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11 दिन, 25 टीमें, 48 घंटे सर्च ऑपरेशन, 100 किमी पड़ताल...मॉडल दिव्या पाहुजा की डेड बॉडी मिलने की इनसाइड स्टोरी

Divya Pahuja Murder Case: गुरुग्राम में हुए मॉडल दिव्या पाहुजा मर्डर केस में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. लंबे सर्च ऑपरेशन के बाद आखिरकार मॉडल के शव को पुलिस ने बरामद कर लिया है. हरियाणा के फतेहाबाद के टोहना में भाखड़ा नहर से उसका शव मिला है. पोस्टमार्टम के लिए शव को हिसार मेडिकल कॉलेज भेजा गया है.

गुरुग्राम में हुए मॉडल दिव्या पाहुजा मर्डर केस में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. गुरुग्राम में हुए मॉडल दिव्या पाहुजा मर्डर केस में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है.
नीरज वशिष्ठ/मुकेश कुमार गजेंद्र
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:14 PM IST

11 दिन, 25 टीमें, 48 घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन और 100 किमी की पड़ताल के बाद आखिरकार मॉडल दिव्या पाहुजा की डेड बॉडी बरामद कर ली गई. गुरुग्राम पुलिस के लिए दिव्या का शव मिलना एक चुनौती बन गया था. क्योंकि हत्या की इस वारदात के अगले ही दिन तीन प्रमुख आरोपियों होटल मालिक अभिजीत सिंह, उसके कर्मचारी हेमराज और ओम प्रकाश की गिरफ्तारी के बाद भी मॉडल का शव नहीं मिल पा रहा था. एक तरफ पुलिस की टीम खाक छान रही थी, तो दूसरी तरफ मृतिका के परिजन उस पर लापरवाही का आरोप लगाकर इस केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे. लेकिन 11 दिन बाद डेड बॉडी बरामद करके पुलिस ने राहत की सांस ली है.

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मॉडल दिव्या पाहुजा मर्डर केस गुरुग्राम पुलिस पर सवालियां निशान लगा रहा था. इससे पहले की साख पर बट्टा लग पाता पुलिस ने मॉडल का शव बरामद करके सभी सवालों पर विराम लगा दिया. इस सर्च ऑपरेशन को सही दिशा तब मिली, जब पुलिस ने शव को ठिकाने लगाने के एक आरोपी बलराज गिल को कोलकाता से गिरफ्तार किया. वो वहां से विदेश भागने के फिराक में था, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी की वजह से रफूचक्कर होने से पहले ही पकड़ लिया गया. पुलिस हिरासत में जब उससे पूछताछ हुई तो उसने खुलासा किया कि दिव्या के शव को पंजाब के पटियाला के पास भाखड़ नहर में फेंक दिया. इसके बाद पटियाला बस स्टैंड पर बीएमडब्ल्यू कार को छोड़कर फरार हो गया.

48 घंटे 100 किमी तक चला शव का सर्च ऑपरेशन

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गुरुग्राम पुलिस ने दिव्या पाहुजा के शव की तलाश के लिए 25 टीमें बनाई. इसमें एनडीआरएफ की टीम का सहयोग भी लिया गया. इसके बाद पंजाब पटियाला से सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जो कि हरियाणा के जाखल तक चला. करीब 100 किमी की दूरी तक भाखड़ नहर में एक शव को खोजना इतना आसान काम नहीं था. लेकिन पंजाब पुलिस और एनडीआरफ की टीम के साथ हरियाणा पुलिस ने इस असंभव कार्य का कर दिखाया. हरियाणा के फतेहाबाद के टोहना में नहर से एक शव बरामद किया गया. पानी में रहने की वजह से शव फूल गया था. सिर पर बाल भी नहीं थे. क्षत-विक्षत स्थिति में होने की वजह से पहचान नहीं हो पा रही थी. इसके बाद पुलिस ने दिव्या की मां को बुलवाया.

मां ने टैटू देखकर किया दिव्या के शव का शिनाख्त

दिव्या की मां को शव दिखाया गया. उन्होंने शरीर पर मौजूद निशान देखकर अपनी बेटी की पहचान कर ली. दरअसल, दिव्या ने अपनी पीठ और हाथ पर टैटू बनवाया हुआ था. उसकी मां को उसके बारे में पता था. उस टैटू को देखते ही मां दहाड़े मारकर रोने लगी. उसके सामने उनकी बेटी की लाश पड़ी हुई थी, जिसकी 11 दिन से तलाश की जा रही थी. शव की शिनाख्त होते ही पुलिस ने उसे फतेहाबाद के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया. इसके बाद उसे हिसार स्थित अग्रोहा मेडिकल कॉलेज पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. इस केस में मृतिका का पोस्टमार्टम रिपोर्ट बहुत अहम है. क्योंकि मॉडल की मौत का सही कारण अभी पता नहीं चल सका है, जो कि रिपोर्ट में सामने आ सकता है.

