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कैमरा, क्राइम और साजिश... जानें, साल 2024 की दिल दहला देने वाली जुर्म की बड़ी घटनाएं

हर कोई अपने-अपने हिसाब और अपने-अपने हिस्से के मुताबिक साल 2024 को याद करेगा. लिहाज़ा, 'आज तक' का भी फर्ज़ है कि वो अपनी नगाहों से 24 को देखे. निगाहें यानी कैमरा. तो चलिए 2024 की उन घटनाओं को याद करते हैं, जिन्होंने सबको दहला कर रख दिया.

साल 2024 की कई वारदात और हादसे लोग भूल नहीं पाएंगे साल 2024 की कई वारदात और हादसे लोग भूल नहीं पाएंगे
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:13 AM IST

नज़र और निगाहें. कहने को दोनों में कोई फर्क़ नहीं लेकिन हकीकत में ज़मीन आसमान का फ़र्क है. नज़र वही देखती और दिखाती है जो आपकी आंखें दिखातीं हैं. लेकिन निगाहें वो कैमरा हैं, जो देखती भी है और सदा के लिए रिकार्ड भी कर लेती है. साल 2024. हर गुज़रते साल की तरह इस साल को भी हर कोई अपने-अपने हिसाब से याद करेगा. हर साल की तरह ये साल भी हरेक के हिस्से में कुछ ना कुछ छोड़ गया. खुशी-ग़म, अच्छी-बुरी, भूल जाने वाली, कभी ना भुला पाने वाली सारी यादें अब बस 24 की यादें बन कर ही रह जाएंगी. 

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मगर इनमें से कई यादों को याद करने के लिए आपको अपनी आंखें बंद करनी पड़ेंगी तो कई यादें ऐसी होंगी जो आपकी निगाहों से ही आपको याद दिलाती रहेंगी. हर कोई अपने-अपने हिसाब और अपने-अपने हिस्से के मुताबिक 24 को याद करेगा. लिहाज़ा, 'आज तक' का भी फर्ज़ है कि वो अपनी नगाहों से 24 को देखे. निगाहें यानी कैमरा. तो चलिए साल 2024 की उन घटनाओं को याद करते हैं, जिन्होंने सबको दहला कर रख दिया.

2 जनवरी 2024 - टोक्यो का हानेडा एयरपोर्ट
साल 2024 ने अभी दस्तक ही दी थी कि जापान में टोक्यो के हानेडा एयरपोर्ट की रनवे पर ऐसा मंजर देखने को मिला, जो शायद ही इससे पहले कभी किसी ने देखा हो. 379 मुसाफिरों से भरा हुआ जापान एयरलाइंस का एक प्लेन आग के गोले में तब्दील होकर रनवे पर दौड़ रहा था. उस आग के गोले को देख कर कोई सोच भी नहीं सकता था कि इसमें सवार एक भी मुसाफिर बच पाएगा. लेकिन करिश्मा देखिए सभी 379 मुसाफिरों की जान बच गई. क्योंकि वो सभी जलते हुए प्लेन से नीचे कुद गए थे. ये हादसा रनवे पर एक दूसरे विमान के टकराने की वजह से हुआ था. वो दूसरा विमान कोस्ट गार्ड का था, जिसमें सवार 6 क्रू मेंबर्स में से पांच की मौत हो गई थी.

