
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले का कुंभे वाटर फॉल और आस-पास का इलाका अपनी कुदरती खूबसूरती के लिए बेहद मशहूर है. खास कर रायगढ़ घूमने आने वाले लोगों को ये वाटर फॉल अपनी ओर खींचता है. और जब जगह इतनी खूबसूरत हो, तो भला अन्वी उससे दूर कैसे रह सकती है? तो मुंबई की रहने वाली 27 साल की सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर और ट्रैवलर अन्वी कामदार भी अपने कुछ दोस्तों के साथ मंगलवार, 16 जुलाई को इसी कुंभे वाटर फॉल में घूमने आई थी. लेकिन कुंभे वाटर फॉल में इस रोज़ कुछ ऐसा हुआ जो अन्वी के दोस्तों और घरवालों के लिए कभी ना भूलने वाली एक दर्दनाक याद बन कर रह गई.
साढ़े तीन सौ फीट की ऊंचाई से गिरी अन्वी
अपनी आदत के मुताबिक अन्वी इस वाटर फॉल के करीब अपना वीडियो शूट कर रही थी. इंस्टा रील्स के ज़रिए इस लोकेशन की खूबसूरती बयान कर रही थी. लेकिन इसी बीच अन्वी का पैर फिसल गया और वो करीब साढ़े तीन सौ फीट की ऊंचाई से सीधे झरने के नीचे चट्टानी सतह पर जा गिरी. और इस एक्सीडेंट ने जहां एक ही झटके में अन्वी से उसकी ज़िंदगी छीन ली, वहीं उसके घरवालों और दोस्तों से उनकी अन्वी.
पुलिस, ट्रैकिंग एक्सपर्ट्स, कोस्ट गार्ड और कोलाड रेस्क्यू टीम का ऑपरेशन
अन्वी जिस ऊंचाई से नीचे खाई में जा गिरी थी, वहां चाह कर भी किसी के लिए पहुंचना आसान नहीं था. खास कर जल्दबाज़ी में तो अन्वी तक जाने की कोशिश करना दूसरों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता था. ऐसे में अन्वी के दोस्तों ने फौरन रायगढ़ पुलिस के साथ-साथ दूसरी रेस्क्यू टीमों को कॉल किया और हादसे की जानकारी दी. पुलिस से लेकर ट्रैकिंग एक्सपर्ट्स, कोस्ट गार्ड, कोलाड रेस्क्यू टीम और यहां तक कि महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड की टीम ने भी आनन-फानन में मौके पर पहुंच कर अन्वी को हादसे वाली जगह से निकालने का मिशन शुरू किया, लेकिन अन्वी कितनी खतरनाक जगह पर गिरी थी, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेस्क्यू टीम को उस तक पहुंच कर उसे खाई से बाहर निकालने में ही करीब छह घंटे से ज़्यादा लग गए.
अस्पताल में तोड़ा दम
हालांकि खाई से बाहर निकाले जाने और अस्पताल पहुंचाये जाने तक अन्वी की सांसें चल रही थी, लेकिन उसने आखिरकार इलाज के दौरान मानगांव तालुका के सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया और इसी के साथ सुरक्षा नियमों की अनदेखी कर खतरनाक जगह पर रील्स बनाने की चाहत ने और एक खूबसूरत और टैलेंटेड ज़िंदगी को हमेशा-हमेशा के लिए इस दुनिया से छीन लिया.
ज़िंदगी पर भारी पड़ा शौक
ये पहला मौका नहीं था, जब अन्वी अपने वीडियो में किसी जगह की खूबसूरती बयान कर रही थी. वो पहले भी महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि देश दुनिया की बेशुमार जगहों में घूम-घूम कर वहां की खासियतों को इंस्टा रील्स के ज़रिए लोगों तक पहुंचाती रही थी. अब इसे इंस्टा पर रील्स बनाने की धुन कहिए या फिर अलग-अलग जगहों पर घूमने की चाहत, पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट होने के बाद भी ट्रैवलिंग और अन्वी दोनों एक दूसरे से कभी दूर नहीं रह सके. लेकिन एक रोज़ उसकी यही हॉबी उसकी ज़िंदगी पर भारी पड़ जाएगी ये किसी ने नहीं सोचा था.
