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गुजरात: ग्रीष्मा मर्डर केस में चार्जशीट दाखिल, तालिबानी अंदाज में हुआ था कत्ल

गुजरात के सूरत में 12 फरवरी को जो कुछ हुआ, उसे भुलाया नहीं जा सकता. जिसने खुद उसे अपनी आंखों से देखा, वो उस वारदात की दहशत में शायद कई दिनों तक सो भी ना सके. हम बात कर रहे हैं ग्रीष्मा वेकरिया (Greeshma vekaria) हत्याकांड (Murder Case) की.

कातिल फेनिल पंकज गोयाणी और ग्रीष्मा एक साथ एक कॉलेज में पढ़ते थे कातिल फेनिल पंकज गोयाणी और ग्रीष्मा एक साथ एक कॉलेज में पढ़ते थे
गोपी घांघर/संजय सिंह राठौर
  • सूरत,
  • 25 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:31 AM IST

कहते हैं कि इश्क का जुनून अगर हद से गुजर जाए तो इंसान कुछ भी कर सकता है. और अगर इश्क एक तरफा हो तो फिर इश्क करने वाला बड़े से बड़ा जुर्म करने से भी गुरेज नहीं करता. उसे ना तो पुलिस और कानून दिखाई देता और ना ही घर-परिवार. ऐसा ही मामला चंद दिनों पहले गुजरात से सामने आया. जहां एक सिरफिरे आशिक ने एक तरफा प्यार में पागल होकर एक लड़की को सरेआम सड़क पर मार डाला. वो भी भीड़ के सामने. वो कातिल लड़की का गला काटता रहा और लोग तमाशा देखते रहे.

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गुजरात के सूरत में 12 फरवरी को जो कुछ हुआ, उसे भुलाया नहीं जा सकता. और जिसने खुद उसे अपनी आंखों से देखा, वो उस वारदात की दहशत में शायद कई दिनों तक सो भी ना सके. हम बात कर रहे हैं ग्रीष्मा वेकरिया (Greeshma vekaria) हत्याकांड (Murder Case) की. जिसने लोगों को खौफज़दा कर दिया. ग्रीष्मा की हत्या करने वाला कोई और नहीं, बल्कि उसके साथ पढ़ने वाला एक युवक ही था. जिसकी पहचान फेनिल पंकज गोयाणी के तौर पर हुई. उसने न सिर्फ बेरहमी से ग्रीष्मा को मारा, बल्कि इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर भी किया.

जिस तरह से सरेआम ग्रीष्मा कत्ल हुआ, उसे देखने के लिए भी बहुत कलेजा चाहिए. जिसने भी वो मंजर अपनी आंखों से देखा वो सन्न रह गया. माओं का कलेजा फट गया, बच्चियां खौफ से सहम गईं. दरअसल, हम जिस राम राज की बात करते हैं, उसी राम राज में यूं राम राम करके ये ग्रीष्मा का जनाज़ा उठा और उसके घरवाले खून के आंसू रोते रहे. ग्रीष्मा के जनाज़े में भीड़ उमड़ी थी. वो भीड़ इसलिए थी कि कई लोग ग्रीष्मा में अपनी बेटी, अपनी बहन को देख रहे थे. वो तमाम लोग गुस्से में थे, होना भी चाहिए क्योंकि जो ग्रीष्मा के साथ हुआ वो कल को किसी की बहन-बेटियों के साथ भी हो सकता है. 

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ऐसे हुआ था ग्रीष्मा का कत्ल

वारदात 12 फरवरी की शाम करीब 6 बजे की है, सूरत के कामरेज इलाके में 20 साल के फेनिल पंकज गोयाणी ने 21 साल की ग्रीष्मा को सरेआम सबके सामने रचना सर्किल के पास जकड़ लिया. उसके हाथ में धारदार चाकू था जो उसने ग्रीष्मा के गले पर रखा हुआ था. ये सब कुछ ग्रीष्मा के घर के नज़दीक ही हो रहा था, लिहाज़ा शोर शराबा सुनकर उसके घरवाले भी बाहर आ गए. उसे बचाने के लिए दौड़ पड़े. लेकिन फेनिल सबको धमकी दे रहा था कि दूर रहो वरना ग्रीष्मा का सिर धड़ से अलग कर दूंगा. इस दौरान सैकड़ों लोग उसे घेरे हुए थे, मगर किसी ने भी ग्रीष्मा को बचाने की कोशिश नहीं की. सिवाए ग्रीष्मा के भाई ध्रुव और चाचा सुभाष के. जो उसे बचाने आगे बढ़े तो फेनिल ने उनको चाकू मारकर घायल कर दिया. ध्रूव के सिर पर हमला किया गया जबकि फेनिल ने चाचा के पेट में चाकू घोंप दिया. हालांकि उनका ज़ख्म गहरा नहीं था.

वीडियो में कैद कत्ल की वारदात
वारदात के वीडियो में साफ दिख रहा था कि मौका-ए-वारदात पर लोगों की भीड़ इकट्ठा है. लेकिन मदद को कोई आगे नहीं आ रहा है. घायल होने के बाद ग्रीष्मा के भाई ध्रुव लोगों से उसे बचाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन लोग ऐसा करने के बजाय घटना का वीडियो बनाते रहे. इसी बीच फेनिल को भी लगा कि वो ज़्यादा देर तक बच नहीं पाएगा और बात अब उसके हाथ से निकलने लगी है, लिहाज़ा उसने उसी धारदार चाकू से ग्रीष्मा का गला रेत दिया, जिस वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. 

