
करीब एक साल तक शांत रहने के बाद किम जोंग उन ने नया साल आते ही फिर से ज़हरीले बोल बोलने शुरू कर दिए हैं. उत्तर कोरिया के तानाशाह ने अमेरिका को एक बार फिर चेतावनी दी है कि अगर उसके मुल्क पर लगीं पाबंदियां नहीं हटाई गईं तो वो अपने वादों को भूल जाएगा. और अमन का रास्ता छोड़कर फिर से हथियारों की होड़ में जुट जाएगा और अगर ऐसा हुआ तो कोरियाई पेनिनसुला में हालात फिर वैसे ही बन जाएंगे जैसे एक साल पहले थे. यानी दुनिया पर परमाणु युद्ध का खतरा फिर से मंडराने लगेगा.
अभी ठीक से नया साल शुरू भी नहीं हुआ औऱ मार्शल किम जोंग उन अपने पुराने फार्म में आ गया है. दुनिया के समझाने में 2018 के पूरे साल इस शख्स ने अपने गुस्से पर बड़ा सब्र रखा. मगर मगर कैलेंडर बदलते ही इसने अपने तेवर भी बदल लिए हैं. अब एक बार फिर उत्तर कोरिया के मार्शल किम जोंग उन ने अमेरिका को धमकाना शुरू कर दिया है.
दुनिया को लगा 12 जून 2018 की इस मुलाकात के बाद मार्शल किम जोंग उन बदल जाएगा. और अब अपनी सनक या ईगो की वजह से वो अपने देश को खतरे में नहीं डालेगा. मगर रात गई बात गई की तर्ज़ पर इन तमाम अटकलों को किम ने साल की शुरूआत होते ही अपने जूतों तले कुचल डाला. और नए साल पर इसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को फिर धमकाया है. और साफ अल्फाज़ में कह दिया है कि कोरियाई पेनिनसुला में अमन के लिए उसे जितनी कोशिश करनी चाहिए थी. साल 2018 में उसने वो सब की. आज भी वो अमेरिका से बात करने को तैयार हैं. लेकिन अमेरिका ने उसे धोखा दिया है. और अगर उसने अपना रवैय्या और रुख नहीं बदला तो मुश्किल होगी.
उत्तर कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष किम जोंग उन ने कहा "मैं अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ कभी भी बातचीत को तैयार हूं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा स्वीकार्य नतीजे निकालने के पूरे प्रयास करने को राज़ी हूं. लेकिन अगर अमेरिका दुनिया के सामने किए अपने वादों को पूरा नहीं किया और हमारे देश के खिलाफ प्रतिबंध और दबाव बढ़ाता रहा. तो हमारे पास अपनी संप्रभुता एवं हितों की रक्षा करने के लिए कोई नया रास्ता खोजने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा."
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका प्रतिबंध के जरिए दबाव बनाना जारी रखता है तो प्योंगयांग अपना रुख बदलने पर विचार कर सकता है. परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल हथियारों के कार्यक्रमों उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से कई प्रतिबंध लगे हुए हैं. जिससे पैदा हुए विश्वयुद्ध के खतरे के बाद उत्तर कोरियाई नेता ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ सिंगापुर में 12 जून 2018 में मुलाकात की थी. जहां कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के समझौते पर हस्ताक्षर तो किए गए लेकिन वाशिंगटन और प्योंगयांग के बीच उसके वास्तविक अर्थ को लेकर चल रही बहस की वजह से ये रुका हुआ है.
अमेरिका ने दबाव बनाया था कि नॉर्थ कोरिया को अपने परमाणु हथियारों को नष्ट करना चाहिए. जिसके बाद उत्तर कोरिया ने इस तरफ कई तरह के कदम भी उठाए थे. जिसकी पूरी दुनिया में तारीफ हुई थी. लेकिन अमेरिका के धीमे रुख के बाद किम ने कहा है कि अभी भी हम अपनी मर्जी के फैसले लेने को तैयार हैं. अगर अमेरिका लगातार दबाव बनाता रहा तो इसमें किसी तरह की देरी नहीं होगी. इतना ही नहीं किम जोंग उन ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले साझा सैन्य अभ्यास को भी बंद करने की धमकी दी है. किम ने कहा है कि अमेरिका को अब साझा सैन्य अभ्यास बंद कर देना चाहिए. क्योंकि उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के साथ भी अपने संबंधों को सुधारा है. वह दोनों देशों के बीच कई समिट भी कर चुके हैं.