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गोवा मर्डर केस: बेटे की 'कातिल' सूचना सेठ पर यूं कसेगा पुलिस का शिकंजा, इस टेस्ट से उजागर होगा सच

Goa Murder Case: गोवा में चार साल के मासूम बेटे के कत्ल के जुर्म में गिरफ्तार माइंडफुल एआई लैब कंपनी की फाउंडर और सीईओ सूचना सेठ पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने खास प्लान बनाया है. इसके तहत सबसे पहले उसका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, जिससे कि मृतक बच्चे के साथ उसका संबंध प्रमाणित किया जा सके. हत्यारोपी मां की पुलिस कस्टडी 5 दिन के लिए बढ़ा दी गई है.

गोवा में हत्यारोपी मां को पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया. गोवा में हत्यारोपी मां को पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया.
aajtak.in
  • पणजी,
  • 15 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:33 PM IST

अपने चार साल के बेटे की हत्या के आरोपी में गिरफ्तार हुई स्टार्टअप कंपनी माइंडफुल एआई लैब की फाउंडर और सीईओ सूचना सेठ की पुलिस कस्टडी पांच दिन के लिए बढ़ा दी गई है. 15 जनवरी को उसकी छह दिवसीय पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद उसे गोवा के मापुसा चाइल्ड कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट में जज के सामने गोवा पुलिस ने आरोप लगाया कि हत्यारोपी मां जांच में सहयोग नहीं कर रही है. उसके द्वारा किए गए अपराध का मकसद अभी तक पता नहीं चल पाया है. इसके साथ ही उसके पति वेंकट रमन के बयान के साथ उसका सामना कराने की जरूरत है. ऐसे में पुलिस को समय चाहिए. इसलिए उसकी पुलिस हिरासत बढ़ाने की मांग की गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.
 
गोवा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कोर्ट में बताया कि सूचना सेठ जांच में पूरी तरह से असहयोग कर रही है. वो इस बात से लगातार इनकार कर रही है कि उसने अपने बेटे की हत्या की है. उन्होंने कहा, "हत्या की आरोपी सूचना अपने बेटे की लाश बैग में ले जाने और खुदकुशी की कोशिश सहित कई बातों की पुष्टि कर रही है, लेकिन उसने यह मानने से इनकार कर दिया कि उसने अपने बच्चे की हत्या की है. वो बार-बार यह दावा कर रही है कि उसके बच्चे की मौत के लिए उसका पति वेंकट रमन जिम्मेदार है. हमने उसकी हिरासत बढ़ाने की मांग की थी, क्योंकि हम उससे पूछताछ के लिए समय चाहते है. हमें अभी तक हत्या के पीछे के मकसद का पता नहीं चल पाया है. आरोपी का डीएनए टेस्ट भी होगा."

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पुलिस ने कोर्ट में बताया है कि सूचना सेठ और मृतक बच्चे के डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, ताकि उन दोनों के बीच के संबंध को स्थापित किया जा सके. इसके लिए आरोपी के डीएनए सैंपल एकत्र करने की जरूरत है. यह एक जरूरी प्रक्रिया का हिस्सा है. पुलिस अधिकारी ने कहा, "सूचना सेठ के पति वेंकट रमन के बयान की रिकॉर्डिंग पूरी हो गई है. जांच अधिकारी उनके साथ इस बयान की दोबारा जांच करना चाहते हैं. इसके लिए पुलिस हिरासत के विस्तार की आवश्यकता थी." गौरतलब है कि बीते शनिवार को गोवा के कलंगुट पुलिस स्टेशन में सूचना और वेंकट का आमना-सामना कराया गया था. इस दौरान दोनों को एक-दूसरे के सामने बैठाकर पूछताछ की गई थी. दोनों के बीच बहुत बहस हुई थी.

