
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर रह चुके समीर वानखेड़े उस वक्त खूब चर्चाओं में बने रहे, जब उन्होंने सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया था. उन दिनों वानखेड़े मीडिया की सुर्खियों में थे. अब आर्यन खान केस में सच्चाई सामने आई तो उसी समीर वानखेड़े पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. हालांकि इस बीच दिल्ली HC के सामने CBI ने कहा है कि वानखेड़े की 22 मई तक गिरफ्तारी नहीं होगी. सीबीआई का इल्जाम है कि समीर वानखेड़े ने शाहरुख को बेटे को इस मामले से निकालने के नाम पर 25 करोड़ रुपये की मांग की थी. आइए आपको बताते हैं कि इस पूरे मामले में समीर वानखेड़े कब, कहां और कैसे फंसते गए.
अक्टूबर 2021
समीर वानखेड़े तब लगभग पूरे महीने भर तक सुर्खियों मे थे. गिरफ्तारी शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की हुई थी. लेकिन मीडिया में हर जगह चर्चे समीर के हो रहे थे. क्योंकि उन्होंने ही 2 अक्टूबर 2021 की शाम मुंबई से गोवा जाने वाले कार्डेलिया क्रूज से ड्रग्स रखने के इल्जाम में करीब 19 लोगों को हिरासत में लिया था. जिनमें से एक आर्यन खान थे. इसके बाद आर्यन पूरे 28 दिनों तक पहले इनकी हिरासत में थे और फिर जेल में. फिर 28 दिन बाद वो जमानत पर बाहर आ गए थे. तब मुंबई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे़ ही थे. वही समीर वानखेड़े जिनके ऊपर अब उसी आर्यन खान और उसी केस को लेकर अब खुद की गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. यानि आर्यन खान को जेल भेजने वाले समीर वानखेड़े अब खुद जेल जा सकते हैं.
कैसे कसा समीर वानखेड़े पर शिकंजा?
पर सवाल ये है कि आखिर समीर वानखेड़े ने ऐसा क्या किया की सीबीआई खुद उन्ही के पीछे लग गई. आखिर एक सीनियर सरकारी अफसर अपनी ही एक सरकारी एंजेसी के निशाने पर कैसे आ गया? उसने ऐसा क्या किया कि उसके खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया और सबसे बड़ा सवाल ये कि आखिर ये सब किसके इशारे पर हो रहा है? तो चलिए आज आपको समीर वानखेड़े के खिलाफ दर्ज केस और आगे होने वाली कार्रवाई की पूरी इनसाइड स्टोरी बताते हैं. तो चलिए आखिर से शुरु करते हैं.
11 मई 2023
सीबीआई एक एफआईआर दर्ज करती है. ये एफआईआर कुल 5 लोगों के खिलाफ है. ये 5 नाम हैं- 2008 बैच के आईआरएस अफसर समीर वानखेडे़. एनसीबी के 2021 के सुप्रीटेंडेंट विश्वविजय सिंह, खुफिया अधिकारी आशीष रंजन, केपी गोसावी और सैमविल डिसुजा. इन पांचो के खिलाफ भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और आपराधिक साजिश रचने के मामले में अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. अब इस एफआईआर को आसान लफ्जों में समझिए, दरअसल ये एफआईआर आर्यन खान की गिरफ्तारी से जुड़ी है. सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक आर्यन की गिरफ्तारी के बाद वानखेड़े और उनकी टीम ने शाहरुख खान के परिवार से 25 करोड़ रुपये वसूलने की कोशिश की थी. ये रकम लेने के बाद आर्यन को केस से बरी कर देने का सौदा हुआ था. पेशगी के तौर पर इन लोगों ने 50 लाख रुपये ले भी लिए थे.
