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Murder Case: क्या गैंगस्टर मंजीत महल और कपिल सांगवान की जानी दुश्मनी की भेंट चढ़े नफे सिंह राठी?

सोशल मीडिया पोस्ट में कपिल सांगवान की तरफ से कहा गया है कि नफे सिंह की गैंगस्टर मंजीत महल से गहरी दोस्ती थी. नफे सिंह मनजीत के भाई संजय के साथ प्रॉपर्टी पर कब्जा करने का काम करता था. आगे लिखा गया है कि जो उसके दुश्मन से हाथ मिलाएगा, उसका अंजाम यही होगा.

कपिल सांगवान ने नफे सिंह राठी हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है कपिल सांगवान ने नफे सिंह राठी हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:29 PM IST

INLD Leader Nafe Singh Murder Case: इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के वरिष्ठ नेता नफे सिंह राठी के मर्डर की वजह अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है. नफे सिंह की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले गैंगस्टर कपिल सांगवान ने लंदन में बैठ कर जो सोशल मीडिया पोस्ट की है, उसमें नफे सिंह पर प्रॉपर्टी पर कब्जा करने का इल्जाम लगाया गया है. उस सोशल मीडिया पोस्ट में कपिल सांगवान के हवाले से दावा किया गया कि उसी ने नफे सिंह को मरवाया है. हालांकि अब पुलिस उस सोशल मीडिया पोस्ट की जांच कर रही है. लेकिन ऐसे में कपिल सांगवान का नाम एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है.

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महाल से दोस्ती, जमीनों पर कब्जे का आरोप
सोशल मीडिया पर शेयर की गई उस पोस्ट में कपिल सांगवान की तरफ से कहा गया है कि नफे सिंह की गैंगस्टर मंजीत महल से गहरी दोस्ती थी. नफे सिंह मनजीत महल के भाई संजय के साथ प्रॉपर्टी पर कब्जा करने का काम करता था. आगे लिखा गया है कि जो उसके दुश्मन से हाथ मिलाएगा, उसका अंजाम यही होगा. कपिल के नाम से की गई इस पोस्ट में आगे कहा गया कि उसके जीजा और उसके दोस्तों के मर्डर में इसने (नफे सिंह राठी) महाल को सपोर्ट किया था.

जीजा और दोस्त का मर्डर का इंतकाम
गैंगस्टर सांगवान के नाम से की गई इस पोस्ट में आगे लिखा है कि इनकी दोस्ती का साथ में फोटो डाल रहा हूं. जो उसके दुश्मनों को सपोर्ट करेगा, वो उसके दुश्मनों को सपोर्ट करेगा. और पूरी 50 गोलियां उसका इंतजार करेंगी. नफे सिंह ने पावर में रहकर जितने लोगों की जमीन कब्जा की और हत्या की, पूरे बहादुरगढ़ को पता है. लेकिन कोई कुछ नहीं बोल पाया उसकी पावर की वजह से. अगर पुलिस उसके जीजा और उसके दोस्तों के मर्डर पर इतनी एक्टिव होती तो उसे ये करने की जरूरत नहीं होती.

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कौन है गैंगस्टर कपिल सांगवान?
नफे सिंह राठी हत्याकांड के पीछे पहले ही ब्रिटेन में बैठे गैंगस्टर कपिल सांगवान पर शक की सुई घूम रही थी. क्योंकि वो पहले भी इस तरह की राजनीतिक हत्याएं करवा चुका है. अब कपिल सांगवान के नाम से की गई सोशल मीडिया पोस्ट भी इस बात की तस्दीक कर रही है. जिसमें उसकी तरफ से नफे सिंह हत्याकांड की जिम्मेदारी ली गई है. अब आपको बता दें कि आखिर ये कपिल सांगवान है कौन?

कुछ साल पहले कुख्यात गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू पेरोल पर जेल से बाहर आया था. और इसके बाद वो फरार हो गया था, फिलहाल वह इंग्लैंड में रहता है. कपिल सांगवान दिल्ली के नजफगढ़ का रहने वाला है. उसका घर नंदा एनक्लेव में है. उसने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के विकासपुरी से की. उसके बाद वो गुरुग्राम में एमिटी यूनिवर्सिटी से होटल मैनेजमेंट कर रहा था.

कपिल सांगवान ही नहीं बल्कि उसका भाई भी हत्या के एक मामले में फरार चल रहा है. कपिल के खिलाफ रंगदारी, हथियार के दम पर लोगों से उगाही, आर्म्स एक्ट जैसे कई मामले दर्ज हैं. असल में उसे साल 2014 में आर्म्स एक्ट और झगड़े के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन फिर वो पेरोल पर बाहर आकर फरार हो गया. उसके बाद वो यूके चला गया, जहां से अब वो अपना गैंग चला रहा है. वो जेल में अपनी गैंग के जरिए दहशत फैलाकर उगाही भी करता है.  

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गैंगस्टर कपिल सांगवान पर दिल्ली में बीजेपी किसान मोर्चा के पदाधिकारी सुरेंद्र मटियाला की हत्या का इल्जाम है. असल में उन दिनों कपिल मटियाला की गैंगस्टर मंजीत महाल से कथित नजदीकियों के चलते सांगवान नाराज था. उसने मटियाला को मंजीत से दूर रहने या फिर इसका अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. सांगवान और महाल का गिरोह एक दूसरे का कट्टर दुश्मन है. और दोनों गिरोह के गैंगवार में अब तक दर्जन भर से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.