वेंकट ने पूछा- बेटे को क्यों मारा?, सूचना ने किया कत्ल से इंकार

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वेंकट रमन और एआई एक्सपर्ट सूचना सेठ पहले एक-दूसरे के सामने नहीं आना चाह रहे थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें जबरन आमने-सामने बैठाकर पूछताछ किया. इस दौरान वेंकट बार-बार सूचना को उनके बेटे का कातिल बोलते रहे, लेकिन उसने हर बार इस आरोप से इंकार किया. इतना ही नहीं इस घटना के लिए पति को ही जिम्मेदार ठहरा दिया. हत्यारोपी पत्नी को देखते ही गुस्से में चिल्लाते हुए वेंकट रमन बोले, ''तुमने मेरे बेटे को क्यों मारा? बदला ही लेना था, तो मेरे से ले लेती, मेरे बच्चे की हत्या क्यों कर दी?'' इस पर उसने कहा, ''मैंने उसे नहीं मारा है. मेरे पर आरोप मत लगाओ.'' वेंकट ने पूछा, ''उसकी मौत कैसे हुई फिर? तुमने उसकी हत्या की है. तुमने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी.'' इसके बाद सूचना ने कहा, ''मुझे कैसे पता कि उसे किसने मारा? मैंने ऐसा नहीं किया है. तुमने खुद मेरी जिंदगी बर्बाद की है. ये सबकुछ तुम्हारी वजह से हुआ है.''

वेंकट के वकील ने कहा- मेरे मुवक्किल की दुनिया उजड़ चुकी है! 

कलंगुट पुलिस स्टेशन में सूचना और वेंकट करीब चार घंटे तक बैठे रहे. इस दौरान पुलिस ने उनके रिश्ते और तलाक की कार्यवाही के बारे में पूछा, जो 6 महीने पहले शुरू हुआ था. वेंकट अपने वकील के साथ बयान दर्ज कराने पहुंचे थे. उनके वकील अजहर मीर ने उनके बीच हुई बहस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल के लिए यह पूछना "अर्थहीन" था कि उनके बेटे को "क्यों" मारा गया. उन्होंने कहा कि वेंकट को ''क्यों'' में कोई दिलचस्पी नहीं है. उनका मासूम बेटा तो इस दुनिया से चला गया है. उनकी पत्नी ने ऐसा क्यों किया, इससे अब कोई फर्क नहीं पड़ता. शायद वह नहीं चाहती थीं कि उनका बेटा अपने पिता से मिले या उनके बीच अच्छे संबंध बनें. उन्होंने कहा था, ''कोर्ट ने उनके मुवक्किल के पक्ष में लगातार आदेश दिए. बेटे से फोन और वीडियो कॉल पर बात करने की अनुमति दी. इसके बाद हर रविवार मिलने की इजाजत दी थी.'' 

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इनोवा कार के ड्राइवर की जुबानी, दिल दहला देने वाली कहानी

गोवा के 'द सोल बनयान ग्रैंडे' होटल से 7 जनवरी की 12.30 बजे जिस इनोवा कार में सूचना सेठ अपने बेटे की लाश को बैग में रखकर बेंगलुरु के लिए निकली थी, उस कार के ड्राइवर रॉयजॉन डिसूजा ने दिल दहला देने वाली कहानी बताई है. 7 जनवरी को रॉयजॉन डिसूजा नॉर्थ गोवा के अंजुणा इलाके में अपने घर पर मौजूद था. उस रात करीब 11 बजे उसे होटल सोल बनयान ग्रैंडे के रिसेप्शन से कॉल आया. उससे बेंगलुरु जाने के लिए पूछा गया. उसने वापसी का किराया जोड़कर 30 हजार रुपए की मांग की, जिसके बाद सौदा तय हो गया. उसने अपने साथ एक दूसरे ड्राइवर को लिया और होटल पहुंच गया. वहां एक महिला मिली, जिसके पास लाल रंग का एक बड़ा सा ट्रॉली बैग था. 