किनारे चली गई थी अन्वी
अन्वी के दोस्तों और चश्मदीदों की मानें तो मंगलवार को यहां मौसम बेहद खुशगवार था. हल्की-हल्की बारिश हो रही थी और उनके दोस्तों का पूरा ग्रुप इस जगह पर पहुंच कर बेहद खुश था. हर कोई अपने-अपने तरह से इस मोमेंट को एंजॉय कर रहा था. कोई वीडियो शूट कर रहा था, तो कोई सेल्फी लेने में जुटा था, लेकिन रील्स बनाने के चक्कर में अन्वी कुछ ज्यादा ही किनारे चली गई, जिससे ये हादसा हो गया.
खतरनाक और दुर्गम जगह
हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन की ये तस्वीरें और कुंभे वाटर फॉल के आस-पास की एक टोपोग्राफी ही अपने-आप में ये बताने में काफी है कि ये जगह खूबसूरत होने के साथ-साथ कितनी खतरनाक और दुर्गम है. ऐसे में यहां घूमने आने के दौरान खूबसूरती को एंजॉय करने के साथ-साथ सुरक्षा नियमों का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है, लेकिन शायद ये चंद सेकंड्स की एक लापरवाही ही थी, जिसने एक ट्रैवलर और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के तौर पर अन्वी के इस सफर पर ब्रेक लगा दिया.
कभी जोखिम नहीं लेती थी अन्वी
वैसे अन्वी को जानने वालों की मानें तो वो रील्स के बनाने के चक्कर में कोई भी रिस्क लेने को तैयार हो जाने वाली लड़कियों में नहीं थी. वो जितनी पढ़ी लिखी और कामयाब थी, उतनी ही समझदार भी. उसने कभी भी पर्यटन के नाम पर ना तो कोई जोखिम लिया और ना ही कभी ऐसा कोई वीडियो या रील ही शूट किया. मंगलवार को भी वो बेहद शांति से रील्स बनाकर कुंभे वाटर फॉल की खूबसूरती, यहां पहुंचने के तौर तरीके, डूज़ एंड डोंट के बारे में लोगों को बता रही थी. लेकिन शायद अपने दर्शकों को डूज़ एंड डोंट्स बताते बताते वो खुद अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना भूल गई और खाई के ज़्यादा किनारे पर चली गई, जहां उसका पैर फिसला और वो नीचे गिर गई.
चट्टान दरकने से हादसा!
कुंभे झरने के आस-पास रहने वाले लोगों और प्रकृति प्रेमियों की मानें तो ये जगह खूबसूरत होने के साथ-साथ कमजोर चट्टानों से घिरा है. जो अक्सर टूट-टूट कर नीचे गिरते रहते हैं. ऐसे में बहुत मुमकिन है कि वीडियो शूट करने के दौरान अन्वी का पैर भी ऐसे किसी चट्टान पर पड़ गया और उसके दरकने के चलते अन्वी का पैर फिसल गया हो.
मौका-ए-वारदात पर ऐसे पहुंचे बचावकर्मी
पुलिस की मानें तो अन्वी के रेस्क्यू के लिए पहुंची टीमों को इस जगह पर मौजूद कमजोर पत्थरों की वजह से भी बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा. रेस्क्यूकर्मी जब-जब नीचे उतरने की कोशिश करते, ऊपर से पत्थरों के खिसकने का खतरा भी उन्हें परेशान करता. ऐसे में बचावकर्मी ने बेहद एहतियात के साथ पुली के सहारे करीब तीन सौ मीटर का सफर कई घंटों में तय किया और उस जगह तक पहुंचे जहां अन्वी गिरी हुई थी.
चार-पांच टीम और 6 घंटे का मिशन
उधर, ऊपर से गिरने और सीधे चट्टान से टकराने की वजह से अन्वी के शरीर में मल्टीपल फ्रैक्चर हो चुका था और उसकी हालत इतनी बुरी थी कि उसके लिए हिलना-डुलना भी मुश्किल था. ऐसे में बचावकर्मियों ने सबसे पहले मौके पर पहुंच कर उसे शुरुआती फर्स्ट एड देने के साथ-साथ उसे उठा कर पुली के सहारे ही ऊपर लाने का फैसला किया. और इस काम में एक साथ काम पर लगे कम से कम चार से पांच टीमों को भी छह घंटे का वक़्त लग गया. मगर, अफसोस इतनी कोशिश के बावजूद लोग अन्वी की जान नहीं बचा सके और उसकी चोटें घातक साबित हुई.