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19 जनवरी 2024 - गोवा
साउथ गोवा के काबो-डी-रामा इलाके में इस राजबाग बीच के एक आपार्टमेंट में बैठी एक लेडी समंदर की लहरों को अपने मोबाइल के कैमरे में रिकॉर्ड कर रही थी. तभी उसे एक कपल चट्टानों के बीच इस जगह जाता हुआ दिखाई देता है. लेकिन कुछ देर बाद उसका कैमरा दिखाता है कि कपल में से एक पुरुष तो वापस लौट रहा है, लेकिन महिला साथ नहीं है. अब वो कैमरे का पूरा फोकस उसी तरफ कर देती है. कुछ देर बाद फिर वहां पर हलचल होती है. वही शख्स थोड़ी देर बाद आराम से टहलते हुए उसी जगह वापस जाता दिखाई देता है. वहां कुछ देखने के बाद वो एक बार फिर लौट जाता है. कैमरा अब भी ऑन था. अब अचानक कैमरे में वही शख्स जो अपनी महिला साथी को छोड़ कर पहले अकेला लौटा, फिर वापस उसी जगह गया, फिर लौट आया. अब तीसरी बार उसी तरफ जा रहा था. लेकिन इस बार वो बाकायदा दौड़ रहा था. बदहवास और घबराया हुआ था. दरअसल, गौरव नाम के उस शख्स ने अपनी ही पत्नी दीक्षा को उसी बीच पर समंदर में डुबो-डुबो कर मार डाला था. वो तो गलती से एक कैमरे ने सब रिकार्ड कर लिया और कातिल पकड़ा गया.

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8 फरवरी 2024 - दहिसर की आईसी कॉलोनी, मुंबई
इस वक्त मुंबई के दहिसर इलाके के एक दफ्तर से फेसबुक लाइव स्ट्रीमिंग चल रही है. अभी फ्रेम में दो लोग नजर आ रहे थे. एक इसी इलाके के पूर्व पार्षद अभिषेक घोसालकर और दूसरा इसी इलाके से राजनीति में कदम रखने जा रहा मॉरिस नोरहोन्हा उर्फ मॉरिस भाई. लगभग 39 मिनट की लाइव स्ट्रीमिंग हो चुकी थी. अब मॉरिस उठता है और कैमरे से बाहर निकल जाता है. हालांकि अब वो कैमरे में दिखाई नहीं दे रहा है, क्योंकि अब वो ठीक कैमरे के पीछे जा कर खड़ा हो चुका है. अब कैमरे पर अकेले अभिषेक थे. सोफे से उठ कर अभिषेक इससे पहले कि कैमरे से बाहर निकलते, अचानक एक फायर की आवाज आती है और अभिषेक अपना पेट पकड़ लेते हैं. तभी दूसरा फायर होता है, फिर तीसरा, फिर चौथा, फिर पांचवां. जाहिर है गोली लाइव चल रही थी. अब कैमरे को हिलना ही था. लिहाज़ा, इसी के साथ कैमरा बंद हो जाता है. कैमरे पर लाइव अभिषेक का कत्ल हो चुका था.

14 अप्रैल 2024 - गैलेक्सी अपार्टमेंट, मुंबई
उस रोज बाइक पर विक्की गुप्ता और सागर पाल सवार थे. बाइक पर आगे बैठा था विक्की गुप्ता और पीछे सागर पाल. सागर पाल के हाथ में पिस्टल थी. और वो उसी पिस्टल से गैलेक्सी अपार्टमेंट का निशाना लेकर कुल पांच गोलियां चलाता है. तीन जमीन पर गिरती है. एक गैलेक्सी की दीवार पर और एक गैलेक्सी के बालकॉनी के पर्दे को चीरती हुई सलमान खान के ड्राइंग रूम की दीवार पर. यूं तो लॉरेंस बिश्नोई लंबे वक्त से सलमान खान को धमकाता रहा है. मगर ये पहली दफा था जब उसके गुर्गों की गोलियां सलमान के घर के अंदर तक पहुंच गई थीं.

