
7 अक्टूबर, 2023...यही वो तारीख थी जब फिलिस्तीनी संगठन 'हमास' ने अपने टेरर अटैक से इजरायल को खून के आंसू रुला दिए थे. एक ऐसा हमला जिसमें करीब 1200 से ज्यादा लोग मारे गए, और तकरीबन 250 इजराइलियों को बंधक बना लिया गया. अब इस हमले के ठीक 297 दिन बाद...इजरायल ने आखिरकार इस हमले के जिम्मेदार और हमास के पॉलिटिकल विंग के मुखिया इस्माइल हानिया की स्टोरी का 'दी एंड' कर दिया. ईरान की राजधानी तेहरान में मौजूद वो पूरा मकान ही 30 और 31 जुलाई की दरम्यानी रात को जमींदोज कर दिया गया, जिस मकान में हानिया एक मेहमान की तरह रुके हुए थे.
इस हमले में हानिया के साथ-साथ उनका एक सुरक्षा गार्ड भी मारा गया. ये हमला तेहरान की एक घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में हुआ और जिस सटीक तरीके से हुआ, उसने दुनिया को हैरान कर दिया. ये तरीका हानिया को लेकर इजरायल के पास मौजूद इनपुट और स्ट्राइक करने की उसकी खतरनाक ताकत की एक बानगी मानी जा रही है. लेकिन इज़रायल की राजधानी तेल अवीव से करीब 2000 किमी दूर तेहरान में ये हमला आखिर हुआ कैसे? क्या ये कोई ड्रोन अटैक था? कोई एयर स्ट्राइक? या फिर कोई सरफेस टू सरफेस मिसाइल अटैक? फिलहाल यही सबसे बड़ा सवाल है, जिसके जवाब का हर किसी को इंतजार है.
क्योंकि इतने बड़े और अहम हमले के बाद अब तक यही साफ नहीं है कि आखिर आधी रात को वो कौन सी आसमानी शय थी, जिसने इस्माइल हानिया के मकान को मटियामेट कर दिया. खुद ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स यानी ईरानी फ़ौज भी इस हमले को लेकर कनफ्यूज्ड है. उसने कहा है फिलहाल हमले का तरीका साफ नहीं है और इसकी जांच की जा रही है. दरअसल, 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए आतंकी हमले के बाद से ही हानिया फिलिस्तीन से दूर क़तर के अपने ठिकाने में रह रहे थे. इसके चलते इजराइली एजेंसियों के लिए उन्हें ढूंढना और टारगेट करना मुमकिन नहीं हुआ.
7 अक्टूबर के हमले के करीब दस महीने बाद अब जब हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान की शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे, तो यही उनकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी भूल साबित हुई. सूत्रों की मानें तो हानिया के तेहरान में होने की खबर मिलते ही अमेरिकी और इजराइली खुफिया एजेंसियां एक्टिव हो गईं. मोसाद के साथ मिलकर सीआईए ने उनकी प्रेसाइज्ड यानी सटीक लोकेशन ढूंढ निकाली और ईरानी समय के मुताबिक ठीक रात के दो बजे तेहरान के आसमान पर एक ऐसा धमाका हुआ, जिसने हमास के मुखिया हानिया की जान ले ली. ये हमला हमास के लिए बड़ा झटका है.
दुनिया के मध्य पूर्व इलाके में नई जंग की शुरुआत का खतरा
हमास को सपोर्ट करने वाले ईरान के लिए भी उतनी ही बड़ी चुनौती वाली बात. क्योंकि इस हमले में ना सिर्फ उसके एक चहेते मुखिया की जान गई है, बल्कि जान भी खुद उसी की सरज़मीं पर गई है. उसे पता भी नहीं चल सका है कि ये हमला कैसे हुआ है. यही वजह है कि ईरान के बड़े लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि इजरायल को इस हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी. क्योंकि एक तो ये हमला ईरान के एक मेहमान पर हुआ और दूसरा उनकी मौत ईरान की सरज़मीन पर हुई. कहने की जरूरत नहीं है कि हमले के बाद दुनिया के मध्य पूर्व इलाक़े में एक नई जंग की शुरुआत होने का ख़तरा पैदा हो गया है.
पिछले अप्रैल महीने में सीरिया में मौजूद ईरानी दूतावास पर हुए इजरायली हमले को छोड़ दें, तो दोनों देशों के बीच तनाव कभी इतना ज्यादा नहीं बढ़ा था, जिससे ये लगने लगे कि अब दोनों में सीधी भिड़ंत हो जाएगी, लेकिन अब इस हमले के बाद हालात बदलते नजर आ रहे हैं. असल में अब तक हमास, हज्बुल्ला या हूती जैसे संगठन ही रह रह कर इजरायल पर छोटे बड़े हमले कर उससे टकराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अगर ईरान ने इस हमले का बदला लेने की कोशिश की, तो बड़े और ताकतवर मुल्कों के बीच ये एक आमने-सामने की टक्कर होगी और इसका अंजाम कहीं और ज्यादा खतरनाक होगा.