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फेनिल ने ग्रीष्मा को मारने के बाद जेब से जहर निकाला और खा लिया. इतना ही नहीं उसने खुद ही अपने हाथ की नस भी काट कर खुदकुशी करने की कोशिश की. तब तक पुलिस मौके पर आ चुकी थी. उसने फेनिल पर काबू कर लिया. उसे ज़ख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया.

कौन है फेनिल पंकज गोयाणी?
सवाल ये था कि आखिर फेनिल गोयाणी कौन था और उसने ऐसा किया क्यों? बताया जा रहा है कि फेनिल गोयाणी और ग्रीष्मा दोनों स्कूल में साथ पढ़ा करते थे. स्कूलिंग खत्म करने के बाद दोनों का कॉलेज भी एक था. पढ़ाई के दौरान फेनिल को ग्रीष्मा से प्यार हो गया था, लेकिन ग्रीष्मा को फेनिल पसंद नहीं था. यही वजह थी कि फेनिल के कई बार प्रपोज़ करने के बाद भी ग्रीष्मा ने उसका जवाब ना में ही दिया. जिससे फेनिल नाराज़ तो था ही और वो एक नाकाम और सिरफिरे आशिक जैसी हरकतें कर रहा था. 

ग्रीष्मा को परेशान करता था फेनिल
पिछले करीब एक साल से वो ग्रीष्मा को परेशान कर रहा था. ग्रीष्मा जहां जाती थी, वो उसका पीछा करता था. सोशल मीडिया से लेकर व्हाट्सअप मैसेज तक, वो उसे परेशान कर रहा था. फेनिल की इन हरकतों के बारे में ग्रीष्मा ने अपने घरवालों को भी बताया था. घरवालों ने उसके खिलाफ कई बार शिकायत भी दर्ज करवाई. उसे समझाया भी लेकिन उस पर इसका कोई असर नहीं हुआ. 

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12 फरवरी की शाम को करीब 6 बजे ग्रीष्मा के चाचा ने गोयाणी को अपने घर के नज़दीक देखा तो उसे हड़काते हुए कहा कि वो ग्रीष्मा से दूर रहे. इसके बाद भी जब फेनिल गोयाणी नहीं माना तो चाचा ने उसे पकड़ने की कोशिश की. इस पर फेनिल ने उनके पेट में चाकू घोंप दिया और दौड़कर ग्रीष्मा को पकड़ लिया. और उसकी गर्दन पर चाकू रख दिया, इस दौरान ग्रीष्मा का छोटे भाई उसे बचाने आया तो उसने उसके सिर और गर्दन पर चाकू से वार करने की कोशिश की और घायल कर दिया. फिर जो हुआ यकीनन दिल दहला देने वाला था, हिंदुस्तान में यूं सरेआम ताबिलानी अंदाज़ में गला रेत देना, सच में डराता है.

कानून व्यवस्था पर सवाल
ये सब गुजरात के उस शहर में हो रहा था, जहां से सूबे के गृह मंत्री हर्ष संघवी आते हैं. संघवी सूरत के ही रहने वाले हैं. ऐसे में राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. लोगों में इस वारदात को लेकर किस कदर गुस्सा है, इसका अंदाज़ा ग्रीष्मा के जनाज़े में उमड़ी भीड़ को देखकर लगाया जा सकता था. हालांकि इस भीड़ का भी कोई ईमान धर्म है नहीं. वरना जिस वक्त फेनिल ने ग्रीष्मा के गले पर धारदार चाकू रख रखा था, तब लोग ग्रीष्मा को बचाने के बजाए उसके कत्ल का वीडियो नहीं बना रहे होते. 

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14 फरवरी को हुआ था अंतिम संस्कार
12 तारीख को ग्रीष्मा का कत्ल हुआ लेकिन उसका अंतिम संस्कार 14 फरवरी को किया गया. क्योंकि ग्रीष्मा के पिता नंदलाल हीरा व्यापारी हैं और वारदात के वक्त वो काम के सिलसिले में अफ्रीका में थे. लिहाज़ा उनके लौटने का इंतज़ार किया गया और 14 तारीख को उनके सूरत पहुंचते ही ग्रीष्मा का अंतिम संस्कार किया गया था. 

ग्रीष्मा के कातिल ने मौके पर ही खुदकुशी करने की कोशिश तो की लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया. अब उसे अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. जैसे जैसे वक्त बीतता जा रहा है, वैसे वैसे लोगों का गुस्सा तेज़ हो रहा है. लोग फेनिल को फांसी दिए जाने की मांग कर रहे हैं. ताकि फिर कोई ऐसी वारदात को अंजाम ना दे सके.

190 गवाह, 2500 पेज की चार्जशीट
सूरत रेंज के आईजी राजकुमार पांडियन के मुताबिक इस हत्याकांड में पुलिस ने 2500 पेज की चार्जशीट तैयार की. जिसमें 190 गवाहों के बयान दर्ज हैं. इस जांच में खास बात ये रही कि एक भी गवाह या चश्मदीद को पुलिस थाने नहीं बुलाया गया, बल्कि उनके घर जाकर पुलिस ने बयान दर्ज किए. इस केस में पुलिस ने आरोपी फैनिल की गिरफ़्तारी के महज 4 दिन बाद ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है.

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