
दिल्ली के एक लड़के को स्विट्जरलैंड की एक लड़की से प्यार हो जाता है. इस प्यार के चक्कर में वो कई बार स्विट्जरलैंड भी जाता है. लेकिन वो लड़की किसी और से प्यार करती थी. ये सच जानने के बाद दिल्ली का वो लड़का स्विट्जरलैंड की उस लड़की को घुमाने के बहाने से भारत बुलाता है. लड़के के कहने पर वो लड़की इसी महीने दिल्ली आ जाती है. यहां आ जाने के बाद एक रोज वो लड़का उस लड़की को एक जादू दिखाता है. जैसे ही जादू खत्म होता है, इस कहानी में पुलिस की एंट्री होती है. आइए आपको बताते हैं अजब इश्क की ये गजब कहानी.
20 अक्टूबर 2023, शुक्रवार सुबह 8.30 बजे
पश्चिमी दिल्ली का जनकपुरी इलाका. वहां के बी ब्लॉक में एक दूधवाला कॉलोनी में रोजाना की तरह घर-घर दूध पहुंचा रहा था. तभी एक घर के सामने सड़क किनारे एमसीडी के स्कूल की दीवार के नीचे उसकी नज़र एक काली पॉलिथिन पर पड़ी. पॉलिथिन पर टेप लगा था. लेकिन अंदर से तेज बदबू आ रही थी. दूधवाले को पॉलिथिन देखते ही अंदाजा हो चुका था कि अंदर कोई लाश है. घबराए दूधवाले ने जिस जगह लाश पड़ी थी, उसके ठीक सामने वाले मकान में रहने वाले लोगों को इसकी जानकारी दी.
पॉलिथिन में महिला की लाश
अब ये तय हो चुका था कि कॉलोनी के अंदर एक लाश पड़ी है. लिहाजा फौरन पुलिस को इत्तेला दी गई. पुलिस के तमाम आला अफसर 9 बजने से पहले-पहले मौके पर पहुंच चुके थे. उन्होंने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी. पॉलिथिन का टेप खोलते ही अंदर से एक महिला की लाश बाहर निकलती है. हालांकि लाश बुरी तरह से सड़ चुकी थी. लेकिन उसके कपड़े और हुलिये से साफ पता चल रहा था कि लाश किसी विदेशी महिला की है.
नहीं हो सकी लाश की शिनाख्त
पुलिस की टीम लाश उठाकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज देती है. हालांकि लाश और पॉलिथिन की तलाशी में ऐसी कोई चीज नहीं मिलती है जो महिला की पहचान का पता देती. अब पुलिस के सामने सबसे पहली चुनौती महिला की शिनाख्त थी. इसी दौरान जिस जगह ये लाश पड़ी मिली ठीक उसके करीब ही एक दीवार पर लगे बोर्ड पर पुलिस की नज़र पड़ती है. बोर्ड पर लिखा था आप सीसीटीवी कैमरे के अधीन हैं.
सीसीटीवी कैमरे में नजर आई कार
सीसीटीवी वाला बोर्ड देख कर पहले तो पुलिस को इस बात का यकीन ही नहीं हुआ कि कोई कातिल इतना बेवकूफ कैसे हो सकता है कि जहां सीसीटीवी कैमरे की ख़बर बोर्ड पर टंगी है, उसी के नीचे जाकर वो लाश फेंक आए. खैर अब इसी बोर्ड के सहारे पुलिस ने मौका-ए-वारदात के इर्द गिर्द तमाम सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरु किया. आखिरकार पहली कामयाबी एक कैमरे से मिली. कैमरे में सफेद रंग की एक सेंट्रो कार जिसका नंबर DL 4C AQ 9281 है, कॉलोनी की गली में आते और जाते नजर आई. लोकल लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि ये कार उनके इलाके की नहीं है.
लड़की ने खरीदी थी कार
अच्छी बात ये थी कि कैमरे में कार के साथ-साथ कार का रजिस्ट्रेशन नंबर कैद हो चुका था. इसी रजिस्ट्रेशन नंबर के सहारे अब पुलिस कार के मालिक को तलाशती है. तलाश खत्म होती है एक कार डीलर पर जाकर. मगर पुलिस जब कार डीलर के पास पहुंचती है तो पता चलता है कि इसी महीने के पहले हफ्ते में एक लड़की ने कैश देकर ये कार खरीदी थी. कार डीलर के पास कार खरीदते वक्त लड़की का दिया आधार कार्ड मौजूद था.
