
इसी महीने की चार तारीख थी. जब गोवा के एक विला में कारोबारी और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के चचेरे भाई नरोत्तम सिंह की हत्या कर दी गई. हाई प्रोफाइल मर्डर की इस वारदात के बाद पुलिस हरकत में आई और इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन अब तीसरी गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि ये तीनों आरोपी मिलकर नरोत्तम सिंह उर्फ निम्स ढिल्लों को सेक्सटॉर्शन के जरिए ब्लैकमेल करना चाहते थे. लेकिन ऐन वक्त पर उन तीनों की साजिश का पर्दाफाश हो गया और फिर उन्होंने नरोत्तम सिंह को मौत के घाट उतार दिया.
विला के मालिक की मौत
उस दिन रविवार था. सुबह के वक्त गोवा पुलिस को एक कॉल आती है. कॉल करने वाला बताता है कि यहां एक विला में एक शख्स की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है. मरने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद उस विला का मालिक है नरोत्तम सिंह ढिल्लों. 77 साल के नरोत्तम सिंह उर्फ निम्स ढिल्लों की गितनी इलाके के रइसों में होती थी, जो इस पिलेर-ने-मारा इलाके में सिर्फ एक नहीं बल्कि तीन-तीन आलीशान विलाज़ के मालिक थे. इनमें एक विला का इस्तेमाल तो वो खुद अपनी रिहायश के तौर पर करते थे, जबकि बाकी के दो विलाज़ को उन्होंने गेस्ट हाउस बना रखा था.
बिस्तर पर पड़ी थी लाश, जिस्म पर थे चोट के निशान
ढिल्लों की एक और भी पहचान थी, वो ये कि वो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के चचेरे भाई थे. अब एक इतने अमीर और प्रभावशाली कारोबारी की रहस्यमयी हालत में मौत की खबर अपने-आप में काफी गंभीर बात थी. लिहाज़ा गोवा की परवोरिम थाने की पुलिस आनन-फानन में ढिल्लों के विला में आ पहुंची. खबर सही थी. वहां वाकई विला के अंदर ढिल्लों की लाश उनके बिस्तर पर पड़ी थी. कपड़े अस्त-व्यस्त थे और लाश पर कुछ चोट के निशान भी मौजूद थे, जिन्हें देखने से साफ था कि ढिल्लों की मौत कोई सामान्य मौत नहीं है, बल्कि मौत से पहले उनके साथ मारपीट या ज्यादती की गई है.
ऐसा लगा रहा था कत्ल के पीछे मोटिव
और तो और जब पुलिस ने लाश को बारीकी से देखा तो पाया कि ढिल्लों का मोबाइल फोन और उनके सोने के जेवर भी गायब थे. ढिल्लों आम तौर पर कड़ा, सोने की चेन और अंगूठियां पहनते थे, लेकिन उनकी जान लेने वाले लोगों ने हत्या करने के साथ-साथ उनसे लूटपाट भी की थी. यानी पहली नजर में ढिल्लों का मामला लूटपाट के लिए क़त्ल का मामला लग रहा था. विला में पहुंची पुलिस, पुलिस के खोजी कुत्ते और फॉरेंसिक टीम ने अपने-अपने तौर पर क़ातिलों के बारे में सुराग़ इकट्ठा करने की कोशिश की. लेकिन इस शुरुआती कोशिश में सिवाय इस नतीजे पर पहुंचने के लिए क़त्ल के पीछे मोटिव लूटपाट का है, पुलिस ज्यादा कुछ पता नहीं लगा सकी.
विला में पार्टी करने पहुंचा था एक कपल
लेकिन इसी बीच विला की छानबीन करते-करते पुलिस की नजर एक सीसीटीवी फुटेज पर पड़ी, जो पास की एक दूसरी बिल्डिंग के कैमरे में कैद हुई थी. इस फुटेज के मुताबिक रात करीब साढ़े तीन बजे ढिल्लों के विला से एक कार रवाना हुई थी. पुलिस को ये भी पता चला कि एक नौजवान कपल 3 फरवरी की रात को उनके विला में पार्टी के लिए पहुंचा था. और ढिल्लों और उनके मेहमानों ने रात करीब 2 बजे डिनर लिया था. यानी क़त्ल से पहले वाली रात भी ढिल्लों कुछ लोगों को होस्ट कर रहे थे, उनकी मेहमानवाजी में लगे थे. जाहिर है ऐसे में पुलिस का शक उन मेहमानों पर ही जाकर टिका, जो ढिल्लों के विला में बीती रात पार्टी करने पहुंचे थे.
