
Actress Laila Khan Family Mass Murder: बात साल 2002 की है. उस वक्त एक कन्नड़ फिल्म आई थी, जिसका नाम था- मेकअप. ये फिल्म लैला पटेल की पहली फिल्म थी. लेकिन उस फिल्म से लैला को कोई खास पहचान नहीं मिल सकी. लेकिन इसके बाद लैला की किस्मत जागी. और उन्हें मशहूर अभिनेता राजेश खन्ना के साथ काम करने का मौका मिला. वो फिल्म थी- 'वफा: ए डेडली लव स्टोरी.' उस फिल्म को करते वक्त लैला पटेल का नाम बदल चुका था. अब वो लैला खान बन चुकी थी. उसी नाम से उसने शौहरत पाई. अब लोग उन्हें पहचानने लगे थे.
बांग्लादेशी शख्स से शादी
इस बीच लैला ने एक ऐसा काम भी किया, जिसकी वजह से उसका नाम विवादों में भी आया. वो काम था शादी. यूं तो शादी करना कोई जुर्म नहीं है, लेकिन लैला खान ने जिस शख्स से शादी की थी, वो खुद ही विवादित था. असल में लैला खान ने प्रतिबंधित बांग्लादेशी संगठन हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी बांग्लादेश के सदस्य मुनीर खान से शादी की थी. जिसकी वजह से उसका नाम काफी चर्चओं में रहा था.
30 जनवरी 2011, मुंबई
लैला एक अच्छे खानदान से ताल्लुक रखती थी. उसका भरापूरा परिवार था. और अब वो एक दूसरी फिल्म में काम मिल चुका था. वो बॉलीवुड फिल्म निर्देशक राकेश सावंत के साथ अपनी दूसरी फिल्म जन्नत की शूटिंग कर रही थी. लेकिन इसी दौरान 30 जनवरी 2011 की रात लैला अपनी मां सेलिना, बड़ी बहन हसमीना, जुड़वां भाई-बहन इमरान और जारा और चचेरी बहन रेशमा के साथ मुंबई से 126 किमी दूर इगतपुरी में छुट्टियां मनाने के लिए निकली थीं. वे लोग काफी खुश थे. अच्छे माहौल में छुट्टियां मनाने जा रहे थे. लेकिन उस पूरे परिवार के साथ आगे क्या होने वाला था, ये किसी ने भी नहीं सोचा होगा.
9 फरवरी 2011, इगतपुरी
लैला का पूरा परिवार इगतपुरी में अपने फार्म हाउस पर पहुंच चुका था. उसी बीच लैला खान की मां सेलिना ने अपनी बहन अल्बाना पटेल से बात की और उन्हें बताया कि वो अपने तीसरे पति परवेज इकबाल टाक के साथ हैं. यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन इस बातचीत के बाद फिर दोबारा अल्बाना पटेल से उनकी बहन सेलिना की कोई बात नहीं हुई. वजह थी सेलिना और उनके पूरे परिवार का अचानक गायब हो जाना. जी हां, उस दिन के बाद से उनका कुछ अता-पता नहीं चला.
दो लोगों ने दर्ज कराई थी FIR
परेशान होकर लैला खान के पिता नादिर शाह पटेल यानी सेलिना के पहले पति ने मुंबई पुलिस स्टेशन में जाकर एक शिकायत दर्ज कराई कि उनकी बेटी अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अचानक लापता हो गई है. दरअसल, लैला के पिता नादिर पटेल ने मुंबई के ओशिवरा पुलिस थाने में अपनी बेटी और परिवार के अपहरण का मामला दर्ज कराया था. थाने में दी गई शिकायत में उनकी तरफ से कहा गया था कि टाक और उसके साथी आसिफ शेख ने कथित रूप से लैला और उसके पारिवारिक सदस्यों का अपहरण कर लिया है. ठीक इसी तरह की शिकायत बॉलीवुड फिल्म निर्देशक राकेश सावंत ने भी दर्ज कराई थी. क्योंकि राकेश सावंत खुद लैला के साथ अपनी दूसरी फिल्म जन्नत की शूटिंग कर रहे थे.
ऐसे सामने आया आरोपी का नाम
मामला हाई प्रोफाइल था, लिहाजा पुलिस भी कोई लापरवाही नहीं करना चाहती थी. पुलिस ने शिकायत मिलते ही इस मामले की छानबीन शुरू कर दी. इस दौरान पुलिस ने शिकायतकर्ता नादिर पटेल और राकेश सावंत के अलावा सेलिना की बहन अल्बाना पटेल से भी पूछताछ की. इसी बीच अल्बाना ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन और पूरा परिवार इगतपुरी वाले बंगले पर गए थे. और वहां उनकी बहन सेलिना का तीसरा पति परवेज इकबाल टाक भी मौजूद था. असल में लैला खान की मां सेलिना ने तीन लोगों से शादी की थी. नादिर पटेल उसके पहले पति थे, आसिफ शेख दूसरा. जबकि परवेज इकबाल टाक उसका तीसरा पति था. उधर, नादिर पटेल ने भी अपनी तहरीर में परवेज और आसिफ शेख को नामजद किया था. बस यहीं से पुलिस के शक की सुई परवेज इकबार टाक की तरफ घूम गई थी.
नहीं मिल रहा था कोई सुराग
अब वक्त बीतता रहा और पुलिस परवेज इकबाल टाक को तलाश करती रही. लेकिन ना तो लैला खान और उसके परिवार का कुछ पता चला. और ना ही आरोपी परवेज इकबाल टाक का कोई सुराग मिला. लेकिन पुलिस अपना काम करती रही. पुलिस और तमाम लोगों को लैला और उसके परिवार के गुम हो जाने की खबर तो थी, लेकिन किसी को ये अंदाजा बिल्कुल नहीं था कि वो किस हाल में हैं? और कहां हैं?
