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मर्डर या सुसाइड: पुलिस के लिए पहेली बना B.Tech छात्र निशंक की मौत का मामला, तलाशने हैं कई जवाब

बीते रविवार की शाम को रायसेन जिले में रेलवे टैक पर एक नौजवान की लाश मिली थी. पहली नजर में तो मामला खुदकुशी का लग रहा था लेकिन इस वारदात के बमुश्किल बीस मिनट पहले उस नौजवान के पिता के मोबाइल फोन पर से एक ऐसा व्हाट्स एप मैसेज जा चुका था, जिसे देखते ही यह मामला बुरी तरह से उलझ गया.

निशंक की मौत का मामला पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है निशंक की मौत का मामला पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 27 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 8:38 PM IST

नफरत और अफवाहों का बाज़ार जब गर्म हो तो एक मामूली चिंगारी भी तबाही मचा देती है. ऐसा ही कुछ हुआ एमपी के रायसेन जिले में. जहां शहर से लगभग 40 किमी दूर रेलवे ट्रैक पर एक छात्र की लाश मिली. लाश की हालत देखकर यही लग रहा था कि शायद उसने खुदकुशी की है. मगर तभी मृतक छात्र के पिता के मोबाइल पर एक मैसेज आता है. जिससे ये पूरा मामला हत्या और आत्महत्या के बीच उलझ जाता है.  

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मोबाइल पर मैसेज
रायसेन जिला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 40 किलोमीटर दूर है. बीते रविवार की शाम को उसी इलाके में रेलवे टैक पर एक नौजवान की लाश मिली थी. पहली नजर में तो मामला खुदकुशी का लग रहा था लेकिन इस वारदात के बमुश्किल बीस मिनट पहले उस नौजवान के पिता के मोबाइल फोन पर से एक ऐसा व्हाट्स एप मैसेज जा चुका था, जिसे देखते ही यह मामला बुरी तरह से उलझ गया. अब तक जो मामला खुदकुशी का लग रहा था, उसके पीछे किसी गहरी साज़िश की आशंका जताई जाने लगी. 

मैसेज ने पुलिस को उलझाया
वो मैसेज था- 'राठौर साहब, आपका बेटा बहुत बहादुर था. ग़ुस्ताख़-ए-नबी की एक ही सज़ा सर तन से जुदा.' बीटेक छात्र निशंक राठौर के मोबाइल फोन से उसके पिता को यही मैसेज भेजा गया था. अब सवाल ये था कि अगर निशंक राठौर ने खुदकुशी की, तो फिर उसने खुदकुशी करने से पहले अपने मोबाइल फ़ोन से ऐसा अजीबोग़रीब मैसेज क्यों भेजा? उस दौर में जब ये नारा नफरत का दूसरा नाम बन चुका हो, जब इस नारे के साथ-साथ कत्ल के कई मामले सामने आ चुके हों, एक नौजवान की मौत से ऐन पहले उसके मोबाइल फ़ोन से खुद उसी के पिता को भेजे गए इस नारे के मैसेज ने पुलिस को बुरी तरह उलझा दिया.

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इंस्टाग्राम स्टोरी पर गई नजर
तो क्या वाकई निशंक का कत्ल हुआ था? या फिर उसने खुदकुशी ही की थी? अब भोपाल से लेकर रायसेन की पुलिस इन्हीं दो सवालों पर माथापच्ची कर रही थी. लेकिन इसी बीच जब लोगों की नज़र निशंक के इंस्टाग्राम आईडी पर शेयर गई एक स्टोरी पर पड़ी, तो मामला थो़ड़ा और उलझ गया, वजह ये कि उसकी इस स्टोरी का मज़मून भी कुछ ऐसा ही था. स्टोरी में भी 'गुस्ताख-ए-नबी की एक ही सज़ा, सर तन से जुदा' वाली बात लिखी थी.

टीटी नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज
ऐसे में पुलिस ने सिलसिलेवार तरीके से निशंक की मौत के मामले की जांच करने की शुरुआत की. निशंक रविवार की सुबह अपने टीटी नगर वाले मकान से अपनी बहन के घर साकेत नगर जाने की बात कह कर निकला था. लेकिन इसके बाद दिन भर उसके मोबाइल फ़ोन पर घंटियां बजती रही, लेकिन उसने एक बार भी फोन नहीं उठाया. तब उसके दोस्तों और घरवालों ने टीटी नगर थाने में निशंक की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. 

रेलवे ट्रैक पर मिली लाश
पुलिस ने रिपोर्ट लिखने के साथ-साथ आस-पास के जिलों में एक नौजवान के गायब होने की खबर दे दी. लेकिन इससे पहले कि निशंक को ढूंढ निकाला जाता, शाम के 6 बजते-बजते रायसेन जिले की एक रेलवे ट्रैक पर उसकी लाश पड़ी होने की खबर आ गई. लेकिन लाश मिलने से ठीक बीस मिनट पहले यानी पांच बजकर चालीस मिनट पर उसके पिता को वो रहस्यमयी मैसेज भेजा जा चुका था. ऐसे में ऊपरी तौर पर निशंक की मौत बेशक खुदकुशी लगे, लेकिन मैसेज ने मामलो उलझा दिया था. 