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18 अप्रैल 2024 - बीवीबी कॉलेज, हुबली, कर्नाटक
हुबली के बीवीबी कॉलेज की कुछ सीसीटीवी तस्वीर सामने आईं. तस्वीरें थोड़ी धुंधली थीं. गनीमत थी कि वो तस्वीरें पहले से ही धुंधली थीं, वरना शायद उन्हें अपनी नंगी आंखों से देखने की हिम्मत किसी में नहीं थी. 24 साल की एमसीए स्टूडेंट नेहा एग्ज़ाम देने कॉलेज आई थी. एग्ज़ाम देने के बादा नेहा एग्ज़ाम सेंटर से बाहर निकली ही थी कि एक लड़का अचानक उसके सामने आ गया. उसने नेहा से कुछ बात करने की कोशिश की फिर अचानक अपनी जेब से एक बड़ा सा चाकू निकाला और नेहा पर टूट पड़ा. नेहा को संभलने का मौका ही नहीं मिला, वो जमीन पर गिर पड़ी. नेहा ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया. कैमरे पर नेहा का कत्ल करने वाला उसी की कालेज का एक स्टूडेंट था जो नेहा से इकतरफा प्यार करता था.

20 मई 2024 - पुणे, महाराष्ट्र
पुणे के कल्याणी नगर इलाके की घटना हैं. रात के करीब ढाई बजे थे. एक लड़का और लड़की बाइक पर सवार थे. और तभी लगभग 160 किलोमीटर की रफ्तार से एक पोर्शे कार बाइक को पीछे से उड़ाती हुई निकल जाती है. टक्कर ऐसी थी कि बाइक पर पीछे बैठी लड़की सात-आठ फीट हवा में उछल पड़़ती है. इस हादसे में दोनों मारे जाते हैं. पोर्शे चलाने वाला एक बड़े बाप का नाबालिग बेटा था. जिसे पहले तो कोर्ट ने रोड सेफ्टी पर निबंध लिखे की सजा देकर छोड़ दिया पर बाद में मीडिया के दबाव में उसे और उसके पूरे परिवार को जेल जाना पड़ा.

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14 जुलाई 2024 - पेन्सिलवेनिया, अमेरिका
अमेरिकी प्रेसिडेंट चुनाव के लिए रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार व्हाइट हाउस पहुंचने के लिए तब चुनावी कैंपेन पर थे. बटलर में अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे. मंच के सामने तमाम रिबप्ल्किन समर्थक मौजूद थे. जबकि स्टेज पर ट्रंप समेत उनकी हिफाजत में तैनात सीक्रेट सर्विस के एजेंट थे. अभी ट्रंप बोल ही रहे थे कि अचानक गोलियों की आवाज सुनाई देती है. एक गोली ट्रंप के दाहिने कान को छूती हुई निकल जाती है. अचानक जब वो अपना हाथ कान की तरफ ले जाते हैं तो हाथों में खून नजर आता है. खून देखते ही ट्रंप नीचे की तरफ झुकते हैं. सीक्रेट सर्विस के लोग चारों तरफ से उन्हें घेर चुके थे. पर गोलियां अब भी चल रही थी. ट्रंप का निशाना लेकर उनकी तरफ कुल 8 राउंड गोलियां चलाई गई थी. इस हमले में ट्रंप के एक समर्थक की मौत हो गई थी. बाद में हमलावर भी मारा गया. अब ट्रंप राष्ट्रपति का चुनाव जीत चुके हैं.

20 जुलाई 2024 - रीवा, मध्य प्रदेश
एक महिला कमर तक मिट्टी में दबी थी, जबकि दूसरी महिला तो तकरीबन पूरी की पूरी ज़मीन के नीचे दफ्न हो चुकी थी. जिससे जैसे बन पड़ रहा था, वो इन दोनों महिलाओं को जल्द से जल्द जमीन के नीचे से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा था. कोई फावड़ा चला रहा था. कोई कुदाल लेकर आया था. तो कोई अपने हाथों से लगातार मिट्टी खोद रहा था, ताकि दोनों महिलाओं को मिट्टी के नीचे जिंदा दफन होने से पहले बाहर निकाल लिया जाए. असल में यहां गांव के बीचों-बीच मौजूद एक जमीन पर एक परिवार के लोग सड़क बनाने की कोशिश कर रहे थे. जबकि उन्हीं के कुछ दूसरे रिश्तेदार इस बात का विरोध कर रहे थे. दोनों परिवारों के बीच इस जम़ीन को लेकर ही विवाद था. और इसी वरोध के चलते दो महिलाओं को मिट्टी में जिंदा गाड़ देने की ये कोशिश की गई थी. 

