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GST घोटालाः विधायक का बेटा गिरफ्तार, 520 करोड़ रुपये के फर्जी बिल का मामला 

​जीएसटी घोटाले में महाराष्ट्र के एक विधायक के बेटे और सुनील हाईटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील गुट्टे को गिरफ्तार कर लिया गया है. सुनील के साथ उनके कारोबारी सहयोगी विजेंद्र रांका को भी गिरफ्तार किया गया है.

जीएसटी का फर्जीवाड़ा जीएसटी का फर्जीवाड़ा
ऐश्वर्या पालीवाल
  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST
  • सहयोगी विजेंद्र रांका भी गिरफ्तार, हो रही पूछताछ
  • मुख्य आरोपी गुट्टे का भाई गुजराती फिल्म डायरेक्टर
  • मृत किसानों के नाम पर लोन लेने का भी था केस

करीब 520 करोड़ रुपये के ​जीएसटी घोटाले में महाराष्ट्र के एक विधायक के बेटे और सुनील हाईटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील गुट्टे को गिरफ्तार कर लिया गया है. जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय (DGGI) मुंबई जोन की टीम ने इस जालसाजी के मामले में गुट्टे को गिरफ्तार कर लिया है. 

सुनील गुट्टे के पिता महाराष्ट्र में विधायक हैं. सुनील के साथ उनके कारोबारी सहयोगी विजेंद्र रांका को भी गिरफ्तार किया गया है. इन दोनों को घोटाले का सूत्रधार माना जा रहा है. गौरतलब है कि जीएसटी इंटेलीजेंस यूनिट देश भर में जीएसटी के फर्जीवाड़े का पता लगाने के लिए अभियान चला रही है. 

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क्या है घोटाला 

DGGI के सूत्रों के मुकाबले सुनील हाईटेक इंजीनियर्स ने फर्जी बिलों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया. इसके बदले किसी तरह की माल या सेवा की आपूर्ति नहीं की गई थी. इसके अलावा आरोपी कंपनी का टर्नओवर बढ़ाकर दिखाते थे. बैंकों से ज्यादा लोन या क्रेडिट लिमिट हासिल करते थे.  

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परिवार पर कई दाग 

इस घोटाले के मास्टरमाइंंड सुनील रत्नाकर गुट्टे के पिता रत्नाकर गुट्टे महाराष्ट्र में विधायक हैं. कंपनी सुनील हाईटेक में वह डायरेक्टर भी हैं. उसके भाई फिल्म डायरेक्टर हैं. इस डायरेक्टर भाई को भी अगस्त 2018 में फर्जी जीएसटी रिफंड हासिल करने के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. 

पिता पर भी मामला 

सुनील के पिता रत्नाकर एक चीनी मिल के मालिक हैं. उन पर भी साल 2017 में महाराष्ट्र पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय छह बैंकों से 328 करोड़ रुपये की लोन धोखाधड़ी के मामले में मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने परभणी जिले में करीब 2,298 किसानों का नाम देकर लोन लिया था और इनमें से कई किसानों की मौत हो चुकी थी. 

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इस बीच मुंबई पूर्व कमिश्नरेट की एंटी इवेजन टीम ने मेसर्स ओंकार वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के ​परिसरों में सर्च ऑपरेशन चलाया है. कंपनी को करीब 1.44 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट वापस करना पड़ा है, क्योंकि वह इसके लिए सप्लायर नहीं दिखा पायी. 


 

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