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सीसीटीवी फुटेज में अकेला ही दिख रहा था निशंक
अब मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस ने निशंक राठौर के पूरे रूट को टैक करने का फैसला किया. इस कोशिश में पुलिस को निशंक की कई सीसीटीवी तस्वीरें मिलीं. इनमें रौशनपुरा चौराहे, बोर्ड ऑफ़िस और मौका-ए-वारदात से 7 किलोमीटर पहले इंडियन ऑयल के एक पेट्रोल पंप की सीसीटीवी तस्वीरें भी शामिल थीं. इन सभी की सभी सीसीटीवी तस्वीरों में निशंक स्कूटी पर अकेला ही जाता हुआ दिखाई दे रहा था. यानी कम से कम मौत से पहले के इस पूरे सफर के दौरान निशंक के साथ कोई जोर जबरदस्ती की बात सीसीटीवी कैमरों में क़ैद नहीं हुई थी.

स्कूटी में क्यों भरवाया था 400 रुपये का तेल?
सीसीटीवी फुटेज में सबसे अहम इंडियन ऑयल के उस पेट्रोल पंप की तस्वीर थी, जो मौका-ए-वारदात से बमुश्किल सात किलोमीटर की दूरी पर है. शाम को पांच बज कर तीन मिनट पर निशंक राठौर ने उसी पेट्रोल पंप से अपनी स्कूटी में 400 रुपये का पेट्रोल भरवाया था. अब सवाल ये है कि अगर निशंक को इसके कुछ देर बाद खुदकुशी ही करनी थी, तो उसने अपनी स्कूटी में जान देने से ऐन पहले चार सौ रुपये का तेल क्यों भरवाया? ये सवाल मामले को थोड़ा और उलझा रहा था. सवाल ये भी है कि अगर उसे खुदकुशी ही करनी थी, तो फिर उसे भोपाल से इतनी दूर रायसेन जाने की क्या ज़रूरत थी?

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स्कूटी, मोबाइल आदि बरामद
इस पेचीदा मामले की जांच में जुटी पुलिस ने निशंक की स्कूटी, मोबाइल फोन और दूसरी चीजें बरामद कर ली. यानी पुलिस के पास वो मोबाइल फोन भी है, जिससे उसकी मौत से पहले उसके पिता को रहस्यमयी मैसेज भेजा गया और जिससे उसके इंस्टा आईडी पर स्टोरी अपलोड हुई थी. मगर सवाल ये है कि अगर ये मामला खुदकुशी का है, तो फिर उसके मोबाइल फोन उसके पिता को वो मैसेज किसने भेजा? और अगर ये मामला कत्ल का है, तो फिर सीसीटीवी फुटेज से लेकर दूसरे सबूत इस बात की तरफ इशारा क्यों नहीं कर रहे हैं? 

आत्महत्या की आशंका
मामला बेहद उलझा हुआ है और इसी वजह से अब मध्य प्रदेश सरकार ने मामले की जांच का जिम्मा एसआईटी यानी स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम को सौंप दिया है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी यह मामला आत्महत्या का ही लग रहा है. लेकिन मृतक के पिता को मिले मैसेज और इंस्टाग्राम स्टोरी ने इस मामले को उलझा कर रख दिया है. 

जांच के लिए सुरक्षित किया गया विसरा
निशंक राठौर की लाश का पोस्टमॉर्टम करने के बाद उसे घरवालों के हवाले कर दिया गया है. लेकिन मौत के पीछे की तमाम वजहों को जानने समझने के लिए उसका विसरा सुरक्षित रख लिया गया है, ताकि ये पता चल सके कि मौत से पहले निशंक ने कोई जहरीली चीज़ तो नहीं खाई थी? शुरुआती रिपोर्ट में उसकी मौत की वजह ट्रेन की चपेट में आना बताया गया है. एक सच ये भी है कि उसके जिस्म पर ट्रेन से कटने के अलावा चोट के कोई और निशान भी नहीं मिले हैं.

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नूपुर या कन्हैया के समर्थन में कोई पोस्ट नहीं
पुलिस के मुताबिक मूल रूप से नर्मदापुरम ज़िले के सिवनी मालवा का रहनेवाला निशंक राठौर भोपाल में रह कर पढ़ाई कर रहा था. हाल के महीनों में उसने नूपुर शर्मा या फिर उदयपुर वाले कन्हैया के समर्थन में कोई पोस्ट भी नहीं किया था. कहने का मतलब ये कि सोशल मीडिया पर उसने किसी भी विवाद विषय पर अपनी कोई राय भी नहीं रखी थी. ऐसे में उसकी मौत के साथ नफरत और नफरत के चलते कत्ल का कोई कनेक्शन फिलहाल जुड़ता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है.

डिप्रेशन का शिकार था निशंक!
ऊपर से उसके इंस्टाग्राम के पोस्ट इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि पिछले कुछ समय से निशंक काफी दुखी था और लगातार दुख भरे मैसेज सोशल मीडिया पर डाल रहा था, जिससे उसके डिप्रेशन में होने के संकेत मिलते हैं. निशंक को करीब से जाननेवालो लोगों ने पुलिस को बताया है कि उसने क्रिप्टो करंसी शेयर मार्केट में कुछ रुपये इनवेस्ट कर रखे थे, लेकिन इतेफाक से इस निवेश में उसे नुकसान हो गया था, जिसकी वजह से वो सदमे में था. 

पुलिस को तलाश करने हैं कई जवाब
ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि कहीं इसी सदमे की वजह से तो उसने जान नहीं दे दी? लेकिन फिर ये सवाल जस का तस है कि अगर उसने जान दी, तो फिर वो मैसेज किसने भेजे? और क्यों? अगर वो मैसेज खुद निशंक ने ही भेजे, तो भी इसके पीछे की वजह क्या रही होगी? पुलिस अब इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश में जुटी है.

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