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27 अगस्त 2024 - फ़र्रुख़ाबाद, यूपी
ठीक जन्माष्ठमी के अगले दिन यूपी के फर्रूखाबाद से एक तस्वीर सामने आई, जिसने सबको झकझोर कर रख दिया था. दो सहेलियां एक ही दुपट्टे के फंदे से पेड़ से झूल रही थीं. 18 और 15 साल की उम्र की दोनों लड़कियां पड़ोसी थीं और अच्छी दोस्त भी. उन दोनों की मौत अब भी एक पहेली है. पहेली इसलिए क्योंकि इनकी मौत की वजह को लेकर कोई ठोस वजह कभी सामने ही नहीं आ पाई.

1 सितंबर 2024 - वैंकूवर, कनाडा
पंजाबी सिंगर अमृत पाल सिंह ढिल्लों उर्फ एपी ढिल्लों का घर कनाडा में है. जहां एक सितंबर की रात लॉरेंस बिश्नोई गैंग की ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई. शूटर्स बाकायदा बॉडी वॉर्न कैमरे के साथ आए थे. वे शूटआउट को रिकार्ड करने आए थे. बाद में शूटआउट का वीडियो बना कर उन्होंने जारी भी कर दिया था. और फिर सोशल मीडिया पर इस शूटआउट की जिम्मेदारी भी ले ली थी. 14 सेकंड के उस वीडियो में 14 गोलियां चलती दिखाई दे रही थीं. यानी हर सेकंड एक गोली. वो तो गनीमत थी कि वारदात के वक़्त उस घर के बाहर कोई मौजूद नहीं था या फिर किसी ने बाहर झांकने की गलती भी नहीं की, वरना कुछ भी हो सकता था. दरअसल, सलमान खान से रिशते की वजह से लॉरेंस बिश्नोई ने ढिल्लों के घर पर ये गोली चलवाई थीं.

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12 सितंबर 2024 - दिल्ली
एक, दो, तीन, चार, पांच... गाड़ी से उतरा गैंगस्टर एक के बाद एक अपने शिकार पर ताबड़तोड़ फायरिंग करता है. छह से आठ गोलियां चलाता हैं और देखते ही देखते गोलियों का शिकार बन रहा शख्स कार की ओट में ज़मीन पर गिर कर ढेर हो जाता है. ये वारदात दिल्ली की थी, जहां एक जिम के बाहर गैंगस्टर एक जिम ऑनर नादिर अहमद शाह को उस वक्त अपना निशाना बनाते हैं, जब वो बाहर खड़े हो कर अपने किसी दोस्त के साथ बातचीत कर रहा था. रात का वक्त था. नादिर शाह अपने जिम के बाहर अपने दोस्त के साथ बैठे थे. इतने में चेक शर्ट पहने एक शख्स पैदल ही सड़क पर नजर आता है. अगले ही पल वो अपनी कमर से पिस्टल निकाल कर नादिर शाह की तरफ तान देता है. बेहद करीब से वो गोलियां चलाता है. पहली गोली लगते ही शाह लड़खड़ाने लगते है, लेकिन शूटर पीछे नहीं हटता. नादिर शाह का दोस्त उसके इतने करीब खड़ा था. फिर भी शूटर उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाता और महज़ चंद सेकेंड्स के अंदर अपना काम कर पैदल ही दौड़ता हुआ निकल भागता है.

