
आईआईटी बीएचयू में हुए गैंगरेप केस में वारदात के करीब दो महीने बाद तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. आरोपियों के नाम कुणाल पांडेय, अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल है, जो कि बीजेपी आईटी सेल के सदस्य बताए जा रहे हैं. इन तीनों ने जिस रात गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था, उस समय एक लड़के ने पीड़िता की मदद की थी. वो इस केस में एक अहम गवाह है और उसी कैम्पस में पढ़ता भी है. आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में उसने वारदात वाली काली रात की पूरी सच्चाई बताई है.
गैंगरेप पीड़िता की मदद करने वाले छात्र सुकेश (बदला हुआ नाम) ने बताया कि जिस जगह वारदात को अंजाम दिया गया, उसके पास ही उसका हॉस्टल है. उस दिन वो खाना खाकर लौट रहा था. तभी एक लड़का भागते हुए उसके पास आया. वो हांफ रहा था. पसीने से भीगा हुआ था. उसने पूछा कि क्या हमने कोई बुलेट देखी है. उसने आगे बताया कि उस बुलेट पर सवाल तीन लोग उसकी दोस्त को गन प्वाइंट पर ले गए हैं. उन लोगों ने उसे भी पकड़ रखा था, लेकिन वो किसी तरह से उनकी चंगुल से भाग निकला है.
सुकेश ने आगे बताया, ''वो लड़का हमारा जूनियर है. उसकी बात सुनकर हमें अंदेशा हुआ कि लड़की किसी न किसी मुसीबत में फंसी हुई है. हमने यूनिवर्सिटी की सिक्योरिटी को सूचना दी. इसके बाद कुछ लड़कों के साथ उस लड़की को खोजने निकल गए. कुछ दूर आगे जाकर देखा कि वो झाड़ी के पीछे छिपकर बैठी हुई है. वो बहुत ज्यादा सहमी हुई थी. मैंने पहले कभी ऐसा नहीं देखा था. वो हमसे बोली कि भईया मैंने कुछ नहीं किया है. उसको पूरा कॉन्फिडेंस था. इसके बाद उसने पूरी आपबीती सुनाई, जिसे हम बोल नहीं सकते.''
गवाह ने आगे बताया कि पीड़िता के साथ वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी वहां से फरार हो गए थे. वो उसे लेकर जिस जगह गए, वो पूरा इलाका सूनसान रहता है. ऐसी जगह जहां कोई सामान्य रूप से आता जाता नहीं है. यदि ये वारदात प्रॉक्टर ऑफिस के आसपास हुई होती तो आरोपी पकड़े जाते. उस वक्त देर रात का समय था तो जो भी वहां रहने वाले थे सो गए थे. वहां ज्यादातर प्रोफेसर ही हैं, जो कि वहां बने फ्लैट में रहते हैं. पीड़िता गन प्वाइंट पर थी, इसलिए पहले उसने डर के मारे आवाज नहीं निकाला.
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आरोपियों के जाने के बाद पीड़िता मदद के लिए चिल्लाई. उसके बाद वहां कुछ प्रोफेसर भी आए गए. आरोपियों ने गन प्वाइंट पर पीड़िता का मोबाइल छीन लिया था, ताकि वो पुलिस, रिश्तेदार या किसी दोस्त को कॉल न कर सके. कैंपस में सुरक्षा के सवाल पर सुकेश ने बताया कि यहां ओपन कैंपस है, इसलिए कोई भी आ-जा सकता है. रात को छात्र भी आते जाते रहते हैं. गेट पर चेकिंग होती है. पीड़िता अपने दोस्त के साथ जिस जगह पर थी, वहां भी सब रहते हैं. हो सकता है कि आरोपी शाम को ही कैंपस में आ गए हों.
इससे पहले पीड़ित छात्रा ने अपने बयान में बताया था कि आरोपी उसे डरा धमका कर सूनसान जगह पर ले गए. उसके कपड़े उतरवा कर वीडियो बनाया. कैंपस के अंदर वो उन मनचलों के बीच आधे घंटे तक फंसी रही, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया. पीड़िता की तहरीर के आधार पर वाराणसी के लंका थाने में पहले आईपीसी की धारा 354-बी, 506 और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. लेकिन बाद में गैंगरेप की बात सामने आने पर आईपीसी की धारा 376-डी और 509 को जोड़ दिया गया था.
आईआईटी बीएचयू गैंगरेप केस के अहम गवाह से एक्सक्लूसिव बातचीत नीचे वीडियो में सुन सकते हैं...