Advertisement

कृष्णानंद मर्डर केस में बरी, हथियार मामले में सजा... मुख्तार-अफजाल और गैंगस्टर एक्ट की कहानी

गैंगस्टर एक्ट के दो ऐसे मामले हैं, जो मुख्तार अंसारी और उनके सांसद भाई अफजाल अंसारी के लिए परेशानी का सबब बन गए. और एमपी-एमएलए कोर्ट ने इन्हीं मामलों को आधार बनाकर उन्हें सजा सुनाई है.

मुख्तार अंसारी इस वक्त यूपी की बांदा जेल में बंद है मुख्तार अंसारी इस वक्त यूपी की बांदा जेल में बंद है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 02 मई 2023,
  • अपडेटेड 7:44 PM IST

यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और उनके भाई बसपा सांसद अफजाल अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुना दी है. ये सजा बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और कारोबारी नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण कांड के चलते दर्ज किए गए गैंगस्टर एक्ट के मामलों में सुनाई गई है. आइए जान लेते हैं कृष्णानंद राय मर्डर केस और गैंगस्टर एक्ट केस की पूरी कहानी.

Advertisement

नंदकिशोर रूंगटा अपहरण कांड 
जनवरी 1997 में कोयला व्यापारी और VHP कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा का उसके घर से अपहरण कर फिर हत्या की गई थी. जानकारी के मुताबिक रूंगटा के परिवार से 5 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई थी. परिवार ने 1.5 करोड़ भी दे दिए थे लेकिन बाद में रूंगटा की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी पर आरोप लगा था. इस मामले में उन पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था.

कृष्णानंद राय हत्याकांड
यह बड़ी और चर्चित हत्या की वारदात 29 नवंबर 2005 के दिन अंजाम दी गई थी. जिसमें मोहम्मदाबाद से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों को गाजीपुर में गोलियों से छलनी कर दिया गया था. हत्या की वजह थी चुनावी रंजिश. क्योंकि मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजाल अंसारी के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी. 

Advertisement

ज़रूर पढ़ें-- दबंगों की दुनियाः दादा स्वतंत्रता सेनानी, चाचा उपराष्ट्रपति... फिर भी माफिया बन बैठा मुख्तार अंसारी

भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या उस समय की गई थी, जब वह भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में आयोजित एक स्थानीय क्रिकेट प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए थे और मैच का उद्घाटन कर वापस लौट रहे थे, तभी बसनिया चट्टी के पास घात लगाए हमलावरों ने कृष्णानंद राय के काफिले पर एके-47 से 500 राउंड फायर झोंक दिए थे.इस हमले में कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोग की मौत हो गई थी. 

इत्तेफाक ये था कि हमेशा बुलेट प्रूफ गाड़ी का इस्तेमाल करने वाले कृष्णानंद राय उस दिन सामान्य गाड़ी से बाहर निकले थे. इस हत्याकांड के दौरान मुख्तार अंसारी जेल में था, लेकिन इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड उसे ही माना जाता है. बाद में मुकदमा चला तो कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में सीबीआई कोर्ट ने मुख्तार अंसारी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जिसमें अफजाल अंसारी, संजीव माहेश्वरी, एजाजुल हक, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी, राकेश पांडे और मुन्ना बजरंगी शामिल थे. हालांकि मुन्ना बजरंगी की कुछ साल पहले जेल में हत्या कर दी गई थी.

बीजेपी विधायक अलका राय ने बताया कि जब यह वारदात हुई थी, तो उस वक्त सपा की सरकार थी. सपा सरकार भी मुख्तार अंसारी की मदद किया करती थी. इसी वजह से मुख्तार अंसारी का पूरा वर्चस्व था. वो बताती हैं कि हत्या के वक्त कृष्णानंद राय के साथ दो तीन गाड़ियों को मिलाकर 10-12 लोग थे और कुल 7 लोगों की हत्या कर दी गई. उस वक्त दिन के ढाई-तीन बज रहे थे. उस दौरान राजनाथ सिंह से लेकर लालकृष्ण आडवाणी तक सभी आए थे और राजनाथ सिंह तो धरने पर भी बैठे थे कि मुलायम सिंह इस घटना की सीबीआई जांच कराएं, लेकिन मुलायम सिंह तैयार नहीं हुए थे. बहुत कोशिश के बाद सीबीआई कोर्ट में यह मुकदमा चला.

Advertisement

इसे भी पढ़ें-- बीजेपी विधायक से पुरानी अदावत, AK-47 कांड... यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी की पूरी कहानी

कृष्णानंद राय की हत्या में जब साल 2021 में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी समेत सभी आरोपी बरी हो गए तो सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की थी. उसके बाद से यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है. जहां अभी गवाही हो रही है. 

उधर, साल 2007 में गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए थे. जो अब उनकी सजा और जुर्माने का सबब बन गए हैं.

मुकदमा अपराध संख्या- 1051/2007
यह मामला मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज हुआ था. जिसमे बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड और कोयला व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण हत्याकांड को दिखाया गया था. गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने हाल ही में मुख्तार अंसारी को इसी मामले में 10 साल की सजा सुनाई है और साथ ही 500000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. हालांकि दोनों ही मूल केस में मुख्तार अंसारी बरी हो गया लेकिन कोर्ट ने उन दोनों ही केस में गवाहों के मुकरने के बावजूद पुलिस के द्वारा पेश किए गए तथ्यों के आधार पर उसे 10 साल की सजा सुनाई है. इसमें चाहे एलएमजी खरीदने का मामला हो या फिर शूटरों से संपर्क करने का. 

Advertisement

मुकदमा अपराध संख्या- 1052/2007
यह मामला अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का था. जिसमे अफजाल अंसारी को सिर्फ कृष्णानंद राय हत्याकांड में साजिश रचने का आरोपी बनाया गया था. इस केस में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 4 साल की जेल की सजा सुनाई है और एक लाख रुपये का जुर्माना किया है. आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी अक्टूबर 2005 से ही जेल में बंद है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान माना कि अफजाल अंसारी बड़े भाई होने के नाते मुख्तार अंसारी को शरण देते रहे और शह देते रहे.

यही दो मामले हैं, जो मुख्तार अंसारी और उनके सांसद भाई अफजाल अंसारी के लिए परेशानी का सबब बन गए. और एमपी-एमएलए कोर्ट ने इन्हीं मामलों को आधार बनाकर उन्हें सजा सुनाई है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement