
INLD Leader Nafe Singh Rathee Murder Case: इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के हरियाणा चीफ नफे सिंह राठी की हत्या की तफ्तीश राज्य सरकार की सिफारिश पर सीबीआई के हवाले कर दी गई है. ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि नफे सिंह की हत्या के मामले में पुलिस को सुपारी किलिंग के सबूत मिले हैं. और इस हत्याकांड के तार ब्रिटेन में बैठे एक भारतीय गैंगस्टर से जुड़ते नजर आ रहे हैं. अब ये हाई प्रोफाइल केस और भी उलझता जा रहा है.
ब्रिटेन में बैठे गैंगस्टर से कनेक्शन
नफे सिंह राठी हत्याकांड की तफ्तीश बेशक सीबीआई के हवाले की जा चुकी हो, लेकिन क़त्ल की इस वारदात को देख कर ये साफ है कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश है और ये कत्ल किराय के कातिलों का काम है. पुलिस सूत्रों को इस मामले में ब्रिटेन में रह रहे एक गैंगस्टर कपिल सांगवान पर शक है, जो पहले भी इस तरह की राजनीतिक हत्याएं करवा चुका है. ऐसे में पुलिस मामले की जांच सीबीआई के हवाले करने से पहले उस संदिग्ध बदमाश के बारे में भी ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटा लेना चाहती है, ताकि मामले की जांच में सीबीआई को भी मदद मिल सके.
मुख्य आरोपी के तौर पर BJP का पूर्व विधायक नामजद
फिलहाल पुलिस ने इस सिलसिले में 7 लोगों को नामजद किया है, जबकि पांच आरोपियों के नाम अब तक साफ नहीं है. लेकिन जिन सात लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है, उनमें सबसे बड़ा नाम हरियाणा के ही पूर्व बीजेपी विधायक नरेश कौशिक का है. जबकि नगर परिषद चेयरमैन सरोज राठी के पति रमेश चाठी, चाचा ससुर कर्मराठी, देवर कमल राठी के साथ इसी परिवार के कई और लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पूर्व विधायक साल 2014 में बीजेपी से विधायक चुने गए थे. लेकिन बाद में अगला चुनाव हार गए थे. इन दिनों वो रोहतक लोकसभा के संयोजक भी हैं.
कौन है गैंगस्टर कपिल सांगवान?
शक के घेरे में आए गैंगस्टर कपिल सांगवान पर दिल्ली में बीजेपी किसान मोर्चा के पदाधिकारी सुरेंद्र मटियाला की हत्या का इल्जाम है. असल में उन दिनों सांगवान मटियाला की गैंगस्टर मंजीत महल से कथित नजदीकियों के चलते नाराज था. उसने मटियाला को मंजीत से दूर रहने या फिर इसका अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. सांगवान और महल का गिरोह एक दूसरे का कट्टर दुश्मन है. और दोनों गिरोह के गैंगवार में अब तक दर्जन भर से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. पुलिस सूत्रों की मानें तो सांगवान फर्जी पासपोर्ट पर साल 2020 में ही भारत से भाग कर यूके पहुंच गया था. इसके बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया. फिलहाल उसका केस इंटरपोल के पास है. लेकिन ये भी हक़ीक़त है कि वो ब्रिटेन से बैठे-बैठे ही भारत में जुर्म की वारदातों को अंजाम देता रहा है.
रेकी, पीछा और घात लगाकर हमला
सरेशाम हुई इस हत्या के पीछे कौन है, इस क़त्ल का मकसद क्या है, इसका पता तो खैर पुलिस लगा रही है, लेकिन जिस बात ने हर किसी को हैरान किया है, वो है इस कत्ल को अंजाम देने का तरीका. दरअसल, कत्ल की इस वारदात को कातिलों ने ठीक उसी तरह अंजाम दिया, जैसा इससे पहले उन्होंने सुपारी किलिंग की इन बड़ी वारदातों में दिया था. यानी सिद्धू मूसेवाला केस, गैंगस्टर राजू ठेहट केस या फिर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी केस. यानी कातिलों ने अपने टार्गेट के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पहले उनकी रेकी की, उनका पीछा किया और फिर घात लगा कर कुछ ऐसे गोलियों से छलनी कर दिया कि उनके बचने की कोई गुंजाइश ही ना रहे.
