
एक तरफ आसमान में धमाकों की धमकी दी जा रही है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में एक रहस्यमयी धमाका हुआ. इससे पहले भारतीय रेल की पटरियों पर लगातार सिलेंडर मिलने का सिलसिला भी शुरू हुआ था. त्यौहारों से ठीक पहले पिछले 11 दिनों में अब तक करीब सवा सौ विमानों में बम होने की खबरें मिली. हालांकि जांच के दौरान किसी भी विमान में बम नहीं मिला. लेकिन सच ये है कि अभी तक बम की खबरें देने वाला या साजिश रचने वाला कोई शख्स पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है.
दहशत का माहौल!
इधर, दिल्ली में जमीन पर बम धमाका होता है, उधर आसमान में उड़ते जहाज में धमाके की धमकी मिलती है. मगर न जमीन के धमाके का सुराग़ अब तक मिल पाया है और न आसमानी धमकी देने वाले का कोई अता-पता है. एक बार फिर से त्योहार का मौसम है. दिवाली करीब है. वही दिवाली, जिस मौके पर कई बार दिल्ली दहली है. और उसी दिवाली से पहले अचानक देश में फिर से दहशत का एक माहौल तैयार किया जा रहा है.
CRPF स्कूल के करीब धमाका
वो दिल्ली में सीआरपीएफ का एक स्कूल है, वो तो शुक्र है संडे को स्कूल की छुट्टी थी और उसी संडे की सुबह-सुबह इस स्कूल की दीवार के करीब एक धमाका होता है. नसीब की बात है कि तब कोई आस-पास नहीं था. वरना धमाके की गूंज तो ऐसी थी कि दो किलोमीटर दूर तक लोगों के कानों में गूंजी, आस-पास के इमारतों के खिड़कियों के शीशे तोड़ डाले और यहां तक कि सड़क की दूसरी तरफ लगे उस इकलौते सीसीटीवी कैमरे तक को हिला डाला, जिसमें वो लाइव धमाका रिकॉर्ड हुआ था.
9 दिनों में 125 विमानों में बम होने की धमकियां
इधर, दिल्ली की सरजमीन पर ये धमाका हुआ और उधर उसी संडे को देश के आसमान में अलग-अलग शहरों और देशों के लिए 24 विमानों को ये धमकी मिली कि प्लेन में बम है. 24 के 24 प्लेन जमीन पर उतारे गए. तलाशी ली गई. पर मिला कुछ नहीं. पर देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब पिछले करीब दस दिनों से हर दिन किसी ना किसी प्लेन में बम होने की सूचना दी जा रही है. सिर्फ पिछले 9 दिनों में 125 विमानों में बम रखे जाने की धमकियां दी जा चुकी हैं. हैरानी की बात ये है कि ये सभी के सभी विमान भारत की एयरलाइंस हैं.
भारतीय एयरलाइंस के विमानों को मिली धमकी
इनमें से कोई भी विदेशी एयरलाइंस नहीं है. देश का शायद ही कोई ऐसा एयरलाइंस हो, जिनमें बम होने की धमकी न मिली हो. एयर इंडिया, इंडिगो, विस्तारा, स्पाइस जेट, अकासा एयर, स्टार एयर और एलायंस एयर यानी सभी के सभी उस अंजाने धमकी के शिकार हो चुके हैं. इन धमकियों के चलते कई उड़ान को डायवर्ट करना पड़ा. कई को जमीन पर बुला कर तलाशी लेनी पड़ी. कई उड़ानों में देरी हुई और कुछ तो रद्द तक करने पड़े. पर किसी भी विमान से कोई बम नहीं मिला.
विदेशों से किए गए 90 फीसदी धमकीभरे कॉल और मैसेज
प्लेन में अब तक बम होने की धमकी के जो भी कॉल, मेल या सोशल मीडिया पर मैसेज आए हैं, उनमें से 90 फीसदी वो मैसेज या कॉल विदेश से हैं. धमकी भरे सिर्फ दस फीसदी कॉल या मैसेज भारत के अंदर से दिए गए. कुछ मामलों में कुछ विमान के टॉयलेट से कुछ पर्चियां मिलीं. जिनमें प्लेन में बम होने की सूचना दी गई थी. हैरानी की बात ये है कि दस दिनों से धमकियों का ये सिलसिला जारी है, 125 विमानों में बम होने की धमकियां दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक एक भी संदिग्ध का न तो सुराग मिला है, ना ही कोई गिरफ्तार हुआ है.
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
मामला कितना संगीन है इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि खुद केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू को प्रेस कांफ्रेंस कर इन धमकियों की जानकारी देनी पड़ी. उन्होंने कहा धमकी देने वाले जब भी पकड़े जाएंगे, उन्हें नो फ्लाई लिस्ट में डाल दिया जाएगा. यानी वो जिंदगी में कभी विमान में सफर नहीं कर पाएंगे.
