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शॉर्ट रेंज मिसाइल और तेहरान के अंदर से अटैक... पहली बार ईरान ने किया खुलासा, ऐसे मारा गया हमास चीफ

हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के मामले में ईरान ने कई खुलासे किए हैं. ईरानी सेना के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने अपने ताजा बयान में कहा कि हानिया को मारने के लिए सात किलोग्राम वारहेड से लैस शॉर्ट रेंज प्रोजेक्टाइल (मिसाइल) का इस्तेमाल किया गया था.

हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के मामले में ईरान ने कई खुलासे किए हैं. हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के मामले में ईरान ने कई खुलासे किए हैं.
aajtak.in
  • तेहरान,
  • 04 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 7:57 AM IST

हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के मामले में ईरान ने कई खुलासे किए हैं. ईरानी सेना के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने अपने एक बयान में कहा कि हानिया को मारने के लिए सात किलोग्राम वारहेड से लैस शॉर्ट रेंज प्रोजेक्टाइल (मिसाइल) का इस्तेमाल किया गया था. इस हमले में अमेरिका ने इजरायल का साथ दिया था. इस तरह ईरान के अंदर से ही तेरहरान के उस सरकारी गेस्ट हाउस पर मिसाइल अटैक किया गया, जिसमें इस्माइल हानिया अपने निजी सुरक्षाकर्मियों के साथ ठहरे हुए थे. 

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इस खुलासे के साथ ही ईरान ने अपनी वो कसम भी दोहराई, जिसमें उसने कहा था कि इजरायल को इस हमले का अंजाम भुगतना होगा. इस तरह ईरान ने हानिया पर हुए हमले के लिए इजरायल और अमेरिका दोनों को जिम्मेदार ठहराया है. दरअसल, एक ही रात में हमास चीफ इस्माइल हानिया की तेहरान और हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर फउद शुकर को बेरूत में एयर स्ट्राइक के जरिए मार दिए जाने को सीधे-सीधे ईरान पर हमले की तरह देखा जा रहा है. हमास और हिजबुल्लाह की बागडोर ईरान के हाथ में ही है. 

ईरानी सुप्रीम लीडर की 'कसम' के बीच US का बयान 

ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने हानिया की हत्या का बदला लेना अपना कर्तव्य बताया है. ईरान के सभी प्राक्सी हूती, हिजबुल्लाह, हमास और इराकी लड़ाकों की मीटिंग बुलाई गई है. वहीं अमरीका ने भी स्पष्ट कर दिया है कि इजरायल पर हमला होने पर वह सीधे जवाबी कार्रवाई करेगा. अमेरिकी सेना ने इजरायल पर किसी भी हमले की स्थिति से निपटने के लिए मध्य पूर्व में कम से कम 12 युद्धपोत तैनात किए हैं. इनमें विमानवाहक पोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट और 4000 से अधिक मरीन कमांडो शामिल हैं. 

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हमास, हौथी, हिजबुल्लाह का नेतन्याहू ने किया जिक्र

रिपोर्ट के अनुसार, फारस की खाड़ी और पूर्वी भूमध्य सागर में विध्वंसक तैनात किए गए हैं. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "युद्ध की शुरुआत से ही मैंने स्पष्ट कर दिया है कि हम ईरान के खिलाफ लड़ रहे हैं. यह आतंकवादी सेनाओं और मिसाइलों के उस शिकंजे के खिलाफ अस्तित्व की लड़ाई है, जिसे ईरान हमारे गले में कसना चाहता है. कुछ दिन पहले कांग्रेस को दिए अपने भाषण में मैंने ईरान की तीन मुख्य शाखाओं का ज़िक्र किया था. इसमें हमास, हौथी और हिजबुल्लाह, यानी तीन 'एच' शामिल हैं. 

इजरायल पर जमीनी हमला ईरान के लिए मुश्किल

अमेरिका से सीधी जंग के खतरे के बावजूद ईरान के सामने पीछे हटने की गुंजाइश बहुत कम नजर आ रही है. क्योंकि इजरायल की इतनी बड़ी कार्रवाई पर चुप्पी वो बर्दाश्त नहीं करेगा. अब सवाल ये है कि ईरान किस तरह से इजरायल पर हमला करेगा. ईरान के पास 300 किलो मीटर से लेकर 3000 किलो मीटर तक मार करने वाली बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलें हैं. उसके लिए सीधे इजरायल पर जमीनी हमला करना मुश्किल होगा, इसीलिए इन मिसाइलों से हमला करना ही ईरान के पास एक मात्र विकल्प दिख रहा है.

ईरान-अमेरिका के बीच जंग का पैदा हुआ खतरा

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हो सकता है कि लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूती भी उसके हमले के दौरान ही इजरायल पर मिसाइलें दागें. यदि ऐसा हुआ तो अमेरिका इजरायल का साथ देगा और ईरान-अमेरिका में सीधी जंग का खतरा पैदा हो जाएगा. इससे इस युद्ध के पूरे मध्य पूर्व में फैलने का खतरा बढ़ेगा, जो किसी के लिए भी ठीक नहीं होगा. संभावित जंग के मद्देनजर नेतन्याहू ने कहा, ''इजरायल के नागरिकों चुनौतीपूर्ण दिन आने वाले हैं. बेरूत में हमले के बाद से हर तरफ से धमकियां सुनाई दे रही हैं. हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं.''

रॉकेट अटैक को लेकर इजरायल का रेड अलर्ट

इस बीच इजरायल ने रॉकेट हमलों को लेकर रेड अलर्ट जारी कर दिया है. आईडीएफ ने हमले तेज कर दिए हैं. गाजा और लेबनान में भी इजरायली सेना बम बरसा रही है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमास लीडर की मौत को युद्धविराम के लिए झटका बताया है. उन्होंने इस मामले को लेकर इजरायली पीएम से फोन पर बात भी की है. इसके पहले कई और अंतर्राष्ट्रीय नेता हानिया की मौत के बाद संघर्ष विराम पर संकट की आशंका जाहिर कर चुके हैं. इजरायल में संभावित खतरे को देखते हुए लोग शेल्टर्स का रूख कर रहे हैं.

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तेहरान की घनी आबादी में हमला, दुनिया हैरान

बताते चलें कि ईरान की राजधानी तेहरान में मौजूद वो पूरा मकान ही 30 और 31 जुलाई की दरम्यानी रात को जमींदोज कर दिया गया, जिस मकान में हमास चीफ इस्माइल हानिया एक मेहमान की तरह रुके हुए थे. इस हमले में हानिया के साथ-साथ उनका एक सुरक्षा गार्ड भी मारा गया था. ये हमला तेहरान की एक घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में हुआ और जिस सटीक तरीके से हुआ, उसने दुनिया को हैरान कर दिया. ये तरीका हानिया को लेकर इजरायल के पास मौजूद इनपुट और स्ट्राइक करने की उसकी खतरनाक ताकत की एक बानगी मानी जा रही है. 

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