
पांच साल की लंबी मौत के बाद दुनिया का सबसे खूंखार आतंकवादी अबू बकर अल बगदादी एक बार फिर ज़िंदा हो गया है. ज़िंदा हो गया है, ये बताने के लिए कि श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर जो सीरियल धमाके हुए थे वो उसी ने करवाए थे. ये धमाके सीरिया में हुई उसकी हार का बदला था. 29 अप्रैल को आईएसआईएस की मीडिया विंग ने 18 मिनट का एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि बगदादी मरा नहीं है, बल्कि ज़िंदा है.
4 जुलाई 2014
इराक की अल नूरी मस्जिद. आखरी बार जहां दिखाई दिया था बगदादी. फिर उसके आतंकियों ने मचाई तबाही. आतंकियों और सेना का मुकाबला हुआ. खून की नदियां बहने लगीं. आतंक का साया इराक और सीरिया पर पूरी तरह छा गया. इस दौरान कई बार उसकी मौत की ख़बरे आईं. फिर वो अचानक वो गुम हो गया.
29 अप्रैल 2019
पूरे 4 साल 10 महीने 5 दिन बाद जारी हुआ है दुनिया में आतंक के सबसे बड़े आका का सबसे नया वीडियो. पूरे 1771 दिन बाद आईएसआईएस के सरगना अबू बकर अल बग़दादी को दुनिया दोबारा देख रही है. ये सिर्फ दूसरा मौका है जब बगदादी दुनिया के सामने आया है. वो भी तब जब दुनिया ये मान चुकी थी कि बगदादी मर चुका है.
पर क्या सचमुच ये बगदादी ही है? क्या ये वीडियो सही है? ये वीडियो कहां रिकार्ड की गई? कब की गई? तो फिलहाल अमेरिका समेत दुनिया भर की एजेंसियां बगदादी के इस सबसे नए वीडियो की असलीयत की छानबीन कर रही हैं. पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या वाकई ये बगदादी जिंदा है? हालांकि आईएसआईएस की मीडिया विंग का दावा है कि बगदादी जिंदा है और वीडिय में मौजूद शख्स बगदादी ही है. आईएसआईएस की मीडिया विंग अल-फुरकान ने ही 29 अप्रैल 2019 को ये वीडियो जारी किया है.
तो क्या इराक से लेकर सीरिया तक में जो टनों बम बरसाए गए और हजारों करोड़ डॉलर खपा देने के बाद भी बगदादी जिंदा है? क्या इस वीडियो को बगदादी के ज़िंदा होने का सबूत मान लिया जाए? क्योंकि जानकार मान रहे हैं कि वीडियो में दिख रहा शख्स हूबहू बगदादी जैसा ही है.
तीन तस्वीरें सामने आई हैं. तीनों तस्वीरें अबू बकर अल बगदादी की है. पहली तस्वीर आईएसआईएस के गठन से पहले की है. जब 2010 में वो इराक में अलकायदा का नेता बना था. दूसरी तस्वीर साल 2014 की है, जब आईएसआईएस के वजूद में आने के बाद मोसुल की अल-नूरी मस्जिद से उसने दुनिया के नाम संदेश दिया था. और खुद को खलीफा घोषित किया था. और तीसरी और सबसे ताज़ा तस्वीर 29 अप्रैल 2019 की है.
तीनों तस्वीरें अलग-अलग वक्त और हालात की हैं. मगर गौर से देखने पर साफ पता चल रहा है कि ये एक ही शख्स की हैं. और वो है बगदादी की. तीनों चेहरे की आंखें और भवें एक जैसी हैं. नाक एक जैसी. होंठ और उसके ऊपर का हिस्सा एक जैसा. हालांकि तीनों तस्वीरों में उम्र का फर्क साफ नज़र आ रहा है. अब इसकी दाढी पक चुकी है. चेहरे की चमक गायब है. झुर्रियों के निशान साफ नज़र आ रहे हैं. चेहरे के बाद अब बगदादी की आवाज़ पर गौर कीजिए. पहले वीडियो (4 जुलाई 2014) में मोसुल में दिए उसके भाषण था और दूसरा वीडियो 29 अप्रैल 2019 का है. इसके अलावा पिछले 5 सालों में कई बार बगदादी का ऑडियो भी जारी करने का दावा किया गया है.
इस नए वीडियो में आईएस सरगना बगदादी ज़मीन पर बिछी एक गद्दी पर बैठा हुआ है. गहरे रंग के कपड़े और सफेद रंग की जैकेट में बगदादी ने सिर पर काला कपड़ा ओढ़ रखा है. उसके बगल में टेक लगाने के लिए कुशन है और पीछे ऑटोमैटिक रायफल नज़र आ रही है. जिस कमरे में बगदादी बैठा है उसकी पहचान छुपाने के लिए दीवारों पर सफेद रंग का कपड़ा टंगा है. बगदादी के अलावा इस कमरे में तीन और लोग भी बैठे हैं. मगर वीडियो में किसी का भी चेहरा नहीं दिखाया गया है. इन तीन में से दो ने चेहरा ढका हुआ जबकि तीसरे के चेहरे को धुंधला कर दिया गया है.
