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दो रईसजादे, पब का नशा और सड़कों पर एक जैसा कोहराम... घुटनों पर सिस्टम के आने की Tale of Two Cities

मुंबई हिट एंड रन केस और पुणे पोर्श कांड दोनों ही मामले महाराष्ट्र के हैं. एक मामला मुंबई का है तो दूसरा पुणे शहर का. ये दोनों ही महाराष्ट्र के महानगर हैं और दोनों ही शहर अपनी अलग पहचान भी रखते हैं.

मुंबई और पुणे कांड की कहानी एक जैसी नजर आती है मुंबई और पुणे कांड की कहानी एक जैसी नजर आती है
aajtak.in
  • मुंबई/पुणे,
  • 12 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 8:43 AM IST

एक महिला की जान लेने वाले मुंबई हिट एंड रन मामले में पुलिस की कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ रही है. आरोपी रईसजादा भी गिरफ्तार हो चुका है, जिसने 2 किलोमीटर तक एक महिला को अपनी बीएमडब्लू कार के बोनट पर घसीटा और उसकी जान ले ली. महाराष्ट्र में ठीक ऐसा ही एक मामला मई में सामने आया था. जब एक रईसजादे ने अपने पोर्श कार से दो इंजीयनिरर्स को उड़ा दिया था और उनकी जान ले ली थी. अगर गौर से देखा और समझा जाए तो ये दोनों ही मामले बिल्कुल एक जैसे नजर आते हैं. आइए समझते हैं कि कैसे इन दोनों मामलों में समानता दिखाई देती है?

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एक ही राज्य
मुंबई हिट एंड रन केस और पुणे पोर्श कांड दोनों ही मामले महाराष्ट्र राज्य के हैं. एक मामला मुंबई का है तो दूसरा पुणे शहर का. ये दोनों ही महाराष्ट्र के महानगर हैं और दोनों ही शहर अपनी अलग पहचान भी रखते हैं. 

एक जैसे दो सड़क हादसे
पुणे
में इसी साल 19 मई को कल्याणी नगर में 17 साल का नाबालिग लड़का रात करीब 3 बजे अपनी स्पोटर्स कार पोर्श दौड़ा रहा था. उसने बाइक सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों (लड़का-लड़की) को टक्कर मार दी थी. हादसे में बाइक पर सवार अनीश अवधिया और उसकी साथी अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई थी. ये दोनों 24 साल के थे और आईटी सेक्टर में काम करते थे.  

मुंबई में ठीक इसी तरह 7 जुलाई की सुबह कावेरी और उनके पति प्रदीप स्कूटी पर ससून डॉक से लौट रहे थे. तब सुबह के ठीक 5 बजकर 25 मिनट हुए थे. स्कूटी तब वर्ली के डॉक्टर एनी बेसेंट रोड से गुजर रही थी. तभी अचानक पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार BMW कार ने स्कूटी को टक्कर मार दी. टक्कर इतनी तेज थी कि स्कूटी चला रहे प्रदीप और पीछे बैठी उनकी पत्नी कावेरी दोनों हवा में उछल कर कार के बोनट पर जा गिरे. किसी तरह प्रदीप बोनट से नीचे गिर पड़े. जबकि कावेरी बोनट पर फंस गईं. कार ड्राइवर देख रहा था कि उसकी कार के बोनट पर एक महिला फंसी है. लेकिन इसके बावजूद वो BMW को भगाता रहता है. करीब 2 किलोमीटर दूर जाने के बाद कावेरी बोनट से नीचे गिरी, मगर तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. 

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नशे में थे दोनों ही मामलों के आरोपी
पुणे में पोर्श कार से दो लोगों की जान लेने वाला आरोपी रईसजादा शराब के नशे में धुत्त था. उसी नशे में वो अपनी पोर्श कार को तेज रफ्तार से सड़क पर दौड़ा रहा था. इसी तेज रफ्तार के चलते उसने उस बाइक को उड़ा दिया था, जिस पर दोनों इंजीनियर सवार थे. टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक पर पीछे बैठी लड़की सात-आठ फीट तक हवा में उछल गई थी.

