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लग्जरी कारों का काफिला, हथियारों की नुमाइश, फिल्मी अंदाज... जानिए काला जठेड़ी जैसे गैंगस्टरों की मॉडस ऑपरेंडी!

पांच राज्यों की पुलिस के लिए मोस्ट वॉन्टेड. सिर पर लाखों रुपयों का इनाम. दिल्ली पुलिस मकोका भी लगा चुकी है. पिछले करीब एक दशक से भी ज़्यादा वक्त से ये गैंगस्टर हर रोज जुर्म की नई इबारत लिख रहा है. लेकिन ये नाम अचानक सुर्खियों में है. जी हां, हम कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी की बात कर रहे हैं, जो लेडी डॉन अनुराधा चौधरी से शादी रचाने जा रहा है.

कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी और लॉरेन्स बिश्नोई की मॉडस ऑपरेंडी... कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी और लॉरेन्स बिश्नोई की मॉडस ऑपरेंडी...
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 3:45 PM IST

गोली, बम और बारूद की नुमाइश. महंगी-महंगी गाड़ियों का लंबा काफिला. दुनिया पर रौब जमाने का ऐसा अंदाज, जिस पर कोई भी फिदा हो जाए. ये गैंगस्टर जब चलते हैं तो इनके साथ गुंडों की फौज हवा में गोलियां चलाते हुए चलती है. जहां रुकते हैं वहां एसयूवी गाड़ियों को जाम लग जाता है. बॉलीवुड के विलेन को ही ये अपना हीरो समझते हैं. उन्हीं की तरह उठते, बैठते और चलते हैं. रील लाइफ में नहीं रियल लाइफ में. ये रौला देखकर अच्छे-अच्छे इनके प्रभाव में आ जाते हैं. बाकी रही सही कसर पूरा करता है सोशल मीडिया. सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म पर काला जठेड़ी, लॉरेंस बिश्नोई या किसी बड़े गैंगस्टर का नाम लिखिए. सैकड़ों पेज खुद ब खुद खुल जाएंगे. अभिनेताओं और नेताओं की तरह सोशल मीडिया पर इनके फैन पेज भी चलते हैं.

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सोशल मीडिया पर इन गैंगस्टर्स को हजारों लोग फॉलो करते हैं. यूट्यूब पर तो इनके ऐसे ऐसे वीडियो मौजूद हैं कि एक बार को देखकर कोई भी दंग रह जाए कि ये असल ज़िंदगी की तस्वीरें हैं या किसी फिल्म की. इन वीडियोज मं इन्हें हीरो की तरह पेश किया जाता है. ऐसे में आम तो आम खास लोग भी इनके झांसे में आ जाते हैं. अपनी ज़िंदगी तबाह कर लेते हैं. सबकुछ जानते हुए भी पुलिस प्रशासन और सरकार तब तक आंखें मूंदें बैठी रहती है जब तक ये लोग कोई कांड नहीं कर देते हैं. क्या सोशल मीडिया पर मौजूद इनकी तस्वीरों और वीडियो को अपलोड करने वालों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. काला जठेड़ी जैसे गुंडों के ऐसे फैन पेज को चलने ही कैसे दिया जा रहा है जो बदमाशों का अड्डा है. पुलिस कर क्या कर रही है. 

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2019 में छोटे भाई की शादी में पहुंचा था काला जठेड़ी

पुलिस की तो खैर पूछिए ही मत. उनसे बड़ा धृतराष्ट्र को शायद ही कोई हो. यकीन ना आए तो काला जठेड़ी के कुछ यूट्यूब वीडियो चलाकर देख लीजिए. उसका एक वीडियो साल 2019 का है जब काला जठेड़ी के छोटे भाई प्रदीप की शादी थी. भाई काला जठेड़ी के नाम से यूट्यूब पर मौजूद इस वीडियो की शुरुआत घातक फिल्म के डायलॉग से होती है. ''डरा कर लोगों को वो जीता है जिसकी हड्डियों में पानी भरा होता है. मर्द बनने का इतना शौक है तो कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे कातिया''... इस वीडियो में पुलिस वाले काला जठेड़ी के साथ इस तरह से चल रहे हैं जैसे वो कोई अपराधी नहीं बल्कि कोई वीआईपी हो. जाहिर है ऐसे पुलिसवालों की वजह से ही पुलिस की बदनामी होती है और बदमाशों के हौसले बुलंद होते हैं.

