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दिल्ली में कत्ल की जहरीली साजिश का शिकार बना एक बेगुनाह

इस दुनिया में नामालूम कितने क़त्ल हुए और आगे भी होंगे, लेकिन अब बात राजधानी दिल्ली में हुए एक ऐसे क़त्ल की, जिसमें क़ातिलों ने ज़िंदगी देने वाले एक छोटे से इंजेक्शन को ही आला-ए-क़त्ल यानी जान लेने के हथियार बना लिया. क़ातिलों ने पहले ज़हर का इंतज़ाम किया, उसे इंजेक्शन में भरा और फिर एक भीड़ भरे बाज़ार में वो इंजेक्शन अपने शिकार की गर्दन पर लगा दिया.

पुलिस ने कत्ल की साजिश रचने वाले को भी गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने कत्ल की साजिश रचने वाले को भी गिरफ्तार कर लिया है
परवेज़ सागर/सुप्रतिम बनर्जी
  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 3:33 PM IST

इस दुनिया में नामालूम कितने क़त्ल हुए और आगे भी होंगे, लेकिन अब बात राजधानी दिल्ली में हुए एक ऐसे क़त्ल की, जिसमें क़ातिलों ने ज़िंदगी देने वाले एक छोटे से इंजेक्शन को ही आला-ए-क़त्ल यानी जान लेने के हथियार बना लिया. क़ातिलों ने पहले ज़हर का इंतज़ाम किया, उसे इंजेक्शन में भरा और फिर एक भीड़ भरे बाज़ार में वो इंजेक्शन अपने शिकार की गर्दन पर लगा दिया.

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गर्दन पर हमला
वारदात बीती 7 जनवरी की है. जगह थी दिल्ली का सदर बाजार. शाम के करीब 7.30 बजे कोटक महिंद्रा बैंक का एक नौजवान कैशियर रवि कुमार रोज़ की तरह बैंक से अपना काम-काज निपटा कर द्वारका अपने घर के लिए निकला था. वह दफ्तर से बाहर निकल कर पैदल ही अपने घर की तरफ़ चला जा रहा था. शाम ढल चुकी थी और उसे दिल्ली के इस छोर से बिल्कुल दूसरे छोर पर जाना था. उसके साथ उसके कुछ दोस्त भी थे. लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ, जिसने उसके मुंह से चीख निकाल दी.

पकड़ा गया हमलावर
ऐसा लगा मानों किसी ने पीछे से उसकी गर्दन पर हमला किया हो. बात बिल्कुल सही थी. ऐसा ही कुछ हुआ था रवि के साथ. जिस तरह से उस पर पीछे से हमला किया गया, उसे देख कर ऐसा लग रहा था कि हमलावर उसे निशाना बनाने के लिए पहले से वहां घात लगा कर बैठा था. हमलावर को भीड़ ने धर दबोचा. उसने रवि पर एक सुई से हमला किया था. जल्द ही यह बात पुलिस तक जा पहुंची. लेकिन उधर, अस्पताल में रवि की हालत लगातार बिगड़ रही थी.

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जहरीले इंजेक्शन का इस्तेमाल
गर्दन में चुभोई गई एक सुई ने उसे एक ही झटके में जिस्मानी तौर पर तोड़ कर रख दिया था. डॉक्टरों ने लाख कोशिश की. लेकिन चौबीस घंटे गुज़रते-गुज़रते वो हो गया, जो नहीं होना चाहिए था. रवि की जान चली गई. जी हां, एक सुई के वार से रवि मारा गया. लेकिन सवाल ये था कि आख़िर उस अंजान शख्स ने रवि की जान क्यों ली? उसकी रवि से क्या दुश्मनी थी? आख़िर इंजेक्शन में ऐसा क्या था, जो रवि के लिए जानलेवा साबित हुआ? और सबसे अहम ये कि उसने रवि को मारने के लिए इतना अजीबोग़रीब तरीक़ा क्यों चुना? तो इन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए उसके क़ातिल का मुंह खुलवाना सबसे ज़्यादा ज़रूरी था.

कत्ल के पीछे बड़ी साजिश
क़ातिल ने पहले तो वर्दीवालों को उलझाने की कोशिश की. लेकिन जब उसने सच्चाई बताना शुरू किया, तो पुलिस वाले भी हैरान रह गए. क्योंकि सच्चाई ये थी कि उसकी सीधे तौर पर रवि से कोई दुश्मनी नहीं थी. हां, इतना ज़रूर था कि मौका-ए-वारदात से इंजेक्शन के साथ पकड़ा गया प्रेम सिंह नाम का वो हमलावर, रवि के ससुराल के पड़ोस में रहता था. उसने पूछताछ में बताया कि रवि के क़त्ल के पीछे असल में वो नहीं, बल्कि किसी और का हाथ है.

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तीन लाख की सुपारी
आरोपी प्रेम सिंह पुलिस को बताया कि उसने तो सिर्फ़ इस वारदात को अंजाम दिया है. और इसके बदले में उसे तीन लाख रुपये मिलने हैं. यानी रवि का क़त्ल सुपारी लेकर किया गया था. और जब क़ातिल ने साज़िश रचने वाले का नाम लिया, तो एक बार फिर हर कोई हैरान था. जानते हैं क्यों? क्योंकि रवि का इस शख्स से भी सीधे तौर पर कोई लेना-देना नहीं था. बल्कि वह तो अपने क़त्ल की साज़िश रचने वाले को जानता तक नहीं था. लेकिन रवि का क़त्ल जिस वजह से हुआ, वैसा कम ही देखने को मिलता है. रवि ना तो अपनी जान लेने वाले को जानता था. और ना ही क़त्ल की साज़िश रचने वाले शख्स को, लेकिन इसके बावजूद वो ना सिर्फ़ बेमौत मारा गया. बल्कि क़ातिलों ने क़त्ल के लिए ऐसा अजीब तरीक़ा ढूंढ़ा जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में इक्के-दुक्के से ज़्यादा ढूढ़ें नहीं मिलती.