वो महिला 'द माइंडफुल एआई लैब' की सीईओ सूचना सेठ थी. होटल के रिसेप्शन पर बैठे शख्स ने सूचना सेठ को कैब ड्राइवर से मिलवाया. सूचना सफर के लिए तैयार थी. उसने ट्रॉली बैग डिसूजा को थमा दिया. डिसूज़ा ट्रॉली बैग लेकर होटल के गेट पर ही पोर्च में खड़ी गाड़ी तक गया. इसके बाद उसने कार की डिग्गी खोली और पहली बार बैग को हाथों से उठाकर डिग्गी में रखा. तभी उसे अहसास हुआ कि बैग कुछ ज्यादा ही भारी है, लेकिन इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा. सूचना सेठ ड्राइवर के पीछे वाली सीट पर बांयी तरफ बैठ गई, जबकि डिसूजा का साथी ड्राइवर आगे ड्राइवर की बराबर वाली सीट पर बैठ गया. इसके बाद इनोवा कार होटल से निकल पड़ी. उस समय घड़ी में रात के ठीक 12.30 बज रहे थे. 

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अगले डेढ़ घंटे तक गाड़ी दौड़ती रही. देर रात होने की वजह से ट्रैफिक उतना नहीं था, लेकिन हाईवे पर ट्रक काफी थे. डेढ़ घंटे बाद रात के करीब 2 बजे थे. गाड़ी गोवा-कर्नाटक बॉर्डर पर पहुंची. डिसूजा ने देखा कि हाईवे पर गाड़ियों की कतार लगी हुई है. पता चला कि एक ट्रक बीच सड़क पर पलट गया है, जिसकी वजह से ट्रैफिक रुक गया है. ड्राइवर को पता चला कि ट्रैफिक क्लियर होने में कम से कम चार से छह घंटे लग सकते हैं. उसने ये बात सूचना को बताई और कहा कि वो दूसरे रूट से उसे एयरपोर्ट ले जा सकता है. वहां से बेंगलुरु जल्दी पहुंच जाएगी. लेकिन उसने उसकी बात अनसुनी कर दी. उसे जाम खुलने तक इंतजार करने के लिए कहा, क्योंकि वो सड़क के रास्ते ही जाना चाहती थी.

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अगली सुबह के 11 बजे डिसूजा के मोबाइल की घंटी बजी. कॉल रिसीव करने पर पता चला कि कॉल कलंगुट पुलिस स्टेशन से है और फोन पर थाने का इंस्पेक्टर है. इंस्पेक्टर ने अपना परिचय देने के बाद डिसूजा से पूछा कि क्या वो लेडी पैसेंजर इस वक्त भी उसकी गाड़ी में है? क्या उसके साथ कोई बच्चा भी है? दोनों कोंकणी भाषा में बातें कर रहे थे, इसलिए सूचना को कुछ समझ नहीं आ रहा था. ड्राइवर ने बताया कि पैसेंजर कार में है, लेकिन उसके साथ कोई बच्चा नहीं है. तब इंस्पेक्टर ने कहा कि जिस होटल से उस पैसेंजर ने चेकआउट किया है, उस कमरे से खून के कुछ निशान मिले हैं. इसीलिए उस पर शक है. इसके बाद उसने डिसूजा से सूचना सेठ को फोन देने के लिए कहा था.

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डिसूजा के मुताबिक, करीब दो-तीन मिनट तक दोनों के बीच फोन पर बातचीत हुई. उसे बस इतना समझ आया कि उसने पुलिस वालों को गोवा का कोई एड्रेस बताया. इसके बाद फोन बंद हो गया. इस बातचीत के दौरान सूचना बिल्कुल शांत थी. उसके चेहरे पर घबराहट के कोई निशान नहीं थे. कुछ देर बाद फिर पुलिसवालों ने ड्राइवर को कॉल किया. इसके बाद उसे नजदीकी थाने में गाड़ी लगाकर बात कराने के लिए कहा. उसने वैसा ही किया. चित्रदुर्ग जिले के आईमंगला पुलिस स्टेशन में कार खड़ी कर दी. गोवा पुलिस ने आईमंगला थाने के प्रभारी से कार की जांच करने का अनुरोध किया. पुलिस ने जांच किया तो ट्राली बैग से बच्चे की लाश बरामद हो गई. इसके पुलिस ने सूचना को हिरासत में ले लिया.

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