फिल्मी अंदाज में एंट्री, हीरो की तरह लोगों का अभिवादन

हरियाणा के सोनीपत में कंगारू गार्डन में आयोजित हुए इस शादी समारोह में शामिल होने के लिए काला जठेड़ी को जेल से पूरे सुरक्षा इंतज़ामों के तहत लाया गया था. अपराधियों को बैठाने वाली पुलिस वैन के साथ पुलिस की कई गाड़ियां भी थीं. दर्जनभर से ज़्यादा पुलिसवाले थे. पुलिस वैन को मैरिज हाल के अंदर ही घुसा दिया गया था. इसके बाद उसमें से मुस्कुराता हुआ काला जठेड़ी उतरा था. नेताओं औऱ अभिनेताओं की तरह मुस्कुरा कर सभी का अभिवादन किया था. लेकिन पुलिस की बेशर्मी की कहानी उसके बाद शुरु हुई. पुलिस का इतना बड़ा लाव लश्कर होने के बावजूद शादी में सैकड़ों लोग हथियारों को नुमाइश कर रहे थे. कुछ हवा में गोलियां चला रहे थे. इन लोगों को रोकने की बजाए पुलिस खुद ही उस जश्न में शामिल हो गई थी.

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रंगीन मौसम देख कर हुक्के के कश लगाने लगा सिपाही

एक सिपाही ने तो रंगीन मौसम देखकर हुक्के के कश भी लगाने शुरु कर दिए. सच्चाई तो ये है कि ऐसे पुलिसवालों की सांठगांठ पर ही ऐसे लोग अपराध जगत में है. वरना पुलिस के लिए इन गुंडों को सुधारना बहुत ज़हमत का काम नहीं है. उसका एक और वीडियो यूट्यूब पर मौजूद है, जिसमें लहराती बंदूकों और गुंडो के बीच ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की मौजूदगी हैरान करती है. ये वीडियो साबित करता है कि सुशील और बदमाशों की गहरी सांठगांठ थी. इस वीडियो में सुशील कुमार काला जठेड़ी के भाई प्रदीप के साथ मौजूद है. इस वीडियो के अलावा एक पुरानी फोटो भी सामने आई है जिसमें सुशील पहलवान कुर्सी पर और काला जठेड़ी का भाई प्रदीप जमीन पर बैठा हुआ है. इससे पता चलता है कि दोनों के बीच सांठगांठ ही नहीं पारिवारिक संबंध भी थे.

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सुशील कुमार और काला जठेड़ी में अदावत की शुरूआत

हालांकि, ये दोस्ती अब दुश्मनी में बदल चुकी है. बीते साल सुशील ने काला जेठेड़ी के ममेरे भाई सोनू महाल को पीटकर हत्या कर दी थी. वैसे कहा जा रहा है कि सुशीन ने अंजाने में सोनू की पिटाई की थी. पता लगने के बाद उसने कई बदमाशों की मदद से काला जठेड़ी से माफी मांगने की कोशिश की, लेकिन ऐसी खबर है कि वो बदला लेने पर अड़ा हुआ है. अब अंदेशा ये है कि जेल के अंदर या बाहर सुशील पहलवान और काला जठेड़ी के बीच गैंगवार हो सकती है. क्योंकि जेल में पहले से काला जठेड़ी गैंग के कई बदमाश मौजूद हैं. ऐसे में रेसलर सुशील कुमार को ये डर सता रहा है कि जेल में उस पर ना सिर्फ हमला हो सकता है बल्कि पेशी पर आने-जाने के दौरान भी उसकी जान को खतरा है. सुशील कुमार के साथ नीरज बवानिया गैंग के बदमाश भी वारदात में शामिल थे.

