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न्यूयॉर्क टाइम्स का बड़ा खुलासा, इजरायल को एक साल पहले ही मिल गया था हमास हमले का ब्लूप्रिंट, फिर भी...

इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम खत्म हो चुका है. हमास द्वारा रॉकेट दागने के बाद आईडीएफ ने गाजा पट्टी में अपना ऑपरेशन तेज कर दिया है. इसी बीच अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने बड़ा खुलासा किया है. उसके अनुसार 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले की ब्लूप्रिंट इजरायल को एक साल पहले ही मिल गई थी.

इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम खत्म हो चुका है. इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम खत्म हो चुका है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:05 PM IST

इजरायल पर 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया है कि हमास के हमले का पूरा ब्लूप्रिंट इजरायल को एक साल पहले ही मिल गया था. ये सबकुछ दस्तावेजों, ईमेल और इंटरव्यू से पता चलता है. लेकिन इजरायली सेना और खुफिया अधिकारियों ने इसे ये मानकर खारिज कर दिया कि हमास के लिए इस हमले को अंजाम दे पाना बेहद मुश्किल होगा. लेकिन हकीकत ये है कि 40 पन्नों के इस पूरे दस्तावेज में जो कुछ जैसे लिखा है, उसे हमास के लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को बिल्कुल वैसे ही अंजाम दिया था. 

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इजरायल ने इस दस्तावेज को 'जेरिको वॉल' का कोड नेम दिया था. यही दस्तावेज करीब 1200 इजरायलियों की मौत का फरमान बन गया. दस्तावेज में पहले रॉकेटों की बरसात से आयरन डोम को नाकाम करने, इंटेलिजेंस टावर को उड़ाने, और फिर ड्रोन से हमले करने की जानकारी थी, उसे वैसे ही लागू किया गया. यही नहीं, पैरा ग्लाइडर से आतंकियों के आने की तैयारी, पिकअप ट्रकों, मोटरसाइकिल और पैदल लड़ाकों के इजरायल में दाखिल होने के जो निर्देश लिखे थे, उसे भी हमाल के लड़ाकों ने वैसे ही अंजाम दिया. इतना ही नहीं इसमें इजरायली सेना के लेकर भी अहम जानकारी थी.

इस ब्लूप्रिंट में इजरायली सेना के आकार, प्रकार, स्थान, संचार केंद्रों और कई संवेदनशील चीजों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी. ऐसे में सवाल उठता है कि हमास ने इतनी सारी खुफिया जानकारी कैसे इकट्ठा की थी? क्या आईडीएफ में कोई लीक है, जो संवेदशनील जानकारियां हमास को उपलब्ध करा रहा है? यह दस्तावेज इजरायली सेना और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों के बीच खूब प्रसारित हुआ, लेकिन उन्हें लगा कि इस तरह से हमला करना हमास की क्षमताओं से परे है. हालांकि, इस दस्तावेज को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने देखा था या नहीं, ये पता नहीं है.

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पिछले साल, इस दस्तावेज के मिलने के तुरंत बाद, इजरायली सेना के गाजा डिवीजन के अधिकारियों, जो गाजा सीमा की रक्षा के लिए जिम्मेदार हैं, ने कहा कि हमास के इरादे स्पष्ट नहीं हैं. फिर, जुलाई में, हमास के हमले से ठीक तीन महीने पहले, इजराइल की सिग्नल खुफिया एजेंसी, यूनिट 8200 के एक विश्लेषक ने चेतावनी दी थी कि हमास ने एक मिलिट्री ट्रेनिंग आयोजित की है, जो कि ब्लूप्रिंट में दी गई जानकारी से मेल खाती है. लेकिन गाजा डिवीजन के एक कर्नल ने इस चेतावनी को भी नजरअंदाज कर दिया. इजरायल की यही चूक उस पर भारी पड़ी, जिसकी परिणति दुनिया देख रही है.

इजरायल और हमास के बीच गाजा पट्टी में शुरू हो गई जंग

गाजा पट्टी में एक बार फिर से इजरायल और हमास के बीच जंग शुरू हो गई है. युद्धविराम को हमास ने इजरायल पर रॉकेट दाग कर तोड़ा. हमास ने रॉकेट दाग कर इजरायल के दो शहरों के निशाना बनाया. इसके जवाब में इजरायल ने गाजा में विमानों से बम बरसाए. इजरायल का ये भी आरोप है कि युद्धविराम को बढ़ाने के लिए शर्त के मुताबिक हमास ने बंधकों की लिस्ट नहीं सौंपी. इस तरह उसने युद्धविराम की हर शर्त को तोड़ा जिसके बाद इजरायल के पास कार्रवाई को आगे बढ़ाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था. 