25 फरवरी 2024, शाम सवा 5 बजे
दिल्ली के करीब हरियाणा के बहादुरगढ़ इलाके में इनेलो नेता नफे सिंह राठी अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी में घर लौट रहे थे. वो किसी जानकार की तेरहवीं में गए थे. लेकिन अभी उनकी गाड़ी शहर के बराही लेबल क्रॉसिंग तक पहुंची ही थी कि ट्रेन आ जाने की वजह से उन्हें अपनी गाड़ी रोकनी पड़ी. लेकिन इससे पहले कि लेबल क्रासिंग खुलती और उनकी गाड़ी आगे बढ़ती पीछे से आई एक कार से उतरे शूटरों ने उनकी गाड़ी को घेर कर गोली चलाना शुरू कर दिया. ये फायरिंग की इतनी भयानक थी कि मौके पर करीब 40 से 50 राउंड गोलियां चलीं और पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा हो गया. मौके पर ही नफे सिंह राठी की जान चली गई.
कातिलों की पहचान का दावा
इस वारदात के बाद राठी के भांजे और वारदात के वक्त उनकी गाड़ी चला रहे राकेश उर्फ संजय ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई. अपनी शिकायत में उसने बताया कि कातिलों ने उसे ये कहते हुए जाने दिया कि वो लौट कर राठी के परिवार को कत्ल की इस वारदात की जानकारी दे दे. मामले की छानबीन कर रही पुलिस ने मौका-ए-वारदात से पहले एक आई10 कार को सीसीटीवी कैमरे में देखा, जिसमें सवार होकर कातिल नफे सिंह राठी की जान लेने पहुंचे थे. हालांकि जांच में इस कार का नंबर गलत निकला, लेकिन पुलिस का दावा है कि उसने कातिलों की पहचान कर ली है.
सियासी रंजिश, जमीनी विवाद या फिर कुछ और..
राठी के घरवालों का इल्जाम है कि उन्हें लंबे वक्त उनके दुश्मन जान से मारने की धमकी दे रहे थे और उन्होंने अपने लिए सरकार से सुरक्षा भी मांगी थी, लेकिन उसकी अनदेखी कर दी गई. इस कत्ल के पीछे कोई सियासी रंजिश है, जमीन का झगड़ा या फिर कुछ और इसका खुलासा तो पुलिस की तफ्तीश में होगा, लेकिन फिलहाल कत्ल के तौर तरीके को देख कर ये साफ है कि इस काम के लिए किसी पेशेवर गैंग को सुपारी दी गई थी, जिन्होंने पहले रेकी और फिर अत्याधुनिक हथियारों से गोली चला कर नफे सिंह राठी की जान ले ली.
सात आरोपी नामजद
नफे सिंह हत्याकांड में दर्ज FIR में पूर्व विधायक नरेश कौशिक समेत 7 लोगों का नाम दिया गया है. केस में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 120बी, 25-27- 54-59 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कब पकड़े जाएंगे बहादुरगढ़ के गुनहगार
मामला बेहद हाईप्रोफाइल है और जिस पेशेवर तरीके से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है. जाहिर है पुलिस और जांच एजेंसियां एक खास एंगल को भी टटोलने की कोशिश में होंगी अब नफे सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. मुमकिन है कि सीबीआई और पुलिस तमाम सबूतों, तथ्यों और एंगल के आधार पर अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है, जिससे बहादुरगढ़ के गुनहगारों को पकड़ा जा सके.
(बहादुरगढ़ से रामकिंकर सिंह के साथ अरविंद ओझा का इनपुट)