
वो जीते जी जुर्म की दुनिया का 'छलावा' बन गया. जिसे दुनिया 'बिकिनी किलर' के नाम से जानने लगी. जिसकी शातिर दिमागी ने उसे 'द सरपेंट' यानी सांप का नाम दिया. जिसके सिर पर 20 से ज़्यादा लोगों के क़त्ल का इल्ज़ाम है. वो जो दुनिया के 9 मुल्कों की पुलिस के लिए सालों-साल सिरदर्द बना रहा. अब वो आज़ाद हो गया है. जी, हां दुनिया भर में ठगी और सीरियल किलिंग के लिए कुख्यात चार्ल्स शोभराज अब खुली हवा में सांस ले सकेगा.
डबल मर्डर के लिए मिली थी सजा
दो विदेशी पर्यटकों की हत्या के इल्जाम में वो 19 साल से नेपाल की जेल में बंद था. 2004 में नेपाल की सुप्रीम कोर्ट में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी. वहां उम्रकैद 20 साल की होती है, मगर चार्ल्स शोभराज की उम्र और सेहत को देखते हुए उसी सुप्रीम कोर्ट ने उसे सजा पूरी होने से एक साल पहले ही रिहा करने का फैसला सुनाया है. और साथ ही हुक्म दिया कि उसे जेल से निकलने के 15 दिनों के अंदर फ्रांस डिपोर्ट कर दिया जाए. नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की जज सपना प्रधान मल्ला और तिल प्रसाद शेष्ठ की बेंच ने 78 साल के शोभराज की एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए ये फैसला दिया.
साल 2004 में मिली थी उम्रकैद
चार्ल्स को आखिरी बार नेपाल की राजधानी काठमांडू के एक कसीनो से 2003 में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि तब नेपाल पुलिस ने उसके खिलाफ 28 साल पुराने एक केस को दोबारा खोला, जिसमें उस पर फर्जी पासपोर्ट से सफर करने के साथ-साथ एक अमेरिकी और एक कैनेडियन लड़की के कत्ल का इल्जाम था और इसी इल्जाम में उसे साल 2004 में 20 सालों की सज़ा हो गई थी.
विदेशी मीडिया को जेल से दिया था इंटरव्यू
वैसे तो चार्ल्स की पूरी जिंदगी ही एक से बढ़ कर एक कहानियों से भरी रही, जिसमें जुर्म की खौफनाक वारदातों को अंजाम देने से लेकर कायदे कानून का मजाक बना डालने तक के बेशुमार किस्से शामिल हैं, लेकिन आखिरी बार पिछले साल यानी 2021 में उसने तब पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी थी, जब उसने नेपाल की जेल में बंद रहते हुए विदेशी मीडिया को इंटरव्यू दे दिया था.
थाईलैंड में 5 लड़कियों के कत्ल का इल्जाम
चार्ल्स शोभराज की जिंदगी की तिलस्मी कहानी आपको तफ्सील से बताएंगे, लेकिन पहले ये समझ लीजिए कि आखिर चार्ल्स शोभराज की गिनती इस दुनिया के सबसे खतरनाक आपराधियों में क्यों होती है? चार्ल्स पर सन 1972 में थाईलैंड में पांच लड़कियों के कत्ल का इल्जाम था. जिसके बाद उसका नाम बिकिनी किलर पड़ गया. वहां के कानून के मुताबिक इतने कत्ल के बाद चार्ल्स को फांसी की सजा मिलनी लगभग तय थी. लेकिन वहां के कानून में एक शर्त ये भी थी कि ये सजा उसे 20 सालों के अंदर ही मिलनी चाहिए थी और कानून की इसी शर्त को चार्ल्स ने अपनी जिंदगी का हथियार बना लिया. चार्ल्स अब किसी कीमत पर थाईलैंड पुलिस की जद में नहीं आना चाहता था. इसके बाद वो सीधे 1976 में भारत में पकड़ा गया.
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थाईलैंड डिपोर्ट कर दिए जाने का डर
यहां उस पर कुछ फेंच टूरिस्ट को नशीली चीज खिला कर लूटपाट करने का इल्जाम था. गिरफ्तारी के बाद उसे देश की सबसे सुरक्षित जेल यानी दिल्ली के तिहाड़ में रखा गया. इस जुर्म में उसे सजा भी हुई और सजा के बाद उसे 1986 में छूट जाना था. अब चार्ल्स ने एक बार फिर अपना दिमाग दौड़ाया. चूंकि छूटने के बाद उसे थाईलैंड डिपोर्ट कर दिए जाने का खतरा था, जहां उसे मौत की सजा हो सकती थी, इसलिए उसने अपनी सजा खत्म होने से पहले ही जेल तोड़कर भागने का इरादा कर लिया.
खुद बताई थी पुलिस को अपनी लोकेशन
उसने तिहाड़ में अपनी बर्थ डे का डामा कर अंदर मौजूद कैदियों, संतरियों और अफसरों को जम कर नशीली मिठाई खिलाई और फिर जेल का दरवाजा खोल कर बड़े आराम से बाहर निकल गया और तो और बाहर आकर उसने अपनी तस्वीरें भी क्लिक करवाईं और फिर मौज मस्ती करने गोवा चला गया. कहते हैं इसके बाद उसने खुद ही फोन कर पुलिस को अपनी लोकेशन बता दी और कुछ इसी तरह दोबारा गिरफ्तार हो गया. जिसके बाद उसे फिर से जेल तोड़ने के जुर्म में सजा हुई और इस बार उसकी सज़ा 1996 में पुरी हुई.