17 सितंबर 2024, लेबनान
दोपहर लेबनान के अलग-अलग शहरों और सीरिया के कुछ इलाकों में जो कुछ हुआ वो इस सदी का सबसे बड़ा हमला और सबसे बड़ी और अनोखी साज़िश थी. एक ऐसी साज़िश. जिसमें एक साथ 3 हजार लोगों के हाथों में एक ऐसा बम थमा दिया गया था, जिन्हें लोगों ने अपनी मर्जी से या तो अपनी जेबों में रख रखा था, कमर में लगा रखा था या हाथों में उठा रखा था. पेजर की शक्ल में. इसके बाद जैसे ही दोपहर के साढ़े 3 बजते हैं, अचानक एक साथ उन्हीं 3 हजार पेजर पर एक मैसेज आता है. और इस एक रहस्यमयी मैसेज के साथ ही बीप की आवाज़ आनी शुरू हो जाती है. फिर जैसे ही बीप की आवाज़ खामोश होती है, अचानक धमाका होता है. एक साथ तीन हजार धमाके. 

दुनिया में शायद ही इससे पहले इतनी बड़ी तादाद में इतने बड़े इलाके में एक साथ इतने बड़े पैमाने पर धमाके हुए हों. लेबनान के करीब आधा दर्जन शहर का शायद ही कोई बाज़ार, दुकान, मॉल, घर, दफ्तर, सड़क, मोहल्ला बचा हो, जहां ये धमाके ना हुए हों. क्योंकि अलग-अलग शहर के अलग-अलग इलाक़ों में एक साथ 3 हज़ार लोग अनजाने में पेजर की शक़्ल में बम लिए घूम रहे थे. इलज़ाम था कि इस धमाके के पीछे इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ था.

31 अक्तूबर 2024, दिल्ली 
उस रात पूरा देश दिवाली मना रहा था. लेकिन दिवाली की रात पटाखों की शोर के बीच दिवाली में एक और शोर होता है. दिल्ली की एक गली में पीले रंग का कुर्ता पहने हुए दो लोग पटाखे फोड़ रहे थे. इनमें एक ता 40 साल का आकाश, जबकि दूसरा था उसका भतीजा ऋषभ. इन दोनों के साथ घर के दरवाज़े पर आकाश का बेटा कृष खड़ा था. इतने में एक स्कूटी पर दो लोग उनके पास पहुंचते हैं. स्कूटी के पीछे बैठा शख्स नीचे उतरता है, जबकि स्कूटी चला रहा नौजवान स्कूटी पर बैठे-बैठे ही नीचे झुक कर आकाश के पैर छूता है. इस दौरान दोनों के बीच चंद सेकंड भर की बातचीत होती है. अब आकाश मुड़ कर घर के अंदर जाने लगता है. बस इतने में ही स्कूटी से नीचे उतर कर सामने खड़ा शख्स अचानक कमर से पिस्टल निकालता है और भागते हुए घर के अंदर घुस चुके आकाश पर गोली चला देता है. वो एक के बाद एक आकाश पर कई राउंड फायरिंग करता है. गोली लगते ही आकाश घर की दहलीज पर गिर पड़ता है. चाचा को गिरते देखते ही आकाश का भतीजा हमलावर को पकड़ने के लिए उसकी तरफ भागता है. तब हमलावर आकाश के भतीजे को भी गोली मार देता है. इस हमले में आकाश के साथ-साथ हमलावरों के पीछे भागे उसके भतीजे ऋषभ की भी जान चली जाती है. हमलावर कोई और नहीं रिश्तेदार था. इस डबल मर्डर की वजह जमीन का झगड़़ा था.

9 दिसंबर 2024, बैंगलुरु
यही वो तारीख थी, जिस दिन अतुल सुभाष का नाम, सबकी ज़ुबान पर आ गया था. उसे जाने-अनजाने किसी कैमरे नें कैद नहीं किया था. बल्कि उस वक्त वह खुद अपनी मर्जी से कैमरे के सामने बैठ कर पूरे एक घंटा 21 मिनट और 46 सेकेंड तक अपना वीडियो रिकार्ड करता रहा. उस वीडियो को रिकार्ड करने के बाद खुद ही उसे अपलोड किया और उसके बाद अपनी जान दे दी. अतुल अपनी बीवी और ससुराल वालों की तरफ से परेशान किए जाने और मुकदमों को लेकर परेशान था.  

