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ओडिशा: ब्लैकमेल, हैरेसमेंट, छात्रा की खुदकुशी, फिर KIIT में बवाल! नेपाल के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री हुए एक्टिव, फिर...

ओडिशा के एक निजी यूनिवर्सिटी में एक छात्रा की खुदकुशी पर नेपाल के प्रधानमंत्री ने दखल दिया और कहा कि वे छात्रों की मदद के लिए दो अधिकारी भेज रहे हैं. इसके बाद नेपाल की विदेश मंत्री ने भी एक्स पर भारत सरकार से अपील की. फिलहाल KIIT विश्वविद्यालय ने नेपाली बच्चों के साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांग ली है. साथ ही नेपाल के छात्रों से विश्वविद्यालय लौटने की भी अपील की है.

नेपाल की छात्रा की खुदकुशी पर PM ओली ने दिया दखल. (फोटो डिजाइन-आजतक) नेपाल की छात्रा की खुदकुशी पर PM ओली ने दिया दखल. (फोटो डिजाइन-आजतक)
aajtak.in
  • भुवनेश्वर,
  • 18 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:48 PM IST

कलिंग की विरासत ओडिशा के जन-मन से जुड़ी है. ओडिशा इस पर गर्व करता है. इसी कंलिग के नाम पर राज्य में एक भव्य निजी शैक्षणिक संस्थान है. नाम है- कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नॉलजी यानी कि KIIT. इंजीनियरिंग, बायोटेक, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन, कम्प्यूटर, इकोनॉमिक्स, पब्लिक पॉलिसी जैसे विषयों की पढ़ाई होती है. 

कई एकड़ में फैले इस संस्थान में हॉस्टल की भी सुविधा है. हाल में कुछ ऐसा हुआ कि एक देश के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और दूतावासों को दखल देना पड़ा. ये दुखद कहानी प्रकृति लाम्सल नाम की एक छात्रा की है. नेपाल की रहने वाली प्रकृति लाम्सल अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई थी. 

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प्रकृति लाम्सल KIIT में बीटेक कर रही थी. और बी-टेक तृतीय वर्ष की छात्रा थी. केआईआईटी के रजिस्ट्रार ने बताया कि बी-टेक के तृतीय वर्ष की एक नेपाली छात्रा ने रविवार शाम को हॉस्टल में आत्महत्या कर ली. शुरुआत में जानकारी आई कि छात्रा का केआईआईटी में पढ़ने वाले एक अन्य छात्र के साथ प्रेम संबंध था. उनके बीच किसी बात को लेकर हुए विवाद की वजह से ये घटना घटी है. 

सुसाइड केस में ब्वॉयफ्रेंड की एंट्री!

जांच के दौरान ये बात सामने आई कि प्रकृति लाम्सल का ब्वॉयफ्रेंड रह चुका आद्विक श्रीवास्तव नाम का लड़का उसे तंग कर रहा था. यह भी पता चला है कि लड़की ने पहले भी KIIT विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंध कार्यालय में आद्विक श्रीवास्तव के खिलाफ़ एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बार-बार हैरेसमेंट के मामलों का हवाला दिया गया था. हालांकि, विश्वविद्यालय कथित तौर पर उसके खिलाफ़ कोई कार्रवाई करने में विफल रहा. 

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इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इस मामले में FIR दर्ज कहता है कि आरोपी पीड़िता को ब्लैकमेल कर रहा था. इसकी वजह से उसने जान लेने जैसा कदम उठाया.

खुदकुशी की खबर सामने आते ही यूनिवर्सिटी में हंगामा हो गया. इस कैंपस में नेपाली छात्रों की संख्या 600 से 700 के बीच है.  प्रकृति की खुदकुशी की खबर आते ही ये छात्र उग्र हो गए और इंसाफ की मांग करने लगे. देखते ही देखते सोशल मीडिया पर प्रकृति को न्याय दिलाने के लिए हैशटैग शुरू हो गया. 