रील्स बनाने के लिए जोखिम उठाते हैं लोग
वैसे अन्वी का मामला जानबूझ कर अपनी जिंदगी खतरे में डालने का नहीं है. लेकिन ये भी सच है कि आजकल के नौजवान रील्स बनाने और रातों-रात सोशल मीडिया पर छा जाने के चक्कर में खुद को खतरे में डालने से पीछे नहीं हटते. और हर रोज़ नामालूम कितने ही ऐसे मामले सामने आते हैं, जब लाइक, कमेंट्स और सब्सक्राइब के चक्कर में लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं.
इंस्टाग्राम का प्रभाव!
अभी हाल में इंस्टाग्राम में अमेरिका में इंस्टाग्राम किड्स की लॉन्चिंग कै फैसला किया था, लेकिन सरकार के आदेश के बाद उसे टालना पड़ा. असल में एक रिपोर्ट के हवाले से ये कहा गया है कि बच्चों में इंस्टाग्राम का असर खतरनाक हो सकता है. इस सिलसिले में द वॉल स्ट्रीट जनरल के एक रिपोर्ट छापी है. रिपोर्ट के मुताबिक इंस्टाग्राम का इ्स्तेमाल करने वाली तीन में से एक लड़की को बॉडी इमेज से जुड़ी परेशानियां होने लगी हैं. ये सर्वे 13 फीसदी ब्रिटिश और 6 फीसदी अमेरिकी टीनेजर्स पर किया गया था. हालांकि इंस्टाग्राम ने कहा है कि इस सर्वे का सैंपल साइज काफी छोटा था. लेकिन उसमें जो दिक्कतों की बातें कही गई हैं इंस्टाग्राम उसका अध्ययन कर रहा है.
लगभग 45 हज़ार करोड़ की है रील इंडस्ट्री
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में औसतन हर भारतीय हर रोज़ 38 से 40 मिनट रील देखता है. देश की मौजूदा रील इंडस्ट्री लगभग 45 हज़ार करोड़ रुपये की है. 2030 तक इंडस्ट्री के 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. 2019 से 23 के बीच रील्स इंडस्ट्री का ग्रोथ 32 फीसदी रहा है.
मोटे तौर पर सोशल मीडिया के नकारात्मक असर को तीन या चार हिस्सों में बांटा जा सकता है. मसलन..
बॉडी इमेज पर असर
इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालने से पहले जब इंसान फिल्टर का इस्तेमाल करता है, तो तस्वीर बेहतर लगने लगी है. जाहिर है नौजवान धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल करते हैं. लेकिन बिना फिल्टर के तस्वीर लड़के लडकियों में बॉडी इमेज को लेकर नकारात्मक असर डालती है. उन्हें अपना अपियरेंस अच्छा नहीं लगता. इनफिरियरिटी कॉमप्लेक्स का सामना करना पड़ता है.
कॉन्फिडेंस की कमी
अपनी तस्वीर बार-बार एडिट करने से नौजवानों में कॉन्फिडेंस की भी कमी होती जाती है. सोशल मीडिया पर ज्यादातर देर तक एक्टिव रहने वाले ज्यादातर नौजवानों में डिप्रेशन की शिकायत करती है.
नेगेटिव सोच का पैदा होना
इसी तरह सोशल मीडिया की आभासी दुनिया कई बार नौजवानों में नकारात्मक सोच भी पैदा करता है. इसलिए एक्सपर्ट्स इससे बचने की सलाह देते हैं.
देखा-देखी वाली बीमारी
रातों-रात किसी रील्स के वायरल होने और उसके छा जाने के चक्कर में देखा-देखी की अजब बीमारी भी नौजवानों को घेर रही है. और इस चक्कर में लोग अपनी जिंदगी से भी खेलने लगे हैं.
बचने के उपाय
अब रील्स के इन नकारात्मक असर से बचने के लिए लोगों का जागरूक होना सबसे पहली जरूरत है. अभिभावकों, शिक्षकों को बच्चों को इसके बारे में बताना जरूरी है. उन्हें गैजेट्स से दूर दूसरी एक्टिविटीज़ में इनवॉल्व करने की जरूरत है. साथ ही अगर किसी की परेशानी ज्यादा हो, तो मनोवैज्ञानिकों या मनोचिकित्सकों से भी कंसल्ट किए जाने की सलाह दी जाती है.
(रायगढ़ से अभिजीत के साथ आजतक ब्यूरो)