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Divya Pahuja Murder: होटल के रूम नंबर 111 में छिपाई थी दिव्या पाहुजा की लाश, 114 को सर्च कर लौट गई पुलिस, फिर BMW में रख...

Divya Pahuja Murder Case Update: मॉडल दिव्या पाहुजा हत्या मामले में पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है. गुरुग्राम पुलिस को The City Point Hotel के कमरा नंबर 114 में दिव्या की हत्या की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने होटल के सिर्फ उसी कमरे को खंगाला और झूठी खबर मानकर थाने लौट गई. बस यही वक्त हत्यारोपी अभिजीत सिंह के लिए अहम था. अभिजीत ने दिव्या के शव को हेमराज और ओमप्रकाश के साथ मिलकर चादर और कंबल में लपेट बीएमडब्लयू की गाड़ी में रखवा दिया.

दिव्या पाहुजा हत्या मामले में सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यशैली. दिव्या पाहुजा हत्या मामले में सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यशैली.
नीरज वशिष्ठ
  • गुरुग्राम ,
  • 05 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST

Divya Pahuja Murder:  अगर सही से होटल और सीसीटीवी किया होता चेक तो मॉडल दिव्या पाहुजा की लाश और हत्या में प्रयुक्त हथियार मौके से बरामद हो जाता. ऐसा हम नहीं बल्कि, गुरुग्राम के डीसीपी क्राइम खुद कहने में लगे हैं. आखिर कैसे हत्या की सूचना के बाद पुलिस की ईवीआर मौके पर पहुंची और होटल के कमरा नंबर 114 को चेक किया और लौट गई.

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डीसीपी क्राइम विजय प्रताप सिंह की मानें तो दिव्या पाहुजा की बहन नैना पाहुजा ने पुलिस को फोन किया था. बताया कि दिव्या ने आखिरी बातचीत में The City Point Hotel का जिक्र किया था और जब वह बहन को तलाशने होटल में गई तो उसे किसी कमरे में जाने नहीं दिया जा रहा और न ही सीसीटीवी कैमरे दिखाए जा रहे हैं. 

इसके बाद रात तकरीबन डेढ़ बजे सेक्टर-14 पुलिस थाने की पुलिस दल बल के साथ मौके पर पहुंची. कमरा नंबर-114 और तमाम कमरों को चेक किया. इसके बाद जब सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए तो गुरुग्राम पुलिस के होश भी फ़ाख्ता हो गए. हालांकि, तब तक हत्यारोपी अभिजीत सिंह दिव्या के शव को होटल के गलियारों से घसीटते हुए बीएमडब्लयू गाड़ी में रख ठिकाने लगाने के लिए गाड़ी की चाबी बलराज और रवि बांगा के हवाले कर चुका था. 

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डीसीपी क्राइम विजय प्रताप सिंह की मानें तो चूंकि अभिजीत सिंह होटल का मालिक था. लिहाजा, कमरा नंबर 114 उसके लिए बुक रहता था. लेकिन 2 जनवरी की सुबह अभिजीत और दिव्या के साथ एक अन्य शख्स भी शामिल था. लिहाजा अभिजीत और दिव्या 111 नंबर में रुके, तो वहीं दूसरा अनाम व्यक्ति 114 नंबर में रुका था. हालांकि, इस अनाम शख्स के बारे में गुरुग्राम पुलिस भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है.  

पुलिस को दी 114 नंबर की सूचना 

पुलिस अफसर की मानें तो हत्यारोपी अभिजीत सिंह ने 2 जनवरी की शाम 5 बजे उसने सिर के बीचो-बीच गोली मार दिव्या पाहुजा की हत्या कर दी थी. फिर नशे की हालत में अभिजीत रिसेप्शन पर पहुंचा और वहां मौजूद अनूप को कहा कि पुलिस को फोन करके कहो कि युवती की लाश 114 नंबर रूम में पड़ी है. मामले की सूचना अनूप ने पुलिस को दी.

पुलिस की ईवीआर मौके पर पहुंची भी. लेकिन बस 114 नंबर को चेक किया और औपचारिकता कर लौट गई. अगर पुलिस ने अनूप से सही से पूछताछ की होती और सीसीटीवी कैमरे चेक किए होते तो दिव्या पाहुजा के हत्यारोपी और शव को कमरे से बरामद किया जा सकता था.

शव को ठिकाने लगाने के लिए सौंपे 10 लाख रुपए  

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नशे में धुत हत्यारोपी अभिजीत सिंह ने हत्या के फौरन बाद शव को ठिकाने लगाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया. अभिजीत ने दिल्ली के साउथएक्स से अपने खासमखास पंजाब (मोहाली) के रहने वाले बलराज गिल और हिसार के रहने वाले रवि बांगा को गुरुग्राम बुलाया और अपनी BMW कार की चाबी सौंप दिव्या के शव को ठिकाने लगाने के लिए 10 लाख रुपए दिए. बलराज और रवि BMW में शव रखकर मौके से फरार हो गए.

पेट्रोल से साफ करवाए खून के धब्बे

डीसीपी क्राइम की मानें तो हत्यारोपी अभिजीत ने शव को ठिकाने लगाने के बाद पेट्रोल से होटल के कमरे और गलियारों में लगे खून के धब्बों को साफ भी करवाया. एफएसएल टीम ने पेट्रोल की गंध वाला पोछा और अन्य संदिग्ध सामान होटल के स्टोर रूम से बरामद भी किया है.
 
25 जुलाई को जमानत मिली और गैंगस्टर के कहने से अभिजीत से मिली
 

डीसीपी क्राइम विजय प्रताप सिंह के मुताबिक, हत्यारोपी अभिजीत सिंह ने पुलिसिया पूछताछ में खुलासा किया कि दिव्या ज़मानत पर बाहर आने के बाद अभिजीत से मिली और उसी ने मुंबई की जेल में बंद गैंगस्टर बिन्दर गुर्जर से उसकी बात करवाई थी. दिव्या पाहुजा और अभिजीत सिंह 3 महीनों से संपर्क में थे और लिव-इन पार्टनर के तौर पर रहने लगे थे.

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अश्लील वीडियो से ब्लैकमेलिंग

इसी दौरान दिव्या ने अभिजीत की अश्लील वीडियो मोबाइल कैमरों में कैद कर लीं और ब्लैकमेल करने लगी. इसी से तंग आकर अभिजीत ने दिव्या पाहुजा की गोली मार हत्या कर दी.

BMW की डिग्गी खुलने का इंतजार

वहीं, डीसीपी की मानें तो शव को ठिकान लगाने में इस्तेामल बीएमडब्लयू गाड़ी को पंजाब पटियाला बस अड्डे से बरामद किया गया है. जिसकी डिग्गी खुलवाने के प्रयास जारी हैं. 
 
नशे और अय्याशी का शौकीन है अभिजीत 

हत्यारोपी अभिजीत सिंह ने इंजीनियरिंग की है. किसी बड़ी कंपनी में बड़े ओहदे पर काम भी कर चुका है. लेकिन नशे के आदी हो जाने के कारण बस नशा और अय्याशी का शौकीन है. 

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