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जिंदा है या मर चुका है ISIS का सरगना बगदादी? पांच बार आ चुकी है मौत की खबर

दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के सरगना अबु बकर अल-बगदादी को इराकी सेनाओं ने घेर लिया है. उसे कभी भी पकड़ा जा सकता है. लेकिन अहम बात ये है कि कई बार मौत की खबर और जहर दिए जाने की खबरों के बीच बगदादी जिंदा है या मर चुका है.

आईएसआईएस का सरगना बगदादी आईएसआईएस का सरगना बगदादी
मुकेश कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 8:06 PM IST

दुनिया के सबसे खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के सरगना अबु बकर अल-बगदादी को इराकी सेनाओं ने घेर लिया है. उसे कभी भी पकड़ा जा सकता है. लेकिन अहम बात ये है कि कई बार मौत की खबर और जहर दिए जाने की खबरों के बीच बगदादी जिंदा है या मर चुका है.

इससे पहले उसके खाने में जहर मिलाने के बाद उसकी हालत गंभीर हो गई थी. उसे एक अज्ञात स्थान पर रखकर उसका इलाज किया जा रहा था. इस घटना के बाद से आईएसआईएस के आतंकी बौखलाए हुए थे. जहर मिलाने वालों की सरगरमी से तलाश कर रहे थे.

यह कोई पहली बार नहीं है कि जब बगदादी से जुड़ी इस तरह की सनसनीखेज खबर सामने आई हो. इससे पहले भी करीब चार बार उसके मरने की खबर आ चुकी है. हाल ही में 9 जून 2016 को खबर आई कि कारों के एक काफिले में छुप कर सीरिया से रक्का जाते समय बगदादी पर बम गिरा दिया गया और उसकी मौत हो गई.

जानिए, कब-कब आई बगदादी की मौत खबर

पहली मौत: 6 सितंबर 2014
यही वो तारीख थी जब बगदादी की पहली मौत हुई थी. ये वो वक्त था जब एक ब्रिटिश पत्रकार का गला काटने की तस्वीरें कैमरे पर रिकार्ड कर बगदादी ने पूरी दुनिया को दिखाया था. तब पहली बार आईएसआईएस का ज़ालिम चेहरा ज़माने ने देखा था. इसी के बाद एक हवाई हमले में बगदादी के पहले घायल होने और फिर मरे जाने की खबर आई, लेकिन इस खबर के सामने आने के करीब महीने भर बाद 13 नवंबर 2014 को बगदादी का ऑडियो सामने आ गया और उसने खुद की मौत को झुठला दिया.

दूसरी मौत: 27 अप्रैल 2015
पहली मौत के करीब छह महीने बाद बगदादी की दूसरी मौत की खबर सीरिया के गोलन हाइट्स इलाके से आई. इस बार भी बगदादी के पहले गठजोड़ सेना के हवाई हमले में घायल होने की खबर आई. फिर रेडियो ईरान ने दावा किया कि 27 अप्रैल को सीरिया के गोलन हाइट्स इलाके में एक इजरायली अस्पताल में बगदादी की मौत हो गई. दो इराकी न्यूज़ एजेंसियों अलग़ाद प्रेस औऱ अल-युम अल-तामेन का भी यही दावा था, लेकिन करीब तीन महीने बाद जुलाई 2015 में बगदादी के ज़िंदा होने का सबूत फिर से सामने आ गया.

तीसरी मौत: 12 अक्टूबर 2015
खबर आई कि अमेरिका की अगुवाई में आईएसआईएस के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली सेना के हवाई हमले में बगदादी बुरी तरह जख्मी हो गया. दावा किया गया कि हमले के वक्त बगदादी अपने कुछ साथियों के साथ इराक और सीरिया बॉर्डर के नजदीक एक गुमनाम ठिकाने पर जा रहा था. आईएसआईएस के एक काफिले पर हुए इस हवाई हमले में बगदादी जहां जख्मी हुआ था, वहीं उसके तीन साथी मारे गए थे, लेकिन महीने भर के अंदर बगदादी की इस तीसरी मौत की खबर भी झूठी निकली.

चौथी मौत: 9 जून 2016
9 जून 2016 की शाम को अमेरिका की अगुआई वाली गठजोड़ सेना को खबर मिलती है कि आईएसआईएस का सरगना अबू बकर अल बगदादी कुछ दूसरे बड़े कमांडरों के साथ कारों के एक काफिले में छुप कर सीरिया से रक्का जा रहा है. खबर मिलते ही गठजोड़ सेना फौरन अलर्ट हो जाती है. सैटेलाइट की मदद से रक्का की तस्वीरें हासिल की जाती हैं और फिर मुखबिर की खबर की तस्दीक होते ही ठीक उस जगह पर आसमान से बम गिराया जाता है, जहां से बगदादी की कारों का काफिला गुजरने की बात कही गई थी.

कौन है अबु बकर अल-बगदादी
बगदादी आतंकी संगठन आईएसआईएस का चीफ है. वो अबु मुसाब अल-जरकावी की मौत के बाद संगठन का चीफ बना. 29 जून, 2014 को बगदादी ने इराक और सीरिया के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा कर इस्लामिक स्टेट का एलान करते हुए खुद को मुसलमानों का खलीफा बताया. इसकी पहचान संगठन में बैटल फील्ड कमांडर और टेक्नीशियन के रूप में है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि युवा आतंकी बगदादी से खासे प्रभावित हैं. बगदादी इस्लामिक स्टडीज में पीएचडी है. वह चार साल इराक के बुक्का में यूएस प्रिजन कैम्प में भी रह चुका है.

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