नेपाली स्टूडेंट्स के सड़क पर आते विश्वविद्यालय प्रशासन के हाथ पैर फूल गए. प्रशासन ने परिसर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की दो प्लाटूनें (एक प्लाटून में 30 जवान) तैनात करवा दी. 

नेपाली छात्रों को धमकी से बिगड़ा मामला

आंदोलन कर रहे छात्रों का आरोप है कि उनकी मांग सुनने के बजाय यूनिविर्सिटी प्रशासन उन्हीं को धमकी देने लगा और विश्वविद्यालय कैंपस को खाली करने को कहे लगा.  इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें विश्वविद्यालय की महिला अधिकारी छात्रों को धमकी देते हुए देखी जा सकती हैं.

बैग पैक करें और निकलिए

ओडिशा के स्थानीय चैनल ओटीवी द्वारा शेयर किए गए वीडियो में केआईआईटी की एक अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "आप कहते हैं कि आप यहां सुरक्षित नहीं हैं. अपना बैग पैक करें और जहां भी सुरक्षित हों वहां चले जाएं. अगर मैं आप में से किसी को यहां देखती हूं, तो मैं अनुशासनात्मक कार्रवाई करूंगी." इस महिला को संस्थान के संस्थापक का बचाव करते हुए भी सुना गया, जिसमें कहा गया, "इस विश्वविद्यालय के संस्थापक का अपमान न करें. वह व्यक्ति 40,000 छात्रों को मुफ़्त में खाना खिला रहे हैं. इतनी राशि तो आपके देश के पूरे बजट से भी ज़्यादा होगी."

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 नेपाली छात्रों को यूनिवर्सिटी छोड़ने का आदेश

विश्वविद्यालय ने 17 फरवरी को एक नोटिस जारी किया जिसमें नेपाल के सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों को तुरंत परिसर खाली करने का आदेश दिया गया. ओटीवी के अनुसार नोटिस में कहा गया है, "नेपाल के सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए विश्वविद्यालय अनिश्चित काल के लिए बंद है. उन्हें आज 17 फरवरी 2025 को तुरंत विश्वविद्यालय परिसर खाली करने का निर्देश दिया जाता है."

ओटीवी के अनुसार छात्रों को जल्दबाजी में अपना सामान पैक करने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें विश्वविद्यालय की बसों में लाद दिया गया, जो उन्हें कटक रेलवे स्टेशन ले गईं. उनके पास टिकट नहीं थे. एक नेपाली छात्र ने ओटीवी को बताया, "हमें कोई ट्रेन टिकट या कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गया. हमें बस हॉस्टल की बसों में लाद दिया गया, कटक भेज दिया गया और जल्द से जल्द अपने घर जाने का आदेश दिया गया."

एक अन्य छात्र ने कहा, "बिना टिकट, बिना भोजन के, हमें नहीं पता कि घर कैसे पहुंचेंगे. हम अपने माता-पिता को भी सूचित नहीं कर सकते क्योंकि वे चिंतित होंगे. हमारी एक सप्ताह में परीक्षाएं आने वाली हैं, लेकिन वे हमें भेज रहे हैं. हमें संदेह है कि वे हमें सबूत मिटाने के लिए भेज रहे हैं."

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यूनिवर्सिटी का प्रेम संबंध की ओर इशारा

KIIT ने एक आधिकारिक बयान में प्रकृति की मौत को स्वीकार करते हुए इसकी वजह एक अन्य छात्र के साथ कथित "प्रेम संबंध" को कारण बताया. विश्वविद्यालय प्रशासन ने नेपाली छात्रों को घर भेजने के फैसले को भी उचित ठहराया था और कहा था कि बढ़ते तनाव के बाद परिसर में व्यवस्था बनाए रखना आवश्यक था. विश्वविद्यालय ने तब कहा था कि स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेपाली छात्रों को उनके संबंधित घरों में भेज दिया गया है. फिलहाल स्थिति शांत है."

