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एक मकान, दो लाशें और मौत की मिस्ट्री... बहन की आत्मा को खाना खिलाता था भाई, बिस्तर पर मिला था कंकाल

ये बात जून, 2015 की है. जब किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को इत्तिला देकर बताया कि रॉबिन्‍सन लेन के फ्लैट से धुआं निकल रहा है. मगर वहां कोई दिख नहीं रहा. खबर मिलने के कुछ देर बाद पुलिस की टीम मौके पर जा पहुंची. वो घर था अरबिंदो डे का.

पुलिस ने 8 साल पहले इस मामले की कई दिनों तक छानबीन की थी पुलिस ने 8 साल पहले इस मामले की कई दिनों तक छानबीन की थी
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

हमारे सामने कई बार ऐसे मामले आते हैं, जो आम लोगों को तो हैरान करते ही हैं, साथ ही पुलिस और कानून के लिए भी पहेली बन जाते हैं. इस तरह के मामलों से हर सूबे का पुलिस महकमा दो-चार होता रहा है. ये मामले चौंकाते भी हैं और दहशत भी पैदा करते हैं. ऐसा ही एक मामला करीब 8 साल पहले कोलकाता शहर में सामने आया था. जिसमें पुलिस भी उलझ कर रह गई थी. 

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कोलकाता का डे परिवार

पश्चिम बंगाल की राजधानी और देश का मशहूर शहर कोलकाता. इस शहर में एक पॉश इलाका है रॉबिन्‍सन लेन. वहां 77 वर्षीय अरबिंदो डे अपने बेटे पार्थ डे और बेटी देबजानी के साथ रहा करते थे. जबकि अरबिंदो की पत्नी का देहांत कुछ साल पहले हो चुका था. पार्थ पढ़ाई लिखाई में अच्छा था. कुछ साल पहले तक वो एक बड़ी कंपनी में जॉब करता था. देबजानी एक स्कूल में टीचर के तौर पर काम करती थी. उनके परिवार में दो पालतू कुत्ते भी थे. जिन्हें देबजानी बहुत प्यार करती थी.

घर से उठ रहा था धुआं

बात 11 जून, 2015 की है. जब किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को इत्तिला देकर बताया कि रॉबिन्‍सन लेन के फ्लैट से धुआं निकल रहा है. मगर वहां कोई दिख नहीं रहा है. खबर मिलने के कुछ देर बाद पुलिस की टीम मौके पर जा पहुंची. जिस घर से धुआं निकल रहा था, वो घर अरबिंदो डे का ही था. पुलिस फौरन उस फ्लैट में पहुंची. 

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बाथरूम में मिली थी जली हुई लाश

जब पुलिस अरबिंदा के फ्लैट में अंदर दाखिल हुई तो घर से तेज दुर्गंध आ रही थी. पुलिस घर में पहले वहां पहुंची जहां से निकलकर धुआं बाहर जा रहा था. वो हिस्सा अरबिंदो के कमरे का बाथरूम था. जिसका दरवाजा अंदर से बंद था. पुलिस ने जब बाथरूम का दरवाजा तोड़ा तो अंदर का मंजर खौफनाक था. वहां एक शख्स की जली हुई लाश पड़ी थी. और वो जलकर मरने वाला शख्स था 77 साल का अरबिंदो डे.

बेडरूम में मिला था कंकाल

पुलिस ने जांच पड़ताल में पाया कि अरबिंदो ने खुद को आग लगाकर जान दी थी. लेकिन घर में मौजूद उनका बेटा पार्थ डे इस बारे में कुछ नहीं बता पा रहा था. वो खुद हैरान परेशान था. पुलिस ने बाथरूम से जली हुई लाश बाहर निकाली और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजने ही वाली थी कि फ्लैट के दूसरे कमरे में बिस्तर पर एक कंकाल बन चुकी लाश देखकर पुलिसवालों के होश उड़ गए.

पार्थ की बहन देबजानी का था कंकाल

पुलिस समझ नहीं पा रही थी कि आखिर एक ही घर में दो लाशें होने का क्या मतलब हो सकता है. पुलिस को आगे की तफ्तीश में पता चला कि वो कंकालनुमा लाश अरबिदों की बेटी और पार्थ की 50 वर्षीय बहन देबजानी की थी. वो कंकाल जैसी लाश करीब सात आठ महीने पुरानी थी.

