
पूरी दुनिया को इंतज़ार है साल 2018 की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना का. जब मई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के मार्शल किम जोंग उन की मुलाकात होगी. मगर इस मुलाकात से पहले का एक सच जान लीजिए. पिछले सात साल से किम जोंग उन उत्तर कोरिया की सत्ता पर क़ाबिज़ है. लेकिन इन सात सालों में वो कभी किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष से नहीं मिला. पिछले 17 वर्षों में वो एक बार भी उत्तर कोरिया से बाहर नहीं निकला यानी 17 सालों से वो अपने ही मुल्क में कैद है.
उत्तर कोरिया से बाहर नहीं जाता किम
तानाशाह किम जोंग उन पिछले 17 वर्षों से कभी उत्तर कोरिया से बाहर नहीं निकला. पिछले सात वर्षों से वो किसी राष्ट्राध्यक्ष से नहीं मिला. वो कभी संयुक्त राष्ट्र में बोलने नहीं गया. उसे कभी किसी ने ग्लोबल समिट में नहीं देखा. कोरिया का राष्ट्राध्यक्ष होते हुए उसने कभी कोई विदेश यात्रा नहीं की.
दूसरे देश में जाने से डरता है किम
दरअसल, उसे अपने मुल्क से बाहर निकलते हुए डर लगता है. उसे दूसरे देश जाते हुए डर लगता है. जानते हैं क्यों? क्योंकि उसका वारिस अभी बहुत छोटा है. और जब तक वो गद्दी संभालने लायक नहीं हो जाता, वो अपनी जान का रिस्क नहीं लेना चाहता. उत्तर कोरिया के तानाशाह मार्शल किम जोंग की इस हकीकत को सामने रख कर ही ये आशंका जताई जा रही है कि मई में डोनल्ड ट्रंप से मुलाकात करने के लिए वो देश से बाहर जाएगा भी य़ा नहीं?
स्विट्जरलैंड के स्कूल में की पढ़ाई
ये बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि अपने ही देश में कैद रहने वाले किम जोंग उन ने स्कूली पढ़ाई स्विट्ज़रलैंड से की है. स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न के नज़दीक एक इंटरनेशनल स्कूल में किम जोंग उन ने नाम और पहचान बदलकर पढ़ाई की. स्कूल के रिकॉर्ड के मुताबिक 1993 से 98 तक चोल पाक के नाम से वो स्कूल में पढ़ा करता था. शर्मिले मिज़ाज और बास्केटबॉल के शौकीन किम जोंग उन की सुरक्षा के लिए सीनियर स्टूडेंट के भेष में हर वक्त उसके बॉडीगार्ड उसके आसपास होते थे. ऐसा माना जाता है कि सन 2001 तक किम जोंग उन स्विट्ज़रलैंड में रहा और फिर कोरिया वापस लौटकर किम इल संग यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई पूरी की. यानी करीब 17 सालों से किम कोरिया में ही और फिर कभी देश के बाहर नहीं गया.
कोई नहीं जानता किम की जन्मतिथि
किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल ने हमेशा अपने बेटे को दुनिया की नज़रों से छुपा कर रखा. शायद यही वजह है कि किसी को किम के जन्म की सही तारीख नहीं पता. बस ये माना जाता है कि वो 8 जनवरी को पैदा हुआ. मगर 1982 में हुआ. 83 में हुआ या 84 ये किसी को नहीं मालूम. दुनिया के सामने किम जोंग इल अपने इस बेटे को पहली बार तब लाए जब अपनी बीमारी के कारण किम को तैयार करने की नीयस से उन्होंने उसे कैबिनेट में पहली आधिकारिक पोस्ट दी.
चीन और रूस हैं दोस्त, फिर भी नहीं किया दौरा
साल 2011 से उत्तर कोरिया की कमान किम जोंग उन के हाथों में हैं. और सत्ता पर काबिज़ होने के बाद से ही ये घातक हथियारों की अपनी सनक को पूरा करने के लिए ऐसा लगा कि फिर इसने किसी देश या किसी प्रतिबंध की परवाह ही नहीं की. इस बीच न तो इससे किसी दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष की मुलाकात हुई और ना ही ये किसी राष्ट्राध्यक्ष से मिला. चीन और रूस को नॉर्थ कोरिया का दोस्त बताया जाता रहा है, मगर इन देशों की भी किम जोंग उन ने कभी यात्रा नहीं की. साल 2015 में चीन बाकायदा किम को निमंत्रण भी दिया मगर उसने वहां जाने से इंकार कर दिया.
ट्रेन से रूस जाते थे किम के पिता
मई 2015 में किम जोंग का रूस जाने का भी एक कार्यक्रम बना था. लेकिन बाद में उसे रूसी सरकार के प्रवक्ता ने ये कहते हुए रद्द कर दिया कि किम अपने देश से बाहर नहीं आना चाहते. बताया जाता है कि किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल रूस और चीन के दौरे पर जाते थे, लेकिन वो भी फ्लाइट की बजाए ट्रेन की सवारी करते थे. मीडिया रिपोर्ट में सुरक्षा कारणों के अलावा हमेशा ये कयास लगा गया कि किम जोंग उन ये नहीं चाहता कि उसकी गैर मौजूदगी में कोई और नेता उत्तर कोरिया में कोई बड़ा फैसला ले.
26 देशों से राजनयिक संबंध
उत्तर कोरिया के दुनिया में 26 देशों से राजनयिक संबंध हैं, जिसमें भारत भी शामिल है. हालांकि भारत में भी उत्तर कोरिया का कोई शासक आज तक नहीं आया. आलम ये है कि किम जोंग उन दूसरे देशों के सर्वोच्च नेताओं से बात करना भी पसंद नहीं करता. कई बार दूसरे देशों के नेताओं ने जब किम से बात करने की कोशिश की तो वो भी सफल नहीं हुए. विंटर ओलंपिक के दौरान भी दक्षिण कोरिया से बातचीत के लिए उसने अपनी बहन को ही आगे कर दिया था.