गेट से नहीं, खिड़की के रास्ते भागे संदिग्ध मेहमान
अभी पुलिस उनके बारे में कुछ जानकारी जुटाने की कोशिश कर ही रही थी, तब तक पुलिस को पता चला कि बीती रात उनके घर से निकलने वाले लोगों ने विला से बाहर जाने के लिए मेन गेट का नहीं, बल्कि एक खिड़की का सहारा लिया था. असल में सुबह विला के कर्मचारियों को वो खिड़की खुली हुई मिली, जबकि वो आम तौर पर बंद रहती है, जबकि मेन गेट बंद था. इस तरह अब तक की सारी तफ़्तीश ढिल्लों के अनजान मेहमानों पर टिक चुकी थी. लेकिन वो कहां से आए थे, कहां गए, उनकी पहचान क्या है, ये सब एक राज़ बना था.
किराए की कार लेकर भाग रहा था एक कपल
लेकिन लाश मिलने और ढिल्लों के क़त्ल की जांच करने से अलग गोवा के ही परवोरिम पुलिस स्टेशन में बीती रात यानी 3 फरवरी की रात को एक और शिकायत आई थी. ये शिकायत रेंट ए कार के तहत अपनी कार किराये पर देने वाले एक शख्स ने पुलिस से की थी. उसने पुलिस के कहा था कि कल एक रोज़ पहले एक कपल ने उससे एक कार किराये पर ली थी. 'रेंट ए कार' के तहत ग्राहक कार किराये पर लेकर उसे खुद ही चलाता है, लेकिन बस शर्त ये होती है कि वो कार लेकर स्टेट से यानी गोवा से बाहर नहीं जाएगा. लेकिन शिकायत करने वाले का कहना था कि कार लेकर जाने वाले लोग ना सिर्फ गोवा से बाहर मुंबई की तरफ जा रहे हैं, बल्कि वो अपना फोन भी नहीं उठा रहे हैं.
पारवोरिम थाना इलाके में हुए दोनों केस
इन दोनों मामलों में कुछ इत्तेफाक अजीब थे. अव्वल तो कार लेकर भागने वाला भी एक कपल था और ढिल्लों के कत्ल में भी कपल का हाथ होने का शक था, कार की चोरी भी तकरीबन उसी दौरान हुई थी, जिस दौरान ढिल्लों की हत्या हुई थी. और तो और दोनों ही मामले पारवोरिम थाना इलाके में हुए थे. ऐसे में अब गोवा पुलिस भी इन दोनों केसेज़ को एक दूसरे से जोड़ कर देखने लगी और उसने फौरन कार को ट्रैक करना शुरू किया. कार महाराष्ट्र के नवी मुंबई से मुंबई की तरफ बढ़ती जा रही थी.
सेक्सटॉर्शन गैंग से जुड़े थे कातिल
और फिर निम्स के कत्ल के मामले में गोवा पुलिस ने उस लड़का-लड़की की जोड़ी को हाथों-हाथ गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अब ढिल्लों के क़त्ल की जो कहानी सामने आई है, उसने गोवा पुलिस को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है. जी हां, ढिल्लों का क़त्ल सिर्फ लूटपाट के लिए नहीं हुआ, बल्कि उनका क़त्ल करने वाले लोग सेक्सटॉर्शन गैंग से जुड़े थे, जो ढिल्लों को जाल में फंसा कर उन्हें लूटना चाहते थे. लेकिन इससे पहले की साजिश पूरी होती, बीच में ही उनका भांडा फूट गया. और गैंग के बदमाशों को ना सिर्फ गोवा छोड़ना पड़ा, बल्कि जाते-जाते सबूत मिटाने के लिए उन्होंने सीधे एक बुजुर्ग कारोबारी का क़त्ल ही कर दिया.
मध्य प्रदेश से पकड़ा गया तीसरा आरोपी
गोवा के अपने विला में जब ढिल्लों की लाश बरामद हुई, तो मामले की जांच कर रही पुलिस को ये पता चला कि वारदात को अंजाम देने के बाद कातिल एक किराये की कार लेकर नवी मुंबई की तरफ भाग निकले हैं. जिसके बाद पुलिस ने नवी मुंबई पुलिस की मदद से लड़का लड़की की जोड़ी को तो गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन एक आरोपी अब तक फरार था, जिसे गोवा पुलिस ने अब मध्य प्रदेश के दतिया से गिरफ्तार किया है. और इसी के साथ एक हैरान करनेवाली कहानी सामने आई है.
