
इस देश में एक से एक फर्ज़ी लोग गुज़रे. कोई नटवरलाल कहलाया तो कोई हर्षद मेहता बना. और किसी को दुनिया चार्ल्स शोभराज के नाम से जानती है. मगर जिनकी बात हम कर रहे हैं, वो इनसे भी दो कदम आगे हैं. क्योंकि इन्होंने तो फर्ज़ीवाड़े का निज़ाम ही बदलकर रख दिया. इनमें से कोई असली वर्दी पहनकर पुलिसवाला बन गया. तो कोई युनाइटेड नेशंस का अधिकारी. तो कोई आईएफएस बनकर लोगों को लूट रहा था. मगर जब इनकी पोल खुली तो पता चला की सबके सब फर्ज़ी हैं. एक ऐसे जालसाज़ की कहानी से हम आपको बताने जा रहे हैं. जो बाकायदा आईपीएस अधिकारी बनकर लोगों को ठग रहा था.
हाल में ही कई ऐसे नाम सामने आए जिन्होंने ठगी की नई इबारत लिख दी. उनमें राज मल्होत्रा आईपीएस, ज़ोया ख़ानIFS, हर्ष प्रताप सिंह UNO काउंसिल ऑफ़िसर और संदीप शर्मा डीसीपी, हरियाणा पुलिस के नाम शामिल हैं. ये सब फर्ज़ी है जी. आईकार्ड भी फर्ज़ी. नेम प्लेट भी फर्ज़ी. वर्दी पर लगा बिल्ला भी फर्ज़ी. ये हैं नटवरलाल. नटवरलाल इसलिए क्योंकि फर्ज़ी सरकारी अधिकारी बनकर ये उसके रसूख का ही फायदा नहीं उठाते थे. बल्कि लोगों को लाखों करोड़ों की चपत भी लगा दिया करते थे.
नटवरलाल नंबर-1 निकला राज मलहोत्रा. इस शख्स ने फर्ज़ी आईपीएस बनकर सिर्फ नकली आईपीएस की वर्दी ही नहीं पहनी बल्कि ये बाकायदा पूरे रसूख में रहता भी रहता था. जब इसे गिरफ्तार किया गया तो भाईसाहब फुल ड्रेस में थे. आईपीएस का बिल्ला. नेम प्लेट जिस पर इनका नाम भी लिखा था राज मलहोत्रा. पुलिस के मुताबिक पिछले कई सालों से इसका ये गोरखधंधा जारी थी. अब तक ना जाने कितने भोले भाले लोगों को ये अपने आईपीएस होने की हनक में लूट चुका था. मगर इनकी शामत तब आई जब एक लड़की ने इनकी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
दरअसल, राज मलहोत्रा नाम का ये शख्स एक जिम में जाया करता था. जहां उसकी मुलाकात एक लड़की से हुई. एक साथ जिम करने की वजह से दोनों में दोस्ती हो गई. पीड़ित लड़की एक शो रूम में सेल्स गर्ल का काम करती है. जबकि राज मल्होत्रा ने उसे बताया था कि वो आईपीएस अधिकारी है. उसने खुद को उत्तरी दिल्ली में एसीपी के पद पर तैनात बताया. राज मल्होत्रा ने धीरे-धीरे ल़ड़की से दोस्ती कर ली. इस बीच एक बार राज मल्होत्रा ने पीड़ित लड़की से एक छोटी बच्ची को भी मिलवाया और दावा किया कि उसने इस बच्ची को गोद ले रखा है.
इसके बाद दोनों की दोस्ती गहरी हो गई. फिर एक दिन राज मल्होत्रा ने लड़की से कहा कि वो एक आईपीएस ऑफिसर है. उसकी बड़े लोगों से जान पहचान है. ऐसे में उसकी दोस्त सेल्सगर्ल का काम करे तो ठीक नहीं लगता है. लिहाज़ा सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर राज मल्होत्रा ने लड़की से एक लाख रुपये ठग लिए. और पैसे लेने के बाद राज मल्होत्रा ने लड़की से मिलना जुलना बंद कर दिया.
जब लड़की को शक हुआ तो वो आरोपी के घर पहुंचीं. घर की हालत देखकर लड़की समझ गई कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है. लिहाज़ा उसने फौरन अमन विहार पुलिस थाने में पहुंचकर इस फर्ज़ी आईपीएस के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी. जिसके बाद पुलिस ने फौरन राज मल्होत्रा को धोखाधड़ी के इल्ज़ाम में गिरफ्तार कर लिया.
पीड़ित लड़की को शक इसलिए भी हुआ क्योंकि राज मल्होत्रा वर्दी में तो नज़र आता था, मगर कभी सरकारी गाड़ी में नहीं दिखा. पुलिस के मुताबिक राज मल्होत्रा इससे पहले 2013 में भी फर्ज़ीवाड़े के चक्कर में एक बार पकड़ा जा चुका है. उस वक्त राज सब इंस्पेक्टर बनकर रौब दिखाकर ठगी करने की फिराक में था. मगर जेल से छुटने के बाद उसने अपना प्रोमाशन खुद ही कर लिया और आईपीएस बनकर लोगों से ठगी करने लगा.