समीर वानखेड़े को जाने थे 8 करोड़
इस पूरे सौदे का खुलासा आगे करेंगे. अब आपको बताते हैं कि आर्यन केस के करीब डेढ़ साल बाद जाकर समीर वानखेड़े के खिलाफ मुकदमा क्यों दर्ज हुआ दरअसल 2 और 3 अक्टूबर की रात जब आर्यन का नाम ड्रग्स केस से हटाने के लिए एनसीबी की टीम और शाहरुख खान की मैनेजर के बीच फोन पर सौदे की जो बातचीत हो रही थी वो ऑडियो रिकॉर्ड हो चुका था. ये ऑडियो इस बात का सूबत था कि आर्यन की रिहाई के लिए सौदेबाजी हो रही है. वो भी एनसीबी की तरफ से. इसमे एनसीबी की तरफ से सौदा कर रहा शख्स एक जगह ये भी कहता सुनाई देता है कि जो 25 करोड़ रुपये लेने है, उनमें से 8 करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को जाने हैं.
समीर वानखेड़े के लिए मुश्किल
बातचीत का ये सबूत शाहरुख खान के स्टाफ के पास भी था. मगर परिवार तब कानूनी तौर पर आर्यन की रिहाई का इंतजार कर रहा था. एक बार आर्यन जब जमानत पर रिहा हो गया तब उसी वक्त ये लगा था कि अब ये मामला ऊपर तक जाएगा और समीर वानखेड़े के लिए मुश्किल आएगी. हालाकि आर्यन की जमानत के बाद समीर वानखेड़े का नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो मुंबई जोन से ट्रांसफर भी कर दिया गया था. लेकिन आर्यन से जुड़ी सौदेबाजी वाली फाइल अब भी बंद थी. खुद शाहरुख खान इस पूरे मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं थे. शाहरूख से जुड़े करीबी सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर शाहरुख की एक ही राय थी और वो ये कि आर्यन की गिरफ्तारी या एनसीबी के किसी अफसर के बारे में वो अपने मुंह से कभी कुछ भी नहीं कहेंगे.
दिल्ली पहुंचे सौदेबाजी के सबूत
आर्यन की रिहाई के लिए 25 करोड़ की सौदेबाजी वाले ऑडियो का सबूत शाहरुख के करीबियों के पास मौजूद था. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली से करीबी रिश्ता रखने वाले एक एक्टर ने शाहरुख खान को इस मामले में दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाने के लिए किसी तरह मना लिया. इसी के बाद उस एक्टर के साथ शाहरुख दिल्ली पहुंचे. यहां दोनो की मुलाकात उस शख्स से हुई, जिसकी बात को काटने की हिम्मत कोई भी एजेंसी नहीं कर सकती. सौदेबाजी का वो सबूत दोनों ने उनके सामने रखा.
सीबीआई अफसर का लगा- केस बनता है
इसी के बाद एक बेहद काबिल अफसर को उसी वक्त इन सबूतों की जांच कर सही कारर्वाई करने का हुक्म दिया गया. अब मामला उस अफसर के हाथ में था. उसने उन सबूतों की पड़ताल की. फिर अपनी तरफ से मामले की जांच की. फिर जब उसे लगा कि केस बनता है. तभी 11 मई 2023 को समीर वानखेड़े समेत 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में हुई इस मुलाकात के बाद भी शाहरुख खान अपनी इस बात पर कायम थे कि वो इस केस के सिलसिले में अपने मुंह से कभी कुछ नही कहेंगे.
तो रही एफआईआर दर्ज करने की इनसाइड स्टोरी. अब चलिए शुरु वाली कहानी से शुरु करते हैं. कहानी ये कि आखिर सौदेबाजी का ये सबूत कब, कैसे और किस हालात में पैदा हुआ था.