मुंबई हिट एंड रन केस का आरोपी मिहिर शाह भी वारदात के वक्त नशे में धुत्त था. पहले वो अपने दोस्त की कार में सवार था. लेकिन बाद में उसका ड्राइवर कार लेकर उसके पास पहुंचा और वो खुद कार ड्राइव करने लगा. नशे की हालत में वो तेज रफ्तार से कार चला रहा था. उसी दौरान उसने प्रदीप और कावेरी की स्कूटी को जोरदार टक्कर मारी. जिसकी वजह से वे दोनों उछल कर कार के बोनट पर जा गिरे थे.

दोनों मामलों में हादसे से पहले आरोपियों ने की थी पार्टी
पुणे
पोर्श कार कांड का आरोपी रईसजादा अपने 12वीं क्लास के रिजल्ट का जश्न मनाने के लिए रात में दोस्तों के साथ निकला था. पहले आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ देर तक एक पब में पार्टी की और फिर वहां से निकले. मगर वे अपने घर नहीं गए बल्कि आरोपी अपने दोस्तों के साथ फिर से दूसरे पब में जा पहुंचा था. वहां भी उसने अपने दोस्तों के साथ ड्रिंक लिए थे. दो-दो पबों में शराब पीने के बाद ही वो वहां से निकले थे.

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मुंबई हिट एंड रन मामले में इसी तरह से 6 जुलाई की रात मिहिर शाह अपने दोस्तों के साथ जूहू के वॉयस ग्लोबल तापस बार में पार्टी करने गया था. तब वो बार तक अपने एक दोस्त के मर्सिडीज़ में गया था. बार में सबने शराब और बीयर पी. 18 हजार 730 का बिल आया. बिल मिहिर के एक दोस्त ने पे किया था. बिल पे करने के बाद रात 1 बजकर 40 मिनट पर सभी बार से बाहर निकले थे. मिहिर भी अपने दोस्त की मर्सिडीज़ से रवाना हो गया था. कुछ देर बाद मिहिर का ड्राइवर BMW कार के साथ उसके पास पहुंचा था. तब वो मर्सिडीज़ से उतर कर अपनी BMW कार में बैठ गया था. कार ड्राइवर राजेंद्र सिंह बिदावत चला रहा था. मिहिर शाह ने बिदावत से साउथ मुंबई में मरीन ड्राइव की तरफ चलने को कहा. इसके बाद वो मरीन ड्राइव में घूमता रहा. 

दोनों ही मामलों में आरोपियों ने ड्राइवर से ले ली थी कार
पुणे
पोर्श कार कांड से ठीक पहले जब आरोपी रईसजादा दो पब में पार्टी करने गया था. तो उस वक्त उसका ड्राइवर गंगाधर ही कार चला रहा था. लेकिन जब दोनों पब में पार्टी करने और नशे में धुत्त हो जाने के बाद आरोपी वहां से निकला था. तो उसने जबरन अपने ड्राइवर से कार की चाबी ले ली थी. और फिर वो नशे में ही कार चलाने लगा था.

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मुंबई हिट एंड रन केस में भी कहानी कुछ ऐसी ही है. रात में 1 बजकर 40 मिनट पर मिहिर और उसके दोस्त बार से बाहर निकले थे. फिर मिहिर अपने दोस्त की मर्सिडीज़ कार में बैठकर वहां से निकला था. कुछ देर बाद मिहिर का ड्राइवर राजेंद्र सिंह बिदावत BMW कार के साथ उसके पास पहुंच गया था. तब मिहिर अपने दोस्त की मर्सिडीज़ कार से उतर कर अपनी BMW कार में बैठ गया था. तब भी कार ड्राइवर राजेंद्र सिंह बिदावत चला रहा था. इसके बाद मिहिर साउथ मुंबई में मरीन ड्राइव पहुंचा. फिर वो मरीन ड्राइव पर घूमता रहा. जब सुबह होने वाली थी. तब वो वापस घर जाने के लिए निकला. पर उसने ड्राइवर बिदावत से कहा कि अब कार वो चलाएगा. इसके बाद ड्राइवर की सीट पर अब मिहिर आ गया था. और वो नशे की हालत में ही कार चला रहा था.

