
आतंक का पर्याय रहे माफिया डॉन अतीक अहमद की कभी तूती बोलती थी. जरायम की दुनिया में पकड़ और राजनीतिक रसूख की वजह से हर कोई डरता था. उसकी एक कॉल किसी की भी रातों की नींद उड़ा देती थी. जमीन कब्जा करने से लेकर लूट, हत्या, रंगदारी तक, उसका पेशा था. वो हर काम पुलिस और प्रशासन को चुनौती देकर करता था, लेकिन मजाल की कोई उसका बाल भी बांका कर पाए. मगर आज उसका काला अतीत पीछा नहीं छोड़ रहा है. उसकी हत्या के बाद भी उसका नाम किसी न किसी मामले में सामने आ ही जाता है. सबसे बड़ी बात जिन संपत्तियों को उसने अपने बाहुबल के जरिए कब्जाया था, कमजोरों और गरीबों से छीना था, आज वो सब या तो कुर्क हो रही हैं या फिर उन पर 'बाबा का बुलडोजर' चल रहा है.
ताजा मामला, अतीक अहमद से जुड़ी उस संपत्ति का है, जिसे उसने बहुत मन से खरीदा था, जिसे पाने के लिए उसने रात दिन एक कर दिए थे. उसको अपना बनाने के बाद उसने अपने सबसे चहेते हीरो के बंगले का नाम दिया था. जी हां, हम अतीक के ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 स्थित उस कोठी की बात कर रहे हैं, जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने कुर्क कर दिया है. अब उस पर बुलडोजर चलवाने की तैयारी की जा रही है. इस कोठी नंबर ए 107 की कीमत करीब 3.7 करोड़ रुपए है. सबसे दिलचस्प इसका नाम है. मन्नत, जो कि बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के मुंबई स्थित बंगले का भी नाम है. चूंकि अतीक शाहरुख का बहुत बड़ा फैन रहा है. इसलिए उसने अपनी सबसे पसंदीदा प्रॉपर्टी का नाम मन्नत रखा. इस कोठी में उसका दिल बसता था.
साल 1994 में अतीक अहमद ने अपने बेटों की पढ़ाई के लिए 'मन्नत' को खरीदा था. साल 2015 में उसके बेटे ग्रेटर नोएडा की एक यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के लिए आए थे. लेकिन इस कोठी का इस्तेमाल पढ़ाई से ज्यादा गैर कानूनी और आपराधिक गतिविधियों के लिए होने लगा. अतीक जब भी दिल्ली आता तो अपने गुर्गों के साथ यहीं मीटिंग करता था. जमीन से जुड़ी कई डील यहां फाइनल होती थी. इसका नतीजा ये हुआ कि ये अपराधियों का अड्डा बन गया. पिछले साल हुए उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद उसका बेटा असद और शूटर गुलाम कानपुर होते हुए ग्रेटर नोएडा स्थित मन्नत कोठी में पहुंचे थे. पुलिस जांच में पता चला था कि यहां कैश छिपा कर रखा गया था, जिसे लेने के लिए वो दोनों आए थे. कुछ देर बाद वहां से फरार हो गए थे.
अतीक की अवैध संपत्ति के खिलाफ पुलिस एक्शन जारी
बताते चलें कि अतीक अहमद की अवैध संपत्ति के खिलाफ पुलिस का एक्शन लगातार जारी है. उसकी अवैध संपत्तियों और गिरोह की काली कमाई पर सरकार और कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. पिछले साल प्रयागराज में स्थित उसके द्वारा कब्जाई गई 16 अवैध संपत्तियों को कुर्क कर दिया गया था. प्रयागराज पुलिस कमिश्नरेट ने एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के कटहुला गौसपुर में अतीक अहमद की 5.0510 हेक्टेयर यानी करीब 20 बीघा जमीन गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क कर दी थी. इन संपत्तियों का मूल्य करीब 12 करोड़ रुपए का बताया गया था, जिनकी अतीक के गुर्गों ने कौड़ियों के भाव में रजिस्ट्री करा ली थी. इनके बारे में अतीक के एक राजमिस्त्री हुबलाल ने खुलासा किया था. 15 अप्रैल 2023 को अतीक की हत्या होने के बाद वो डर गया था.