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दो थैलों में भरी थीं हड्डियां

पुलिस के सामने अजब मंजर था. घर में कंकाल बन चुकी एक लाश बिस्तर पर थी और दूसरी जली हुई लाश बाथरूम में. लेकिन उस वक्त पुलिस हैरान रह गई, जब घर की तलाश के दौरान दो थैलों में कुछ हड्डियां भी मिली. वो हड्डियां किसी जानवर की लग रही थीं. पुलिस ने उन हड्डियों को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भिजवा दिया.

मां की मौत के बाद पार्थ ने छोड़ दी थी जॉब

अब उस घर में पुलिस के सामने केवल एक ही शख्स जिंदा मौजूद था, वो था पार्थ डे. पुलिस ने लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने और सबूत-सुराग जुटाने के बाद पार्थ डे को हिरासत में लेकर पूछताछ की. क्योंकि वही एक शख्स था, जो इस पूरे मामले की पहेली को सुलझा सकता था. पार्थ ने पुलिस को बताया कि करीब 6 साल पहले वो मल्टीनेशन कंपनी में काम करते थे. मगर मां की मौत के पार्थ ने उस कंपनी से काम छोड़ दिया था. तभी से वो घर पर ही रह रहा था.

दिसंबर 2014 में हुई थी देबजानी की मौत

पार्थ ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि उसकी बहन देबजानी को उनके पालतू कुत्तों से बहुत प्यार था. मगर एक एक कर उन दोनों कुत्तों की मौत हो गई थी. इस बात से देबजानी को गहरा सदमा पहुंचा और दुखी होकर उसने खाना छोड़ दिया. इस वजह से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. वो इलाज भी नहीं कराना चाहती थी. नतीजा ये हुआ कि देबजानी ने दुनिया को अलविदा कह दिया. 

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बहन को जिंदा समझ खाना खिलाता था पार्थ

पुलिस को आगे की छानबीन और पूछताछ में पता चला कि पार्थ डे अपनी बहन देबजानी से बेहद प्यार करता था. यही वजह थी कि मौत के बाद भी उसने अपनी बहन का अंतिम संस्कार नहीं किया. वो उसकी लाश को उसके बिस्तर पर ऐसे रखता था, जैसे वो जिंदा हो. पुलिस ने देखा कि जिस बिस्तर से देबजानी का कंकाल मिला था, उस पर काफी खानी पड़ा हुआ था. जब पुलिस ने पार्थ से इसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो अपनी बहन की आत्मा को खाना खिलाया करता था.

पार्थ ने डायरी में लिखी थी अहम बातें

पुलिस ने मामले की छानबीन के दौरान पार्थ डे को डॉक्टरों के पास भेजा और उसकी जांच कराई. बाद में पुलिस ने बताया कि पार्थ मानसिक रूप से बिल्कुल ठीक था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस वक्त पुलिस ने पार्थ डे के कमरे कई डायरी बरामद की थीं. पार्थ ने डायरी में अपनी जिंदगी से जुड़े दुखों को बयां किया था. उसने एक जगह लिखा था कि उसकी मां उसे नंपुसक समझती है. इसी वजह से वो अपनी मां से नाराज रहता था.

दुखभरी घटनाओं का जिक्र

पुलिस को मिली अपनी डायरी में एक जगह पार्थ ने लिखा था कि वो अपनी बहन देबजानी के साथ यात्रा पर शहर से बाहर गया था. उस सफर के दौरान उसकी बहन ने उसके साथ संबंध बनाने की कोशिश की थी. इसी तरह से उसने अपनी डायरी में कई दुखभरे अनुभवों और घटनाओं के बारे में भी लिखा था.

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पुलिस ने हर एंगल से की थी जांच

हालांकि पुलिस इस मामले की तफ्तीश में पार्थ के पिता की मौत और उसकी बहन की मौत को अलग-अलग से जांच रही थी. पुलिस किसी एंगल को छोड़ना नहीं चाहती थी. जांच के दौरान पुलिस ने बताया था कि इस मामले में अरबिंदो के एक भाई अरुण का नाम भी सामने आया था. अरबिंदो और अरुण के बीच संपत्ति का विवाद भी था. लेकिन कई दिनों तक चली छानबीन के बाद पुलिस ने माना था कि अरुण को इस मामले के बारे में कुछ नहीं पता था. बाद में पुलिस ने इस केस में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. भले ही इस मामले में पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा था, लेकिन ये मामला कई दिनों तक सुर्खियों में छाया रहा था.
 

 

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