहीं होते तो पंजाब जाते ही ये नेताओं की हत्या की वारदात को अंजाम देते. आतंकियों ने दूसरे टारगेट का खुलासा किया जो नाम है निशांत शर्मा. निशांत शिवसेना हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और पेशी के दौरान आतंकी जगतार सिंह को इन्होंने थप्पड़ मारा था. ये नेता भी खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं.

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दूसरी तरफ मेरठ के एक हथियार सप्लायर ने इनको दिल्ली में हथियार दिए थे. ये हथियार लेने के लिए यूपी पुलिस के एनकाउंटर के डर से मेरठ नहीं जाना चाहते थे और हथियार सप्लायर हथियारों के साथ पंजाब नहीं जाना चाहता था. ऐसे में इनके बेल्जियम में बैठे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के चीफ व इनके हैंडलर जगदीश भूरा व धन्ना सिंह ने दिल्ली जाकर हथियार लेने को कहा था. इनके हैंडलरों ने मेरठ के सप्लायर को बेल्जियम से सीधे पैसे भेजे थे. स्पेशल सेल ने दोनों ही आतंकियों को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लिया था और दोनों से लंबी पूछताछ की. पुलिस इनके पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध खंगाल रही है. इन्होंने पाकिस्तान समर्थकों के समूह पाकिस्तान जिंदाबाद-खालिस्तान जिंदाबाद और डिफेंडर्स ऑफ पाकिस्तान ग्रुप ज्वाइन कर रखा था.

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