
उत्तर प्रदेश में जब कानपुर के बिकरू कांड की कहानी लिखी जा रही थी. यानी पुलिस जब गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने की योजना पर काम कर रही थी, तभी इस बात की जानकारी विकास को मिल गई थी. बिकरू शूटआउट और विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद ऐसे कई ऑडियो सामने आए हैं, जिनसे साफ पता चलता है कि अकेले एसओ विनय तिवारी से ही विकास दुबे से सांठगांठ नहीं थी बल्कि और भी पुलिस अफसर उसके संपर्क में थे.
बिकरू थाना के एसओ विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे के बीच गहरी मिलीभगत थी, ये तो सब जानते हैं. लेकिन खाकी और गैंगस्टरों के इस गठजोड़ में कई ऐसे बड़े अफ़सर भी शामिल थे, जिन्होंने अपने मातहतों को कुछ ख़ास वजहों से कानून की धज्जियां उड़ाने की खुली छूट दे रखी थी.
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कानपुर में तैनात सीओ देवेंद्र मिश्रा ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बिकरू के थानेदार विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे की सांठगांठ के बारे में कई बार बताया था. एक बार सीओ मिश्रा ने कानपुर के एसपी देहात को एसओ बिकरू के जुआ कराने की बात भी बताई थी और भी खुलासा किया था कि इस गलत का काम पैसा एसओ के माध्यम से एसएसपी तक जाता है.
आजतक के पास 2 जुलाई की दबिश से ठीक पहले शहीद हो चुके सीओ देवेंद्र मिश्रा और कानपुर के एसपी ग्रामीण बीके श्रीवास्तव के बीच फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो है. उस ऑडियो में ना सिर्फ़ एसओ विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे की मिलीभगत की पोल खुलती है, बल्कि कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव पर भी गंभीर सवाल खड़े होते हैं.
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उस ऑडियो में सीओ देवेंद्र मिश्र और उनके सीनियर यानी एसपी (आर.ए.) के बीच बिकरू एनकाउंटर की तैयारियों को लेकर बातचीत हो रही है. सीओ एसपी को बता रहे हैं कि कैसे एसओ विनय तिवारी गैंगस्टर के पांव छूता है. ऑडियो टेप में सीओ ये भी कह रहे हैं कि तत्कालीन एसएसपी का विनय तिवारी पर वरदहस्त था. कानपुर शूटआउट के बाद ये बात सामने आई थी कि सीओ देवेंद्र मिश्रा ने तत्कालीन एसएसपी को विनय तिवारी की करतूतों के बारे में एक चिट्ठी भी लिखी थी लेकिन ये चिट्ठी रहस्यमय रूप से गायब हो गई थी.
सीओ के मुताबिक एसएसपी का हाथ होने की वजह से ही विनय तिवारी का मनोबल बढ़ गया था. कानपुर के एसपी ग्रामीण से बातचीत के दौरान सीओ देवेंद्र मिश्रा ने एक बड़ा अंदेशा भी जताया था. उन्होंने शक जाहिर किया था कि हो सकता है विनय तिवारी गैंगस्टर विकास दुबे से दबिश की मुखबिरी कर चुका हो. सीओ मिश्रा का अंदेशा सही भी निकला. लेकिन तब उन्हें अंदाज नहीं था कि अपने ही महकमे के एक पुलिस वाले की मुखबिरी उनकी जिंदगी पर भारी पड़ जाएगी.