
दिल्ली पुलिस को एक करोड़ की रंगदारी के मामले में बड़ी सफलता मिली है. पुलिस की एक टीम ने एनकाउंटर के दौरान कुख्यात गैंगस्टर दीपक डबास उर्फ तीतर के शूटर कुलवंत दलाल को गिरफ्तार कर लिया. एनकाउंटर में दलाल के पैर पर गोली लगी, जिसके बाद वो घटनास्थल पर ही गिर गया. हरियाणा के झज्जर का रहने वाला कुलवंत तिहाड़ जेल में बंद तीतर और दिनेश कराला के लिए काम कर रहा था. गैगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद तीतर और कराला उसकी गैंग को संभाल रहे हैं. जेल के अंदर से ही सनसनीखेज वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इनमें लोगों को धमकी देकर रंगदारी मांगने से लेकर सुपारी किलिंग तक शामिल है.
दिल्ली की सबसे हाईटेक और सिक्योर कही जाने वाली तिहाड़ जेल से ऑपरेट होने वाली इन गैंग्स के सरगना अपने गुर्गों के जरिए बड़ी हस्तियों, बिल्डर, बिजनेसमैन, कॉन्ट्रैक्टर और काली कमाई करने वाले लोगों को टारगेट करते हैं. सबसे पहले टारगेट को दूसरे लोगों के हत्या की वीडियो दिखाई जाती है. इसके बाद सोशल मीडिया के जरिए उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती है. डर का माहौल बनाने के बाद इन गैंगस्टर्स के गुर्गे उस व्यक्ति से उसकी हैसियत के हिसाब से रंगदारी की मांग करते हैं. ये रकम लाखों-करोड़ों में होती है. जो नहीं देता है, उसे इनके शूटर मौत की नींद सुला देते हैं. कई बार डराने के लिए जानलेवा हमले भी करते हैं.
मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं गैंगस्टर्स
लाख सख्ती के बावजूद गैंगस्टर्स जेल के अंदर किसी न किसी तरह से मोबाइल फोन का जुगाड़ कर ही लेते हैं. एक बार मोबाइल हाथ में आ जाए तो उनका सारा काम आसान हो जाता है. ज्यादातर गैंगस्टर टेक सेवी हैं. वो आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना बेहतर तरीके से जानते हैं. मोबाइल के जरिए वो एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं. दिल्ली पुलिस के एक बड़े अफसर की माने तो ये गैंगस्टर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि फेसबुक, मैसेंजर, विक्र और टेलीग्राम का इस्तेमाल अपने मैसेज भेजने के लिए करते हैं. इनके जरिए अपने गुर्गों को निर्देश भेजते हैं. पैसों की लेन-देन के लिए पेटीएम, फोनपे, गूगल पे जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं.
वारदात को अंजाम देने में नाबालिगों का इस्तेमाल
ज्यादातर गैंग्स वारदातों को अंजाम देने के लिए नाबालिग लड़कों का इस्तेमाल करते हैं. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये होती है कि ये लड़के नए होते हैं. इनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं होता है. ऐसे में वारदात को अंजाम देकर ये आसानी से भाग निकलते हैं. दूसरा पकड़े जाने के बाद भी इन्हें बाल सुधार गृह में डाल दिया जाता है, जहां से बालिग होकर छूट जाते हैं. तीसरा, इनको ऐप्स के जरिए सुपारी दी जाती है, ऐसे में पकड़े जाने के बाद ये लोग किसी का नाम नहीं बता पाते. ऐसे में फंसने की संभावना कम रहती है. आजकल कम उम्र के लड़के अपने महंगे शौक पूरा करने के लिए अपराध के दलदल में उतर जाते हैं. ये लोग उसका फायदा उठाते हैं.
हाईटेक, हाईप्रोफाइल और सिक्योर जेल में सेंध
दिल्ली की तिहाड़ जेल को दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल मानी जाती है. भारत की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक है. इसमें 17500 से अधिक अपराधी एक साथ रहते हैं. यह भारत की सबसे सिक्योर जेल में से एक हैं, जहां बड़ी संख्या में हाई-प्रोफाइल कैदी रहे हैं. इस जेल को इसके सुधारात्मक उपायों और उन्नत सुरक्षा प्रणालियों के कारण एक मॉडल जेल के रूप में भी जाना जाता है. इनमें सीसीटीवी कैमरे से निगरानी, एक कम्प्यूटरीकृत कैदी प्रबंधन प्रणाली (पीएमएस), मोबाइल जैमर, एक्स-रे स्कैनर, मेटल डिटेक्टर और क्विक रिएक्शन टीम शामिल है. इसके बावजूद इस जेल में कैदियों की हत्या हो जाती है. यहां से कई बड़े गैंग्स ऑपरेट हो रहे हैं.
ये हैं तिहाड़ जेल से ऑपरेट होने वाले गैंग...
1. लॉरेंस बिश्नोई गैंग
चाहे बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान को जान से मारने की धमकी हो या फिर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहता है. मूसेवाला की हत्या की साजिश इस गैंग के सरगना लॉरेंस बिश्नोई ने दिल्ली की तिहाड़ जेल में रची थी. उसके इशारे में कनाडा में बैठे उसके दोस्त गोल्डी बरार ने मूसेवाला की हत्या कराई थी. इतना ही नहीं सोशल मीडिया के जरिए उसने अपना गुनाह भी कबूला था. लॉरेंस इस वक्त दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है. उसकी आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए तिहाड़ जेल से शिफ्ट किया गया है. उसके दहशत का दिल्ली, पंजाब से लेकर हिमाचल प्रदेश और राजस्थान तक फैला है. उसके लिए 1000 से भी अधिक लोग काम कर रहे हैं. हिंदुस्तान के साथ विदेशों में भी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. उसके खिलाफ 50 से अधिक केस दर्ज हैं.