जांच के लिए BTAC का गठन
अब सवाल है कि आखिर वो कौन लोग हैं, जो लगातार प्लेन में बम होने की झूठी अफवाह फैला रहे हैं. उनका मकसद क्या है? कहीं ये किसी गहरी और बडी साजिश से पहले का कदम तो नहीं है? ये देखा गया है कि लगातार मिलने वाली ऐसी अफवाहों या धमकियों के बाद एयरलाइंस इन धमकियों को हल्के में लेने लगती है, तो क्या धमकी देने वाला उसी पल का इंतजार कर रहा है? इस बात का अहसास सिविल एविएशन मंत्रालय को भी है. इसीलिए इतनी बड़ी तादाद में मिली इस धमकी के बाद उसे जांचने परखने और समझने के लिए बम थ्रेट असेसमेंट टीम यानी बीटीएसी का गठन किया गया है. इस टीम को देश के हर एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है. लोकल पुलिस, गृह मंत्रालय का साइबर विंग, सीआईएसएफ, आईबी और तमाम अहम एजेंसियों की इस सिलसिले में मीटिंग भी हो चुकी है. पूरे देश के एयरपोर्ट को फुल अलर्ट पर रहने को कहा गया है.
बड़ी तादाद में फ्लाइट के टिकट कैंसल करा रहे हैं लोग
उधर, दूसरी तरफ प्लेन में बम की अफवाहों के बीच बड़ी तादाद में लोगों ने अपनी फ्लाइट के टिकट कैंसल कराने शुरू कर दिए हैं. सबसे ज्यादा असर घरेलू उड़ानों पर पड़ रहा है. बम की अफवाहों और अफवाहों के चलते उड़ान में देरी की वजह से फ्लाइट कैंसल करा कर लोग ट्रेन की टिकटें बुक कराने लगे हैं. चूंकि बम की अफवाहों की सारी धमकियां सिर्फ भारतीय एयरलाइंस को मिल रही हैं, इसलिए बहुत से ऐसे लोग जो विदेश ट्रैवल कर रहे हैं या करने वाले हैं, उन्होंने भी अपनी टिकटें कैंसल करानी शुरू कर दी हैं और अब वो विदेशी एयरलाइंस की टिकटें ले रहे हैं. क्योंकि विदेशी एयरलाइंस के किसी भी विमान में अब तक बम होने की धमकी नहीं दी गई है. त्योहार का सीजन है. नया साल सिर पर. ऐसे में जरूरी है कि एजेंसियां जल्द से जल्द इन अफवाहों के सोर्स का पता लगाएं और इन अफवाहों को रोकने का काम करें.
दिल्ली में धमाके पीछे कौन?
ये तो रही आसमान की बात. अब बात जमीन की. दिल्ली के रोहिणी इलाके में संडे की सुबह लगभग सात बज कर पैंतालीस मिनट पर एक धमाका होता है. ये धमाका रोहिणी सेक्टर 14 के प्रशांत विहार इलाके में मौजूद सीआरपीएफ के स्कूल की दीवार के करीब होता है. चूंकि संडे का दिन था, इसलिए स्कूल बंद था. स्कूल बंद होने की वजह से इस दीवार के आस-पास कोई मौजूद भी नहीं था. सिर्फ सड़क पर कुछ गाड़ियां आ जा रही थी. यानी धमाका खाली दीवार और खाली जगह पर हुआ. इत्तेफाक से दीवार के सामने एक दुकान है, जहां सीसीटीवी कैमरा लगा था और उसी कैमरे ने इस धमाके को लाइव कैद कर लिया.
धमाके वाली जगह पर भी नहीं मिला कोई अहम सुराग
धमाके की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस के साथ-साथ एनएसजी और एनआईए की टीमें भी मौके पर थी. हैरानी धमाके के तरीके को लेकर था. क्योंकि जिस जगह ये धमाका हुआ, वहां से ऐसी कोई भी चीज नहीं मिली, जो ये साबित करती कि किसी चीज़ से धमाके को ट्रिगर किया गया है. आम तौर पर ऐसे धमाके बाद आस-पास टाइमर, डेटोनेटर, बैट्री, घड़ी कुछ ना कुछ ऐसी चीज़ें मिलती हैं, जिनसे बम को किसी रिमोट के जरिए ब्लास्ट किया जाता है. पर यहां मौके पर ऐसा कोई सुराग नहीं मिला, जिससे ये पता चलता कि आखिर ये धमाका हुआ कैसे? इसे किस चीज ने ट्रिगर किया?
खास तरह के रसायन से बना था क्रूड बम
दिल्ली पुलिस के मुताबिक बम को एक पॉलिथीन बैग में स्कूल की दीवार के बराबर में करीब एक फीट गहरा गड्ढा खोद कर छुपाया गया था. इसके बाद उसे कचरे से ढंक दिया गया. ताकि वो किसी को नजर न आ सके. मौके से कुछ सफेद पाउडर भी मिले थे. जिन्हें जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया था. लैब की रिपोर्ट के मुताबिक ये क्रूड बम था. जिसमें कुछ खास रसायन का इस्तेमाल किया गया था.
