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ईरान ने मोसाद के 'जासूसी हेडक्वार्टर' को बैलिस्टिक मिसाइल से उड़ाया, लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले जारी

ईरान ने इराक के अर्ध-स्वायत्त कुर्दिश क्षेत्र इरबिल पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है. इजरायली खुफियां एजेंसी मोसाद के जासूसी हेडक्वार्टर को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 लोग घायल हो गए है. दूसरी तरफ लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले लगातार जारी है.

ईरान ने इराक के अर्ध-स्वायत्त कुर्दिश क्षेत्र इरबिल पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है. ईरान ने इराक के अर्ध-स्वायत्त कुर्दिश क्षेत्र इरबिल पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:14 PM IST

ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने इराक में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के एक 'जासूसी हेडक्वार्टर' पर हमला किया है. ये हमला इराक के अर्ध-स्वायत्त कुर्दिश क्षेत्र इरबिल में हुआ है. बैलिस्टिक मिसाइल से ये हमला जएक वीआईपी इलाके में हुआ है, जहां से थोड़ी ही दूर पर ही अमेरिका का वाणिज्यिक दूतावास है. कुर्दिश क्षेत्रीय सरकार के सिक्योरिटी काउंसिल ने एक बयान जारी कर बताया है कि इस हमले में 4 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 6 लोग गंभीर रूप से घायल हैं.

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ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स का कहना है कि उन्होंने इराक के साथ-साथ सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ भी कार्रवाई की है. उन्होंने कहा, "यहूदी शासन के हालिया अत्याचार जिसके तहत उसने हमारे गार्ड्स पर हमला किया और हमारे कमांडरों की हत्या की है. उसके जवाब में इराक के कुर्दिश क्षेत्र में मौजूद मोसाद के हेडक्वार्टर को बैलिस्टिक मिसाइल से उड़ा दिया गया है." ये हमले ऐसे वक्त में हुए हैं, जब गाजा में चल रही जंग का खतरा इस पूरे क्षेत्र में फैलने का संकट मंडरा रहा है. 

वैसे, ईरान पहले भी इराक के उत्तरी कुर्दिस्तान क्षेत्र में हमले करता रहा हैं. तेहरान का दावा है कि कुर्दिस्तान क्षेत्र का इस्तेमाल ईरानी अलगाववादी समूहों के साथ-साथ उसके कट्टर दुश्मन इजरायल के खुफिया एजेंट करते हैं. इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की सबसे खूंखार और बेहतरीन खुफिया एजेंसी माना जाता है. मोसाद भले ही हमास के हमले का अंदाजा लगाने में चूक गई हो, लेकिन इसका जासूसी नेटवर्क न केवल इजरायल में बल्कि दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है.  

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गाजा को हड़पने के आरोपों पर इजरायल का जवाब

इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने गाजा को हड़पने के लग रहे आरोपों पर जबाव दिया है. उन्होंने कहा कि गाजा फिलिस्तीनी लोगों का है और युद्ध खत्म होने के बाद वहीं इस पर शासन करेंगे. अरब देशों ने दावा किया था कि यरूशलम और वेस्ट बैंक की तरह गाजा पर भी इजरायल कब्जा कर लेगा. फिलिस्तीन के हथियारबंद संगठन हमास से चल रही लड़ाई के बीच इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने उत्तरी गाजा में जमीनी सैन्य अभियान को खत्म करने का ऐलान कर दिया है.

योव गैलेंट ने कहा कि दक्षिणी गाजा में भी गहन सैन्य अभियान अपने अंत के करीब है, लेकिन बिना दबाव बनाए हमास बाकि बंधकों को रिहा करने पर सहमत नहीं होगा. ऐसे में हवाई हमले जारी रहेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि युद्ध का अंत कूटनीति के साथ होना चाहिए और फिर गाजा में नेतृत्व फिलिस्तीनियों पर छोड़ दिया जाना चाहिए.. उन्होंने कहा, ''इजरायल का उत्तरी गाजा में सैन्य अभियान समाप्त हो गया है. दक्षिणी गाजा में अंतिम चरण में हैं. युद्ध का अंत कूटनीति के साथ होना चाहिए.''

दरअसल इजरायल पर आरोप लग रहे थे कि वो फिलिस्तीन के इलाके यरूशलम और वेस्ट बैंक की तरह गाजा पर भी कब्जा कर लेगा, लेकिन इजरायली रक्षा मंत्री ने ये साफ कर दिया कि उनका इरादा गाजा से हमास का सफाया करना है ना कि यहां पर शासन करना. पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल के इतिहास में उस पर सबसे बड़ा हमला हुआ था, ये हमला हमास ने किया था. इसके बाद इजरायल ने गाजा पर कहर ढा दिया. वहां अब तक 24 हजार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि 60 हजार घायल हुए हैं.

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यह भी पढ़ें: ड्रोन से हमला, IED ब्लास्ट से तबाही की तैयारी, ISIS की खौफनाक साजिश का NIA ने किया खुलासा

लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले लगातार जारी

सोमवार को भी हूती विद्रोहियों ने एक अमेरिका कार्गो शिप को निशाना बनाया. इसकी पुष्टि यूएस सेंट्रल कमांड और ईगल बल्क नामक अमेरिकी कंपनी ने की है. हालांकि इस हमले में जहाज को ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ और उस पर सवार लोग भी सुरक्षित हैं. वहीं दूसरी तरफ हूती विद्रोहियों पर जवाबी कार्रवाई की चर्चा ब्रिटेन की संसद में हुई. इसमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने अमेरिका के साथ मिलकर ये कार्रवाई आत्मरक्षा में की है. 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है, ''भविष्य की कार्रवाई पर अटकलें लगाना सही नहीं होगा, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि हमारे हमलों का उद्देश्य हूती क्षमता को कम करना था.'' दो दिन पहले अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर यमन में हूतियों के 9 इमारतों, 13 ड्रोन और मिसाइल लॉन्च साइटट को ध्वस्त कर दिया था. इसके बाद से हूती विद्रोही काफी आक्रोशित हैं. उन्होंने इसकी कीमत चुकाने की धमकी दी है. हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने चेतावनी दी है कि उनके हमले रुकने वाले नहीं हैं.

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पिछले साल 16 नवंबर से हूती विद्रोही लाल सागर में लगातार जहाज़ों को निशाना बना रहा है. उनकी दलील है कि ये हमले वो इजरायल के खिलाफ तब तक जारी रहेंगे जब तक कि सीजफायर और गाजा का घेराव खत्म ना हो जाए. वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आरोप है कि हूती की इस कार्रवाई का गाजा से कोई संबंध नहीं है. हालांकि, अमेरिका के साथ किए गए इस हमले को इजरायल से ही जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि विदित है कि अमेरिका हमास के खिलाफ इजरायली जंग में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है.

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