साजिश नाकाम होने पर किया कत्ल
छानबीन में पता चला कि इस गैंग से जुड़ी लड़की नीटू राहुजा ने पहले नरोत्तम सिंह ढिल्लों से इंस्टाग्राम पर दोस्ती की थी. जिसके बाद ढिल्लों ने पूजा को गोवा में अपने विला पर बुला कर पार्टी करने की दावत दी. लेकिन पूजा वहां अकेली नहीं, बल्कि दो लड़कों के साथ पहुंची थी. एक अपने कथित ब्वॉयफ्रेंड जीतेंद्र साहू के साथ जबकि दूसरा एक और लड़का कुणाल खटिक था. पूजा ने जीतेंद्र साहू को तो ढिल्लों से मिलवाया और उसे अपने दोस्त बताया, लेकिन कुणाल खटीक अबतक छुपा हुआ था. 3 फरवरी की रात को पार्टी के बहाने तीनों ढिल्लों की अश्लील तस्वीरें और वीडियो शूट करना चाहते थे. कुछ इसी इरादे से कुणाल खटीक ढिल्लों के विला के बाथरूम में छुपा था, लेकिन अचानक वो पकड़ा गया. और जब तीनों को पोल खुलने का डर सताने लगा, तो उन्होंने मिल कर ढिल्लों की जान ले ली.
नवी मुंबई पुलिस ने ऐसे पकड़ी थी कार
अब ये भी जानने की कोशिश करते हैं कि 4 फरवरी की सुबह नरोत्तम सिंह उर्फ निम्स ढिल्लों के क़त्ल का खुलासा कैसे हुआ? असल में गोवा पुलिस ने ही नवी मुंबई पुलिस को उस कार की जानकारी दी थी, जिसे एक कपल लेकर भाग रहा था. पुलिस ने उसकी लोकेशन भी शेयर की थी. नवी मुंबई पुलिस ने कार को ट्रैक करना शुरू किया और आखिरकार उसे महाराष्ट्र के ही रायगढ़ जिले में मौजूद पेण इलाके से इंटरसेप्ट कर लिया.
ऐसे पकड़ में आई शातिर जोड़ी
गोवा पुलिस की शिकायत के मुताबिक कार में एक कपल मिला, जिसे पुलिस ने फौरन हिरासत में ले लिया. वैसे तो इस जोड़ी के साथ कार में एक और भी शख्स था, जो उनके साथ गोवा गया था, लेकिन वो भागने में कामयाब रहा. इसके बाद शुरू हुआ पूछताछ का सिलसिला. पुलिस दोनों से कार लेकर भागने की वजह जानने के साथ-साथ ढिल्लों के मर्डर के एंगल से भी पूछताछ कर रही थी. पहले तो दोनों ने क़त्ल वाली बात से इनकार किया, लेकिन जब उनकी तलाशी में ढिल्लों के पास से लूटे गए सोने के गहने बरामद हो गए, तो मामला साफ हो गया. पकड़ी गई जोड़ी की पहचान जितेंद्र साहू और उसकी फ्रेंड नीटू राहुजा के तौर पर हुई.
इंस्टाग्राम पर की थी निम्स से दोस्ती
लेकिन दोनों से पूछताछ के बाद जो कहानी सामने आई, उसने नवी मुंबई पुलिस से लेकर गोवा पुलिस तक का दिमाग़ घुमा दिया. पुलिस सूत्रों की मानें तो इस कत्ल के पीछे सिर्फ लूटपाट ही वजह नहीं थी, बल्कि धोखे और बदतमीजी की कहानी छुपी थी. कपल ने पुलिस को बताया कि गोवा के कारोबारी और होटेलियर एनएस ढिल्लों से उनकी मुलाकात सोशल मीडिया पर हुई थी. ढिल्लों ने उन्हें अपना परिचय देते हुए गोवा में पार्टी के लिए बुलाया. भोपाल की रहने वाली लड़का-लड़की की ये जोड़ी ढिल्लों के इनविटेशन पर गोवा उसके विला में पार्टी करने पहुंचे थे.
लड़की के साथ बदतमीजी
लेकिन दोनों की मानें तो 3 फरवरी की रात को पार्टी के बाद एनएस ढिल्लों अपनी मेहमान लड़की से बदतमीजी करने लगा. और जब उस कपल के इसका विरोध किया, तो ढिल्लों डराने-धमकाने पर उतर आया. और बस इसी के बाद गुस्से में उनकी ढिल्लों से लड़ाई हो गई और इसी लड़ाई के दौरान उनके हाथों ढिल्लों का क़त्ल हो गया.
फर्जी तो नहीं छेड़छाड़ वाली कहानी?
जाहिर है, एक सवाल ये भी था कि अगर उन्होंने वाकई गुस्से में आकर ही ढिल्लों की जान ली, तो फिर क़त्ल के बाद उन्होंने ढिल्लों के जेवर और मोबाइल फोन जैसी कीमती चीज़ें क्यों लूट लीं? फिलहाल पुलिस ये जानना चाहती है कि कहीं क़त्ल का मकसद लूटपाट ही तो नहीं था? कहीं ऐसा तो नहीं कि वो लूटपाट के अपने मकसद को छुपाने के लिए ढिल्लों के छेड़छाड़ वाली कहानी सुना रहे हैं? जाहिर है, अब गोवा पुलिस क़त्ल की आरोपी जोड़ी को हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी और तभी जाकर पूरी कहानी साफ हो सकेगी.