
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद उसकी मां ने खुद को घर में कैद कर लिया है. वो किसी से भी मिलने को तैयार नहीं हैं. इस फैसले के आने के बाद उनके घर के बाहर मीडिया और आम लोगों की भीड़ जमा हो गई. इसे देखते हुए गुस्से में चीखते हुए उन्होंने घर का दरवाजा बंद कर लिया.
संजय रॉय की 75 वर्षीय मां मालती ने लोगों से कहा कि उन्हें अकेला छोड़ दें. उन्होंने चिल्लाते हुए कहा, "मैं कुछ नहीं कहना चाहती. मुझे हर चीज पर शर्म आती है. आप कृपया चले जाइए." इसके बाद उन्होंने घर के दरवाजे को अंदर से बंद कर लिया. इससे पहले बेटे को इस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाज उन्होंने मीडिया से बातचीत में अपने मन की बात कही थी.
मालती रॉय ने कहा था कि तीन बेटियों की मां होने के नाते वो मृतक डॉक्टर के माता-पिता का दर्द समझ सकती हैं. उनके बेटे को जो भी सजा मिलेगी, वो उसका समर्थन करेंगी. उन्होंने कहा, "यदि अदालत मेरे बेटे को फांसी पर लटकाने का फैसला करती है, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि कानून की नजर में उसका अपराध साबित हो चुका है. मैं अकेले रोऊंगी.''
उन्होंने आगे कहा कि वो इसे किस्मत का खेल मान कर स्वीकार कर लेंगी, क्योंकि उनकी नियति में यही लिखा है. सोमवार को सियालद कोर्ट में संजय रॉय को सजा सुनाने के दौरान उसके परिवार का कोई मौजूद नहीं था. जज ने जब उसके परिवार के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि उसकी मां है, लेकिन गिरफ्तारी के बाद से कोई भी उससे मिलने नहीं आया है.
संजय रॉय की चार बहनें हैं. उनमें से एक की कई साल पहले मौत हो गई थी. उसकी एक बहन ने शनिवार को कहा था, "मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि मेरा भाई अपराध स्थल पर अकेला नहीं था. इसलिए मैं उम्मीद करती हूं कि इस तरह के अपराध में किसी व्यक्ति की संलिप्तता का पता लगाने के लिए गहन जांच की जानी चाहिए. इसमें शामिल अन्य लोगों को भी सजा मिलनी चाहिए.''
मालती के घर के आसपास जमा लोगों ने कहा कि संजय रॉय अकेले अपराध नहीं कर सकता. उसके साथ अन्य लोग भी रहे होंगे, जिनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. एक पड़ोसी उर्मिला महतो ने कहा, "मैंने उसे उसके बचपन के दिनों में देखा है. उसे बॉक्सिंग क्लास में भर्ती कराया गया था. वो तीन साल पहले कोलकाता पुलिस के सिविक वालंटियर विंग में शामिल हुआ था.''
उर्मिला महतो ने बताया कि बॉक्सिंग क्लब में शामिल होने के बाद संजय रॉय बुरी संगत में पड़ गया. वो शराब पीने लगा. हालांकि, यह अकल्पनीय था कि उसे एक महिला के साथ बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराया जाएगा. सियालदह में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने शनिवार को उसको ट्रेनी डॉक्टर के खिलाफ अपराध करने का दोषी पाया था.