
मुंबई पुलिस ने एचडीएफसी बैंक के वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ संघवी की हत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है. अभी तक खबरें आ रही थीं कि संघवी की हत्या ऑफिस के ही किसी साथी ने सुपारी देकर करवाई है. लेकिन पुलिस ने जो खुलासा किया है कि उससे एकदम अलग कहानी निकलकर आई है. संघवी की महज 35 हजार रुपयों के पीछे हत्या कर दी गई.
पुलिस ने सरफराज शेख नामक एक युवक को कत्ल के इल्जाम में गिरफ्तार किया है. आरोपी युवक सरफराज ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके सिर पर बाइक का 35 हजार रुपये का कर्ज था. इसी वजह से उसने ये खौफनाक वारदात अंजाम दे डाली. आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.
उसने पुलिस को बताया कि वह केवल लूट की वारदात को अंजाम देना चाहता था. लेकिन उससे गलती हो गई. जिसकी वजह से संघवी का कत्ल करने के अलावा उसके पास कोई चारा नहीं था.
पुलिस के मुताबिक EMI के पैसे चुकाने के लिए आरोपी सरफराज़ ने संघवी को चाकू से गोद डाला. मुंबई पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस हत्या का सच सामने रखा तो सबके होश उड़ गए. मुंबई पुलिस के अधिकारी ने कहा कि सिद्धार्थ संघवी का कत्ल लूट की वजह से हुआ.
मुंबई पुलिस का साफ़ कहना है कि जब सिद्धार्थ संघवी ने पैसे देने से इनकार किया तो आरोपी सरफ़राज़ शेख ने धारदार हथियार से हमला कर सिद्धार्थ को लहूलुहान कर दिया.
पुलिस के मुताबिक आरोपी सरफ़राज़ से एक ग़लती हो गई. उसने सिद्धार्थ संघवी के घरवालों को फिरौती के लिए सिद्धार्थ के ही फोन से कॉल किया. सरफराज़ ने सिद्धार्थ का सिम कार्ड निकालकर फोन में अपना सिम कार्ड डाला, जिसके बाद पुलिस के लिए आरोपी को पकड़ना आसान हो गया.
आरोपी सरफराज़ को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसने अपना गुनाह कुबूला. उसने कहा कि सिद्धार्थ की हत्या उसने कमला मिल्स में की. इसके बाद शव को कल्याण हाजी मलंग रोड पर फेंक दिया और कार को नवी मुंबई में छोड़कर भाग गया. आरोपी को 19 सितम्बर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
सरफराज अक्सर कमला मिल्स के ऑफिस में आता रहता था. इसलिए उसे वहां मौजूद सीसीटीवी की लोकेशन के बारे में भी अच्छी तरह से जानकारी थी, जिससे बचते हुए उसने इस घटना को अंजाम दिया. पुलिस ने आरोपी सरफराज़ शेख के खिलाफ हत्या और कत्ल का मुकदमा दर्ज कर लिया है. हालांकि पुलिस हत्या के दूसरे एंगल से भी जांच कर रही है, क्योंकि पहले आरोपी ने कुबूल किया था कि सिद्धार्थ के ऑफिस में ही काम करने वाले उसके साथी उससे जलते थे. वो सिद्धार्थ के जल्दी-जल्दी प्रमोशन से नाराज़ थे.
पुलिस ने फिलहाल साफ़ कर दिया हो कि सिद्धार्थ संघवी की हत्या लूट के इरादे से की गई, लेकिन मर्डर के किसी और एंगल को भी पुलिस ने खारिज नहीं किया है. वहीं सिद्धार्थ के घरवालों ने भी पुलिस पर बैंक अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाया है. इस मर्डर केस ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है.
बताते चलें कि बीती 5 सितंबर को सिद्धार्थ संघवी कमला मिल्स में अपने एचडीएफसी बैंक ऑफिस से गायब हो गए थे. उसके बाद से ही उनका फोन भी बंद हो गया था. उनकी पत्नी ने परेशान होकर संघवी के सहयोगियों और दोस्तों से फोन पर पूछताछ भी की थी.
दरअसल, संघवी रोजाना ऑफिस छोड़ने के बाद अपनी पत्नी को फोन किया करते थे. उन्हें परिवार वालों ने खूब तलाश किया लेकिन वे नहीं मिले. इसके बाद परिवारवालों ने पुलिस थाने जाकर उनके लापता हो जाने की शिकायत दर्ज कराई थी.
मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. बीती 8 सितंबर को पुलिस ने नवी मुंबई इलाके में संघवी की कार लावारिस हालत में पाई गई थी और कार में बहुत सारे खून के दाग थे.
दिलचस्प बात यह है कि पुलिस को कमला मिल्स में एचडीएफसी बैंक की तीसरी मंजिल पर बनी पार्किंग की जगह पर भी बहुत सारे खून के निशान मिले थे.