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किसानों को धमकी दे किया उनकी जमीन पर कब्जा
राजमिस्त्री हुबलाल ने खुद पुलिस के सामने आकर गैंगस्टर अतीक अहमद के सारे राज खोल दिए. उसने बताया कि उसके नाम पर 14 अगस्त 2015 को 16 संपत्तियों की रजिस्ट्री कराई गई थी. 14 दलित किसानों को जान से मारने की धमकी देकर उनकी 16 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुबलाल के नाम पर कराने के मामले में साल 2020 में खुल्दाबाद थाने में केस दर्ज कराई गई थी. इसमें चार लोगों अतीक, नियाज, जाहिद, रियाज, मोहम्मद शेख के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था. इस मुकदमे की विवेचना कैंट थाना पुलिस ने की थी. लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी. लेकिन अतीक और उसके भाई की हत्या होने के बाद जब उसका गैंग बिखर गया, पुलिस ने अपना इकबाल उस इलाके में कायम कर लिया, तब जाकर लोगों ने माफिया की करतूतों से पर्दाफाश किया.
30 साल में अर्जित 12 करोड़ के अवैध साम्राज्य का हश्र
अतीक अहमद ने साल 2019 में वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था. उसने चुनावी हलफनामे में कुल संपत्ति 25 करोड़ बताई थी. हलफनामे से खुलासा हुआ था कि उसके एक दर्जन से अधिक बैंक अकाउंट हैं. हालांकि, कागजी संपत्ति की बात छोड़ दें, तो उसने अवैध तरीके से अकूत संपत्ति बनाई थी. उसने 1200 करोड़ रुपए का अवैध साम्राज्य खड़ा किया था. इनमें ज्यादातर संपत्तियां कब्जा करके हासिल की गई थी. लेकिन साल 2020 के बाद से ही उसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई थी. पुलिस और प्रशासन ने उसकी अधिकतर अवैध संपत्ति या तो जब्त कर ली या फिर उन पर बुलडोजर चलवा दिया गया. उसकी 417 करोड़ की संपत्ति सरकारी कब्जे में है, जबकि 752 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चल चुका है. सबसे बड़ी बात उसका पूरा कुनबा बिखर चुका है.
जमीन पर कब्जा करने काफिले के साथ जाता था अतीक
पुलिस, प्रशासन या सरकार, बाहुबली अतीक अहमद किसी से नहीं डरता था. एक जमाना था, जब वो सरेआम लोगों की जमीनों पर कब्जा कर लेता था. जिसकी जमीन पर कब्जा करता, उसे जान से मारने की धमकी देकर सीधा कहता, जहां जाना हो जाओ, जमीन नहीं मिलेगा. कई बार रातों-रात किसी के प्लाट पर अज्ञात बंदूकधारी कब्जा कर लेते, बाऊंड्री बनवा देते, बाद में पता चलता कि ये तो अतीक के लोग हैं. एक बार लखनऊ में पीजीआई के पास एक जमीन कब्जा करने वो खुद चला गया. उसके साथ उसका पूरा गैंग हथियारों से लैस होकर आया था. सैकड़ों गाड़ियों के काफिले को देख राजधानी के लोग डर गए, लेकिन उसके मन में रत्ती पर डर नहीं था. बहुत मुश्किल से पुलिस उस पर काबू पा सकी थी.
ईडी को मिले 100 से ज्यादा अवैध संपत्तियों के दस्तावेज
अतीक और उसके भाई की हत्या से पहले ईडी ने उसके करीबियों के 15 ठिकानों पर छापे मारे थे. इसमें 100 से ज्यादा अवैध और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. इस दौरान ये खुलासा भी हुआ था कि उसने लखनऊ और प्रयागराज के पॉश इलाकों में कई संपत्तियां खरीदी हैं. ये संपत्तियां अतीक और उसके परिजनों के नाम पर रजिस्ट्री हुई थी. ईडी को अतीक के नाम रजिस्टर्ड लखनऊ में 47 लाख रुपए की कीमत के 5900 स्क्वेयर मीटर में बने मकान के सबूत भी मिले थे. साल 2013 में लखनऊ के गोमतीनगर में स्थित इस प्लॉट को सिर्फ 29 लाख रुपए में लिखवा गया था, जबकि सर्किल रेट के आधार पर इसकी कीमत 47 लाख रुपए थी. वर्तमान इस प्लाट की कीमत एक करोड़ से ज्यादा बताई गई है.