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अभिजीत को हथियार मुहैया कराने वाला गिरफ्तार 

इस मर्डर केस में रोहतक के रहने वाले प्रदेश नामक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि उसने अभिजीत सिंह को हथियार मुहैया करवाया था. पुलिस ने अभिजीत के ठिकाने से 2 अवैध पिस्टल और 40 जिंदा कारतूस बरामद किया था. बताया जा रहा है कि वो हथियार रखने का शौकीन रहा है. प्रदेश हत्यारोपी अभिजीत का बेदद करीबी है. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने 3 तमंचे बरामद किए हैं. हालांकि, दिव्या मर्डर केस में इस्तेमाल किया गया हथियार अभी तक बरामद नहीं हो सका है. इस केस में अभिजीत, हेमराज, ओम प्रकाश, मेघा, बलराज गिल के बाद प्रदेश की छठी गिरफ्तारी है. वैसे इस केस में बलराज के सहयोगी रहे रवि की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता होगी. 

मॉडल का मर्डर और सात किरदारों की भूमिका

अपकमिंग मॉडल दिव्या पाहुजा मर्डर केस में सात किरदारों की अहम भूमिका सामने आई है. सबसे प्रमुख नाम गुरुग्राम के होटल मालिक अभिजीत सिंह का है. आरोप है कि 2 जनवरी की रात उसने दिव्या को गोली मारी थी. उसका कहना है कि मॉडल के पास उसकी कुछ अश्लील तस्वीरें थी, जिसके जरिए वो उसे ब्लैकमेल कर रही थी. उससे हर वक्त पैसे मांगा करती थी. नए साल का जश्न मनाने के नाम पर उसने दिव्या को मिलने के लिए बुलाया था. इसके बाद उसे लेकर होटल गया. वहां उसे अपनी तस्वीरें डिलीट करने के लिए कहा, लेकिन दिव्या नहीं मानी. इसके बाद नशे धुत्त अभिजीत ने गुस्से में आकर उसे गोली मार दी. इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए होटल के दो कर्मचारियों की मदद ली.

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यह भी पढ़ें: पीठ पर बने इस निशान से हुई दिव्या पाहुजा के शव की पहचान, पोस्टमार्टम के लिए हिसार भेजा गया 

नशे में धुत्त अभिजीत ने गुस्से में मारी गोली

उसके होटल में काम करने वाले हेमराज और ओम प्रकाश ने उसके कहने पर दिव्या का शव एक चद्दर में लपेटा और उसे लेकर बीएमडब्ल्यू कार की डिग्गी में डाल दिया. इसके बाद अभिजीत ने अपने दो गुर्गों बलराज गिल और रवि बंगा को कॉल किया. दोनों आए और कार को लेकर पंजाब के पटियाला चले गए. वहां भाखड़ नहर में शव को फेंक कर फरार हो गए. इधर, 3 जनवरी को दिव्या की बहन उसके घर नहीं आने के बाद परेशान हो गई. उसे पता था कि वो अभिजीत के साथ गई है. उसने अपनी बहन का मोबाइल बंद होने के कारण अभिजीत को कॉल किया. वो फोन पर इधर उधर की बातें करने लगा. उसने कहा कि 2 जनवरी की रात 11.30 तक वो अपने घर जाने के लिए निकल गई थी.

गर्लफ्रेंड के साथ अभिजीत ने सबूत मिटाया

इस बीच अभिजीत सिंह ने अपनी गर्लफ्रेंड मेघा को कॉल करके होटल बुलाया. दोनों मिलकर वारदात से जुड़े सबूत मिटा डाले. इसके बाद मुख्य आरोपी दिल्ली के साउथ एक्स स्थित अपने घर चला गया. दिव्या के मोबाइल लोकेशन को ट्रैक करते हुए उसकी बहन भी उसके घर पहुंच गई. दरअसल, मुंबई में हुए गैंगस्टर संदीप गाड़ौली के एनकाउंटर के बाद दिव्या पाहुजा को जेल हो गई थी. 25 जुलाई 2023 को उसे जमानत पर रिहा किया गया था. इसके बाद से ही उसकी जान को खतरा था. इस वजह से वो अपनी बहन और मां से लाइव लोकेशन के जरिए जुड़ी रहती थी. 2 जनवरी की दोपहर 12 बजे दिव्या की अपने परिजनों से आखिरी बार बात हुई थी. इसके बाद से उसका मोबाइल फोन बंद हो गया था.

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ऐसे अभिजीत के घर पहुंची दिव्या की बहन

3 जनवरी की शाम 7.30 बजे दिव्या की बहन अभिजीत सिंह के घर पहुंची. वहां बलराज गिल भी मौजूद था. उनसे बातचीत के बाद बहन गुरुग्राम के होटल द सिटी प्वाइंट पहुंची. वहां होटल स्टाफ से दिव्या पाहुजा के बारे में पूछताछ की, लेकिन किसी ने सच नहीं बताया. उसने होटल के मैनेजर अनूप से सीसीटीवी दिखाने के लिए कहा, तो उसने इंकार कर दिया. इसी बीच अभिजीत भी वहां पहुंच गया. उसने उसे वहां से चले जाने की धमकी दी. इसके बाद वो अपनी मां को लेकर गुरुग्राम के सेक्टर 14 थाने पहुंची. लेकिन पुलिस ने अगले दिन सुबह आने के लिए कह जाने के लिए कह दिया. दिव्या की बहन की माने तो पुलिस ने यदि वक्त रहते मदद की होती तो शव होटल से ही बरामद हो सकता था. 

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