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10 एंट्री प्वाइंट, 7 पनाहगाह और खतरनाक पहाड़... राजौरी में घुस रहे पाकिस्तानी आतंकी ऐसे सुरक्षाबलों को दे रहे घाव

राजौरी का केसरी हिल्स इलाका कुदरती तौर पर ऐसा है जो घुसपैठ करने वाले आतंकियों को बहुत रास भी आता है. लेकिन केवल यही एक जरिया नहीं है घुसपैठ का. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की मदद से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को जम्मू कश्मीर में OGW भी रास्ता दिखाते हैं.

राजौरी में आतंकी हमले के दौरान 4 जवान शहीद हो गए राजौरी में आतंकी हमले के दौरान 4 जवान शहीद हो गए
सुनील जी भट्ट
  • राजौरी,
  • 22 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों ने बड़ा हमला किया. इस हमले में हमारी सेना के 4 जवान शहीद हो गए. आतंकियों ने सेना की दो गाड़ियों को निशाना बनाया. हमले में 2 जवान घायल भी हुए हैं. इस आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है. आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है. अब सवाल उठता है कि आखिर ये आतंकी सरहद लांघकर भारत में कैसे दाखिल हो जाते हैं? कैसे वो घाटी में आकर आतंकी वारदातों को अंजाम देते हैं? ऐसे सवालों के जवाब जानने के लिए हमें सरहद पर आतंकियों के रूट को समझना होगा. तो चलिए आपको बताते हैं आंतकियों के रास्तों के बारे में..

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भारत में घुसपैठ के 10 रास्ते!
राजौरी का केसरी हिल्स इलाका कुदरती तौर पर ऐसा है जो घुसपैठ करने वाले आतंकियों को बहुत रास भी आता है. लेकिन केवल यही एक जरिया नहीं है घुसपैठ का. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की मदद से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को जम्मू कश्मीर में OGW भी रास्ता दिखाते हैं. सरहद पर भारत में घुसने के कम से कम 10 ऐसे रास्ते हैं जिनका इस्तेमाल आतंकवादी घुसपैठ के लिए करते हैं. 

1. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के दुधनियाल लॉन्च पैड वाले रूट पर कैथनवाली फॉरेस्ट से आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश करते रहे हैं. 
2. इसके अलावा लोलाब घाटी के केल लॉन्च पैड रूट से भी घुसपैठ की कोशिश होती है. 
3. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नल्ली रुट से होते हुए मजोत के रास्ते भी आतंकी घुसपैठ की कोशिश होती रही है.
4. इसी तरह पीओके के कोटकोतेरा रुट से भी घुसपैठ की साजिश रची जाती है.
5. पीओके के ही निकैल लॉन्च पैड वाले रूट से राजौरी और पुंछ में भी आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में रहते हैं. 
6. इसके अलावा पीओके के ही बताल गांव के रास्ते कस नाला होते हुये राजौरी में आतंकवादी घुसपैठ की साजिश करते हैं. 
7. सातवां रूट पीओके के बोई इलाके में है, जहां सोन गली के जरिये घुसपैठ की कोशिश होती है.
8. इसी तरह पीओके के ही खुईरेरट्टा रूट से भी आतंकवादी मोहरा गैप से घुसते हैं.
9. हिल काका इलाके से भी पाकिस्तान के आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश कर चुके हैं.
10. और पाकिस्तान के 'उस्ताद पोस्ट' के रूट से गुरेज में घुसपैठ की कोशिश भी की जाती हैं. 

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PoK के 7 गांवों में आतंकियों की पनाहगाह
भारतीय खुफिया एजेंसियों के पास पीओके के ऐसे 7 गांव की जानकारी भी है, जहां पाकिस्तानी आतंकवादियों को छिपने की जगह मिल जाती है. इन गावों में पंजन, मैट्रीयन, गोरागुजरान. लनजोट, दाँतोंटे, ताराकुंडी और जांद्रोट शामिल है. अब ये इत्तेफाक है या कुछ और कि एक हफ्ते पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के लॉन्चिंग पैड से घुसपैठ को तैयार आतंकियों की गिनती पूरी की थी और एक हफ्ते के बाद ही अटैक हो जाता है.

पाकिस्तान की सरहद से ज्यादा दूर नहीं हमले की जगह
साफ है कि अब जमीन से लेकर आसमान तक से उन घुसपैठियों पर नज़र रखी जा रही है, जो इस हरी घाटी को खून से लाल करने के इरादे से घुसे हैं. जम्मू कश्मीर में राजौरी के जिस हिस्से में सेना के काफिले पर हमला हुआ वो जगह पाकिस्तान की सरहद से करीब 50-60 किलोमीटर दूर है. 