पुलिस सूत्रों की मानें तो सांगवान फर्जी पासपोर्ट पर साल 2020 में ही भारत से भाग कर यूके पहुंच गया था. इसके बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया. फिलहाल, उसका केस इंटरपोल के पास है. लेकिन ये भी हक़ीकत है कि वो ब्रिटेन से बैठे-बैठे ही भारत में जुर्म की वारदातों को अंजाम देता रहा है.

साल 2021 में दिल्ली के मटियाला इलाके में बीजेपी नेता सुरेंद्र की हत्या भी कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने अपने गैंग के जरिए ही कराई थी. उसके गुर्गों ने इस वारदात को अंजाम दिया था. उसके गुर्गों में विपिन, अनिल, विक्की, अमित, प्रशांत, वासुदेव और कृष्ण कुमार शामिल थे. इनके जरिए ही वो अपने गैंग को यूके से ऑपरेट करता है. कपिल उर्फ नंदू और उसके करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर जब उस वक्त दिल्ली पुलिस ने छापेमारी की थी. तो छावला, झज्जर, सोनीपत समेत 23 ठिकानों से कई हथियार, सवा दो करोड़ रुपये कैश और ड्रग्स समेत कई अवैध चीजें बरामद की गई थीं.

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BJP का पूर्व विधायक नामजद
फिलहाल पुलिस ने इस सिलसिले में 7 लोगों को नामजद किया है, जबकि पांच आरोपियों के नाम अब तक साफ नहीं है. लेकिन जिन सात लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है, उनमें सबसे बड़ा नाम हरियाणा के ही पूर्व बीजेपी विधायक नरेश कौशिक का है. जबकि नगर परिषद चेयरमैन सरोज राठी के पति रमेश चाठी, चाचा ससुर कर्मराठी, देवर कमल राठी के साथ इसी परिवार के कई और लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पूर्व विधायक साल 2014 में बीजेपी से विधायक चुने गए थे. लेकिन बाद में अगला चुनाव हार गए थे. इन दिनों वो रोहतक लोकसभा के संयोजक भी हैं.

ऐसे किया गया नफे सिंह राठी का मर्डर
25 फरवरी की शाम करीब सवा 5 बजे दिल्ली के करीब हरियाणा के बहादुरगढ़ इलाके में इनेलो नेता नफे सिंह राठी अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी में घर लौट रहे थे. वो किसी जानकार की तेरहवीं में गए थे. लेकिन अभी उनकी गाड़ी शहर के बराही लेबल क्रॉसिंग तक पहुंची ही थी कि ट्रेन आ जाने की वजह से उन्हें अपनी गाड़ी रोकनी पड़ी. लेकिन इससे पहले कि लेबल क्रासिंग खुलती और उनकी गाड़ी आगे बढ़ती पीछे से आई एक कार से उतरे शूटरों ने उनकी गाड़ी को घेर कर गोली चलाना शुरू कर दिया. ये फायरिंग की इतनी भयानक थी कि मौके पर करीब 40 से 50 राउंड गोलियां चलीं और पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा हो गया. मौके पर ही नफे सिंह राठी की जान चली गई.

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पुलिस ने किया था कातिलों की पहचान का दावा
इस वारदात के बाद राठी के भांजे और वारदात के वक्त उनकी गाड़ी चला रहे राकेश उर्फ संजय ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई. अपनी शिकायत में उसने बताया कि कातिलों ने उसे ये कहते हुए जाने दिया कि वो लौट कर राठी के परिवार को कत्ल की इस वारदात की जानकारी दे दे. मामले की छानबीन कर रही पुलिस ने मौका-ए-वारदात से पहले एक आई10 कार को सीसीटीवी कैमरे में देखा, जिसमें सवार होकर कातिल नफे सिंह राठी की जान लेने पहुंचे थे. हालांकि जांच में इस कार का नंबर गलत निकला, लेकिन पुलिस का दावा है कि उसने कातिलों की पहचान कर ली है.

नफे सिंह को पहले ही सता रहा था जान का खतरा
राठी के घरवालों का इल्जाम है कि उन्हें लंबे वक्त उनके दुश्मन जान से मारने की धमकी दे रहे थे और उन्होंने अपने लिए सरकार से सुरक्षा भी मांगी थी, लेकिन उसकी अनदेखी कर दी गई. इस कत्ल के पीछे कोई सियासी रंजिश है, जमीन का झगड़ा या फिर कुछ और इसका खुलासा तो पुलिस की तफ्तीश में होगा, लेकिन फिलहाल कत्ल के तौर तरीके को देख कर ये साफ है कि इस काम के लिए किसी पेशेवर गैंग को सुपारी दी गई थी, जिन्होंने पहले रेकी और फिर अत्याधुनिक हथियारों से गोली चला कर नफे सिंह राठी की जान ले ली.

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सात आरोपी नामजद
नफे सिंह हत्याकांड में दर्ज FIR में पूर्व विधायक नरेश कौशिक समेत 7 लोगों का नाम दिया गया है. केस में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 120बी, 25-27- 54-59 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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