
सिर पर हैट. आंखों पर चश्मा. चमकदार कोट. चारों तरफ पुलिसवालों का पहरा. जीते जी जरायम की दुनिया में राज करने वाला गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एक बार फिर सुर्खियों में है. उसके एनकाउंटर मामले में जोधपुर कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी है. इतना ही नहीं कोर्ट ने एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत केस चलाने का हुक्म दे दिया है. इस तरह राजस्थान के इस कुख्यात गैंगस्टर का नाम चर्चा में आ गया है. उसकी कहानी जितनी खौफनाक है, उतनी दिलचस्प भी है.
गैंगस्टर आनंदपाल सिंह राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के एक सांवराद गांव में पैदा हुआ था. वो बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार था. उसके पिता का सपना था कि वो पढ़-लिखकर एक टीचर बने. यही वजह है कि उसने ग्रेजुएशन करने के बाद बीएड की ट्रेनिंग भी ली, लेकिन इसी बीच उसका मन सियासत में रमने लगा. साल 2000 में राजस्थान में जिला पंचायत के चुनाव होने वाले थे. आनंदपाल ने भी पंचायत का चुनाव लड़ा और जीत भी गया. लेकिन पंचायत समिति के प्रधान के चुनाव में वो हार गया था.
जरायम की दुनिया में ऐसे आया आनंदपाल
कांग्रेसी नेता हरजी राम बुरड़क के बेटे जगनाथ बुरड़क ने महज दो वोटों से आनंदपाल को हरा दिया. ये बात उसे रास नहीं आई. उसे बहुत गुस्सा आया. गुस्से ने उसके मन में इंतकाम का जहर बो दिया. इंतकाम की आग ने उसे जरायम की दुनिया में धकेल दिया. साल 2006 में उसने डीडवाना में जीवनराम गोदारा नामक शख्स की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी. इस हत्याकांड ने उसे पूरे राजस्थान में कुख्यात कर दिया. उसने धीरे-धीरे शराब के काले कारोबार में हाथ आजमाना शुरू किया और जल्द ही बहुत बड़ा तस्कर बन गया.
100 से अधिक बदमाशों का गैंग चलाता था
आनंदपाल सिंह के खिलाफ लूट, डकैती, गैंगवार, हत्या और हत्या के प्रयास सहित 24 से ज्यादा मामले दर्ज थे. उसे आठ मामलों में कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था. सीकर के गोपाल फोगावट हत्याकांड को भी उसने ही अंजाम दिया था. साल 2011 में सुजानगढ़ में भोजलाई चौराहे पर सरेआम फायरिंग की थी, जिसमें 3 लोग जख्मी हुए थे. उसके गैंग में 100 से ज्यादा बदमाश शामिल थे, जो उसके एक इशारे पर कुछ भी करने के लिए तैयार रहते थे. राजस्थान के कई नेताओं और अफसरों को उससे खतरा था.
पुलिस उसके सिर रखा था 5 लाख का इनाम
आनंदपाल सिंह के गैंग ने नानूराम नामक एक शख्स की बेरहमी से हत्या की थी. उसके शव को एसिड डालकर जला दिया था. इस हत्याकांड के बाद वो फरार हो गया. उसकी फरारी के 6 साल बाद साल 2012 में पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया था. लेकिन साल 2015 में डीडवाना कोर्ट से पेशी से लौटते समय वो पुलिस के चंगुल से भाग निकला. पुलिस उसके सिर पर 5 लाख का इनाम रखा था. उस पर दबाव बनाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने उसकी करीब 150 करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्तियां कुर्क कर ली थी.
खलनायक के किले की तरह था फार्म हाउस
तलाशी अभियान के दौरान पुलिस ने आनंदपाल सिंह का एक ऐसा किला खोज निकाला था, जो किसी फिल्मी खलनायक के किले से कम नहीं था. सुनसान खेतों के बीच बने एक फार्महाउस को उसने किले का रूप दे रखा था. यहां दुश्मनों से लोहा लेने के लिए बंकर बने हुए थे. अंदर से बाहर की तरफ गोली चलाने के लिए दीवारों में छेद भी बनाए गए थे. करीब 9 बीघे जमीन पर बने इस किले के अंदर जाने के बाद पुलिस अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए थे. यहां तहखाने के भीतर एक ओर तहखाना मिला, जिसे पिंजरा रखा था.