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एक साथ दो नाव पर सवारी करने लगा सुशील पहलवान

पहलवानों और अपराधियों का गठजोड़ कोई नई बात नहीं है. अपने कैरियर की ढलान पर बहुत से पहलवान या तो बाउंसर बन गए या फिर बड़े गैंगस्टर माफियाओं से जुड़ गए. लेकिन सुशील के मामले में हद ये है कि वो इतनी कामयाबी के बावजूद खुद को गैंग और गैंगस्ट्रों से अलग नहीं रख सका. नतीजा सागर धनखड़ मर्डर केस के तौर पर सामने आया. सुशील ने एक गलती और की कि वो एक साथ दो दो नावों पर सवारी कर रहा था. एक तरफ तो वो काला जठेड़ी के साथ पारिवारिक रिश्ते बना रहा था. दूसरी तरफ नीरज बवानिया का भी साथ दे रहा था. एक दिन टकराव के हालात बनने ही थे और वो बने भी 4 मई 2021 की रात को. दरअसल सुशील कुश्ती के बहाने गैंगस्टरों को पहलवानों के तौर पर अपने गुर्गों की सप्लाई करने में लगा था. नीरज बवानिया की मदद कर रहा था.

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करोड़ों का फ्लैट बना जठेड़ी से दुश्मनी की असली वजह 

पुलिस सूत्रों की मानें तो काला जठेड़ी से नज़दीकी के बाद ओलंपियन सुशील कुमार भी डिस्प्यूटेड प्रॉपर्टीज़ के मामलों में रुचि लेने लगा था. समझौते करवाने लगा. मॉडल टाउन में भी करीब तीन करोड़ रुपये का एक फ्लैट भी दोनों ने कुछ इसी तरह हासिल किया था. इसमें काला के गुर्गे और सागर धनखड़ रह रहा था. लेकिन अब काला इस फ्लैट को बेच कर रुपये बटोरना चाहता था. जबकि सुशील कुमार फ्लैट पर दोबारा कब्जा करना चाहता था और यही से दोनों के बीच में अदावत की शुरुआत हो गई. इस अदावत ने सुशील को काला के दुश्मन और दिल्ली के सबसे बड़े गैंगस्टर नीरज बवाना के पास ला दिया. उसको कांटे से कांटा निकालने के लिए काला के खिलाफ़ नीरज जैसे किसी किरदार की ज़रूरत थी. नीरज के लिए ये सुशील जैसे बड़े नाम से जुड़ने का एक सुनहरा मौका था.

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कुश्ती और जरायम की दुनिया के बीच संबंधों का सच

नीरज बवाना भी जबरन वसूली और दूसरे जुर्म के साथ-साथ प्रॉपर्टीज़ हथियाने का काम करता है. ज़ाहिर है उसे भी इस काम के लिए तगड़े और ताकतवर लड़कों की ज़रूरत थी. उसकी ये ज़रूरत पूरी की सुशील कुमार ने. जो इन दिनों ऐसे ही गैंगस्टरों को पहलवानों की सप्लाई में लगा था. दिल्ली और आसपास के इलाको में गैंगस्टरों को जो पहलवान मुहैय्या कराए जाते हैं वो ज़्यादातर दिल्ली और हरियाणा के अखाड़ों से होते हैं. ये सच है कि अखाड़े में मेहनत करने वाला हर लड़का ना तो बड़ा पहलवान बन सकता है और ना ही खेल की दुनिया में बुलंदियों को छू सकता है. ऐसे में इनमें से बहुत से लड़के या तो बाउंसर बन कर किसी एजेंसी के साथ काम करने लगते हैं या फिर किसी गैंगस्टर के गुर्गे बन कर उन्हें प्रोटेक्ट करने लगते हैं. फिर जुर्म की दुनिया में दाखिल हो जाते हैं.

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