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दो नेता, उनके परिवार के लोग और गैंगस्टर कनेक्शन... जानिए कौन हैं नफे सिंह राठी मर्डर केस में गिरफ्तार आरोपी

नफे सिंह राठी के दिल दहलाने वाले हत्याकांड के सिलसिले में 7 नामजद आरोपियों सहित कुल 12 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर नफे सिंह राठी की हत्या में गैंगस्टर कनेक्शन है या फिर इसकी वजह सियासी दुश्मनी है?

नफे सिंह की हत्या मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. नफे सिंह की हत्या मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:57 PM IST

INLD Leader Nafe Singh Rathi Murder Case: हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के प्रदेश प्रमुख नफे सिंह राठी की रविवार को सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. जिस वक्त ये वारदात हुई, उस समय नफे सिंह एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद वापस अपने घर लौट रहे थे. इत्तेफाक से रास्ते में पड़ने वाली एक रेलवे क्रॉसिंग पर फाटक बंद था. उनकी कार वहीं रुक गई और ठीक उसी वक्त उनके पीछे आ रही दूसरी कार में सवार हमलावरों ने बाहर आकर उनकी कार को घेरकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. और जब गोलियों की आवाज थमी, तब तक हरियाणा की सियासत का बड़ा चेहरा नफे सिंह मौत की आगोश में समा चुका था. इस मामले में बवाल बढ़ता देख हरियाणा सरकार ने जांच सीबीआई के हवाले कर दी है.

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12 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई FIR

नफे सिंह राठी के दिल दहलाने वाले हत्याकांड के सिलसिले में 7 नामजद आरोपियों सहित कुल 12 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. फिर भी ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर नफे सिंह राठी की हत्या में गैंगस्टर कनेक्शन है या फिर इसकी वजह सियासी दुश्मनी है? इसके लिए यह समझना ज़रूरी है कि नफे सिंह राठी हत्याकांड में नामजद आरोपी कौन हैं?

कौन हैं नामजद आरोपी?

दरअसल, इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों को नामजद किया है. बाकी 5 आरोपियों की पहचान अभी उजागर नहीं हुई है. खास बात यह है कि पांच नामजद आरोपियों में पूर्व विधायक नरेश कौशिक का नाम भी शामिल है. इतना ही नहीं इसमें पूर्व और मौजूदा चेयरमैन सरोज राटी के पति रमेश राठी, चाचा ससुर कर्मवीर राठी, देवर कमल राठी के साथ ही पूर्व मंत्री मांगेराम राठी के पुत्र सतीश राठी, पोते गौरव और राहुल के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. FIR के मुताबिक, नफे सिंह राठी का कार से पीछा किया गया और उस कार में पांच हमलावर ही सवार थे.

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कौन है नरेश कौशिक?

नफे सिंह राठी की हत्या के मामले में जिस पूर्व विधायक नरेश कौशिक का नाम सामने आया है, वह साल 2014 में बीजेपी से विधायक चुने गए थे. लेकिन बाद में अगला चुनाव हार गए थे. इस वक्त वो रोहतक लोकसभा के संयोजक भी हैं. उनके अलावा इस हत्याकांड में नगर परिषद के चेयरमैन के पति समेत परिवार के कई लोगों के नाम भी एफआईआर दर्ज की गई है. इतना ही नहीं एक पूर्व मंत्री के रिश्तेदारों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. इसलिए यह आशंका जताई जा रही है कि इस हत्या के पीछे सियासी एंगल हो सकता है.

गैंगस्टर कनेक्शन का अंदेशा!

वैसे तो पुलिस इस हत्याकांड को लेकर राजनीतिक एंगल समेत कई और एंगल से जांच कर रही है, लेकिन इसमें गैंगस्टर कनेक्शन होने से भी इनकार नहीं किया जा रहा है. क्योंकि जिस तरह से हमलावरों ने पेशेवर तरीके से इस हत्याकांड को अंजाम दिया और मौका-ए-वारदात से फरार हो गए. उससे लगता है कि इस हत्या के पीछे सुपारी दिए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. 

वही पैटर्न, वही तरीका और वही अंजाम

इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के नेता नफे सिंह राठी के साथ बिल्कुल वैसा हुआ, जैसा रविवार 25 मई की शाम सवा पांच बजे हुआ था. जैसा इससे पहले क़त्ल की इन वारदातों में हुआ था. कातिलों ने बीच सड़क पर नफे सिंह राठी को निशाना बना कर उनकी गाड़ी पर इतनी गोलियां बरसाईं कि गाड़ी के साथ-साथ नफे सिंह का जिस्म भी बुरी तरह छलनी हो गया. इस हमले में नफे सिंह के साथ-साथ उनकी गाड़ी में बैठे उनकी पार्टी यानी इनेलो के एक कार्यकर्ता की भी जान चली गई, जबकि दो और लोग बुरी तरह जख्मी हो गए. 