जम्मू कश्मीर में पकड़ा गया था आरोपी
मुंबई पुलिस गुमशुदगी और अपहरण के मामले में परवेज टाक को तलाश कर रही थी और वो महाराष्ट्र से करीब 2000 किलोमीटर दूर जम्मू कश्मीर में रह रह था. उसके पकड़े जाने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. अगर वो पकड़ा नहीं जाता तो शायद ये मामला राज बनकर रह जाता. साल 2011 में लैला और उसके परिवार की गुमशुदगी के कुछ महीने बाद परवेज इकबाल टाक को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया था. वहां की पुलिस को तब तक ये मालूम नहीं था कि मुंबई पुलिस भी इस शख्स को तलाश कर रही है. टाक जम्मू कश्मीर में एक वन ठेकेदार के तौर पर काम करता था. उसकी क्रिमिनल हिस्ट्री भी थी.
ऐसे खुला सामूहिक हत्याकांड का राज
परवेज इकबाल टाक की कुंडली खंगालने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस उससे पूछताछ करने लगी. पुलिस ने उससे लैला खान और उसके परिवार की गुमशुदगी के बारे में पूछताछ शुरू की. शुरुआत में परवेज इकबाल टाक यह दावा करता रहा कि लैला और उसका परिवार दुबई में है. बाद में उसने जम्मू कश्मीर पुलिस की मौजूदगी में अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने पुलिस को बताया कि उसने लैला और उसके परिवारवालों को महाराष्ट्र में ही मार डाला था. इसके बाद में जम्मू कश्मीर पुलिस ने कानूनी कार्रवाई पूरी करने के बाद परवेज इकबाल टाक को मुंबई पुलिस के हवाले कर दिया. अब मुंबई पुलिस की टीम उसे जम्मू कश्मीर से लेकर मुंबई पहुंच चुकी थी.
पुलिस जानना चाहती थी इन सवालों के जवाब
मुंबई में उससे लंबी पूछताछ की गई. क्योंकि पुलिस के पास बहुत से ऐसे सवाल बाकी थे, जिनका जवाब मिलना ज़रूरी था. मसलन, लैला खान और उसके परिवार का कत्ल कहां किया गया? कैसे किया गया? कत्ल में कितने लोग शामिल थे? कत्ल के बाद लाशों को कहां ठिकाने लगाया गया? और सबसे अहम बात ये कि एक साथ 6-6 लोगों का कत्ल करने की वजह क्या थी?
फार्म हाउस से मिले थे कंकाल
अब पुलिस सवाल करती जा रही थी. और कातिल यानी लैला का सौतेला बाप परवेज इकबाल टाक अपने अजीम गुनाह की कहानी सुना रहा था. उसने हत्याओं की बात कुबूल करते हुए बताया कि उसने इगतपुरी के एक फार्म हाउस में ही सेलिना और उसके पूरे परिवार का कत्ल किया था. और फिर उन सभी की लाशों को वहीं गड्ढे खोदकर गाड़ दिया था. पुलिस ने उसकी निशानदेही पर फार्म हाउस से लैला, सेलिना और उनके परिवारवालों के कंकाल बरामद कर लिए.
पहले सेलिना और फिर किया था बाकियों का मर्डर
उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि मुंबई के इगतपुरी स्थित बंगले में सेलिना के साथ संपत्ति को लेकर उसका विवाद हुआ था. इसके बाद जब बात आगे बढ़ गई तो उसने आपा खो दिया और सेलिना का कत्ल कर दिया. पुलिस जांच में भी सामने आया कि आरोपी टाक ने पहले अपनी पत्नी सेलिना की हत्या की थी. उसके बाद उसने लैला और उसके चार भाई-बहनों को भी मौत घाट उतार दिया था. क्योंकि वे सब अपनी मां के कत्ल के चश्मदीद गवाह थे.
ये थी कत्ल की वजह
पुलिस का कहना था कि परवेज को लगता थ कि सेलिना और उसका परिवार जल्द ही मुंबई छोड़कर दुबई में शिफ्ट हो जाएगा और वे हमेशा के लिए उसे भारत में छोड़कर चले जाएंगे. आरोपी ने पूछताछ में माना था कि सेलिना अपने दूसरे पति आसिफ शेख को इगतपुरी के फार्म हाउस का संरक्षक बनाना चाहती थी. सेलिना ने टाक को बताया था कि वो शेख को संपत्ति की देखभाल का जिम्मा सौंपना चाहती है. उसने इसके लिए पावर ऑफ अटॉर्नी भी तैयार करवा ली थी. इसके अलावा, सेलिना की शेख के साथ बढ़ती नजदीकियां भी परवेज को रास नहीं आ रही थीं. इसी वजह से उसने सेलिना के कत्ल की खौफनाक साजिश रची थी. हालांकि उसने लैला और परिवार के बाकी सदस्यों की हत्या इसलिए की थी, क्योंकि उन्होंने उसे सेलिना की हत्या करते हुए देख लिया था.
सजा-ए-मौत
साल 2011 से ही यह मामला मुंबई की सेशन कोर्ट में चल रहा था. अब 24 मई को एक्ट्रेस लैला खान और उसके परिवार की हत्या के मामले में दोषी सौतेले पिता परवेज इकबाल टाक को सजा-ए-मौत दी है. टाक को हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी पाया गया है. कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज को दोषी करार दिया था.