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युद्धविराम खत्म होने के बाद खड़ा होगा रिहाई के लिए संकट

इस बीच हमास के नियंत्रण वाले गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि युद्धविराम खत्म होते ही पहले घंटे में हुए इजरायली हमले में 14 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं हमास ने अपने सैन्य विंग को निर्देश दे दिए हैं कि वो जंग की शुरुआत कर दे और गाजा पट्टी की रक्षा करे. इसके साथ ही गाजा के अलग-अलग इलाके से भीषण जंग की खबर आ रही है. युद्धविराम खत्म होने के बाद कतर के विदेश मंत्री का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि अब बंधकों की रिहाई के लिए संकट खड़ा हो जाएगा.

सिनवार ने कहा- अक्टूबर 7 का हमला सिर्फ एक रिहर्सल था

युद्धविराम खत्म होने की एक वजह हमास नेताओं की बयानबाजी भी है. हमास नेता याह्या सिनवार ने 7 अक्टूबर के बाद पहली सार्वजनिक बयान दिया है. उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नेतन्याहू को धमकी दी है. उन्होंने कहा है, ''नेतन्याहू जान लें कि अक्टूबर 7 का हमला सिर्फ एक रिहर्सल था.'' ये धमकी वही आतंकी दे रहा है जिसके गाजा में होने की खबर है लेकिन वो खुद एक बिल में छिपा हुआ है. इसकी तलाश में उसके घर पहुंची आईडीएफ ने बम से इमारत को नेस्तनाबूत कर दिया, लेकिन वो वहां मिला नहीं था.

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यह भी पढ़ें: मायूस मोसाद, IDF के खाली हाथ, गाजा की सुरंगों में गुम हुआ 'हमास का ओसामा बिन लादेन'

हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम का समझौता क्यों टूटा? 

हमास और इजरायल के के बीच तनातनी युद्धविराम के 7वें दिन ही बढ़ गई थी. हमास ने आज रिहा किए जाने वाले बंधकों की कोई भी लिस्ट कर रात 12 बजे तक नहीं सौंपी. वहीं इजरायल 7वें दिन बंधकों की लिस्ट को लेकर हमास से बेहद नाराज था. हमास ने न केवल लिस्ट नहीं सौंपी बल्कि दक्षिण इजरायल के दो शहरों पर रॉकेट भी बरसाए. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कल ही धमकी दी थी कि हमास का सफाया किए बिना इजरायल चैन से नहीं बैठेगा. हमास ने यरुशलम में हमला कर युद्धविराम को तोड़ दिया था.

हमास ने बिबास का वीडियो जारी कर इजरायल को उकसाया

इजरायल हमास के इस हमले से भी खफा था. इसके साथ ही हमास ने यार्डेन बिबास का वीडियो जारी कर इजरायल को उकसाया जिसमें यार्डेन ने नेतन्याहू पर बमबारी कर अपने बीवी बच्चों की हत्या का आरोप लगाया था. इजरायल बंधकों का इस तरह इस्तेमाल किए जाने से भी भड़का हुआ था. एक वीडियो सामने आया, जो 8 बंधकों में से एक मिया शेम का है. 21 साल की मिया शेम को रिहा करने से पहले हमास ने ये बयान दिलवाया कि उसे सारी सुविधा मिली और उसके साथ हमास का रवैया बहुत अच्छा था.

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हमास की खुली पोल, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की चेतावनी

हकीकत ये है कि इस लड़की की सर्जरी हमास ने जानवरों के एक डॉक्टर से करवाई. फिर जब ये लड़की आजाद होकर अपनी मां से मिली तो हमास की पोल खुल गई. इसी बीच प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक बार फिर हमास को पूरी तरह से साफ करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि उन्हें हमास को खत्म करने से कोई नहीं रोक सकता. हालांकि, नेतन्याहू जब ये बयान दे रहे थे उसके कुछ ही घंटे पहले दो हथियारबंद हमलावरों ने यरूशलम में तीन इजरायली नागरिकों की हत्या कर दी और कईयों को घायल कर दिया. 

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