केस के गवाह प्रभाकर सैल ने खोला राज
प्रभाकर सैल का नाम इस केस में अहम है. वो आर्यन केस का गवाह है. सबसे पहले इसी ने आर्यन की रिहाई के लिए होने वाली सौदेबाजी का खुलासा किया था. हालांकि तब ना किसी ने 25 करोड़ का बम देखा ना 18 करोड़ का पटाखा. सौदे की सारी बात रात के अंधेरे में हो रही थी. इस अंधेरे का गवाह खुद दाग़ी था. लेकिन 25 करोड़ के बम की उसने जो कहानी सुनाई, वो एक सिलसिलेवार कहानी थी. उस कहानी में ना सिर्फ अलग-अलग किरदार थे, बल्कि बेहद तफ्सील से उसने उन जगहों के नाम भी बताए जहां ये सौदा हो रहा था.
किरण गोसावी कर रहा था सौदा
आपको याद होगा कि क्रूज ड्रग्स केस के एक अहम चश्मदीद, एनसीबी के गवाह और पंचनामे पर दस्तखत करनेवाले प्रभाकर सैल का इंटरव्यू 'आज तक' दिखाया था. इस इंटरव्यू में उसने एक सनसनीखेज़ इल्ज़ाम लगाया था. इल्ज़ाम ये कि दो और तीन अक्तूबर की रात जब आर्यन खान एनसीबी की हिरासत में थे, तब उसी रात आर्यन को इस केस से बेदाग निकाल कर ले जाने के लिए एनसीबी के दफ्तर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही एक सौदा हो रहा था. इस सौदे में क्रूज ड्रग केस का गवाह नंबर 1 केवी गोसावी यानी किरण गोसावी शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी से सौदा कर रहा था.
केपी गोसावी की कार से गए थे NCB अफसर
'आज तक' को दिए इंटरव्यू के अलावा अपने दावे के सिलसिले में प्रभाकर ने बाक़ायदा पांच पन्नों का एक एफिडेविट भी दिया है. प्रभाकर के इस एफिडेविट के मुताबिक किरण गोसावी के कहने पर दो अक्टूबर को दोपहर 12 बजे वो ग्रीन गेट इंटरनेशनल क्रूज टर्मिनल पहुंचा था. रात करीब साढ़े 12 बजे केपी गोसावी अपनी इनोवा कार में एनसीबी के कुछ अधिकारियों के साथ आर्यन को लेकर एनसीबी ऑफिस पहुंचा था. रात करीब 1 बजे प्रभाकर को समीर वानखेड़े और एनसीबी के एक और अफसर सालेकर ने 9-10 सादे पेपर को पंचनामा बताकर उस पर साइन करने को कहा था.
25 करोड़ की मांग, 18 करोड़ पर फाइनल!
इसके बाद उसी रात उसने गोसावी को फोन पर सैम नाम के किसी शख्स से बात करते हुए सुना था. प्रभाकर के मुताबिक गोसावी सैम से कह रहा था कि तुमने 25 करोड़ का एक बम फोड़ दिया है. 18 करोड़ में फाइनल करते हैं. हमें 8 करोड़ समीर वानखेड़े को भी देने हैं. प्रभाकर के मुताबिक उसी रात एक मर्सिडीज कार में शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी लोअर परेल पहुंची थी. इसके बाद सैम, केपी गोसावी और पूजा ददलानी मर्सिडीज़ में बैठ कर बातें कर रहे थे. 15 मिनट बाद पूजा ददलानी चली गईं थी और गोसावी भी निकल गया था.
सीसीटीवी में कैद हो गई थीं पूजा और गोसावी की कार
मुंबई पुलिस ने इस बात की तस्दीक कर दी है कि प्रभाकर के बयान के मुताबिक दो और तीन अक्तूबर की रात लोअर परेल में सचमुच पूजा ददलानी की मर्सिडीज़ कार देखी गई थी. सीसीटीवी फुटेज में मर्सिडीज कार में एक महिला साफ नज़र आ रही है. लेकिन इतनी भी साफ नहीं कि ये दावे से कहा जा सके कि वो महिला पूजा ददलानी ही है. मुंबई पुलिस के मुताबिक प्रभाकर के बयान के बाद ही जब लोअर परेल में उस जगह की सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई, तब पुलिस को एक कैमरे में नीले रंग की मर्सिडीज़ के साथ ही गोसावी और सैम डिसूज़ा की इनोवा एसयूवी कार भी मिली. पुलिस के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज में एक महिला मर्सिडीज़ से बाहर आती हुई दिखाई दे रही है. फिर वो गोसावी से कुछ बातचीत करती है. फिर दोनों वहां से महिला की कार में निकल जाते हैं. पुलिस सूत्रों ने ये भी बताया कि गोसावी की एसयूवी कार पर पुलिस लिखा हुआ था.