नेपाल में हुई थी गिरफ्तारी
अब वो थाईलैंड के कानून और वहां मिलनेवाली सजा-ए-मौत के डर से आजाद हो चुका था. इसके बाद उसे 1996 में ही भारत से डिपोर्ट कर फांस भेज दिया गया. लेकिन कहते हैं ना कि चोर चोरी से जाए, मगर हेराफेरी से ना जाए. इस बार चार्ल्स नेपाल में किए गए जुर्म के इल्जामों में साल 2003 में काठमाडूं में गिरफ्तार कर लिया गया. और फिर तब से लेकर अब तक वहां की जेल में रह रहा था.
ऐसे रखा था जुर्म की दुनिया में कदम
चार्ल्स का जन्म 1944 को वियतनाम में हुआ. उसकी मां वियतनाम मूल की थी, जबकि पिता भारतीय मूल के. कहते हैं कि उसके माता-पिता ने शादी नहीं की थी. बाद में चार्ल्स की मां वियतनाम में एक फ्रेंच फौजी से मिली, जिसने उसकी मां के साथ-साथ चार्ल्स को भी अपना लिया और इस तरह चार्ल्स को फ्रांस की नागरिकता मिल गई. लेकिन कम उम्र में ही यानी साल 1963 में चोरी के जुर्म में चार्ल्स को पहली बार फ्रांस के पोईसी जेल में बंद होना पड़ा और यहीं से जुर्म की दुनिया में उसकी ऐसी एंट्री हुई कि फिर वो कभी वापस ही नहीं लौट सका.
एक के बाद एक कत्ल करता रहा चार्ल्स
कहते हैं कि चार्ल्स ने साल 1975 में थाईलैंड में पहली हत्या की. उसने 1975 में एक टूरिस्ट की स्वीमिंग पूल में जान ले ली. सत्तर के दशक में ही उसने साउथ ईस्ट एशिया में 12 पर्यटकों की हत्या कर दी. इनका कत्ल पानी में डूबो कर, गला घोंट कर, चाकू मार कर यहां जिंदा जला कर किया गया. चार्ल्स के बारे में बताते हैं कि चूंकि उसका व्यक्तित्व शुरू से ही काफी आकर्षक था, वो लड़कियों को आसानी से अपने झांसे में ले लेता था. इसके बाद वो ऐसी लड़कियों से लूटपाट करता और फिर उनकी जान लेकर फरार हो जाता. चूंकि उसके निशाने पर अक्सर टूरिस्ट लड़कियां होती, जिनकी जान वो समंदर या स्वीमिंग पूल के इर्द-गिर्द लिया करा था, कुछ इसी वजह से उसका नाम बिकिनी किलर पड़ गया.
22 फ्रेंच टूरिस्ट को बनाया था शिकार
70 के दशक में ही चार्ल्स ने भारत में जुर्म की वारदातों को अंजाम देना शुरू किया. उसने चोरी के कारों की खरीद-फरोख्त का काम शुरू किया और महंगे और आलीशान कारों के बहाने वो अमीर लोगों के करीब आने की कोशिश करने लगा. इसके बाद उसने दिल्ली के फाइव स्टार अशोका होटल में एक लूट की वारदात को अंजाम दिया.
तब तो वो भागने में कामयाब रहा, लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. इसके बाद जब वो जेल से छूटा तो उस पर एक साथ 22 फ्रेंच टूरिस्ट को नशीली चीज खिला कर उनके साथ लूटपाट करने का आरोप भी लगा. इसी बीच वो जेल में रहा और जेल से भागने में भी कामयाब हुआ.
9 देशों की पुलिस के लिए सिरदर्द था चार्ल्स शोभराज
चार्ल्स कितना खतरनाक अपराधी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक वक्त पर भारत के अलावा नेपाल, म्यामार, थाईलैंड, फ्रांस, ईरान, ग्रीस और टर्की समेत करीब 9 देशों की पुलिस को उसका इंतज़ार था. नेपाल की जेल में सजा काटते हुए ही चार्ल्स ने खुद से कई साल छोटी उम्र की एक लड़की निहिता बिश्वास से शादी कर ली थी. ये चार्ल्स के वकील की बेटी थी. हालांकि ये शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चली और दोनों अलग हो गए.
चार्ल्स पर बनी कई फिल्में और लिखी गईं कई किताबें
बहरहाल, अब नेपाल में जेल प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार है लेकिन चार्ल्स ने अपनी रिहाई के बाद से डिपोर्ट होने तक काठमांडू के हयात होटल में कमरा बुक करा लिया है. उसने अपने कुछ नजदीकी संबंधियों को नेपाल आने के लिए मैसेज भी भेज दिया है.
इसके अलावा शोभराज ने कुछ विदेशी पत्रकारों और उन पर किताब लिख चुके लेखकों को भी काठमांडू बुला लिया है. सभी के ठहरने की व्यवस्था हयात होटल में की गई है. शोभराज पर कई किताबें लिखी जा चुकी है और कुछ फिल्में भी बन चुकी है. हाल ही में शोभराज पर एक वेब सीरीज भी रिलीज की गई थी, जो काफी चर्चा में रही.