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रेकी, पीछा और घात लगाकर हमला

सरेशाम हुई इस हत्या के पीछे कौन है, इस क़त्ल का मकसद क्या है, इसका पता तो खैर पुलिस लगा रही है, लेकिन जिस बात ने हर किसी को हैरान किया है, वो है इस कत्ल को अंजाम देने का तरीका. दरअसल, कत्ल की इस वारदात को कातिलों ने ठीक उसी तरह अंजाम दिया, जैसा इससे पहले उन्होंने सुपारी किलिंग की इन बड़ी वारदातों में दिया था. यानी सिद्धू मूसेवाला केस, गैंगस्टर राजू ठेहट केस या फिर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी केस. यानी कातिलों ने अपने टार्गेट के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पहले उनकी रेकी की, उनका पीछा किया और फिर घात लगा कर कुछ ऐसे गोलियों से छलनी कर दिया कि उनके बचने की कोई गुंजाइश ही ना रहे.

25 फरवरी 2024, शाम सवा 5 बजे

दिल्ली के करीब हरियाणा के बहादुरगढ़ इलाके में इनेलो नेता नफे सिंह राठी अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी में घर लौट रहे थे. वो किसी जानकार की तेरहवीं में गए थे. लेकिन अभी उनकी गाड़ी शहर के बराही लेबल क्रॉसिंग तक पहुंची ही थी कि ट्रेन आ जाने की वजह से उन्हें अपनी गाड़ी रोकनी पड़ी. लेकिन इससे पहले कि लेबल क्रासिंग खुलती और उनकी गाड़ी आगे बढ़ती पीछे से आई एक कार से उतरे शूटरों ने उनकी गाड़ी को घेर कर गोली चलाना शुरू कर दिया. ये फायरिंग की इतनी भयानक थी कि मौके पर करीब 40 से 50 राउंड गोलियां चलीं और पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा हो गया. मौके पर ही नफे सिंह राठी की जान चली गई.

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कातिलों की पहचान का दावा

इस वारदात के बाद राठी के भांजे और वारदात के वक्त उनकी गाड़ी चला रहे राकेश उर्फ संजय ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई. अपनी शिकायत में उसने बताया कि कातिलों ने उसे ये कहते हुए जाने दिया कि वो लौट कर राठी के परिवार को कत्ल की इस वारदात की जानकारी दे दे. मामले की छानबीन कर रही पुलिस ने मौका-ए-वारदात से पहले एक आई10 कार को सीसीटीवी कैमरे में देखा, जिसमें सवार होकर कातिल नफे सिंह राठी की जान लेने पहुंचे थे. हालांकि जांच में इस कार का नंबर गलत निकला, लेकिन पुलिस का दावा है कि उसने कातिलों की पहचान कर ली है.

सियासी रंजिश, जमीनी विवाद या फिर कुछ और...

राठी के घरवालों का इल्जाम है कि उन्हें लंबे वक्त उनके दुश्मन जान से मारने की धमकी दे रहे थे और उन्होंने अपने लिए सरकार से सुरक्षा भी मांगी थी, लेकिन उसकी अनदेखी कर दी गई. इस कत्ल के पीछे कोई सियासी रंजिश है, जमीन का झगड़ा या फिर कुछ और इसका खुलासा तो पुलिस की तफ्तीश में होगा, लेकिन फिलहाल कत्ल के तौर तरीके को देख कर ये साफ है कि इस काम के लिए किसी पेशेवर गैंग को सुपारी दी गई थी, जिन्होंने पहले रेकी और फिर अत्याधुनिक हथियारों से गोली चला कर नफे सिंह राठी की जान ले ली. 

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सात आरोपी नामजद

नफे सिंह हत्याकांड में दर्ज FIR में पूर्व विधायक नरेश कौशिक समेत 7 लोगों का नाम दिया गया है. केस में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 120बी, 25-27- 54-59 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

कब पकड़े जाएंगे बहादुरगढ़ के गुनहगार?

मामला बेहद हाईप्रोफाइल है और जिस पेशेवर तरीके से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है. जाहिर है पुलिस और जांच एजेंसियां एक खास एंगल को भी टटोलने की कोशिश में होंगी अब नफे सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. मुमकिन है कि सीबीआई और पुलिस तमाम सबूतों, तथ्यों और एंगल के आधार पर अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है, जिससे बहादुरगढ़ के गुनहगारों को पकड़ा जा सके.

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