जिम ट्रेनर ने रची थी मौत की साजिश
कोटक महिंद्रा बैंक के कर्मचारी रवि कुमार की जान जा चुकी थी. उसे बीच सड़क पर गर्दन में इंजेक्शन चुभो कर मारा गया था. और इंजेक्शन भी ऐसा-वैसा नहीं बल्कि कई अलग-अलग तरह की दवाओं के ज़हरीले कॉकटेल का. लेकिन क़त्ल का ये तरीक़ा जितना अजीब था, इसके पीछे की साज़िश कहीं उससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली है. इस मर्डर का मास्टर माइंड था एक जिम ट्रेनर अनीश यादव.

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मृतक की पत्नी का पुराना प्रेमी निकला मुख्य आरोपी
दरअसल, दिल्ली के द्वारका इलाके का रहने वाला अनीश यादव, मकतूल रवि कुमार की पत्नी का पुराना आशिक़ था. दोनों कॉलेज में साथ ही पढ़ते थे और यहीं से अनीश उस लड़की के पीछे पड़ा था. आगे चल कर दोनों की शादी अलग-अलग जगहों पर हो गई. लेकिन अनीश इन दिनों अपनी अपनी बीवी से अलग रह रहा था. इसी बीच उसके दिमाग में अपने पुराने प्यार को दोबारा हासिल करने का फितूर सवार हुआ. और बस, इसी फितूर के चलते उसने अपनी माशूका के पति रवि को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया. लेकिन इसके लिए उसने एक ऐसी ख़ौफ़नाक और अजीबोग़रीब साज़िश रची, जैसा आम तौर पर देखने को नहीं मिलता.

कत्ल के लिए चुराई थीं जहरीली दवाएं
पहले तो उसने पकड़े जाने से बचने के लिए क़त्ल का एक फुलप्रूफ़ तरीक़ा ढूंढ़ा. इंटरनेट खंगाले और इंजेक्शन के ज़हरीले वार से अपने शिकार की जान लेने का फ़ैसला किया. लेकिन ये काम वो खुद नहीं करना चाहता था. इसके लिए उसने अपनी माशूका के पड़ोस में रहने वाले एक फिजियोथेरेपिस्ट प्रेम सिंह को राज़ी किया. बात तीन लाख रुपये में तय हुई. फिज़ियोथेरेपिस्ट की मदद से अनीश ने कुछ ऐसी दवाओं का पता लगाया, जिनका कॉकटेल इंसानी ज़िंदगी के लिए घातक साबित हो सकता है. अब उन्हें ऐसी दवाओं की तलाश थी, क्योंकि ये आसानी से मेडिकल स्टोरी में नहीं मिलती. इसी बीच एक मौका हाथ आ गया, जब अनीश के जानकार एक पुलिसवाले ने खुदकुशी की कोशिश की. पुलिसवाले को एम्स में भर्ती करवाया गया और वहीं तीमारदार के तौर पर पहुंचे अनीश ने कुछ बेहोशी की दवाएं चुरा लीं.

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सीसीटीवी में कैद कातिलों की तस्वीरें
डीसीपी जतिन नरवाल ने बताया कि क़त्ल से पहले दोनों ने एक दुकान से प्रेम के लिए नक़ाब भी खरीदा, लेकिन इस खरीददारी से पहले पुलिस को उलझाने के लिए दोनों अपने-अपने मोबाइल फ़ोन घर में छोड़ कर गए. ये और बात रही कि दोनों की तस्वीरें दुकान के सीसीटीवी कैमरे में क़ैद हो गई. साज़िश के मुताबिक प्रेम को अपने शिकार रवि की गर्दन में इंजेक्शन मार कर भाग जाना था. अनीश ने उसे यहां तक कह रखा था कि अगर वो पकड़ा भी जाए, तो भी भूल कर उसका नाम ना ले और बदले में वो उसे क़ानूनी तौर केस से बचने में मदद करेगा. लेकिन इत्तेफ़ाक से इंजेक्शन मारने वाला प्रेम मौके से ही पकड़ा गया और पुलिस इंटैरोगेशन में टूट भी गया. और इसी के साथ क़त्ल की पूरी साज़िश सामने आ गई.

अनीश यादव पर पहले से दर्ज हैं कई मुकदमें
उधर, मौके से पकड़े गए क़ातिल प्रेम सिंह की निशानदेही पर जब पुलिस ने साज़िश रचने के इल्ज़ाम में अनीश को गिरफ्तार किया, तो और भी कई बातें पता चलीं. ये साफ़ हुआ कि अनीश पहले भी गैंगरेप के एक मामले का मुल्ज़िम रह चुका है. उसके खिलाफ द्वारका इलाके में ही 2010 में गैंगरेप का एक केस दर्ज हुआ था. और इन दिनों वो ज़मानत पर बाहर था. दूसरी ओर, उसकी पत्नी ने भी उसके खिलाफ़ दहेज के लिए सताने का मुकदमा कर रखा था. लेकिन इतना सबकुछ होने के बावजूद उसके होश ठिकाने नहीं आए और उसने सिर्फ़ अपनी सनक और एकतरफ़ा आशिकी के चलते एक बेगुनाह की जान ले ली.

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