सेक्स वर्कर निकली कार की मालिक
कार डीलर से मिले उसी आधार कार्ड के सहारे अब पुलिस सेंट्रो कार की नई मालकिन के पास पहुंचती है. पूछताछ करने पर पता चलता है कि वो लड़की एक सेक्स वर्कर है. कार खरीदने की बात वो कबूल करती है. लेकिन फिर बताती है कि उसने ये कार खुद नहीं खरीदी बल्कि उसके आधार कार्ड पर ये कार उसके एक ग्राहक ने खरीदी थी.
पुलिस के हत्थे चढ़ा गुरप्रीत
पुलिस अब उस लड़की के जरिए उस शख्स तक पहुंचती है जिसने लड़की के आधार कार्ड पर पुरानी सेंट्रो कार खरीदी थी. चूंकि वो शख्स इस लड़की का जानने वाला था, लिहाजा आसानी से उसका नाम और पता अब पुलिस के पास था. इसी के बाद पुलिस की एक टीम शुक्रवार को ही जनकपुरी में वहां एक जेम स्टोन डीलर के ठिकाने पर पहुंचती है. वहां से 30 साल का गुरप्रीत अब पुलिस के शिकंजे में आ जाता है. पुलिस उसे अपने साथ लेकर थाने लाती है.
कत्ल की अजीब कहानी
पूछताछ के दौरान थोड़ी ही देर में गुरप्रीत तोते की तरह बोलने लगता है. और इसके साथ ही हाल के वक्त की कत्ल की एक अजीब कहानी सामने आती है. ये कहानी जितनी अजीब थी कत्ल की वजह उससे भी कहीं ज्यादा अजीब थी.
साल 2020, स्विट्जरलैंड
उन दिनों गुरप्रीत स्विट्जरलैंड गया था. वहां उसके एक रिश्तेदार रहते हैं. इसी दौरान कुछ कॉमन फ्रेंड के जरिए एक रोज उसकी मुलाकात एक स्विस लड़की से होती है. लड़की का नाम था नीना बरगर. उम्र यही कोई 30 साल. कुछ मुलाकातों में ही गुरप्रीत नीना को दिल दे बैठता है. इसके बाद वो दो तीन चक्कर स्विट्जरलैंड के और लगाता है.
किसी और के साथ रिलेशनशिप में थी नीना
आखिरी दफा जब वो नीना से मिला तो उससे उसने अपने दिल की बात कह दी. तब नीना ने गुरप्रीत को बताया कि वो पहले से ही रिलेशनशिप में है. ये बात गुरप्रीत को बहुत बुरी लगी. लेकिन उसने नीना पर ये जाहिर नहीं किया. लेकिन दिल्ली लौटने से पहले उसने नीना को भारत आने की दावत दी. इस वायदे के साथ कि वो उसे इंडिया में दिल्ली के अलावा मुंबई, गोवा, राजस्थान के साथ-साथ आगरा में ताजमहल भी दिखाएगा.
पहले से तैयार था खूनी प्लान
गुरप्रीत की साजिश से अनजान नीना 11 अक्टूबर को ज्यूरिख से दिल्ली आती है. गुरप्रीत उसे एयरपोर्ट पर लेने जाता है. इसके बाद वो उसे अपने साथ पश्चिमी दिल्ली के टैगोर गार्डन इलाके में मौजूद वुड कैसल ग्रैंड होटल में ठहराता है. गुरप्रीत ने नीना को दिल्ली में ही ठिकाने लगाने की प्लानिंग पहले से ही कर रखी थी. इसी प्लानिंग के तहत उसने नीना को इंडिया बुलाया था. और इसी प्लानिंग के तहत खासतौर पर सैकेंड हैंड कार भी खरीदी थी. गुरप्रीत ने अगले एक हफ्ते तक इसी कार में नीना को अलग अलग जगहों पर घुमाया.