20 दिसंबर 2024 - जयपुर हाईवे
सड़क पर ऐसा मंज़र इससे पहले शायद ही कभी दिखा हो. एलपीजी टैंकर के रिसाव ने देखते ही देखते ऐसी आग उगली कि उससे बने आग के गोले ने 19 जिंदगियों को लील लिया तो वहीं 34 गाड़ियों को जला कर खाक कर डाला. जिनमें 10 कंटेनर, सात ट्रेलर, पांच ट्रक, आठ चार पहिया वाहन, दो पिकअप ट्रक और दो स्लीपर बसें शामिल थीं. एक शख्स था जो जलता हुआ जान बचाने के लिए सड़क पर भाग रहा था. ये हादसा 20 दिसंबर की सुबह करीब 5 बजकर 40 मिनट पर हुआ था. एक एलपीजी टैंकर अजमेर की तरफ से जयपुर की तरफ आ रहा था. रिंग रोड से होकर जाने के लिए ड्राइवर ने यू-टर्न ले लिया. टैंकर आधे से ज्यादा घूम चुका था. इसी दौरान जयपुर की ओर से आने वाले ट्रेलर ने टैंकर को टक्कर मार दी. टैंकर के बायीं ओर जिस हिस्से पर टैंकर ने टक्कर मारी थी. वहां पांच नोजल लगे थे. टक्कर से नोजल टूट गए और तेजी से एलपीजी का रिसाव होने लगा था. और इसके बाद जो हुआ उसने पूरे देश को दहला कर रख दिया.

21 दिसंबर 2024, कज़ान, रूस
9-11 हादसे की तस्वीरें आज भी दुनिया भुला नहीं पाई है. न्यूयार्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर जब प्लेन को बम बना कर हमला किया गया था. ठीक 23 साल बाद 21-12 यानी 21 दिसंबर 2024 को रूस के शहर कजान में ठीक वैसा ही हमला देखने को मिला. फर्क बस ये था कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला हाईजैक प्लेन से किया गया था जबकि कजान में ये हमला बारूद से भरे ड्रोन से किया गया. रूस की राजधानी मॉस्को से करीब 720 किलोमीटर दूर कजान की दो इमारतों को निशाना बनाया गया था. ये ड्रोन ठीक वैसे ही बिल्डिंग से टकराए थे, जैसे 9-11 में टकराया था. हालांकि इस हमले में किसी की जान नहीं गई. रूस का इल्जाम है कि ये हमला यूक्रेन ने किया था. 

25 दिसंबर 2024, कज़ाकिस्तान
एक प्लेन आसमान में दिख रहा था. जिसकी चाल बिल्कुल अलग थी. ना वो सीधे उड़ रहा था, ना ऊपर की तरफ जा रहा था. बल्कि वो धीरे-धीरे नीचे आ रहा था. एक ही तरफ लगातार बेहद तेजी गिरता जा रहा था. फिर उसी जगह पर वो अचानक नीचे ज़मीन से टकराता है और आग का गोला बन जाता है. हर तरफ काले धुएं का गुबार आसमान की तरफ उठने लगता है. कैमरे पर कैद ये विमान हादसा 25 दिसंबर का है. इस हादसे में 38 लोगों की मौत हो गई. लेकिन हैरतअंगेज़ तौर पर 29 लोग बच गए. इस विमान में कुल 62 मुसाफिर और पांच क्रू मेंबर्स थे. ये विमान अजरबैजान से रूस के चेचन्या की राजधानी ग्रोज्नी जा रहा था. लेकिन कजाख शहर अक्ताउ से करीब 3 किमी दूर अचानक विमान से पक्षियों का झुंड टकरा गया. इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान विमान नीचे गिरा और उसके दो टुकड़े हो गए फिर उसमें आग लग गई.

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