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IED धमाका: जैश-उल हिंद के दावे पर यकीन नहीं, जांच भटकाने की हो सकती है साजिश

इजरायली दूतावास के पास ब्लास्ट की जांच कर रही एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि जबतक जैश उल हिंद के दावे के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलते हैं, तब तक यकीन नहीं किया जा सकता है. सुरक्षा एजेंसियों को लगता है कि ये जांच की प्रक्रिया को भ्रमित करने का तरीका हो सकता है.

घटनास्थल की तस्वीर (फोटो- आजतक) घटनास्थल की तस्वीर (फोटो- आजतक)
मुनीष पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST
  • जैश उल हिंद ने ली धमाके की जिम्मेदारी
  • दावे की सत्यता जांच रही है खुफिया एजेंसियां
  • सोशल मीडिया पर मिला स्क्रीनशॉट

दिल्ली में शुक्रवार को इजरायली दूतावास के पास हुए धमाके की जिम्मेदारी एक गुमनाम से संगठन जैश-उल-हिंद ने लिया है. इस संगठन ने सोशल मीडिया पर पोस्टकर इस धमाके की जिम्मेदारी ली है. हालांकि जांच एजेंसियां इस संगठन के दावे की पड़ताल कर रही हैं. 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलिग्राम पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर में जैश-उल हिंद ने धमाके की जिम्मेदारी ली है. इस संगठन ने लिखा है कि हम दिल्ली के उच्च-सुरक्षा क्षेत्रों में घुसपैठ करने और आईईडी हमलों को करने में सक्षम रहे. यह हमलों की एक श्रृंखला की शुरुआत है...आगे हम भारत के प्रमुख शहरों को टारगेट करेंगे.

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जांच एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि जब तक इस एजेंसी के शामिल होने का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलता है, एजेंसियां जैश-उल-हिंद के दावे पर यकीन नहीं करने वाली हैं. सुरक्षा एजेंसियों को लगता है कि ये जांच की प्रक्रिया को भ्रमित करने का तरीका हो सकता है.

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बता दें कि जहां जैश उल हिंद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. वहीं, इस हमले के तार ईरान से जुड़ते नजर आ रहे हैं. जहां धमाका हुआ है वहां के आस-पास एक चिट्ठी मिली है. इस चिट्ठी में इस धमाके को महज ट्रेलर बताया गया है. ये चिट्ठी इजरायल के राजदूत के नाम से है. चिट्ठी में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी का जिक्र है, जिनकी 3 जनवरी 2020 को इराक में बगदाद एयरपोर्ट के पास ड्रोन से हत्या कर दी गई थी.

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इसके अलावा इस पत्र में ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन फकीरजादेह का भी नाम है. जिनकी हत्या में सैटेलाइट नियंत्रित स्मार्ट सिस्टम मशीनगन का इस्तेमाल किया गया था. मोहसिन की हत्या ईरान में की गई थी. इस चिट्ठी में इन दोनों की हत्या का बदला लेने की बाद कही गई है. एजेंसिया अब इस एंगल से भी मामले की जांच कर रही हैं.

वहीं हमले में इस्तेमाल विस्फोटक IED और टाइमर को देखकर लगता है कि इस ऑपरेशन में किसी एजेंसी का हाथ है. 

 

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