ईरान के बेहद सुरक्षित और संवेदनशील इलाके में मारे गए हानिया
इस बीच हमले को लेकर ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद हानिया तेहरान में वार वेटरंस के लिए बनाए गए खास मकानों में से एक में ठहरे हुए थे. इस लिहाज़ से देखा जाए तो सिर्फ ये मकान ही नहीं, बल्कि पूरा का पूरा इलाक़ा ही बेहद सुरक्षित और संवेदनशील माना जाता है, लेकिन जिस तरह रात के दो बजे ठीक इस मकान को निशाना बना कर आसमानी हमला किया गया, वो अपने-आप में इस बात का सबूत है कि ये ईरानी सुरक्षा एजेंसियों की कितनी बड़ी चूक है और इजरायली एजेंसियों की कितनी बड़ी कामयाबी.
ईरानी फौज बेशक फिलहाल हमले का तरीका ढूंढने में लगी हो, लेकिन मीडिया हमले को एयरबोर्न प्रोजेक्टाइल यानी आसमान से किए गए हमले का नतीजा बता रहा है. असमंजस कितना है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ एजेंसियां ये भी साफ करने में जुटी है कि ये हमला कम से कम ईरान की सरज़मीं से नहीं किया गया. हिज्बुल्लाह को सपोर्ट करने वाली लेबनानी वेबसाइट अल-मयादीन न्यूज ने एक ईरानी सोर्स के हवाले से ये साफ किया है कि ये हमला किसी दूसरे मुल्क से हानिया के ठिकाने को टारगेट कर किया गया. वैसे ईरान में इस्माइल हानिया पर हुआ ये हमला अकेला नहीं है.
24 घंटों में इजरायल ने दो बड़े दुश्मनों को मौत के घाट उतारा
पिछले 24 घंटों के दौरान ये दूसरा मौका है जब इजरायल ने अपने दो बड़े दुश्मनों को चुन-चुन कर मौत के घाट उतारा है. इस पहले इजरायली सेना ने मंगलवार को लेबनान की राजधानी बेरूत में हमला कर चरमपंथी संगठन हिज्बुल्लाह के नंबर-2 फऊद शुकर का खात्मा कर दिया था. कहा जा रहा है कि ठीक हानिया की लोकेशन की तरह ही फऊद के बारे में भी इजरायल को सटीक जानकारी थी, जिसके मुताबिक इजरायली एयरफोर्स ने बेरूत में बमबारी की और उसका काम तमाम कर दिया. शुकर को हज मोहसिन के नाम से भी जाना जाता था. इजरायल ने गोलान हाइट्स पर हुए हमले के लिए उसको ही जिम्मेदार ठहराया था.
फऊद शुकर की मौत के बाद इजरायली सेना ने एक बयान में कहा, "हमारे लड़ाकू विमानों ने बेरूत में आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के सबसे वरिष्ठ सैन्य कमांडर और इसकी रणनीतिक इकाई के प्रमुख फउद शुकर को मार गिराया..." 27 जुलाई की शाम को उत्तरी इजरायल के एक फुटबॉल मैदान को हिजबुल्लाह ने ईरानी फलक-1 रॉकेट से निशाना बनाया था. इस रॉकेट हमले में मैदान में खुल रहे 12 बच्चों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद ही इजरायल ने बदला लेने की कसम खाई थी. हिजबुल्लाह को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. फउद शुकर हिज्बुल्लाह के सेक्रेटरी जनरल हसन नसरल्लाह का राइट हैंड हाथ था.
इजरायली सेना ने हानिया के बेटों-पोतों को भी निशाना बनाया
वो हमलों और ऑपरेशन की योजना बनाने और निर्देशित करने में नसरल्लाह का सलाहकार था. हानिया से पहले इजरायल ने उनके तीनों बेटों को भी मार गिराया था. इसी साल अप्रैल में इजरायली सुरक्षाबलों ने हानिया के बेटों को निशाना बनाया था. हानिया के 13 बेटे थे. अब तक तीन बेटे, एक पोता और तीन पोतियों की मौत हो गई है. इजरायल ने गाजा पट्टी पर एयरस्ट्राइक कर हानिया के तीन बेटों को मारा था. इजरायली सेना ने बताया था कि हानिया के तीन बेटे आमिर, हाजेम और मोहम्मद गाजा में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने जा रहे थे, इस बीच तीनों हवाई हमलों की चपेट में आ गए.
उसके बाद 25 जून 2024 को उनकी बहन समेत परिवार के 10 सदस्य रिफ्यूजी कैम्प पर हुए हमले में मारे गए थे. उससे पहले पिछले साल अक्टूबर में जब इजरायल ने गाजा पर कहर बरपाना शुरू किया था तो इस्माइल हानिया के भाई-भतीजों समेत परिवार के 14 लोग मारे गए थे. नवंबर 2023 में इस्माइल हानिया की एक और पोती गाजा में हुए हवाई हमले में मारी गई थी और नवंबर के आखिरी हफ्ते में हुए इजरायली हवाई हमले में सबसे बड़ा पोता भी मारा गया था. इस तरह देखा जाए तो हानिया का पूरा का पूरा परिवार ही धीरे-धीरे इजरायल के निशाने पर आ गया. अब इस हमले के बाद बड़ी जंग की संभावना बन रही है.