धमाके में नाइट्रेट क्लोराइड और पोटैशियम का इस्तेमाल
फॉरेंसिक लैब के मुताबिक धमाके के लिए नाइट्रेट क्लोराइड और पोटैशियम का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि इसे पूरी तरह से क्रूड यानी देसी बम भी नहीं कहा जा सकता. क्योंकि क्रूड बम में कील छर्रे या शीशे का इस्तेमाल होता है. पर मौके से ऐसा कुछ नहीं मिला था. एक शक ये भी था कि इस धमाके में कोई रेडियो एक्टिव पदार्थ हो सकता है लेकिन जांच में वो भी नहीं मिला.
पिछले साल इजरायली दूतावास के बाहर भी हुआ था धमाका
आपको बता दें कि पिछले साल 26 दिसंबर को दिल्ली में ही इजरायली दूतावास के बाहर भी लगभग ऐसा ही एक धमाका हुआ था. वो धमाका भी कुछ ऐसा ही रहस्यमयी था. दस महीने बीत जाने के बावजूद अब भी इजरायली दूतावास के बाहर हुए उस धमाके का रहस्य दिल्ली पुलिस नहीं सुलझा पाई है.
बहुत ज्यादा थी ब्लास्ट की इंटेंसिटी
इस बार दिल्ली धमाके में खास बात ये है कि मौका-ए-वारदात ना कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिला है और ना कोई बॉल बेयरिंग बरामद हुआ. ना ही अब तक कोई अहम सुराग मिल पाया है. यही वजह है कि दिल्ली के रोहिणी इलाके में रविवार की सुबह हुए ब्लास्ट ने जांच एजेंसियों को उलझा दिया है. ब्लास्ट की तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई हैं, मौका-ए-वारदात पर सफेद पाउडर मिला है, ब्लास्ट की इंटेंसिटी भी बहुत ज्यादा है. लेकिन बम को डेटोनेट करने के लिए कौन का तरीका अपनाया गया? सीआरपीएफ स्कूल की दीवार के पास वो रहस्यमयी विस्फोटक किसने रखा? ये रहस्य अब भी जस का तस है.
टेलीग्राम चैनल की पोस्ट में दिल्ली धमाके का जिक्र
अहम बात ये है कि जब सीसीटीवी कैमरे में ब्लास्ट कैद हो सकता है, तो उसी कैमरे में विस्फोटक रखने वाले की तस्वीर का होना भी लाजिमी है. लेकिन ये सच्चाई फिलहाल पर्दे में छुपी है. आखिर कौन है इस धमाके के पीछे? रविवार की सुबह धमाका हुआ और शाम को सोशल मीडिया में एक पोस्ट वायरल हो गया. जस्टिस लीग इंडिया नाम से टेलीग्राम चैनल के पोस्ट में दिल्ली धमाके का जिक्र किया गया.
सुरक्षा एजेंसियों के लिए अबूझ पहेली
उस पोस्ट में ये वीडियो भी पोस्ट किया गया था. इसके वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस एक्शन में आई. FIR करने के बाद पुलिस ने इस वायरल पोस्ट के मद्देनजर टेलीग्राम एप से जानकारी मांग ली. लेकिन सवाल ये भी है कि आखिर इस धमाके का मकसद क्या था? असल में धमाका उस जगह हुआ जहां भीड़ नहीं रहती. वो स्कूल की बाउंड्री वॉल है. दीवार से सटे विस्फोटक रखा गया था. जबकि महज 30 फीट की दूरी पर सड़क के दूसरी तरफ कई दुकानें हैं. वहां भीड़ भी रहती है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ये धमाका सिर्फ चेतावनी भर था? सुरक्षा एजेंसियों के लिए ये भी अब तक अबूझ पहेली बना हुआ है.
गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से मांगी रिपोर्ट
रोहिनी ब्लास्ट मामले में FIR से भी कई अहम खुलासे हुए हैं. पुलिस के मुताबिक, धमाका काफी जोरदार था. मौके से काफी मात्रा में सफेद पाउडर भी मिला है. शायद इसी पाउडर की वजह से धमाके के बाद सफेद धुएं का गुबार निकला था. दिल्ली पुलिस ने PCR कॉल करने वाले शख्स से पूछताछ कर पूरी जानकारी जुटाई है. उसने बताया है कि जिस वक्त धमाका हुआ वो सो रहा था. ब्लास्ट की आवाज सुनकर तुरंत उसने पुलिस को कॉल किया. तमाम जांच पड़ताल के बीच कल ही गृहमंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांग ली. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां दिल्ली ब्लास्ट को बेहद गंभीरता से ले रही हैं और जल्द ही सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े संस्थानों की सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी है.