घात लगाकर सेना के काफिले पर हमला
पाकिस्तानी सरहद के करीब का इलाका घने जंगलों वाला पहाड़ी इलाका है. दक्षिण की ओर राजौरी है और ऊपर उत्तर की ओर पुंछ का सूरनकोट इलाका है. इसी के बीच में डेरा की गली और बफलियाज का वो इलाका है, जो बेहद खतरनाक पहाड़ी रास्तों और घने जंगलों से होकर गुजरता है. उस बीहड़ और बियाबान इलाके में आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के ऊपर पहाड़ी के ऊपर से हमला किया है.

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पहाड़ी सड़क पर तेज और खतरनाक मोड़
दूसरा टोपा पीर का इलाका है, जहां के आसपास आतंकवादियों ने हमला किया था और नीचे दाईं ओर आप बफलियाज देख सकते हैं. इन दोनों के बीच में जो पीले रंग में आप सर्पीले हैं, ये वो सड़क है जिससे सेना के जवान जा रहे थे. और पहाड़ी सड़क पर तेज और खतरनाक मोड़ भी हैं. इन्हीं में से एक मोड़ पर आतंकवादियों ने सेना के काफिले पर हमला किया, जब उनकी रफ्तार बहुत कम थी. 

इसी साल शहीद हुए 21 जवान
वहां गहरे हरे रंग का इलाका दिखाई देता है, जो बेहद घने जंगल हैं. जिनमें कई पहाड़ी गुफाएं भी हैं. हमले के बाद आतंकवादी जंगलों में छिप गए और जिन्हें बिलों से निकालने के लिए सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ महीनों से पुंछ और राजौरी जिले के अंदर आतंकवादी वारदात बढ़ी हैं और इन हमलों में सेना को ही निशाना बनाया जा रहा है. जम्मू कश्मीर में हुए आतंकवादी हमलों में सिर्फ इसी साल 21 जवान शहीद हो चुके हैं.

खस्ताहाल इलाका
जम्मू कश्मीर के राजौरी में वो पहाड़ी इलाका है, जहां आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के काफिलों को निशाना बनाया. पहाड़ी रास्ते में उबड़ खाबड़ जमीन है. जहां खड़ी सेना की जिप्सी को देखकर हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है. वहां हालात किस कदर खस्ता हाल हैं वो वहां का मंजर खुद बयां करता है. कार के टूटे शीशे. फौजी जवानों के टूटे हेलमेट और अपने लाल के खून से लाल हो चुकी जमीन पर फैला खून हमले की गवाही देता नजर आता है. 

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आतंकियों का सफाया करने जा रहे थे जवान
राजौरी में के पहाड़ी इलाके में इन दिनों आतंकवादियों की घुसपैठ है. 19-20 दिसंबर की रात सुरनकोट इलाके में एक पुलिस कैम्प पर धमाका हुआ था. 20 तारीख को जब कॉम्बिंग और सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ तो सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई. बुधवार से शुरू हुए उसी एनकाउंटर के लिए अपने फौजी जवानों के साथ आतंकियों का सफाया करने के लिए जब जवान इस इलाके से गुजरकर जाने वाले थे, तभी आतंकियों ने गुरुवार करीब पौने चार बजे के आसपास हमला कर दिया. 

आतंकियों के निशाने पर आए सेना के दो वाहन
जवानों पर हमला डेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर किया गया. हमले को अंजाम देने से पहले आतंकवादी पहाड़ी के ऊपर चले गए और फिर वहां से निशाना बनाकर सेना के वाहनों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. असल में धत्यार मोड़ को शायद इसलिए चुना गया क्योंकि यहां तीव्र मोड़ है और रास्ता भी ऊबड़-खाबड़ है. ऐसे में वाहनों की रफ्तार धीमी हो जाती है. आतंकवादियों के डायरेक्ट फायर की चपेट में सेना के दो वाहन आए.

जवानों के हथियार गायब
सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की. लेकिन आतंकवादी उस स्थान से भागने में सफल रहे. शहीद सेना के जवानों के हथियार गायब हैं और ऐसी आशंका है कि आतंकी शहीद जवानों के हथियार छीनकर भाग गए. सेना को खबर मिली है कि आतंकवादी उसी इलाके में कहीं छुपे हुए हैं और उन्हें तलाश करने के लिए सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है.

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