
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकन्दराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 100 से अधिक लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है. पुलिस-प्रशासन ने 60 लोगों के मौत की पुष्टि कर दी है. यह सत्संग नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा का बताया जा रहा है. इस सत्संग में एक लाख से अधिक लोग जुटे हुए थे. कार्यक्रम के आखिर में अचानक भगदड़ मच गई. चारों ओर चीख-पुकार मचने लगी. देखते ही देखते लोगों की लाशें बिछ गईं.
नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा एक जमाने में आईबी यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो में काम करते थे. वो दावा किया करते हैं कि नौकरी से ज्यादा उनका मन आध्यात्म में लगता था, इसलिए 26 साल पहले उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी और धार्मिक प्रवचन करने लगे. उनके सत्संग को 'मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम' कहा जाता है. इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली सहित देशभर से लाखों अनुयायी शामिल होते हैं.
भोले बाबा पहले भी विवादों में आ चुके हैं. उनके कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ कोरोना काल में अनुमति से ज्यादा भीड़ जुटाने के मामले में केस दर्ज किया गया था. साल 2022 में यूपी के फर्रुखाबाद में सत्संग का आयोजन किया गया था. इसमें जिला प्रशासन ने 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन 50 हजार लोग शामिल हुए थे. यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह के मुताबिक, उनके खिलाफ यौन शोषण सहित आधा दर्जन केस दर्ज हैं.
धर्म शांति और मोक्ष का साधन माना जाता है. यही वजह है कि लोग धर्म की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन कुछ ढोंगी बाबाओं की वजह से आज धर्म के प्रति लोगों की आस्था कम और धर्म के साधकों के प्रति कमजोर होती जा रही है. यहां बड़ा सवाल ये है कि आखिर वो कौन सी वजहें है जिससे लोग ऐसे बाबाओं के चंगुल में फंस जाते हैं. उनको भगवान मानने लगते हैं. उनके पीछे पागल हो जाते हैं. यहीं बाबा जब उनके भरोसे को तोड़ते हैं, तो गहरा धक्का लगता है.
आइए जानते हैं कि किन वजहों से लोग इन ढोंगियों को भगवान मानने लगते हैं...
1- स्वांग रचने की कला
इन ढोंगी बाबाओं की सबसे बड़ी कला स्वांग रचने की है. स्वांग यानी एक चरित्र खुद को दूसरे चरित्र में ढाल कर नाटक करता है. राम हीम से लेकर आसाराम तक की बॉडी लैंग्वेज पर बारीक नजर डालें, तो यह स्वांग साफ-साफ नजर आता है. ढोंगी संत खुद को भगवान के रूप में दिखाते हैं. भगवान की काल्पनिक मुद्रा और भाव-भंगिमाएं बनाते हैं. बचपन से ही हम टीवी-सीरियल या पोस्टर में दिखने वाले भगवान को अपने दिमाग में सहज सहेज लेते हैं. ऐसे में जब ये ढोंगी बाबा उनकी तरह स्वांग रचाते हैं, तो लोगों को लगता है कि वो सच में भगवान हैं. लोग उनकी तरफ आकर्षित होते चले जाते हैं. उनकी पूजा करने लगते हैं. इसका फायदा उठाकर ये कथित संत लोगों का शोषण करते हैं. ज्यादातर महिलाएं इनकी शिकार बनती हैं.
2- बात बनाने और बरगलाने की क्षमता
कथित संत नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा हो या फिर रामपाल और आसाराम, इनकी वाकपटुता की वजह से भोले-भाले लोग आसानी से उनकी बातों में आ जाते हैं. उनके अंदर बात बनाने की वो कला होती है, जो लोगों को सम्मोहित कर लेती है. लोगों को उनकी बातें सही लगने लगती हैं. अपनी बातों में फंसाकर ये ढोंगी लोगों को बरगलाते हैं. तरह-तरह के बहाने बनाकर उनसे पैसे ऐंठते हैं. लोगों को ठगी का एहसास बहुत देर से होता है.
3- आकर्षक और अलग तरह का आवरण
ढोंगी बाबाओं के केस में अक्सर देखा गया है कि ये आकर्षक आवरण में होते हैं. उदाहरण के लिए इच्छाधारी बाबा, राधे मां, नित्यानंद और निर्मल बाबा के कपड़ों और रहन-सहन पर गौर कीजिए. ये सामान्य से हटकर परिधान पहनते हैं. इनके बैठने के आसन, कपड़ों का स्टाइल, बैठने का तरीका, मंच की साज-सज्जा अनोखी होती है, जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है. भोले बाबा भी अपने सत्संगों में कोट-पैंट पहनकर और टाई लगाकर जाया करते हैं.
4- कमजोरी का फायदा उठाने की कला
ढोंगी बाबाओं को लोगों और धर्म की कमजोरियों को फायदा उठाने की कला बखूबी आती है. उन्हें पता होता है कि लोगों की कमजोरियां क्या हैं. वे उसे धर्म से जोड़ देते हैं. लोगों को भनक भी नहीं लगती कि आस्था के नाम पर उनके साथ खेल हो रहा है. ऐसे फर्जी संतों के निशाने पर ज्यादातर गरीब और अनपढ़ लोग होते हैं. कुछ अमीर अपने काले धन को सफेद करने के लिए भी उनकी शरण में जाते हैं. इस तरह ऐसे बाबाओं का धंधा चलता रहता है.
5- ब्रैंडिंग और मार्केटिंग की कला
ब्रैंडिंग और मार्केटिंग ढोंगी बाबाओं का सबसे बड़ा औजार होता है. टीवी, अखबार और सोशल मीडिया के माध्यम से ये लोग खुद का प्रचार कराते हैं. खुद को भगवान का अवतार बताते हुए, लोगों की सभी परेशानियां दूर करने का दावा करते हैं. अपने दुख में उलझी जनता इनके झांसे में आसानी से आ जाती है. उनकी ट्रिक की वजह से लोग इनको भगवान मानने लगते हैं. आजकल कई बाबा सोशल मीडिया पर लोगों के दुख दूर करने का दावा करते दिख जाएंगे.