18 मिनट के इस वीडियो में बगदादी अपने इन तीनों गुर्गों को निर्देश दे रहा है. साथ ही ये आतंकी अपने आका को अलग अलग रिपोर्ट दिखा रहे हैं. जिन्हें वो चेक कर रहा है. वीडियो के आखिर में ईस्टर संडे पर श्रीलंका में हुए धमाके की तस्वीरें दिखाई गई हैं. इसमें उन आठ आतंकियों का वीडियो भी है. जिसे श्रीलंका में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद सोशल मीडिया पर जारी किया गया था. अब सवाल ये है कि पांच साल की खामोशी के बाद बगदादी ने अचानक ये वीडियो क्यों जारी किय है? इस वीडियो के जरिए वो दुनिया को क्या बताना चाहता है? तो इन सवालों के जवाब 18 मिनट के इसी वीडियो में हैं.
वीडियो में बगदादी ने सीरिया के शहर बागुज की हार का जिक्र किया है. बागुज आईएस के कब्जे वाला सीरिया का आखिरी इलाका था. इसी साल मार्च में बागुज से बगदादी के आतंकी भाग खड़े हुए थे. इसके अलावा इसी वीडियों में बगदादी 3 अप्रैल, 9 अप्रैल, 11 अप्रैल और 21 अप्रैल की चार घटनाओं का जिक्र करता है. इन घटनाओं का जिक्र करके बगदादी ये यकीन दिलाना चाहता है कि वीडियो पुराना नहीं बल्कि नया है और वो मरा नहीं बल्कि जिंदा है.
श्रीलंका में ईस्टर संडे पर हुए इन आतंकी हमलों का कनेक्शन 5000 किमी दूर सीरियाई शहर बाग़ुज़ से जुड़ा है. इराक और सीरिया में आईएसआईएस के सबसे बड़े और सबसे पुराने इस गढ पर इसी साल 9 फरवरी से 23 मार्च तक अमेरिकी और सहयोगी देशों की सेनाओं के अलावा इराकी और सीरियाई सेना ने इतने बम बरसाए कि इस इलाके से आतंक की जड़ें ही उखड़ गईं. और तब से आईएसआईएस इस हमले का बदला लेने के लिए छटपटा रहा था.
वीडियो में कहा गया "श्रीलंका में हुए धमाके इसी का बदला है. हमें खुशी है कि श्रीलंका में हमारे भाईयों ने ईस्टर के मौके पर उनके घरों में घुसकर उन्हें मारा और बागुज़ में मारे गए अपने भाईयों की शहादत का बदला लिया. इस हमले की जद में एक हज़ार से ज़्यादा लोग आए हैं. जिनमें अमेरिकी और यूरोपी लोग शामिल है. मैं श्रीलंका में हमला करने के लिए अपने भाईयों की प्रशंसा करता हूं."
मुमकिन है कि बगदादी का ये वीडियो पुराना हो. मगर उसमें श्रीलंका में हुए ब्लास्ट का ज़िक्र कर के उसे नया वीडियो बताने की कोशिश की गई हो. क्योंकि वीडियो में जिस वक्त श्रीलंका में हुए हमले की बात की जा रही थी. उस वक्त वीडियो में बगदादी के चेहरे की जगह श्रीलंका में हुए हमले की तस्वीरें दिखाई गई हैं.
हालांकि इस वीडियो को नया बताने और बगदादी को ज़िंदा साबित करने के लिए वीडियो में बगदादी के ज़रिए इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतनयाहू के दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने. अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्दुल अज़ीज़ के इस्तीफे और सूडान के राष्ट्रपति ओमर-अल बशीर के तख्तापलट का भी ज़िक्र किया गया है. ये तीनों घटनाएं इसी साल अप्रैल के महीने की हैं. 9 अप्रैल को इज़राइल में हुए चुनाव का नतीजा आया. 3 अप्रैल को अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्दुल अज़ीज़ ने अपने पद से इस्तीफा दिया. 11 अप्रैल को सूडान के राष्ट्रपति ओमर-अल बशीर का तख्ता पलट कर दिया गया. और 21 अप्रैल को श्रीलंका में सीरियल ब्लास्ट हुआ. इस लिहाज़ से ऐसा मालूम पड़ता है कि आईएसआईएस की मीडिया विंग अल-फुरकान की तरफ से जारी हुआ ये वीडियो शायद हफ्ता भर पहले ही रिकार्ड किया गया है.
"मुझे लगता है कि तुम कभी ये नहीं भूलोगे कि नेतनयाहू फिर एक बार इज़राइल की सत्ता पर काबिज़ हो चुका है. और उससे भी बड़ी बात ये है कि अल्जीरिया और सूडान के राष्ट्रपतियों का तख्तापलट हो चुका है. हालांकि बदकिस्मती ये है कि हम इससे सबक नहीं ले रहे हैं. मुझे समझ नहीं आता है कि लोगों ने क्यों आवाज़ उठाई थी और वो असल में चाहते क्या थे. जबकि उन्होंने एक तानाशाह को हटाकर दूसरे तानाशाह को अपने सिर पर बिठा लिया है. जो मुसलमानों के प्रति पहले वाले से ज़्यादा क्रूर और घातक साबित हो रहे हैं. मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि ऐसे लोगों से निपटने के लिए जिहाद ज़रूरी है. जिहाद के ज़रिए ही अत्याचार को खत्म किया जा सकता है. और जिहाद के ज़रिए हमें सम्मान मिलेगा."
एक्सपर्ट का मानें तो 18 मिनट के इस वीडियो के जरिए बगदादी आईएस के आकंतकियों में भी फिर से जान फूंकने की कोशिश कर रहा है. खबरों के मुताबिक सीरिया और इराक में आईएसआईएस के खात्मे के बावजूद 20 से 25 हज़ार आतंकी अब भी छुपे हुए हैं.