क्या समीर वानखेड़े से होगी पूछताछ?
मुंबई पुलिस के मुताबिक ये सीसीटीवी फुटेज इसलिए अहम हो जाता है कि क्योंकि प्रभाकर ने बाकायदा गोसावी और एनसीबी अफसरों पर वसूली के इल्ज़ाम लगाए थे. प्रभाकर ने तो बाकायदा समीर वानखेड़े का नाम लेकर ये तक कहा था कि वसूली की रकम में से 8 करोड़ समीर वानखेड़े को जाने थे. अब सवाल ये है कि अगर मुंबई पुलिस गोसावी, प्रभाकर और पूजा ददलानी से पूछताछ करेगी या उनके बयान लेगी, तो क्या मामला समीर वानखेड़े तक पहुंचेगा? क्या समीर वानखेड़े से भी मुंबई पुलिस पूछताछ करेगी?
पंचनामें में दर्ज है प्रभाकर का नाम
दरअसल, प्रभाकर सैल क्रूज़ ड्रग केस में वो गवाह है जिसका नाम पंचनामे में है और पंचनामे पर जिसके दस्तखत हैं. प्रभाकर वो गवाह है, जिसने आर्यन ख़ान को दो अक्टूबर को इंटरनेशनल क्रूज़ पर जाते देखा था. एनसीबी को आर्यन को हिरासत में लेते देखा. एनसीबी के दफ्तर में बैठे देखा. इतना ही नहीं ये वो गवाह है, जिसने एनसीबी के दफ्तर में बैठ कर चोरी छुपे अपने मोबाइल से एक वीडियो भी बनाया था.
प्रभाकर ने 'आज तक' के कैमरे पर खोले थे राज
प्रभाकर इसी क्रूज़ ड्रग केस में एक और गवाह जिसका पंचनामे पर दस्तखत है, केपी गोसावी का बॉडीगार्ड था. प्रभाकर को गोसावी ने 22 जुलाई को नौकरी दी थी और अपना पर्सनल बॉडीगार्ड रखा था. 24 अक्टूबर यानी आर्यन की गिरफ्तारी के 22 दिन बाद प्रभाकर अचानक फैसला करता है कि उसे 'आज तक' से बात करनी है. आजतक संवाददाता कमलेश सुतार के साथ प्रभाकर ना सिर्फ बातचीत करता है, बल्कि अपने मोबाइल से बहुत सारे ऐसे सबूत देता है, जो दो अक्टूबर की एनसीबी की कहानी पर सवाल खड़े कर देते हैं. इतना ही नहीं प्रभाकर 24 अक्टूबर को ही पांच पन्नों का एक एफिडेविट जारी करता है. इसमें क्रूज पर रेड और आर्यन समेत बाकी लोगों की गिरफ्तारी, पंचनामा और फिर देर रात पैसों की डील के बारे में बताता है.
सीबीआई ने लगाई मोहर
प्रभाकर के इसी खुलासे के बाद सवाल उठे कि क्या एनसीबी का पूरा ऑपरेशन उगाही के लिए था? क्या आर्यन की रिहाई के लिए पहले एनसीबी सौदा कर रही थी? केपी गोसावी को एनसीबी ने इतनी छूट क्यों दे रखी थी? ये वो सवाल थे जो सीधे समीर वानखेड़े से तब भी पूछे जा रहे थे और अब सीबीआई ने एपआईआर दर्ज कर लगभग इन सवालों के जवाब पर मुहर लगा दी है.