दोनों ही मामलों में आरोपियों के पिता रसूखदार
पुणे
पोर्श कार कांड में आरोपी के पिता कोई आम आदमी नहीं बल्कि शहर के नामी गिरामी बिल्डर है. आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल और दादा सुरेंद्र अग्रवाल पुणे के नामी रियल एस्टेट डेवलपर हैं. इस हाईप्रोफाइल केस में आरोपी के पिता विशाल ने अपने रसूख और पैसे का इस्तेमाल इस केस को प्रभावित करने के लिए जमकर किया था. जिसकी वजह से पुणे पुलिस और प्रशासन सवालों के घेरे में आ गए थे.

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मुंबई हिट एंड रन केस में भी आरोपी मिहिर शाह के पिता राजेश शाह शिवसेना नेता और कारोबारी हैं. उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बहुत करीबी माने जाता है. मुंबई के जिस ठाणे और पालघर से शिंदे का नाता है, राजेश शाह कभी उसी पालघर के शिवसेना प्रमुख रह चुके हैं. शिवसेना के दोनो धड़ों से उनकी अच्छी बनती है. राजनीति के अलावा राजेश शाह एक बड़े स्क्रैप डीलर हैं. यानि कबाड़ के कारोबारी. कहा तो ये भी जाता है कि पार्टी की फंडिंग में भी इनका बड़ा रोल है. 

हादसे के बाद पुलिस और सिस्टम पर दबाव 
पुणे पोर्श कार कांड में इल्जाम है कि आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल ने अपने बेटे को पुलिस के चंगुल से छुड़ाने के लिए पैसा पानी तरह बहाया था. यही नहीं उन्होंने पुलिस, डॉक्टर और अस्पताल सबको पैसे के बल पर प्रभावित करने की कोशिश की थी. यहां तक कि नशे की जांच के लिए लिया गया ब्लड सैंपल तक विशाल अग्रवाल ने बदलवा दिया था.

मुंबई हिट एंड रन केस में भी कुछ इस तरह की कोशिश आरोपी मिहिर शाह के पिता राजेश शाह ने भी की. राजेश शिवसेना नेता के ऐसे नेता हैं, जिन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बहुत करीबी माना जाता है. वो पालघर के शिवसेना प्रमुख रह चुके हैं. राजनीति करने के अलावा राजेश शाह एक बड़े स्क्रैप डीलर हैं. यानि कबाड़ के कारोबारी. पार्टी की फंडिंग में भी इनका अहम रोल माना जाता है. राजेश ने बेटे के लिए पुलिस और प्रशासन पर खासा दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली.

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बस ये है दोनों आरोपियों में अंतर
पुणे में पोर्श कार एक्सीडेंट केस का आरोपी रईसजादा नाबालिग है. उसके पास बिना रजिस्ट्रेशन की पोर्श कार थी. जिसे वो बिना ड्राइविंग लाइसेंस के दौड़ा रहा था. पुणे कांड के नाबालिग आरोपी को भीड़ ने हादसे के फौरन बाद पकड़ लिया था. उसकी जमकर पिटाई हुई थी. फिर उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया था. 

मगर मुंबई हिट एंड रन केस में ऐसा कुछ नहीं है. इस कांड को अंजाम देने वाला आरोपी मिहिर शाह पूरी तरह से बालिग है. उसके पास लाइसेंस भी है और उसकी बीएमडब्लू कार पर रजिस्ट्रेशन प्लेट भी थी. हादसे के बाद करीब 2 किलोमीटर दूर जाने के बाद कावेरी बोनट से नीचे गिर गई थी. तब आरोपी ने उतर कर ये देखने की कोशिश भी नहीं की थी कि वो महिला जिंदा है भी कि नहीं. इसके बाद वो BMW कार लेकर बांद्रा-वर्ली सी लिंक कि तरफ भाग गया था. फिर रास्ते में एक जगह कार छोड़कर वो ऑटो से भाग निकला था.

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