लेकिन तबतक ये मामला ओडिशा से होते-होते काठमांडू के सरकारी गलियारे तक भी पहुंच चुका था. 

नेपाल के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने दिया दखल 

इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी 'एक्स' पर लिखा, "नई दिल्ली स्थित हमारे दूतावास ने ओडिशा में प्रभावित नेपाली छात्रों की काउंसलिंग के लिए दो अधिकारियों को भेजा है." 

"इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की गई है कि उनके पास अपनी पसंद के आधार पर या तो अपने छात्रावास में रहने या घर लौटने का विकल्प हो."

नेपाल की विदेश मंत्री आरज़ू राणा देउबा ने भी अपने 'एक्स' पर ट्वीट किया और कहा कि भारत के ओडिशा में KIIT विश्वविद्यालय के छात्रावास में नेपाली छात्रा प्रकृति की मौत और उसके बाद छात्रावास से नेपाली छात्रों को निकालने की खबर मीडिया तक पहुंचने के बाद, 'हमने तुरंत इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और कूटनीतिक पहल शुरू की है.

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उन्होंने कहा कि "इस घटना के संबंध में, मैं आज सुबह से ही संबंधित एजेंसियों के संपर्क में हूं. आज सुबह, मैंने भारत में नेपाली राजदूत डॉ. शंकर शर्मा को घटना की जांच करने और नेपाली छात्रों द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया." 

इस बीच, काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने सोमवार शाम एक बयान जारी कर कहा कि वह 'केआईआईटी में एक नेपाली छात्र की दुखद मौत से बहुत दुखी है' और इस कठिन समय में मृतक के परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं. भारतीय दूतावास ने कहा है कि वह केआईआईटी के अधिकारियों के साथ-साथ ओडिशा राज्य सरकार के संपर्क में है. दूतावास को सूचित किया गया है कि स्थानीय अधिकारियों ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच शुरू कर दी है. 

नेपाल के प्रमुख अखबार हिमालयन टाइम्स के अनुसार प्रकृति के दोस्तों ने दावा किया कि उसके पूर्व प्रेमी आद्विक श्रीवास्तव ने उसे 'हैरेसमेंट' किया था, जिससे मानसिक दबाव न झेल पाने के कारण उसने आत्महत्या कर ली. हिमालयन टाइम्स के अनुसार 21 साल के आद्विक श्रीवास्तव को ओडिशा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 

नॉर्मल लग रही थी फोन पर-पिता

प्रकृति के पिता ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि घटना कैसे घटी. उन्हें सिर्फ कहा गया कि जल्दी आ जाइए और वे चले गए. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी घटना से पहले बेटी से बात की थी. वो नॉर्मल लग रही थी फोन पर. वो फेस्ट में जा रही थी और कहा था कि मां से आकर बात करूंगी. उन्होंने कहा कि इमोशनल ब्लैकमेल, हरेसमेंट के बारे में यहां आकर पता चला हमें. उन्होंने कहा कि हमारी बच्ची तो चली गई, लेकिन अब न्याय मिलना चाहिए. 

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वहीं मंगलवार को इस मामले में ओडिशा पुलिस ने KIIT विश्वविद्यालय के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने नेपाली छात्रों के साथ बदसलूकी और मारपीट करने वाले 2 सिक्योरिटी गार्ड को गिरफ्तार कर लिया है. 

इस बीच विवाद बढ़ता देख KIIT ने अब नेपाली छात्रों से माफी मांग ली है. KIIT ने एक बयान जारी कर कहा है कि KIIT हमेशा से दुनिया भर के छात्रों का घर रहा है, जो समावेशिता, सम्मान और देखभाल की संस्कृति को बढ़ावा देता है. हम हाल की घटना पर गहरा खेद व्यक्त करते हैं और अपने सभी छात्रों, जिनमें हमारे प्यारे नेपाली छात्र भी शामिल हैं, की सुरक्षा, सम्मान और भलाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं. 
 

इनपुट-अजयनाथ

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