2. संदीप काला जठेड़ी गैंग
दिल्ली के चर्चित सागर धनखड़ हत्याकांड के बाद गैंगस्टर संदीप काला का नाम सामने आया था. वो काला जठेड़ी गैंग चलाता है. हरियाणा सोनीपत के रहने वाले संदीप काला के गुनाहों की फेहरिस्त बहुत लंबी है. साल 2021 में गिरफ्तारी से पहले वो कभी दुबई तो कभी मलेशिया में बैठकर हिंदुस्तान में अपना गैंग ऑपरेट कर रहा था. अब जेल के अंदर बैठकर बाहर खूनी खेल कर रहा है. साल 2004 में उसके खिलाफ मोबाइल चोरी का पहला केस दर्ज हुआ था. उसके बाद 200 से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं. इनमें चोरी, लूट, हत्या और रंगदारी के मामले शामिल हैं. उसका गैंग दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र में सक्रिय है. काला जठेड़ी और लॉरेंस बिश्नोई की जुगलबंदी जरायम की दुनिया में बहुत चर्चित है. दोनों ने साथ मिलकर कई वारदातों को अंजाम दिया है. फिलहाल जेल के अंदर से अपना गैंग ऑपरेट कर रहे हैं.
3. नीरज बवाना गैंग
नीरज बवाना का असली नाम नीरज सहरावत है. वो दिल्ली के बवाना गांव का रहने वाला है. इसलिए अपने सरनेम की जगह अपने गांव का नाम लगाता है. जुर्म की दुनिया में इसी नाम से उसे जाना जाता है. नीरज के खिलाफ हत्या, लूट और जान से मारने की धमकी जैसे कई संगीन मामले दिल्ली और अन्य राज्यों में दर्ज हैं. वो फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. जेल में रहकर ही अपना गैंग चला रहा है. वहां बैठकर कई वारदातों को अंजाम दे चुका है. नीरज के गुर्गे बीच सड़क पर खून बहाने से नहीं डरते. दुश्मन गैंग के लोगों को मारने से भी उन्हें कोई गुरेज नहीं है. वो ज्यादातर वारदात दिल्ली-एनसीआर में ही करता है. उसके साथ रह चुका सुरेंद्र मलिक उर्फ नीतू दाबोदा उसका सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता था. लेकिन उसके गुर्गों ने उसे मार डाला. नीरज बवाना गैंग का नाम पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में सामने आया था.
4. जितेंदर मान उर्फ गोगी गैंग
गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी तिहाड़ जेल से दुबई के एक कारोबारी से 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के बाद सुर्खियों में आया था. उसे साल 2021 में रोहिणी कोर्ट में टिल्लू ताजपुरिया के दो शूटरों ने गोलियों से भून डाला. टिल्लू ने अपने गुर्गे पवन की हत्या का बदला लेने के लिए उसकी हत्या कराई थी. गोगी और टिल्लू के बीच रंजीश की शुरुआत कॉलेज के समय से हो गई थी. छात्रसंघ चुनाव में दोनों ने अपने-अपने प्रत्याशी उतारे थे. इसके बाद उनके बीच कई बार मारपीट हुई थी. दिल्ली के अलीपुर गांव का रहने वाला गोगी तीन बार पुलिस हिरासत से फरार हुआ था. इसने दिल्ली और हरियाणा में सबसे ज्यादा अपराध किए, जिसकी वजह से दिल्ली पुलिस ने उस पर चार लाख और हरियाणा पुलिस ने दो लाख का इनाम रखा था. मकाको भी लगा था. उसकी मौत के बाद दीपक तीतर और दिनेश कराला जेल के अंदर से गैंग ऑपरेट कर रहे हैं.
5. हाशिम बाबा गैंग
हाशिम बाबा का असली नाम आसिम है. दिल्ली के यमुनापार इलाके में सबसे पहले उसने गैंबलिंग का धंधा शुरू किया था. आसिम संजय दत्त की तरह बड़े-बड़े बाल रखता था. बॉलीवुड एक्टर की स्टाइल में फोटो खिंचवाता था. बाद में अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम और दाऊद इब्राहिम की तरह बड़ा डॉन बनने का सपना देखने लगा. यमुनापार में फैले नासिर गैंग में शामिल हो गया. व्यापारियों को डरना धमकाना, रंगदारी मांगना, पैसे न देने पर गोली मार देना, इनका धंधा था. नासिर के जेल में जाने के बाद हाशिम बाबा गैंग की कमान संभालने लगा. कुछ समय बाद गैंग पर कब्जा कर लिया. नासिर जब जेल से बाहर आया तो दोनों के बीच झगड़ा हो गया. झगड़ ने धीरे-धीरे गैंगवार का रूप ले लिया. इसके गुनाहों की फेहरिस्त को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इसके सिर पर पांच लाख का इनाम रख दिया. इस पकड़ने के लिए पुलिस की 50 से अधिक टीमें लगाई गई. तब जाकर दो साल पहले हुए एक एनकाउटंर के बाद इसे गिरफ्तार किया जा सका. हाशिम बचने के लिए मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में छुपता था.