लोहे के पिंजरे में लोगों को करता था प्रताड़ित
संभवतः आनंदपाल सिंह अपने दुश्मनों को प्रताड़ित करने के लिए इसी पिंजरे में कैद किया करता था. वो ज्यादातर जमीनों पर अवैध कब्जा करवाता था और जबरन लोगों की जमीनें खरीद लेता था. विरोध करने पर उन्हें इसी किले में यातनाएं दी जाती थी. फरारी के दौरान वो अपनी प्रेमिका लेडी डॉन अनुराधा चौधरी के साथ यहां रहा था. बताया जाता है कि यह फार्महाउस सीता देवी नामक एक दलित महिला के नाम पर था. लेकिन पुलिस ने जब उनसे पूछताछ की तो उसने इसकी जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया था.
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आनंदपाल और अनुराधा चौधरी की प्रेम कहानी
गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की प्रेम कहानी भी खूब चर्चित रही है. लेडी डॉन अनुराधा चौधरी उसकी प्रेमिका रह चुकी है. जींस पैंट के साथ टी शर्ट और शर्ट में रहने वाली लंबी कद-काठी की अनुराधा जयपुर की रहने वाली है. वो अजमेर के सोफिया स्कूल की पढ़ी लिखी है और फर्राटे से अंग्रेजी बोलती है. लेकिन जल्दी पैसा कमाने और अय्याशी भरी जिंदगी की चाह ने उसको अपराध की दुनिया में खींच लाया. वो आनंदपाल के गैंग में शामिल हो गई. धीरे-धीरे उसके करीब आई और देखते-देखते गैंग में नंबर दो बन गई. साल 2012 में आनंदपाल के जेल जाने के बाद उसने पूरे गैंग की कमान संभाल ली थी. फिलहाल अनुराधा ने गैंगस्टर काला जठेड़ी से शादी कर ली है.
ऐसे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया आनंदपाल
साल 2017 में भारी दबाव के बीच राजस्थान के सालासर में पुलिस ने एनकाउंटर के दौरान गैंगस्टर आनंदपाल सिंह को मार गिराया था. इस एनकाउंटर के दौरान आनंदपाल और उसके दो साथियों ने एके-47 से पुलिस पर करीब 100 राउंड फायर किए थे. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आनंदपाल को 6 गोलियां लगी थीं. दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. दरअसल, एसओजी ने आनंदपाल के दो भाइयों देवेंद्र उर्फ गुट्टू और विक्की को हरियाणा के सिरसा से गिरफ्तार किया था. उनसे पूछताछ में पता चला कि आनंदपाल सालासर में है.
आनंदपाल के एनकाउंटर पर खड़े हुए सवाल
आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद उसके परिजनों ने सवाल खड़े किए थे. उन्होंने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कहा था कि उसको हरियाणा से पकड़कर लाया गया और चुरु में मार दिया गया. उसके वकील ने कहा था कि पुलिस की पूरी कहानी में कई ऐसे झोल हैं, जिस पर लोगों को भरोसा नहीं है. बताया गया कि उसके लोकेशन के बारे में उसके भाईयों तक को पता नहीं होता था, तो पकड़ा कैसे गया. आनंदपाल के पास 400 कारतूस बचे थे और वो एके-47 से गोलियां बरसा रहा था, तो फिर भी पुलिस ने उसके पास जाकर पीठ में कैसे गोली मार दी.
आनंदपाल सिंह के भाइयों ने बताई लोकेशन
इस एनकाउंटर में घायल सभी पुलिसकर्मी राजपूत थे. परिजनों ने आरोप लगाया कि ऐसे कैसे हो गया. तर्क दिया गया कि चूंकि राजपूतों की सहानुभूति आनंदपाल के साथ थी, इसलिए घायल पुलिसकर्मियों को राजपूत की तरह पेश किया गया. वकील ने ये भी कहा था कि आनंदपाल सरेंडर करना चाहता था, लेकिन पुलिस ने उसे धोखे से मार दिया. उसके एनकाउंटर से पहले उसके दोनों भाई पकड़े गए थे. पुलिस ने दोनों के एनकाउंटर करने की धमकी दी. इस पर विक्की तो कुछ नहीं बोला, लेकिन गट्टू डर गया. उसने आनंदपाल का लोकेशन बता दिया.