कत्ल से पहले कत्ल की रिहर्सल
इस दौरान वो नीना को पिक एंड ड्रॉप करने के लिए रोजाना उसके होटल जाता. ऐसे ही एक रोज होटल के अंदर उसने नीना से जादू का एक खेल खेलने को कहा. इस खेल के दौरान नीना के हाथ पैर अपने साथ लाए लोहे की जंजीर से बांध दिए. नीना को आंखें बंद करने को कहा. फिर आंखें खोलने पर उसने नीना को जादुई ट्रिक दिखाई. जादू का खेल खत्म होने के बाद उसने नीना की जंजीर खोल दी. दरअसल गुरप्रीत का ये जादुई खेल भी उसकी एक साजिश का हिस्सा थी. वो दरअसल नीना के कत्ल की रिहर्सल कर रहा था. वो भी खुद नीना के साथ.
जादू के नाम पर किया मर्डर
हफ्ते भर बाद अब असली खेल की बारी थी. 18 अक्टूबर की शाम वो नीना को दिल्ली में इधर-उधर घुमाने के बाद कार को विष्णु गार्डन ले गया. विष्णु गार्डन में एक सुनसान जगह पर उसने कार पार्क की. रात का अंधेरा हो चुका था. कार पार्क करने के बाद गुरप्रीत नीना से फिर से वही जादुई खेल खेलने की बात करता है. वो कहता है कि इस बार एक नया ट्रिक दिखाएंगे. चूंकि नीना पहले भी होटेल में ये खेल खेल चुकी थी. लिहाजा वो फौरन तैयार हो गई. गुरुप्रीत ने उसके हाथ और पांव लोहे की जंजीर से बांध दिए. नीना को आंख बंद करने को कहा. पर इस बार जैसे ही नीना ने आंख बंद की. गुरप्रीत ने अपने दोनों हाथों से बेबस नीना का गला घोंट दिया.
कत्ल के दो दिन बाद लगाया लाश को ठिकाने
मगर नीना के कत्ल के बाद गुरप्रीत घबरा गया. इसी घबराहट में वो उसी सुनसान जगह पर कार को लाश समेत छोड़कर ई रिक्शा पकड़कर घर लौट आया. कत्ल के दो दिन बाद 20 अक्टूबर की सुबह गुरप्रीत फिर से उसी जगह पहुंचता है, जहां उसने कार खड़ी कर रखी थी. कार के करीब जाने पर उसे तेज बदबू आती है. गुरप्रीत घबरा जाता है. उसे लगता है कि कार से आती बदबू की वजह से लोगों का ध्यान कार की तरफ चला जाएगा. और कार के जरिए पुलिस उस तक पहुंच जाएगी.
पॉलिथिन में पैक कर फेंकी लाश
लिहाजा गुरप्रीत खुद कारके अंदर बैठता है. बदबू फैले नहीं इसके लिए वो अब लाश को एक पॉलिथिन में पैक कर देता है और पॉलिथिन के मुंह पर टेप लगा देता है. इसके बाद कार को लेकर इधर-उधर भटकने के बाद तिलक नगर की एक गली में ठीक उसी जगह सड़क किनारे लाश फेंक कर उसी कार से निकल भागता है.
दो करोड़ कैश बरामद
गुरप्रीत के खुलासे के बाद पुलिस जब उसके घर की तलाशी लेती है तो उसके घर से लगभग दो करोड़ रुपये कैश मिलते हैं. तो क्या गुरुप्रीत किसी गलत धंधे में भी शामिल था. चूंकि कैश ज़्यादा था इसीलिए दिल्ली पुलिस ने इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट को भी इसकी जानकारी दे दी.
होटल के कमरे से मिला पासपोर्ट
बाद में पुलिस ने टेगौर गार्डन के उस वुड कैसल ग्रैंड होटेल के उस कमरे की भी तलाशी ली, जहां नीना बरगर ठहरी हुई थी. कमरे से नीना के बाकी सामान के साथसाथ उसका पासपोर्ट भी मिला. पासपोर्ट से ही पता चला कि नीना स्विट्जरलैंड की नागरिक थी. चूंकि मामला एक विदेशी के कत्ल का था, लिहाजा दिल्ली पुलिस ने इस बारे में नई दिल्ली में स्विस दूतावास को भी जरूरी जानकारी दे दी है.